इस साल से आर्थिक दुनिया
को बहुत सी उम्मीदें हैं. इस साल दुनिया की नजर सबसे तेजी
से बढ़ती बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था भारत पर है. फिर एआई, जलवायु परिवर्तन और चीन से
अर्थव्यवस्था पर होने वाले प्रभावों को बारीकी से देखा जा रहा है. और दुनिया को पिछले कुछ सालों में
लगातार गंभीर होती गई युद्ध जैसी परिस्थितियों से भी इस साल
पीछा छुड़ाने की उम्मीद है. लेकिन क्या ऐसा हो सकेगा? इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की
सबसे गतिशील अर्थव्यवस्था बनने जा रही है. साल 2024 के लिए भारतीय
जीडीपी की अनुमानित विकास दर 6.
1 फीसदी है, जो प्रतिद्वंद्वी चीन की
विकास दर से ज्यादा है और जी20 की औसत विकास दर से दोगुनी और दुनिया की
सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका की विकास दर से चार गुनी ज्यादा हालांकि इन आंकड़ों
के जाल में ना फंसें क्योंकि आकार के हिसाब से ऊपर गिनाई
गई प्रतिद्वंद्वी अर्थव्यवस्थाएं भारत से कई गुना बड़ी हैं. वैसे इस साल कई आर्थिक चुनौतियां भी
हैं, जिनका ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया सामना करेगी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर
काफी चर्चा होने वाली है. लेकिन इस चर्चा का मतलब क्या होगा? क्या इंसानों से जुड़े आंक
ड़ों
पर यह पूरी तरह अधिकार कर लेगा? क्या इस नई टेक्नोलॉजी
पर कानूनों के जरिए नियंत्रण किए जाने की जरूरत होगी? क्या दुनिया ऐसा
करने के लिए साथ आएगी? अभी तक अमेरिका और चीन
इस मामले में सबसे आगे हैं? क्या अन्य देशों की
कंपनियां इनके मुकाबले आ सकेंगीं? सूखा, बाढ़ और चक्रवात, जलवायु
परिवर्तन के चलते बढ़ी ये चरम मौसमी घटनाएं दुनिया की
अर्थव्यवस्था को मुश्किल में डाल रही हैं. वैश्विक सहमतियों के बावजूद, साल
2023 में दुनिया का कार्बन फुटप्रिंट इतिहास में सबसे ज्यादा रहा. क्या प्रदूषण फैलाने
वाले देशों प
र हर्जाने की वैश्विक व्यवस्था बन पाएगी? यूरोपीय संघ की योजना कार्बन
उत्सर्जन करने वाली वैश्विक कंपनियों पर टैक्स लगाने की है, जिसका
पहले ही चीन और भारत जैसे देशों में विरोध होने लगा है. अमेरिका, यूरोजोन और भारत जैसी बड़ी
अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंक महंगाई के खिलाफ लड़ाई के लिए
ब्याज दरों को काफी बढ़ा चुके हैं. जिससे आर्थिक विकास
में गिरावट का डर है. तो क्या इस साल
कर्ज लेना सस्ता होगा? अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व
साल के मध्य तक ब्याज दरें कम कर सकता है. फिर यूरोपीय केंद्रीय
बैंक भी ऐ
सा ही करेगा. ऐसा हुआ तो यह सस्ती पूंजी दुनियाभर
में अर्थव्यवस्था को गति दे सकती है. बहुत से विशेषज्ञ चीनी विकास को
वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़े खतरे के तौर पर देखते हैं. दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार अब
भी बहुत सी समस्याओं से जूझ रहा है. रियल इस्टेट संकट,
कर्ज और सिकुड़ता उत्पादन. देश में युवा बेरोजगारी चरम पर
है और बुजुर्ग लोग बढ़ रहे हैं. चीन का पश्चिमी देशों से तनावपूर्ण
रिश्ता व्यापार प्रतिबंध बढ़ा रहा है, मसलन कंप्यूटर
चिप जैसी चीजों पर. और आशंका है कि आगे
चलकर संबंध और खराब होंग
े. ताइवान पर चीन के कब्जे का संभावित
खतरा हिंद-प्रशांत इलाके में एक बड़े संकट की चेतावनी दे रहा है. कुल मिलाकर बात ये है कि वैश्विक
भू-राजनीति में काफी तनाव है. रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति
के कोई लक्षण नहीं दिख रहे. ना इस्राएल-फिलिस्तीन संघर्ष
का हल दिख रहा है. इन राजनीतिक संकटों के चलते दुनिया
को महंगी ऊर्जा, खाद्य असुरक्षा और व्यापार मार्गों के बाधित होने
की परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं. नया साल अब उतना नया नहीं रहा. लेकिन अगर इसे एक सफल साल बनाना है
तो विश्व को कई बाधाओं और चुनौतियों से निपट
ना होगा. आप हमें बताइए इन संकटों में
से आप किसे सबसे गंभीर मानते हैं. हम मिलेंगे अगले हफ्ते फिर, और
करेंगे चीन की अर्थव्यवस्था में आती स्थिरता की 1980 के
दशक के जापान से तुलना. तब तक के लिए नमस्कार!
Comments
भारत और चीन समेत पूरी दुनिया में जनसंख्या नियंत्रण बहुत ही जरूरी है 🙏
बेरोजगारी सबसे बड़ी संकट है, चाहे चीन मे हो या भारत मे।
जंगल है तो जीवन है#save the hasdev forest🌲# in छत्तीसगढ़ 🙏
बेरोजगारी और स्किल लेस एजुकेशन ये एक गंभीर समस्या है। 😢😢 35/40 साल के बेरोजगार गरीब बिना शादी के युवक अपने आसपास देखे जा सकते हैं। सरकार को ये क्यों नहीं दिखता 😂😅
दौलत एक झटके में, और खूबसूरती एक बीमारी में, फना हो जाती है...🤔 इसलिए इन दोनों चीजों पर कभी घमंड न करें। ❤❤❤ कौशाम्बी ❤U P 🙋से ❤❤
जल वायु परिवर्तन और परियावरण पर जोरदे सारे देश
🙏🇮🇳🙏जय हिंद,जय भारत🙏🇮🇳🙏
Wrong information Indian gdp will grow to 7.3 to 7.5 persent.
1970- 2020 तक कंप्यूटर क्रान्ति युग था लेकिन अब सेमीकंडक्टर का era आने वाला है और जिस देश के पास सेमीकंडक्टर होगा वो 2050 तक सुपरपावर बनेगा ।
Only immeginative
❤❤
Environment is the most important issue to be solved
We must improve infrastructure for next years continue with high speed to compete with china.. We are doing better.. Let's get more speed...
kitani khubsurati se viksit desho ki samasyao ko duniyaa ki samasya bataya ja raha hai 👏👏👏
जलवायु परिवर्तन
G-20 सै 50 गुना पिछे हे भारत विकास और per capita income mai
Modi hai toe mumkin hai 😍
Hello sir very good video may God bless you all jai ma bhagwati om namah shivay.sir your presentation is very good.thanku sir
Jinke paas 100 /- hai unke liye 3-4 bhi bahut hai.... Jiske paas 1/- hai wo 6 paise me itra raha hai..
महंगाई, गरीबी दूर करना होगा साफ़ साफाई पर ज्यादा ध्यान देना होगा और रुपया कि गिरावट रोकना होगा तभी जाकर देश विकास होगा