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Chilling Prank : जानलेवा मज़ाक और प्रेत | scary stories

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The Deep Dark Tales

2 months ago

[प्रशंसा] [संगीत] [संगीत] हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सब उम्मीद है कि आप सब ठीक होंगे और इसी उम्मीद के साथ आगे बढ़ते हैं आज की कहानी की तरफ और सुनते हैं कि कैसे एक मजाक ने किसी की जिंदगी बदल दी आज सुबह से ही सौरभ बहुत खुश था क्योंकि आज उसे घर से परमिशन मिली थी दोस्तों के साथ उनके हॉस्टल में नाइट स्टे करने की सौरभ भोपाल में अपने बड़े भैया के साथ ही एक रेंटेड हाउस में रहता था उसके बड़े भैया एक कंपनी में कोई प्राइवेट जॉब करते थे और वह किसी प्राइवेट कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था सौरभ का कॉलेज
सिटी से काफी बाहर था और उसके दोस्त कॉलेज के पासी एक हॉस्टल में रहते थे जिससे वो हॉस्टल भी सिटी से काफी दूर था शाम को 8 बजे सिटी बस पकड़ के सौरभ दोस्तों के हॉस्टल के लिए निकल गया उसके तीन दोस्त मुकेश साहिल कनक हॉस्टल में एक ही रूम में रहते थे रात 9 बजे सौरभ अपने दोस्तों के हॉस्टल पहुंचा हॉस्टल मेन रोड प था पर वो जगह बिल्कुल सुनसान सी थी रोड के एक तरफ उसके दोस्तों का बड़ा सा हॉस्टल था साथ ही दो चार और भी बिल्डिंग थी देखने में वह हॉस्टल या पीजी ही लग रहे थे और एक दो ग्रोसरी की दुकाने जोब बंद हो रह
ी थी वहीं रोड के दूसरी तरफ कुछ घर बने थे पर इन सबके साथ वह जगह बहुत शांत और ठंडी सी थी रोड पर किसी भी तरह की कोई चहल पहल नहीं थी सौरव पहली बार अपने दोस्तों के हॉस्टल आया था रात का माहौल उसे बहुत अजीब सा लगा पर व इन सब को इग्नोर करके हॉस्टल में चला गया वहां उसने देखा उसके सारे दोस्त तो आज पार्टी के मूड में थे आते ही सौरभ ने पूछा अबे यह क्या है साहिल ने बोला पार्टी मेरी जान आज तू यहां आया है तो सिर्फ मस्ती और पार्टी करेंगे अपन सौरव फिर बोला हो सही है मुझे तो लगा था कि थोड़ी देर पढ़ाई करेंगे उसके ब
ाद पार्टी शुरू होगी पर कोई नहीं यह भी सही है थोड़ी देर बाद चारों दोस्त बैठ के कॉलेज की बातें शुरू कर दिए कभी टीचर्स की मिमिकी तो कभी कॉलेज में आई नई लड़की की बात आज का डिनर मुकेश ने बाहर से ही पैक करवा के लिए आया था थोड़ी देर बाद सबने खाना खाया और कोई मूवी देखने का प्लान करने लगे बहुत सोचने के बाद सबने प्लान किया कि कोई हॉरर मूवी देखते हैं कनक बोला मेरे कंप्यूटर में एक लेटेस्ट हॉरर मूवी पड़ी है वही देखते हैं रात के एक बजे जब मूवी खत्म हुई तो सौरव ने बोला भाई थोड़ी देर का ब्रेक लेते हैं मुझे प्रे
