ऐ नबी यह जो पैगंबर आते रहे और किताबें नाजिल होती रही तो इसलिए कि तुम्हारा परवरदिगार ऐसा नहीं कि बस्तियों को जुल्म से हलाक कर दे और वहां के रहने वालों को कुछ भी खबर ना हो और सब लोगों के बलिहार आमाल दर्जे मुकर्रर है और जो काम यह लोग करते हैं अल्लाह उनसे बेखबर नहीं और तुम्हारा परवरदिगार तो बे नियाज है साहिबे रहमत है अगर चाहे तो ऐ बंदो तुम्हें नाबूत कर दे और तुम्हारे बाद जिन लोगों को चाहे तो तुम्हारा जानशीन बना दे जैसा तुमको भी दूसरे लोगों की नस्ल से पैदा किया है कुछ शक नहीं कि जो वादा तुमसे किया जा
ता है वह पूरा होने वाला है और तुम अल्लाह को आजिज नहीं कर सकते कह दो कि लोगों तुम अपनी जगह अमल किए जाओ मैं अपनी जगह अमल किए जाता हूं अन करीब तुमको मालूम हो जाएगा कि आखिरत में बहिश्त किसका घर होगा कुछ शक नहीं कि मुशरिक कामयाब नहीं होंगे
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