Bihar में छुट्टियों को लेकर KK Pathak का फिर आ गया बड़ा फरमान | Teacher News | Holiday in Bihar
छुट्टियां को लेकर एक बार फिर से एक-एक पाठक का बड़ा फैसला जरूरत पड़ी तो रद्द होगी घोषित छुट्टियां यानी की आकस्मिक अवकाश हर हाल में 220 दिनों तक कक्षाएं संचालित की जाएगी स्कूलों में कड़ी से कड़ी मॉनिटरिंग की जा रही है...
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अगली कर करो करेंगे क पाठक के तेवर नरम
नहीं पड़े हैं क पाठक ने छुट्टी को लेकर फिर से एक बड़ा फैसला लिया है शिक्षा विभाग
के अपार मुख्य सचिन ने कहा है की जरूर पड़ी तो घोषित आकस्मिक अवकाश रेड होंगे हर हाल
में 220 दिन कक्षाएं संचालित होगी कड़ाई से स्कूलों की मॉनिटरिंग हो रही है अपार मुख्य
सचिन के पाठक ने कहा है की घोषित अवकाश शिक्षा विभाग की मुख्य समस्या है बिना घोषित आकस्मिक
अवकाश के भी स्कूल बैंड मिल रहे हैं और यह बात की कृपा तक को एकदम ना गवार गुजरी है ल बाढ़
शीतलारी श्रावणी मेला और परीक्षाओ
ं की वजह से छुट्टी हो रही है च है जहीर करते हुए कहा
की ऐसी स्थिति में पढ़ाई बाधित हो रही है तो क पाठक ने एक और आदेश जारी किया है और क पाठक
के तेवर नरम पढ़ने नहीं दिखे रहे हैं जी तरह से कल शिक्षा मंत्री ने क पाठक पर निशाना सदा था उसके
बाद क पाठक के तेवर और गर्म गए हैं और उन्होंने कहा है की जरूर पड़ी तो आकस्मिक अवकाश को भी रेड किया
जाएगा उन्होंने कहा की हर हाल में इस साल में 220 दिन कक्षाएं चलेगी और किसी भी तरह की आकस्मिक
छुट्टी से शिक्षा प्रभावित नहीं होगी तो ये बड़ी बात के के पाठक ने कहीं ह
ै हमारे साथ रजनीश
जुड़े हुए हैं रजनीश कल जी तरह से शिक्षा विभाग का कार्यक्रम हुआ था उसमें सभी के टारगेट पर ठेके
के पाठक लेकिन उसे टारगेट पर आने के बाद भी यहां पर क पाठक के तेवर नरम नहीं पड़े बल्कि के पाठक
आगे बढ़ते हुए एक के बाद एक आदेश जारी कर रहे हैं रजनीश हम आपसे ये जानना चाहते हैं की क पाठक
के आदेश अभी नरम नहीं पढ़ रहे हैं जबकि कल शिक्षा विभाग का जो कार्यक्रम हुआ था उसमें सभी
के निशाने पर ठेके के पाठक क्या वजह मनी जाए इसे बिल्कुल अलीम देखिए चाहे वो राज्यपाल हो या फिर
बिहार के शिक्षा मं
त्री चंद्रशेखर सभी के निशाने पर वो कल दिखे और इसको लेकर चर्चा भी गम रही इस बीच
कल ही जो है एक साथ दो लेटर जो है कितने पाठक ने जारी कर दिया है पहले लेटर है की जरूर पड़ी तो जो
छुट्टियां फिलहाल अभी जिसमें रिलीज दी गई है राहत दी गई है वो अब जो है घोषित जो अवकाश है उसको फिर
से रेड किया जा सकता है यानी ये इशारा प्राप्त तोर पे है की जब जरूर होगी दो के के पाठक फिर से जो है
छुट्टियां उसको रेड कर सकते हैं सुनिश्चित रूप से ये तात्कालिक राहत मिली है शिक्षकों को और पाठक जो
है भविष्य में ऐसा कर सकते हैं
क्योंकि उन्होंने साथ का दिया है की 200 से 220 दोनों तक जो शिक्षा का
अधिकार कानून है उसके तहत जो है स्कूल चलना अनिवार्य है और इसको लेकर कढ़ाई से मॉनिटरिंग चल रही है सभी
जिलों में और सरकार के पास गणना भी है स्कूल कब खुला कब बैंड हो रहे हैं ऐसे में यह आदेश जारी हो सकता है
दूसरी तरफ क्योंकि स के जो अध्यक्ष हैं अतुल प्रताप उन पर भी इन्होंने सीधा निशाना पढ़ा है और कहा है की
जो शिक्षक हैं या जिला शिक्षा पदाधिकारी हैं या जिला कार्यक्रम पदाधिकारी है तमाम लोगों की सर्टिफिकेट
वेरीफिकेशन में ड्यूटी लगा
दी गई है जो शिक्षक बहाली को लेकर चल रहा है ऐसे में ये जो नियुक्ति प्राधिकार
है उसको यह कम आ उसका यह कम बंता है की वो कुछ जो है बहाली करें और वेरीफिकेशन करें और तुरंत इन्होंने
पत्र लिखकर कहा है की ये जो करवाई है इस पर किया जाए इसकी जो भी कुर्मी लगाएं गए हैं शिक्षा बिहार
