1947 के पहले का भारत कहता था गुलामी से
मुक्ति चाहिए आजादी चाहिए 2023 के भारत का मीडिया है तो आजाद भारत का मीडिया ही मगर
वह अपनी गुलामी को आध्यात्मिक स्वाधीनता का नाम दे रहा है गुलामी और आजादी की समझ
कितनी धुंधली हो गई गोदी मीडिया के एक एंकर ने ट्वीट किया कि आज के दिन भगवान
राम से एक सवाल करना हो तो वह सवाल क्या होगा उसके इस साहस को देखकर मेरा कमजोर मन
थरथरा लगा एक सवाल की जगह कई सवाल पूछने लगा भगवान राम से मेरा सवाल है कि 10 साल
हो गए प्रधानमंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस कब करेंगे क्या उस प्रेस कॉन्फ्र
ेंस में सवाल
करने वाले पत्रकार भी बुलाए जाएंगे क्या हसदेव के जंगलों की कटाई पर मीडिया चुपी
तोड़ेगा अदानी पर लगे आरोपों पर मीडिया क्यों चुप रहता है मणिपुर को लेकर मीडिया
कब प्रधानमंत्री से पूछेगा भारत का मीडिया गुलाम क्यों है आज के मीडिया में करुणा
क्यों नहीं है नफरत क्यों है
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