शर आया है मैं टॉयलेट होकर आता हूं तभी कनक ने बोला अरे रुक भाई हमारे टॉयलेट में पानी नहीं आ रहा इनफैक्ट पूरे हॉस्टल में पानी नहीं आ रहा है आज पानी की टंकी की क्लीनिंग हुई थी तो पानी की सप्लाई बंद है किसी भी बाथरूम में पानी नहीं है कनक ने चुपके से मुकेश और साहिल को भी आख मार दिया और सब समझ गए कि कनक अब कोई प्रैंक स्टार्ट कर दिया है सौरभ बोला पर भाई मैं आया था तब तो आ रहा था पानी इस पर मुकेश ने बोला वह पाइप में थोड़ा बचा हुआ होगा वही पानी होगा मैंने थोड़ी देर पहले ही देखा था अभी बिल्कुल भी पानी नही
ं है सौरव बोला भाई कुछ जुगाड़ लगाओ यार मेरी हालत बुरी हो रही है कनक ने कहा एक जुगाड़ है सुन नीचे जा रोड के दूसरी तरफ राइट साइड में जो घर बने हुए हैं उनमें जो आखिरी घर है वहां चला जा उसकी बाउंडी के अंदर एक टॉयलेट बना हुआ है उसे यूज कर सकता है सौरव बोला अरे नहीं भाई उसका ओनर होगा तो कनक फिर बोला नहीं नहीं उसका मालिक सिटी में कहीं रहता है व यहां नहीं होगा वहीं चला जा साहिल को यह सब ठीक नहीं लग रहा था वह कुछ कहने ही वाला था कि मुकेश ने उसका हाथ जोर से दबाया और उसको शांत रहने का इशारा किया सौरभ से बर
्दाश्त नहीं हो रहा था वह तुरंत ही रूम से निकला और रोड पर आ गया और जल्दी जल्दी उस आखिरी घर के पास जाने लगा रात के एक बजे वह सड़क पहले से और ज्यादा डरावनी लग रही थी स्ट्रीटलाइट की हल्की रोशनी थी उसी के सहारे वो उस घर तक पहुंचा वहां उसने देखा वह घर बंद था जैसा उसके दोस्तों ने बताया था और उस घर की लाइट्स भी ऑफ थी फिर भी उसने गेट की कुंडी को खटखटा हुए पूछा कोई है एक्सक्यूज मी क्या मैं अंदर आ जाऊं किसी ने जवाब नहीं दिया तभी उसने देखा कि वहीं गेट के अंदर एक छोटा सा बागान है और वहीं किनारे में एक टॉयलेट
बना है कई साल पहले लोग टॉयलेट को ऐसे ही घर के बाहर बनाया करते थे या फिर गेस्ट टॉयलेट को ऐसे ही घर के बाहर बना दिया करते थे अभी तो सौरभ को सिर्फ वो टॉयलेट दिख रहा था उसे अभी सबसे ज्यादा उसी की जरूरत थी बगान को पार करके वह टॉयलेट के पास पहुंचा बाहर एक स्विच था उसे ऑन किया और अंदर चला गया अंदर एक लाल रंग की नाइट बल जल रही थी और एक इंडियन टॉयलेट था जो साफ सुथरा ही था जैसे रोज ही उसकी सफाई की जाती हो सौरभ बस तुरंत ही वहां बैठ गया बस एक मिनट बीते हो कि ऐसा लगा जैसे टॉयलेट के बाहर कोई चल रहा हो पहले उ
से लगा शायद उसके दोस्त होंगे जो उसे देखने आए होंगे तो उसने आवाज लगाई अबे तुम लोग हो क्या कोई जवाब नहीं आया फिर उसे लगा कि कहीं वह अंकल तो नहीं आ गए जिनका यह घर है व यह सोच ही रहा था कि टॉयलेट की लाइट ऑफ हो गई बस इतना होते ही सौरव की जान हलक में आ गई पहले य अनजान घर और ऊपर से ही अंधेरा जल्दी बाजी में वह अपना फोन भी भूल गया था तभी उसे आवाज आने लगी जैसे कोई बागान में कुछ खोद रहा हो अब तक सौरभ बहुत डर चुका था और जल्दी से हाथ पर धोया और थोड़ा सा डोर ओपन करके देखने लगा पर वहां अब कोई नहीं था बाहर आया