से उनको वापस लिया जाए तो निश्चित तोर पर एक तरह से यूपीएससी से भी अब टकराव शुरू हो गया है हालांकि
यूपीएससी का क्या पत्र जारी होता है आज ये देखना होगा क्योंकि किसी पाठक ने सांप कहा है की शिक्षा
प्रभावित हो रहा है और जो हमारे अ
धिकारी शिक्षक लगे हुए हैं उनको जो है उनसे ड्यूटी से हटाए
जाए ये बात अक्सर देखने को मिलती है बिहार में की जब भी बिहार में चाय चुनाव हो या फिर किसी
तरह का कोई सरकारी कम हो गणना का कम हो रहा था ये कोई भी अन्य ड्यूटी लगानी होती है तो वहां पर
शिक्षकों को लगा दिया जाता है एक वैसे ही बिहार में शिक्षकों का भाव है स्कूलों में क्या स्कूलों
में शिक्षक नहीं होते तो क्या आप ये माना जाए की वाकई ये कम बिहार में एक क्रांतिकारी कम होगा और
शिक्षकों को अब सिर्फ शिक्षा का ही कम दिया जाएगा देखिए एक चीज तो जरूर
है की पाठक के गैर शैक्षणिक
कार्य करवाना नहीं चाहते हैं अब तक कर ऐसे पत्र हैं जो आदेश हैं वो गवाही दे रहा है कप पाठक सिर्फ
और सिर्फ चाहते हैं की विद्यालय में शिक्षक जो है पढ़ना का कम करें लेकिन इस बीच चुनाव हो परीक्षा हो
जाति है गणना हो या बाकी जितनी भी तरह की ड्यूटी है उसमें शिक्षकों को लगा दिया है क पाठक कुलर अपने ही
सरकार का वहां पर विरोध करते नजर आते हैं हालांकि शिक्षक संघ ने साफ कहा है की जब शिक्षा तक अधिकार
कानून की बात कहीं जा रही है का तो उसके जारी जो स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर की क
मी है या जो भी
शिक्षकों की कमी है यानी जो अनुपात है शिक्षक और छात्रों का अनुपात उसको ही पूरा किया जाना चाहिए
क्योंकि 30 पर एक जो है शिक्षक होना चाहिए पर 30 छात्र पर एक शिक्षक होना चाहिए लेकिन यहां पर जो
है 70 पर एक टीचर 100 पर एक टीचर जो है विद्यालय में है ऐसे में तमाम चीजों को देखना चाहिए सिर्फ
और सिर्फ ये आदेश नहीं चलेगा ये 220 दिन पटना है क्योंकि 252 शुक्रिया सिर्फ आदेश देने से कम नहीं
चलेगा बल्कि कोशिश यह करनी होगी की जो बेसिक जरूर है उसको भी पूरा किया जाए चाहे वो इंफ्रास्ट्रक्चर की
बा
त हो चाहे वो स्कूल में शिक्षकों की कमी की बात हो और क पाठक ने कहा है की जरूर पड़ी तो घोषित
आकस्मिक अवकाश रेड होंगे हर हाल में 220 दिन कक्षाएं संचालित होगी इस फरमान से शिक्षकों
में नाराज की है बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के वो जो प्रेस नोट है उसे प्रेस नोट में शैक्षणिक
सत्र को अप्रैल से जनवरी मा तक दिखाए गया है जबकि सच्चाई यह है की बिहार के सरकारी विद्यालयों का
शैक्षणिक सत्र अप्रैल से लेकर के मार्च मा तक क्या होता है उनके द्वारा दो मा की गिनती ही नहीं की गई
है अधिनियम का बार-बार हवाला देकर औ
र विद्यालय के कार्य दिवसों की जो गणना की जा रही है मुझे लगता है
विभागीय पदाधिकारी को सही तरीके से गणना करने नहीं ए रहा है पूरे साल में 365 दिन होता है और 60 दोनों की
छुट्टी विभिन्न पर्वत त्योहार के लिए निर्धारित है इसके अतिरिक्त 52 दोनों की रविवार की छुट्टी होती
है कल मिलकर 52 दिन और 60 दिन यहां मिलकर 112 दिन होता है और इस प्रकार से 365 में से अगर 112 दिन हटा
दिया जाए फिर भी यार 253 253 दिन का जो है यहां समय हो जाता है तो 253 दोनों के विद्यालय की कार्यताब्दी
जब पहले से ही चल रही है तो फिर ब
ार-बार यह कहना की आरती के तहत जो है विद्यालय पूरा नहीं चल का रहा
है मैं समझना हूं शिक्षा विभाग के पदाधिकारी द्वारा केवल सस्ती लोकप्रियता के लिए और लोगों के लिए कर्म
प्रिया लगे इसलिए इस प्रकार की बातें की जा रही है तो शिक्षक भले इस पर एतराज जाता रहे हो
