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Samrat Ashok and Buddhism | The Secrets of Buddha's Relics | Manoj Bajpayee | Discovery+ India

In this special episode of "The Secrets of Buddha's Relic," Manoj Bajpayee dives into the legacy of Chakravarti Samrat Ashok who turned from a conqueror to a devout preacher of Buddhism. Witness the contribution of King Ashok in spreading the word of Lord Buddha across the world with numerous stupas built across his euddhampire. Watch the history unfold in "The Secrets of Buddha's Relics" only on Discovery+ India. #secretsofbuddha #manojbajpayee #buddhagod #buddhahistory #budhhaditya #buddhism #historyofindia #samratchoudhary #samratashok #ashokachakra #historyofashoka #discoveryplusindia #discoveryplusapp #discoveryplus #buddha #khushinagar DOWNLOAD THE APP: https://dplus.onelink.me/x8pk/500fba0e to Watch more Videos and the Full Documentary. -------------- Subscribe to this channel for the best short-form videos http://bit.ly/2RUVvsD हमारे चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें ⬆ Follow us on:- FACEBOOK: https://www.facebook.com/discoveryplusIN TWITTER: https://twitter.com/DiscoveryPlusIn INSTAGRAM: https://www.instagram.com/discoveryplusin/ From thrilling space explorations to inspiring stories of the Indian armed forces, from adventures in the Amazon, to learning survival skills with Bear Grylls, from mastering the science of baking to traveling to destinations unknown and more. discovery+, is a must-have app for every Indian, from India’s most trusted factual entertainment brand. A one-stop digital video destination that the entire family can enjoy.