तो उसने देखा कि वह जगह पहले जैसी नहीं थी वो घर बहुत पुराना सा लग रहा था जैसे मानो कई सालों से वहां कोई ना आया हो भगान की घास भी बहुत ज्यादा बढ़ी हुई थी वो बस तुरंत ही भागकर गेट के तरफ आया वो उसे खोलने की कोशिश कर ही रहा था कि उसने देखा कि अब गेट प एक बड़ा सा ताला लगा था उसने सोचा जब मैं यहां आया था तब तो यहां कोई ताला नहीं था इसे किसने लगाया और यह जगह ये जगह पहले से बदली बदली सी लग रही है तभी पीछे से आवाज आई कौन हो तुम और यहां किससे पूछ के आए हो सौरभ की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह पीछे मुड़कर दे
खे फिर भी बहुत हिम्मत करके जब वह पीछे मुड़ा तो देखा कि टॉयलेट के गेट के पास एक अधेड़ उम्र का आदमी खड़ा था कुछ ही पल में वह आदमी सौरभ के पास आ गया देखने में वह एक साधारण सा ही आदमी लग रहा था पर उसकी आंखें ब चमक रही थी जैसे उनमें आग जल रही हो उस आदमी ने फिर से बोला बताओ मुझे कौन हो तुम सौरभ बहुत डर गया था वह कुछ बोलता तब तक उस आदमी ने सौरभ का हाथ पकड़ लिया सौरभ बोला प्लीज प्लीज मुझे जाने दीजिए मेरे दोस्तों ने बोला था तो मैं यहां आकर टॉयलेट यूज कर लिया सॉरी मैं वापस मैं वापस कभी नहीं आऊंगा और मैं ऐ
सा नहीं करूंगा मुझे जाने दीजिए सौरभ का नसीब अच्छा था उसी वक्त घर के बाहर की सड़क से दो आदमी बाइक से जा रहे थे सौरव को गेट के अंदर खड़ा देख उन्होंने बाइक रुकती और बैक की आवाज सुन सरग भी पीछे मुड़कर देखने लगा तभी उनमें से एक आदमी बोला ओए लड़के यहां क्या कर रहा है चोर है क्या सौरभ ने बोला नहीं नहीं प्लीज मेरी हेल्प कीजिए यह अंकल मुझे जाने नहीं दे रहे हैं वह आदमी बोला अबे पागल है क्या कौन आदमी चल बाहर आ सौरभ ने मुड़ के देखा वहां कोई नहीं था सौरव इधर-उधर देखा पर अब वो आदमी वहां नहीं था बस सौरभ तुरंत
ही गेट को फांद करके बाहर आ गया दोनों को थैंक यू बोला और हॉस्टल की तरफ भागने लगा उनमें से एक आदमी बोला बेटा बच गया तू नहीं तो आज सौरभ हॉस्टल तक भाग के पहुंचा भाग भाग के उसकी सांस फूलने लगी थी हॉस्टल के बाहर बैठे सिक्योरिटी को देख उसे थोड़ा राहत सा लगा वह सिक्योरिटी भी नींद में था ऐसे उसका वहां होना ना होना एक बराबर ही था सौरव अब तक इतना डर चुका था कि उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था एक मनुष्का कर रहा था कि वह अभी अपने घर चला जाए पर साथ ही वह अब तक यह भी नहीं समझ पाया था कि आखिर वह आदमी था कौन सौरभ हॉस्ट
ल की सीढ़ी चढ़कर ऊपर जाने लगा उस वक्त उसे ऐसा लग रहा था जैसे कोई और भी है जो सीढ़ियां चढ़ रहा हो जैसे कोई उसके पीछे पीछे आ रहा हो जैसे तैसे वह अपने दोस्तों के कमरे तक पहुंचा उसने देखा कि रूम का दरवाजा खुला है तो वह सीधा रूम के अंदर चला गया और त ही गेट लगा दिया उसे ऐसा देखकर साहिल बोला क्या हुआ सौरभ तू ठीक तो है क्या हुआ तुझे सौरभ तुरंत वहां पड़ी पानी की बोतल से पानी पिया और बेड पर लेट गया वह किसी से कुछ नहीं बोल रहा था तब तक मुकेश और कनक भी उसके पास आए और पूछे क्या हुआ बे अब लग रहा हल्का तुझे सौ