लेकिन अभिभावक इस फैसला से काफी खुश हैं बिल्कुल सही बोलते हैं लेकिन यहां तो सरकारी स्कूलों
में बहुत ज्यादा छुट्टियां मिलती है बच्चों को कभी गर्मी की छुट्टी तो कभी भी छुट्टी वो जरूरी भी है
लेकिन सबसे ज्यादा है की शिक्षकों को कभी चुनाव में लगा दि
या जाता है तो कभी जाति जनगणना में लगा
दिए जाता है इसके अलावा और भी बहुत सारे सरकारी इन सब चीजों के लिए अलग से कोई व्यवस्था करें
और टीचर को सिर्फ बच्चों की पढ़ाई के लिए रखो तो ज्यादा बटर होगा और 220 दिन अगर पटाया
जाए बच्चों को तो बच्चों को भविष्य के लिए
Comments
KK pathak ko is department mai rahna jaruri h, thanks kk pathak
केके पाठक वैसा नाम हो गया है जो जो अपनी बेइज्जती के साथ साथ सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारी एवं शिक्षकों की बेइज्जती करवा रहा है
पाठक सर को बिहार में अभी बहुत कुछ सीखना पड़ेगा। इंतजार करें उनकी और फजीहत होने वाली है! कितने आईएएस और आईपीएस बिहार में आए और बिहार से गए हैं। सबसे पहले मूलभूत सुविधा को सुदृढ़ कीजिए। शिक्षक संघ के नेता और शिक्षकों से पहले बात कीजिए, उसके बाद शिक्षा व्यवस्था में अमूलचुक परिवर्तन निश्चित होगा। बिहार के सारे शिक्षक अब मन बना चुके हैं कि महागठबंधन में शामिल शीर्ष नेताओं को सत्ता से बाहर कर दम लेना है। सत्ता को अपनी बपौती समझने की भूल कोई नेता लोग ना करें। आने वाले समय में परिवर्तन होकर रहेगा।
राज्य कर्मी का दर्जा दो और राज्य कर्मी वाला छुट्टी लागू करो।
K K पाठक जी 220 दिन की बात करते हैं, और यहाँ 253 दिन होता है इस पर क्या बोलना है !
जनगणना.. इलेक्शन और तमाम तरह के प्रोजेक्ट शिक्षकों से कराते समय तो इतना चिंता नहीं हुआ किसी को स्कूलों का.. और पढ़ाई का😊
220 दिन स्कूल जरूर चलाईए इसमे कही से भी मर्रअउवत नही होनी चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,,मगर शिक्षक को भी उनका हक सम्मान मिलना चाहिए,,,,,,शिक्षक भी इसी ब्रह्मांड के है उनका भी परिवार है वो भी अपने परिवार के साथ दो दिन समय बिताना चाहते है उनका भी जिवन है वो भी अपने बच्चो के साथ घुमना चाहते है जब चाहे जो मन मे आया नियम लगा दिया
महागठबंधन को 40 में से 10 सीट आएगी के के पाठक सर के कारण शिक्षकों टोला सेवकों और तालीमी मरकजों के साथ सौतेला व्यवहार का परिणाम मिलेगा
के के पाठक जी, धन्यवाद- तेजश्वी जी का पुरा करें सम्बाद! ये बुजदिल सिक्षकों को सही जांच भी करें!
Very good kk sir. अब लगता है कि निजी स्कूल बंद हो जाएगी। चुनाव से भी शिक्षक को दूर रखा जाए टीचर का वेतन समय पर हो
यदि सच में सुधार चाहियॆ तो सभी शिक्षकों को बी एल ओ कार्य में लगे हुये है उन्हें मुक्त किया जाय !
जाली सर्टिफिकेट बनके जो सरकारी टीचर बना है उसे पर भी कानून कारवाई होना
Pathak ko pagla hospital mein Dala jaaye mentally swasth hone ka kamna karunga 😂😂😂
पाठक मे हिम्मत और शर्म है तो सभी टीचर को बी एल ओ से मुक्त करें
केके पाठक का अभी और फजीहत होना बाकी है
सिर्फ शिक्षकों पर कड़ाई करने से शिक्षा में सुधार नहीं होने वाला।इनका Math बहुत कमजोर रहा होगा।
K K Pathak जी भूल रहे हैं कि 1-5 में 200 दिन और 6-8 के लिए 220 क्लास चलनी चाहिए ना कि high school or +2 के लिए है। February माह में 10th और 12th का परीक्षा केंद्र high school/ +2 में होता है, प्रारम्भिक विद्यालयों में नहीं और प्रारम्भिक विद्यालयों के बच्चों का परीक्षा मार्च महीने में 7 दिन के अन्दर हो जाता है । एक बार ठीक से calculation करे तो उनके हिसाब से भी 220 से जायदा दिन क्लास चल रही हैं।
Bohot achha kk Pathak ji Ap bohot achha kam kr rhe h
U r really a hero sir.... 👏👏
K K Pathak sir 👏🙏