discovery plus India

7 days ago

दो भिन्न सतर से बुद्ध के अवशेष प्राप्त होना यह एक असामान्य घटना थी और इस गुथी का समाधान छुपा था भारत के गौरवम इतिहास के सबसे महत्त्वपूर्ण और शक्तिशाली साम्राज्य मौर्य साम्राज्य जी हां हम बात कर रहे हैं सम्राट अशोक की 19वी सदी के पहले चौथाई हिस्से तक किसी को पता नहीं था कि भारत में अशोक नाम का कोई राजा था या हमारे देश में बुद्ध धर्म इस लेवल का था मोहम्मद तुगलक के पास का एक स्तूप आया उसके ऊपर भी ब्राह्मी स्क्रिप्ट लिखा हुआ था किसी को कुछ पता नहीं था कि यह क्या है एक स्कॉलर प्रिंसिप जिनका नाम था उन
्होंने उस स्क्रिप्ट को 30 साल लगाए उसको डिसाइफर करने के लिए उनकी डिसाइफर करने के बाद पता चला कि यह ब्राह्मी स्क्रिप्ट है और कोई अशोक नाम का कोई राजा था जिसने बुद्ध धर्म को पूरे देश में फैलाया इट इज सेड दैट ही बिल्ट 84000 स्टू पस इन हिज एंटायस एंपायर रेंजिन फ्रॉम अफगानिस्तान ऑलमोस्ट टू द साधारण एंड ऑफ द भारतवर्ष कई बार यह देखने में आता है कि पहले स्तूप बनाया गया होगा वो मड ब्रिक से बना हुआ है जबकि दूसरी लेयर वो बर्न ब्रिक्स की बनी हुई है ये एक लेटर एडिशन हो सकता है और इस बात को प्रूफ करता है कि ज
ो ओरिजिनल स्तूप रहा होगा उसको ओपन करके अशोक ने वहां पर उसको इनलार्ज करवाया और उसमें बर्न ब्रिक्स का इस्तेमाल किया अगर आज पूरे एशिया में बुद्ध धर्म है तो वो अशोक के प्रयासों की वजह से है ऐसे तो सम्राट अशोक बुद्ध के ज्ञान से पहले से परिचित थे पर मानने वाले नहीं थे कलिंग युद्ध में अभूतपूर्व रक्तपात देख के अशोक का हृदय परिवर्तन होता है और बुद्ध से उनका परिचय अब बुद्ध पर विश्वास में बदल जाता है व हिंसा का मार्ग छोड़ धर्म का कल्याणकारी रास्ता चुनते हैं बुद्ध के ज्ञान और करुणा की छाव में मानव कल्याण और
बौद्ध धर्म के प्रचार को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लेते हैं जो भी व्यक्ति सच्ची आस्था के साथ बौद्ध धर्म में धातु अवशेषों पर कोई स्तूप बनवाए ही विल बी एंटाइटल टू सर्टेन गुड फर्च लाइक सर्टेन मेरिट कहते हैं मोगली पुत्र तिस्य की प्रेरणा से ही अशोक अपने समय के सभी आठ स्तूप पर जाते हैं इन स्तूप का भव्य पुनर्निर्माण कराते हैं और यहां से बुद्ध के अवशेषों का हिस्सा लेकर उसे 84000 हिस्सों में बांटकर अपने साम्राज्य के कोने कोने में फैला देते हैं अब प्रश्न यह है कि 84000 की संख्या कहां से आ क्योंकि भगवान ब
ुद्ध के सारे वचन जो सूत्र है वह 84000 है 84000 स्तूप नहीं मिले हैं अभी तक क्या एक ऐसा एलिगोरिकल नंबर हो सकता है जहां पर लिखने वाले ने लिखा है या फिर वह ईटों का इस तरह का प्रकार इतने थाउ ईट उसमें लगी हुई थी उस स्तूप में क्या इस बात को इंडिकेट कर रहा है या फिर कहने का एक तरीका है दिस माइट बी अ हार्ड टास्क ट से बट आ ओपन स्ट एंड टेक दो आउ इन डर ट गिव देम टू एवरीवन बटो ड दिस ही सक्सेसफुल फर सेन ऑ ट नोन द ड्रोन स्पा रिजनल स्पा ऐसा नहीं है कि हर स्तूप से उन्हें बौद्ध के अवशेष मिल ही गए ऐसा क्या था कि अ
पने समय के चक्रवर्ती सम्राट अशोक को एक स्तूप से खाली हाथ लौटना पड़ा था य कौन सा स्तूप था दे नमस टेक्ट टेल अस डि वर्ज स्टो बट वन मोस्ट कमन इटन अशोका अप्रोच द स्टू ही रिला द इट इ इन द अंडरवाटर किंगडम नागा इसी बात का वर्णन अशोक अवदान भी करता है एंड ए टेस्टिमोनी टूट एट अमरावती वी सीट नागा एटल एंड दे आर गार्डिंग स्पा द सेक सेंचरी सी अम अ लीफ कार्विंग चच इज नाउ नोन ए द स्पा रेटेड बाय एफें अराउंड द द बॉडी ऑ द स्पा अ नागा इ इंट एंड नागा आर इंक्रेडिबली इंपोर्टेंट दे लव द रेलिक्स ब देसो फैंटास्टिक प्रोटेक
्टर्स ऑफ द बु डामा एंड हि रेलिक्स इस हिस्टो सिटी को यह डिपिक्शन प्रूव करता है कि यह घटना हुई होगी अशोक के जीवन काल में और व रामगांव के स्तूप से धातु अवशेष बुद्ध के निकाल नहीं पाया था कोलियों द्वारा निर्मित राम ग्राम का यह स्तूप बुद्ध के अवशेषों पर बने प्रमुख स्तूप में से एक है जो आज भी एक विशाल टीले के नीचे सुरक्षित और संरक्षित है क्योंकि यहां आज तक खुदाई नहीं की गई इसलिए पुख्ता तौर पर तो कुछ नहीं कहा जा सकता पर ऐतिहासिक तौर पर ऐसा दावा किया जाता है कि बुद्ध के अस्थिक कलश में एक यही सुरक्षित है