रव अभी भी शान था और बस आंख बंद करके लेटा हुआ था साहिल बोला सालों तुमने ठीक नहीं नहीं किया अभी कुछ हो जाता तो इतना सुनकर सौरव उठा और डर और गुस्से के एक मिश्रित भाव से बोला तुम तुम सब कुछ जानते थे ना जानते थे ना कि वहां क्या है मैं आज कैसे आया हूं सिर्फ मैं ही जानता हूं कनक बोला अबे ऐसा कुछ नहीं है वह सब बस एक बकवास कहानी है हॉस्टल में रहो तो ऐसी हजारों कहानियां सुनने को मिलती हैं तू ओवर रिएक्ट मत कर ठीक है मुकेश भी बोला हां ना ऐसा कर रहा है वह आदमी सच में इसको दिख गया हो सौरभ की आंखों में आंसू थे
उसे अभी मुकेश और कनक पर बहुत गुस्सा आ रहा था व बोला हां जब मैं वापस आ रहा था ना मुझे एक आदमी मिला था वापस आते वक्त उसने मेरा हाथ पकड़ लिया था मुझे लगा मैं अब नहीं बच पाऊंगा तभी दो लोग वहां से जा रहे थे और उन्होंने मुझे आवाज लगाई उन्हीं की हेल्प से मैं बाहर आया हूं तुमको पता है क्या व क्या था साहिल बोला यहां कोई भी उस घर की तरफ नहीं जाता सब कहते हैं वह घर भता है उसका ओनर वहां भटकता है बाकी पूरी कहानी हमें नहीं पता वहां क्या हुआ था या वह क्या करता है हम सबको लगा कि यह बस एक झूठी कहानी है बस तभी ज
ोर से डोर नॉक हुआ सब बिल्कुल शांत हो गए कनक ने कहा अबे डरो मत यह हॉस्टल में होता रहता है कोई भी ड नॉक करके भाग जाता है किसी को मस्ती सूज रही होगी साहिल बोला पर भाई रात के 2 बज रहे हैं अच्छा रुको मैं देखता हूं सौरभ ने उसका हाथ पकड़ लिया बोला नहीं मत खोल मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा तभी सबने देखा कि सौरभ की कलाई पर नील पड़ गई थी उसकी कलाई प हाथों के निशान थे जैसे किसी ने बहुत जोर से उसका हाथ पकड़ा हो यह देख सबको थोड़ा-थोड़ा यकीन होने लगा था तभी फिर से डोर नॉक हुआ मुकेश बोला मैं देखता हूं उसने डोर खोला
तो वहां उसे कोई नहीं दिखा मुकेश बोला कौन है भाई यह साले बाजू के रूम वाले कल बताता हूं इनको सौर ने भी पलट के डोर की तरफ देखा और देखते चिल्लाने लगा बोला जल्दी बंद कर मुकेश जल्दी बंद कर दे दरवाजा और साहिल के पीछे छिपने लगा मुकेश एक पल को डर गया और डोर लगा दिया डोर लगाते ही बोला क्या हुआ चिल्लाया क्यों सौरभ बोला वहां वहां वही आदमी खड़ा था कनक ने बोला वो आदमी कौन उस घर वाला मुकेश बोला तू भाई तू बहुत डर गया है वहां कोई नहीं था पर सौरभ ने कहा नहीं मैंने देखा वहां एक आदमी खड़ा था वह वही होगा पर इस बार
इस बार वह पहले से बहुत डरावना दिख रहा था उसकी आंखें बिल्कुल सफेद थी उसका चेहरा उसके चेहरे में नीचे का जबड़ा नहीं था मुंह से खून टपक रहा था जैसे जैसे किसी ने उसका मुंह फाड़ दिया हो और उसकी पूरी बॉडी सड़ी हुई थी उसम मिट्टी लगी थी उसकी बदबू मुझे अभी तक आ रही है सौरभ इतना डर गया था कि वह बोलने लगा मुझे घर जाना है भाई भाई भाई मुझे जाने दो प्लीज मेरे साथ नीचे चलो मैं चला जाऊंगा प्लीज साहिल बोला शांत हो जा भाई अभी तुझे कोई बस नहीं मिलेगी सुबह चले जाना तू सो जा हम यही है तेरे साथ सौरभ भी सोने के लिए लेट
