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कर्ण पिशाचिनी पार्ट 2| Karn Pishachini Part 2 |animated horror stories

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Dadi Nani ki kahaniyan

3 weeks ago

पिछले एपिसोड में आपने देखा कि रजनीश एक डिलीवरी बॉय का काम करता है वह कर्ण पिशाचीनी की साधना कर उसे प्रसन्न करता है आपने यह भी देखा कि उसे अमित सिंघानिया की बेटी आकांक्षा से प्यार हो जाता है अमित सिंघानिया शहर का बहुत अमीर आदमी होता है उसे रजनीश की यह हिमाकत पसंद नहीं आती है वह उसे काफी भला बुरा कहता है और रजनीश को अमीर बनने का चैलेंज देता है रजनीश वहां से वापस लौट आया उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह बहुत सारे पैसे कहां से कमाए क्योंकि रातो रात तो व इतने सारे पैसे कमा नहीं सकता था कहां से आखिर क
हां से इतने पैसे आएंगे मैंने चैलेंज एक्सेप्ट तो कर लिया लेकिन कहीं मेरी इस गलती के कारण आकांक्षा मुझसे हमेशा के लिए जुदा ना हो जाए लेकिन मैं करता भी क्या आकांक्षा के पापा मेरी गैरत को बारबार ललकार रहे थे अरे मुझे उनके पैसों का कोई लालच नहीं था लेकिन उन्होंने मुझे कटघरे में खड़ा कर दिया रजनीश बहुत परेशान था और यही तो अमित सिंघानिया चाहता था वह जानता था कि जोश में आकर रजनीश ने हां तो कर दी है लेकिन लाखों रुपए कमाना इतना आसान तो नहीं इस बात को चार महीने बीत गए अब उसके पास सिर्फ दो महीने ही बचे थे उ
से लगने लगा था कि आकांक्षा को उसे अब भूल जाना चाहिए तभी एक रात उसके पास आकांक्षा का फोन आया कुछ नहीं हो रहा है आकांक्षा कुछ भी नहीं हो रहा है तु मुझे भूल जाओ तुम्हारे पापापा सही कहते हैं मैं तुम्हारे लायक नहीं मेरी मामूली तनख्वा में मैं तुम्हें कोई खुशी नहीं दे पागा रजनीश ऐसा मत कहो मैं मर जाऊंगी लेकिन तुम्हें नहीं भूलूंगी मैं तो तुम्हारे साथ किसी भी हालत में खुश हूं लेकिन तुमने ही पापा के चैलेंज को एक्सेप्ट किया है चैलेंज तो एक्सेप्ट कर लिया आकांक्षा लेकिन तुम्हें पाने की मंजिल बहुत मुश्किल है
यह कहकर रजनीश रोने लगा और उसने रोते रोते फोन काट दिया उसी दिन की बात है रात को वह अपनी बाइक से घर लौट रहा था जब उसकी बाईक काली पहाड़ी के शमशान से गुजर रही थी तो उसे शमशान में एक तांत्रिक दिखा जो मुर्दे को खा रहा था उसने तांत्रिकों के बारे में सुन रखा था कि इन लोगों के पास कई सारी शक्तियां होती हैं और वो उन शक्तियों से कुछ भी कर सकते हैं क्या पता इस तांत्रिक के पास मेरी समस्या का हल हो कर्ण पिशाचिनी को सिद्ध करने की बाद रजनीश को उसी तांत्रिक से पता लगी थी बहरहाल रजनीश अब कर्ण पिशाच की मदद से शेयर
मार्केट में इन्वेस्ट करने लगा रातों रात उसे करोड़ों का फायदा हुआ उसने करोड़ों की लॉटरी का नंबर भी कर पिशाच की मदद से पता किया कर्ण पिशाच नी ने सब कुछ उसके कानों में बता दिया एक महीने के अंदर वह शहर का सबसे अमीर आदमी बन गया हालांकि कर्ण पिशाच नी किसी साय की तरह उसके साथ हमेशा रहती उसकी पीठ पर लदी हुई उधर अमित सिंघानिया तक रजनीश के रातों रात अमीर बनने की बात पहुंच गई थी आश्चर्य है उस लड़के ने इतना पैसा इतनी जल्दी कैसे कमा लिया वादे के मुताबिक अब अमित सिंघानिया को अपनी बेटी की शादी रजनीश से करनी थ
ी लेकिन रजनीश उनके पास जा ही नहीं रहा था क्योंकि कर्ण पिशाच ने की कही बात उसके कान में बार-बार घूम रही थी कि तुम्हें मुझे अपनी पत्नी की तरह रखना होगा और किसी और औरत के साथ तुम कभी नहीं जाओगे और अगर तुम गए तो मैं मार दूंगी उस औरत को भी और तुम्हें भी आकांक्षा की खातिर वह उससे दूरी बनाकर रहने लगा अब उसने आकांक्षा का फोन उठाना भी बंद कर दिया आकांक्षा ने उससे मिलने की कोशिश की तो ने अपने नौकरों से कहलवान पर नहीं है आखिर रजनीश को क्या हो गया है वो ना तो मेरा फोन उठाता है और ना ही मुझसे मिलना चाहता है
