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badla audio horror story || आत्मा अपना बदला लेने का लिए किस हद तक जा सकती है

एक आत्मा का बदला मरने का बाद वो आत्मा अपना बदला लेने का लिए किस हद तक जा सकती है या जाने का लिया सुना बदला रहस्य और रोमांच से भरपूर ऑडियो स्टोरी

haunted places in india

1 day ago

एक सुनसान रात पूरा शहर जब नींद से अपने रिश्ते को मजबूत कर रहा था लेकिन घर पर रजत फिलहाल अभी भी जगा हुआ था। मोबाइल की स्क्रीन पर टकटकी लगाए अपने दोहरे चरित्र का प्रदर्शन कर रहा था। एक चरित्र में वह अपनी वह सोच उजागर कर रहा था जिसमे धन हो और उसके इर्द गिर्द लड़कियों का जमावड़ा लगा हो। दूसरी ओर वह ‘डिंपल' से बात कर रहा होता। डिंपल उसकी गर्लफ्रेंड का नाम था। यह उसकी बाहरवीं महिला मित्र थी, वह हर एक लड़की के साथ 3-4 महीने का ही वक्त बिताता था। डिंपल बेहद अमीर परिवार से तालुक्कत रखती है। बाकी लड़कियों
की हूबहू रजत ने डिंपल को भी झूठ के पर्दे में ढक के रखा, उसने डिंपल के समक्ष अपने माता पिता की वह छवि प्रस्तुत करी जो उन्होंने कभी निभाई भी नहीं थी। कहते हैं न कि किसी की छवि को धूमिल करना बेहद आसान है बल्कि उनका नाम बनाना कठिन । उस अंधेरी रात में कुछ अनसुनी घटना का भी संबंध जुड़ा था, जिसकी शुरुआत रजत से ही होती है। 12:45 की आखिरी छूक छूक अमूमन रात एक दम शांत होती है। सभी जीव जंतु रात्रि के स्वप्न लोक में खुद को झोंक चुके होते हैं। रात के इस शांति में सिर्फ घड़ी की टिक टिक ही सुनाई देती है जो उस
रात 12:45 का समय दिखा रही होती है। रजत अभी भी फिलहाल फोन पर व्यस्त है। खिड़की के बाहर चाँद की रोशनी आज कुछ धीमी है, ठंड भरी शीतल हवा खिड़की के दरवाजे में बनी पतली सी जगह से हवा गुजरते हुए रजत को ऐसा महसूस करती है कि कोई उसे छू रही है अपने कोमल हाथ से उसे अपने ओर बुला रही है। तभी अचानक रजत के कानों में एक प्रेम से लबरेज आवाज आती है "रजत... तुम सिर्फ मेरे हो मैं तुम्हें खुद से दूर नहीं होने दूंगी।” रजत यह सुनकर काफी घबरा गया उसने डर के मारे अपना फ़ोन बेड पर रखा और खिड़की की तरफ भागा लेकिन खिड़की
से कोई नहीं दिखा वह जैसे ही खिड़की फिर से बंद कर वापस बेड की तरफ मुड़ा चाँद की रोशनी में एक परछाई से उसका सामना हुआ, उस परछाई का एक हाथ उसके गर्दन को दबोचा और उसे फर्श से कुछ इंच ऊँचाई पर लाकर नीचे फिर से फर्श पर जोरों से पटक कर फर्श की धूल पर लाकर डाल देती है। वह उसी वक्त बेहोश हो जाता है और होश में आने के लिए सूर्य के प्रकाश के आने तक का समय लेता है। रजत की अपने माता पिता से बिल्कुल भी नहीं बनती थी, वह हर समय किसी न किसी विषय पर अपने माता पिता से विवाद कर देता था। उसकी जीवन में रिश्ते का कोई म
ूल्य न था । वह अपने माता पिता को मात्र एक एटीएम मशीन समझता जिनके वह धन को इस्तेमाल कर सके। अगली सुबह भी यही हुआ उसने होश में आने के बाद अपने साथ हुए पिछली रात की घटना को स्मरण करने लगा। जिससे उसके माथे पर चिंतित रेखा के साथ पंखा चलने के बावजूद पसीने से भीगा हुआ था। रजत उसी अवस्था में घबराकर अपने पापा के पास पहुंचता है। वह इतना घबराया हुआ होता है कि उसके मुख से उसके शब्द भी अच्छे से नहीं निकल पा रहे थे। वह अपने पिता से वह बातें बताना चाहता है लेकिन कुछ कह नहीं पाता। उसके पापा उसको गुस्से में देखत
े हैं और कहते हैं कि "कुछ बोलेगा या हमेशा की तरह कुछ सुनाने आया है" रजत के चहरे के भाव अब डर की जगह गुस्से में बदल गई और उसी स्थिति में अपने पापा को ही सुना दिया और गुस्से में वह घर से निकलकर अपने कॉलेज में पहुँचा। जहाँ उसका इंतजार उसका दोस्त और ‘डिंपल' कर रही थी। उन दोनों को उसने अपने साथ हुई घटना को बताया। उसके दोस्त ने उसे कहा “तेरा वहम होगा भाई!, कोई लड़की तेरे को कैसे उठा सकती है वह भी सिर्फ एक हाथ से ।" यह बात कहते ही रजत का दोस्त और 'डिंपल' जोर से ठहाके मारने लगते हैं। “यहाँ मेरी जीवन की