गया उसका बेड गेट के सामने ही था रात के तीन बज गए थे सौरभ सो रहा था और साहिल कनक मुकेश उसी के बारे में बात कर रहे थे कि तभी फिर से डोर नॉक हुआ इतना सुनना था कि सौरभ उठकर बैठ गया उसकी आंखें पूरी तरह से लाल हो गई थी जैसे उनमें खून उतर आया हो और धीमे-धीमे हंसना शुरू कर दिया उसकी हंसी बहुत डरावनी थी वो हसते हंसते अपने दांतों को खटखटा रहा था अब सबको साहिल से डर लगने लगा था फिर से डोर नॉक हुआ कनक बोला मैं दिखता हूं जैसे ही उसने डोर खोला बिल्डिंग की लाइट चली गई और कनक ने देखा डोर पर एक काले रंग की परछा
ई खड़ी है अंधेरे में सिर्फ उसकी आंखें दिख रही थी जैसे उनमें आग जल रही हो तभी कनक को जोर का एक थप्पड़ लगा और वह कमरे के दूसरे कोने में जाकर गिरा मुकेश ने अंधेरे में ही भाग के कमरे का दरवाजा लगा दिया साहिल ने मोबाइल का टॉर्च ऑन किया और कमरे में देखने लगा उसने देखा कनक एक कोने में बेहोश पड़ा था और मुकेश डोर के पास खड़ा था और सौरभ सौर अब वो बेड पर नहीं था व उसे कमरे में चारों तरफ देखने लगा पर व कहीं नहीं था मुकेश ने भी मोबाइल की लाइट ऑन की और कनक के पास गया और जोर-जोर से उसे हिलाने लगा कनक कनक भाई भ
ाई उठ जा कनक साहिल ने उसके चेहरे पर पानी डाला जिससे कनक को होश आया होश में आते ही वह रोने लगा और बस सॉरी सॉरी सॉरी बोल रहा था तभी साहिल बोला भाई लोग सौरभ रूम में नहीं है मुकेश बोला क्या कहां गया वो देख वॉशरूम में गया होगा साहिल बोला नहीं वो वहां भी नहीं है तभी मोबाइल की लाइट में मुकेश की नजर फ्लोर और दीवार पर गई उसने देखा फ्लोर पर मिट्टी और खून से सने हुए पैरों के निशान थे और दीवारों पर भी हाथों के निशान थे वह निशान दरवाजे से उसी बेड की तरफ जा रहे थे जहां सौरभ सोया था सबकी सिट्टी पिट्टी गुल हो ग
ई थी डर क्या था उनको समझ में आने लगा था रते हुए तीनों ने कमरे का दरवाजा खोला और देखा कि वह पैरों के निशान हॉस्टल की सीढ़ी से नीचे जा रहे थे अब तक डर के मारे तीनों का दिमाग काम करना बंद कर दिया था इन्होंने तुरंत पुलिस को फोन लगाया थोड़ी देर में में पुलिस वहां आई तब तक 4:00 बज रहे थे इन्होंने सारी बात बताई पहले तो पुलिस ने सोचा कि ये सब लड़कों की शरारत है पर फिर जब कमरे की हालत को देखा और सीढ़ियों पर बने पैर के निशान तो उन्हें भी लगा कि शायद कुछ तो बड़ी गड़बड़ हुई है तब तक हॉस्टल के बाकी सारे लड़क
े भी उठ गए थे पुलिस ने सबसे पहले सिक्योरिटी को बुलाया और पूछा कौन-कौन आया था सिक्योरिटी वाला बोला साहब मैं रात में 1:30 बजे तक तो यहां था तभी मैंने देखा कि एक लड़का भागते भागते अंदर गया मुझे लगा हॉस्टल का लड़का होगा फिर रात में बॉयज हॉस्टल में यह सब बहुत बदमासी करते हैं तो मैं ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसके बाद हॉस्टल के पीछे बने कमरे में जाकर सो गया मैंने बाकी कुछ भी नहीं देखा साहब मुझे नहीं पता क्या हुआ पुलिस ने वार्डन के बारे में पूछा तो पता चला य एक लोकल प्राइवेट हॉस्टल है और वर्डन यहां नहीं