कुछ तो बात है जो वह मुझसे छुपा रहा है लेकिन क्या और क्यों उधर रजनीश आकांक्षा को इग्नोर तो कर रहा था लेकिन अंदर ही अंदर व घुट रहा था सब कुछ है मेरे पास सब कुछ मेरे पास है लेकिन फिर भी मेरे हाथ खाली है इन पैसों का मैं क्या करूंगा जब मेरा प्यार ही मेरे पास नहीं है उधर आकांक्षा को भी समझ नहीं आ रहा था कि रजनीश बदल क्यों गया है एक दिन उसने रोते हुए किसी दूसरे नंबर से उसके पास फोन किया रजनीश ने जैसे ही उसकी आवाज सुनी वो उसका फोन काटने वाला था तभी आकांक्षा ने कहा तुम्हें मेरी कसम रजनीश अगर तुमने फोन का
टा तो कल मेरा मरा मुंह तुम देखोगे आकांक्षा की बात सुनकर रजनीश सकपका गया उसने आकांक्षा से कहा आकांक्षा मेरी किस्मत ही खराब है हमारा मिलन नहीं हो सकता तुम मुझे भूल जाओ तुम्हें कितनी बार कहा है मैं मर जाऊंगी लेकिन तुम्हें भूलने की बात मैं सोच भी नहीं सकती तुम्हें मुझे भूलना होगा इसी में हमारी भलाई है लेकिन रजनीश अब तो तुम्हारे पास सब कुछ है पापा के चैलेंज को तुम जीत चुके हो फिर तुम्हें अब क्या हो गया जो तुम मुझे भूलने के लिए कह रहे हो तब रजनीश ने उसे कर्ण पिशाच की साधना से लेकर अब तक की सारी बातें
बताई ये तुमने क्या कर दिया रजनीश ये तुमने क्या कर दिया अपने हाथों से अपने पांव पर कुल्हाड़ी मार ली अब क्या होगा वही सोचकर तो मैं परेशान हो रहा हूं मुझे पता नहीं था कि कण पिशाचिनी द्वारा अमीर बनने की कीमत मुझे इस तरह चुकानी होगी यह कहकर कर रजनीश ने फोन काट दिया दो दिन बाद की बात है आकांक्षा का फोन फिर से रजनीश के पास आया इस बार आकांक्षा ने उससे कहा कि रजनीश पिछली बार तुमने कहा था कि तुम किसी भी समस्या का हल कर्ण पिशाच नी से पूछ सकते हो वह किसी भी समस्या का हल तुम्हारे कानों में बता सकती है हां कह
ा तो था लेकिन इससे क्या होगा तुम कर्ण पिशाच नी से कैसे पीछा छुड़ा सकते हो यह बात तुम उससे पूछो वह तुम्हारे कानों में जरूर बताएगी और एक बार वह तुम्हें छोड़कर चली गई तो हमें मिलने से कोई नहीं रोक सकता उसी रात की बात है कर्ण पिशाचिनी उसकी पीठ पर लटकी हुई थी तभी उसने उससे कहा कर्ण पिशाचीनी तुम्हारे पास सारे प्रश्नों का हल है ना हां है बोलो अब क्या जानना है तुम्हें अच्छा तो तुम मुझे यह बताओ कि तुम मुझे छोड़कर कैसे जा सकती हो मैं चली जाऊंगी फिर से उसी बोतल में लेकिन उसके लिए तुम्हें एक भारी कीमत चुकान
ी होगी मैं कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार हूं ठीक है तुमने जिस चीज को पाने के लिए मुझे प्रसन्न किया वो चीज मैं तुमसे छीन लूंगी रजनीश को अपनी धन दौलत का कोई मोह नहीं था इसलिए उसने हामी भर दी अगले दिन जब वह जगा तो कर्ण पिशाच नी उसकी पीठ पर नहीं बैठी थी वह यह देखकर बहुत खुश हुआ उसने यह बात बताने के लिए आकांक्षा को फोन किया फोन बहुत देर तक बजता रहा लेकिन उसने फोन नहीं उठाया तब रजनीश ने अपनी कार निकाली और आकांक्षा के घर जा पहुंचा लेकिन उसके घर के बाहर आज बहुत भीड़ थी उस भीड़ को देखकर उसका मन किसी अन
िष्ट की आशंका से भर गया कहीं आकांक्षा के पापा को तो कुछ नहीं हो गया वो यह सोचते हुए आकांक्षा के घर के अंदर जा रहा था तभी उसने देखा कि अमित सिंघानिया रोते हुए बाहर आ रहे हैं रजनीश भागता हुआ उनके पास गया क्या हुआ अंकल आप रो क्यों रहे हैं आकांक्षा कहां है आकांक्षा यह कहकर अमित सिंघानिया फूट फूट कर रोने लगे और रजनीश को आकांक्षा के कमरे में जाने का इशारा किया रजनीश भागता हुआ आकांक्षा के कमरे में गया तो उसने देखा कि आकांक्षा का मृत शरीर बिस्तर पर पड़ा है उसके सिर में खून लगा हुआ था नौकरों से पता लगा क
ि कल रात को उसके सिर पर पंखा गिर गया और आकांक्षा मर गई ये क्या हो गया आकांक्षा ये क्या हो गया अब मैं कैसे जिऊंगा कैसे जिऊंगा वो रो रहा था तभी उसके कानों में कर्ण पिशाच ने की बातें गूंजने लगी तुमने जिस चीज को पाने के लिए मुझे प्रसन्न किया वो चीज मैं तुमसे छीन लूंगी रजनीश ने इस बात का अंदाजा नहीं लगाया था कि कर्ण पिशाच ने उसकी आकांक्षा को छीनने की बात उससे कह रही थी उसकी दौलत को नहीं

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