यह जगह वर्तमान में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के अंतर्गत आती है दुनिया के इतिहास में इसकी जो मिसाल कहीं नहीं मिलती है दूसरे देशों के लोग राजदूत भेजते थे इन्होंने धर्म दूत भेजे तो उन्होंने बुद्धिज्म को ना केवल एक्सेप्ट किया बल्कि अपने बेटी संगमित्र और बेटे महेंद्र को भी उस उद्देश्य से भेजा जहां पर वो जाकर बुद्धिस्म को प्रोपेट कर सके शी वांटेड ू गो स मीता शी ट्रैवल्ड विथ 11 अदर नन टू द किंगडम ऑ शलाका एट द रिक्वेस्ट ऑफ किंग टीसा हु वांटेड टू एब्लिश ए र्ड ऑफ नन देयर सो वन संग मीता अड शी गिफ्टेड अ
कटिंग फम द बडी ी फम बोद गाया दन एंड मेनी ऑ द अदर वमन अ हु अटेंड हर कन्वर्टेड ट बुद्धम ए वेल र्ड ऑफ बु नन एंड रावा बुम इट इट प्रॉस्पर्ड फ रा 1500 यर द बुथ सो फर वेरी ल टाइम स् ट्रस र्ड बु न थ्रू ट्रेड यू डिस्पर्स न वेल एंड सो व सी एरिया इन साउथईस्ट एटिंग बम पर ऐसा क्या कारण है कि अशोक के 84000 स्तूप बनाने का ऐतिहासिक प्रमाण तो मिलता है पर उनके मिले स्तूप की संख्या 84000 के शतांश भी नहीं है न में क्या वे बाद के शासकों द्वारा नष्ट कर दिए गए या बाहरी आक्रांता ने अपने हमले में इन्हें मिटा दिया क्या ब
ाद में बौद्ध धर्म की य अवशेष स्थानीय शासकों और विदेशी हमलावरों दोनों की हिंसा और क्रूरता का शिकार बने खुद बोध गया का बोधि वृक्ष भी कई बार कई शासकों के द्वारा काटा गया मेनी ऑफ द स्टप वेर डमेज बाय लोकली दे हैव टेकन अवे द स्टोन और द ब्रक्स एंड बिल्ट अपर होम कई स्तूप को लोगों ने डिस्ट्रॉय कर दिया उ का विनाश कर दि इस आशा में कि इनमें कोई बहुत खजाने हैं जो इस्लामिक पीरियड आया या जो इवेडर्स का जो हमारे यहां वो हुआ उसमें कहीं ना कहीं हम लोग बहुत कुछ लूज किए हैं लेटर किंग्स हुए दे व लाइक वैष्णव एंड शव एं
ड दे हैड इंक्लिनेशन टुवर्ड्स सपोर्टिंग दोस रिलीजन बट एट द सेम टाइम द इनसाइड स्ट्रक्चर ऑफ बुद्धिज्म इट सेल्फ लाइक इनसाइड करप्शन ल्स क टेड अ लॉट टू द वे द संघ स्लोली मूव टुवर्ड्स टके कुछ टेक्स जो बाहर चले गए खास करके शन सांग और फाहियान जो कॉपी करके ले गए उन सोर्सेस को बेस करके हम लोग आज इतिहास को देखने का प्रयास करते हैं क्योंकि हमारे अपने ओरिजिनल सोर्सेस तो नष्ट हो गए आज भी बुद्ध के अवशेष देश के भीतर उत्तर प्रदेश बिहार पश्चिम बंगाल आंध्र प्रदेश तमिलनाडु मध्य प्रदेश गुजरात महाराष्ट्र और दिल्ली में
तो मिलते ही हैं देश के बाहर श्रीलंका जापान थाईलैंड म्यानमार चीन कोरिया तिब्बत नेपाल आदि देशों में मिलते हैं इन अवशेषों को आप निर्जीव अवशेष ना समझे यह अवशेष अभी भी इन देशों में फैले बुद्ध के मानने वालों के लिए मिलने जुलने सांस्कृतिक लेनदेन और विचार विमर्श का कारण बनी हुई है इन अ वे उनके लिए बुद्धा के ही एक प्रेजेंस का एक फॉर्म है तो जो रिलिक फेस्टिवल्स है उसमें आप देखेंगे पूर्णिमा के दिन वहां प्रोसेशन निकलता है एटली द वे लि पोशन र डिस्ट्रीब्यूटर बुद्धा डेथ लाइक वाइज द रॉयल प्रोसेशन द वे ई किंग ट
ूक अवे देर शेयर उसी सीन को इक्ट करते हुए दे पे देर दे होमेज टू द रिलिक्स एंड फॉर देम लाक इटस लाइक सेलिब्रेशन ऑफ कंटिन्यूअल प्रेजेंस ऑफ द बुद्धा हिमसेल्फ अगला जो मिलेनियम है अगले जो हजारों वर्ष है वो बुद्ध के हैं इसलिए कि बुद्ध ने अपने को कभी श्रेष्ठ घोषित नहीं किया अपने को कभी ईश्वर घोषित नहीं किया उन्होंने कभी नहीं कहा कि मेरा ही मार्ग यह है और जो मैं कहता हूं इसलिए मेरे पीछे मत चलो मैं जो कहता हूं उसे अनुभव करो और यदि वह तुम्हारे अनुभव पर खरा उतरता है तो ही उसे मानो उन्होंने किसी पुस्तक को श्र
ेष्ठ नहीं माना उन्होंने वेदों से से भी प्रश्न करने को कहा उन्होंने वेदों को भी प्रमाण नहीं माना तो किसी एक पुस्तक की सत्ता में बुद्ध का विश्वास नहीं है बुद्ध का विश्वास अनुभव में है वह अनुभव जो आपकी कमाई है h