लगी हुई है और तुम इतने बेशर्म होकर हस रहे हो।" रजत दबी सहमी आवाज में कहता है। “अरे!, तू इतना क्यों डर रहा है सब ठीक हो जाएगा।" रजत के दोस्त ने उसे सांत्वना देते हुए कहा लेकिन रजत ने अपने मन में यह ठान लिया था कि वह अब अपने घर नहीं रुकने वाला, सब छोड़ कर कहीं दूर चला जाएगा। रजत का यह फैसला सुनकर उसका दोस्त उसे रुकने की सलाह देता है और कहता है कि रजत को अपने परिवार को अकेले छोड़ने की ख्वाहिश नहीं रखनी चाहिए। लेकिन वह ठान चुका था की उसे अपने परिवार से कोई मतलब नहीं है, वह यही सोचता था को उसके परिवा
र उससे प्रेम भाव नहीं रखते। इस पर ‘डिंपल कहती है कि अगर तुमने नक्की कर ही लिया है तो आज रात को तुम मेरे साथ मेरे शहर ‘लखनऊ चलना। वहाँ अपनी नई जिंदगी शुरू करना। रजत को ‘डिंपल' का सुझाव राज आ जाता है। रजत ने 'डिंपल' के कहने पर घर से अपना बैग को सही तरह से पैक कर चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाता है। डिंपल ने उसे प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर आने को कहती है। रजत 10 बजे छुप कर अपने गृह से प्रस्थान करता है। उसे बाहर जाने में अजीब लगता है। रजत का यह रात बाकी रात से अलग होती है। मौसम में सर्द हवा की मौजूदगी तो
होती है लेकिन फिर भी रजत को घुटन महसूस कराती है। जैसे ही समय का पहिया रात के 12:45 बजे पहुँचती है। प्लेटफॉर्म पर एक ट्रेन की एंट्री होती है। रजत पूरा घबराहट से भरा होता है। डिंपल अभी तक रेलवे स्टेशन नहीं पहुंची होती। स्टेशन भी पूरे तरीके से किसी श्मशान घाट का रूप धारण कर चुका होता है। रजत को कुछ समझ नहीं आ रहा होता। डिंपल का इंतजार करते हुए उसने इधर उधर हर दिशा में अपने चक्षु को दौडाया लेकिन डिंपल कहीं नहीं दिखी। तभी फिर से एक ध्वनि रजत के कानों में गूँजती है। "रजत..... मेरा इंतजार कर रहे हो?"
यह वही आवाज़ थी जिसे रजत ने अपने रूम से सुनी थी इसमें में भी वही भाव की दस्तक थी। फिर वह आवाज़ एक भयंकर हसी के वस्त्र पहन लेती है। रजत अपना होश खो चुका होता है तभी वो आवाज़ ट्रेन का दरवाज़ा खोल उसके सामने आती है यह कोई अन्य नहीं बल्कि ‘डिंपल' होती है। रजत डिंपल को देख लंबी सांस लेता है। वह जल्द से उसका हाथ थामे ट्रेन पर बैठ जाता है लेकिन ट्रेन के भीतर का दृश्य देख वह घबराहट की अवस्था में पहुंच जाता है। ट्रेन में कोई भी अन्य नहीं होता। रजत डिंपल से इस बारे में पूछता है तो डिंपल उसे कहती है कि यह
ट्रेन स्पेशल है जो केवल एक ही बार चलती है, हफ्ते में। जिस डिब्बे में वह बैठे हैं वह महँगा है इसीलिए कम ही लोग सफर करते हैं। रजत डिंपल की बात मान जाता है। ट्रेन में घुसते ही डिंपल उसे कहती है कि उसे बाथरूम जाना है तो रजत अपनी सीट पर बैठे। रजत जैसे जैसे अपनी सीट पर जा रहा होता है उसे कुछ जानी पहचानी कई लोगों की बात सुनाई देती है। जिससे वह कभी अवगत होता है उसने वही आवाज़ पहले भी सुनी हुई होती है। उसे लगता है वह काफी थक गया है इसीलिए खाली ट्रेन में से आवाज़ आ रही है। वह अपनी सीट पर बैठने के लिए पहुँ
चता है तो वहां एक लड़की घूंघट ओढ़े जोर से आँसू बहा रही होती है। रजत उस लड़की से पूछता है की वह क्यों रो रही है? तो जवाब मिलता है कि उस लड़की का किसी ने रेप किया है और उसका आरोपी बाथरूम में गया है। रजत उस लड़की को चेहरा दिखाने के लिए कहता है ताकि वह मरहम पट्टी लगा सके। जैसे ही लड़की घूंघट ऊपर करती है, उसका चेहरा देख रजत चकित रह जाता है, वह अपना बैग ज्यो का त्यों रख बाथरूम के तरफ भागता है और जोर जोर से ‘डिंपल' को पुकारता है। डिंपल तो नहीं होती लेकिन उसका बाथरूम में इंतजार वही लड़की कर रही होती है।
वह अपना होश बुरी तरह से खो चुका होता है उस लड़की से जान बचाने के लिए वह ट्रेन से कूद जाता है, इसी में उसका जान चला जाता है। आखिर में उसका फोन जो डर के मारे वह ट्रेन की सीट पर भूल जाता है उस पर एक मैसेज आया होता है जिस पर लिखा होता है “सॉरी! जान मैं तुम्हें बताना भूल गई थी मेरा अपने शहर जाने का प्रोग्राम कैंसिल हो गया था" दोस्तों के साथ डिस्को में गई थी, होप तुम समझोगे, लव यू”

Comments

@ishateislam2023

Great works