Comments

@abishektmg123

Proud to be Buddhist . And Im so blessed that I am born in Buddha's birthplace lumbini nepal

@iaminspiredbybuddha

🙏🥰🇮🇳NAMO BUDDHAY🇮🇳🤗🙏 1) Write down 2) Affirmation 3) Visualisation 4) Gratitude 5) Action

@yogeshnikam8958

बुद्ध ही सत्य है और सत्य ही बुद्ध है.. 🙏

@nehasahu3876

Thanks samrat ashok and ambedkar for promoting baudhh dharam all india and other country namo buddhay 💙

@ajaylokare5384

खून की एक बूंद भी न गिरा कर दुनिया का सबसे बड़ा धर्मांतर बाबासाहेब ने किया ।

@Dr_Suyash_Baghel

Thanks discovery for showing such an important aspect of our rich past…..नमो बुद्धाय 🙏🏻

@aakashrathore4317

Buddhist is one of the finest branch of Indian Philosophy. He is truly the Light of the Asia.

@Viral_Cook

जय भीम जय जोहार...जय सम्राट जय भारत 💪🙏☸️🇮🇳

@jeebakchakma

Main bhi Buddhist hu,aur Buddha teaching follow karta hu,may all living beings be happy

@rahulpegwal4747

Thank you for providing knowledge ❤

@RitikJain-fl7ic

Mujhe garv h ki maine buddh ki Bhoomi par janm liya or aaj humare buddh puri duniya me hain 😊iska praman bhi milta h..😊😊🥰 editing bahot hi achhi ki h jay mahan ashok Samrat 🙏Namoh Buddhaye 😌😌🙏🙏🙏

@msdianyogiraj0007

भारतीय संस्कृति रीति रिवाज राजनीति बुद्ध धर्म एक विजेता विदेश नीति वसुदेव कुटुंबकम सब कुछ सिर्फ एक ही शब्द में निहित है और वो है सम्राट अशोक महान ❤

@sauravjadhav3206

चक्रवर्ती सम्राट अशोक जी को शत शत नमन करता हूं 💐💐

@khushboogoswami9888

Every should do vipassana meditation once in a lifetime The real teachings of buddha🙏🏻🙏🏻

@Prashant-ci7vs

Jay Samrat Ashok ki, bharat bauddha rashtra banna chahiye.

@omgupta3350

Buddha samanta aur manavta ka dharm h ...

@vishalmaurya2961

Thanks for this episode ❤ Love it ... Glory to Devanampriya Priyadarshi Samrat Ashok Mahaan

@devinarya.

buddha is greatest gift to humanity, the supreme knowledge, buddhism philosophy is ultimate truth

@wisdomosho

Bhagwan Osho is a big promoter of bhagwan budhha in his decade

@avishkaryashwante4983

Namo Buddhay 🙏