रहता और ऐसे भी यहां कोई रूल्स रेगुलेशन भी नहीं है पुलिस को अब तक रात की सारी बात पता चल गई थी तो सबसे पहले वह उसी घर की तरफ बढ़ना स्टार्ट किए जहां से सब स्टार्ट हुआ था रास्ते में उन्हें रोड पर खून की निशान दिखे जैसे कोई किसी को रोड पर घसीटते हुए ले गया हो पुलिस को अब बहुत बुरा होने का आभास होने लगा था मुकेश कनक साहिल भी साथ में थे जब व उस घर पर पहुंचे तो देखा कि वह घर बिल्कुल से वीरान था चारों तरफ बड़ी बड़ी घास थी और मेन गेट पर ताला लगा था पुलिस ने ताला तोड़ा और दो कदारों को बोला जाकर चेक करो म
ुकेश कनक साहिल तो गेट से दूर ही खड़े थे अब तक उन्होंने जो कुछ भी सुना था आज वो उसे होता हुआ देख रहे थे तभी हवालदार चिल्लाकर बोला साहब जी जल्दी आइए यहां टॉयलेट में एक लड़का पड़ा है पुलिस ऑफिसर भी दौड़ के अंदर गया उसने देखा कि सौरभ वही टॉयलेट के अंदर पड़ा था उसके चेहरा खून से लथपथ हो गया था अभी उसकी सांसें चल रही थी पुलिस ने तुरंत ही एंबुलेंस को कॉल किया सौरभ को हॉस्पिटल में एडमिट किया गया पुलिस ने तीनों दोस्तों को भी सुबह पुलिस स्टेशन में आकर रिपोर्ट करने को कहा दो दिन हो गए सौरभ को होश नहीं आया
था एक्सरे में पता चला कि उसके एक पैर की हड्डी टूट गई है साथ ही उसके पूरे शरीर में बहुत चोट थी उसके मम्मी पापा भी गांव से आ गए थे तीसरे दिन रात में तकरीबन 2 बजे सौरभ उठकर बैठ गया उसकी आंखें पलट गई थी उनमें पुतलियां नहीं थी और फिर से व उसी तरह धीमे-धीमे हसने लगा साथ में अपने दांतों को किट किटामी और उसके भाई उसके बगल में ही बैठे थे यह देख के भाई और मम्मी के होश उड़ गए उसकी मम्मी समझ गई यह कोई ऊपरी चक्कर है डॉक्टर आए और उसे नींद की इंजेक्शन लगाकर सुला दिया ऐसा दो तीन दिन हुआ फिर एक दिन रात में जब सब
सो रहे थे तब वड बॉय ने देखा कि सौरभ हॉस्पिटल की गैलरी से होकर बाहर जा रहा था यह देख दो वड बॉय उसे जैसे तैसे पकड़ के वापस लाए और बेड पर लेटा दिया पैर टूटने के बाद भी वह चल रहा था सौरभ के घर वाले समझ गए थे कि अब बात हाथ से बाहर निकल रही है और हॉस्पिटल से कुछ नहीं होने वाला सौरभ की मम्मी ने दूसरे ही दिन एक बाबा को हॉस्पिटल बुलाया वह बाबा ऐसे तो एक अघोरी थे पर वह हमेशा से समाज में इस तरह के कामों में लोगों की मदद करते थे बाबा ने सौरभ को देखा और बोला कि इसे तो प्रेत बाधा हुई है यह दो प्रेतों के बस म
ें है वह घर जहां यह गया था वहां से ही यह प्रेत इसके ऊपर लगे हुए हैं सौरभ की मम्मी ने बोला बाबा दोदो प्रेत उस वक्त वहीं साहिल भी था पर वह सौरभ को देख के शर्म से नजरें नहीं उठा पा रहा था सौरव का भाई गुस्से से साहिल का कॉलर पकड़ के बोला क्यों किया तुम सबने यह सब क्या बिगाड़ा था बेचारे ने साहिल बोला हमें नहीं पता था भैया ऐसा कुछ हो जाएगा मेरे रूममेट ने तो सिर्फ एक मजाक किया था सबको लगा उस घर की कहानी झूठी है वहां कोई भूत उत नहीं है पर नहीं पता था ऐसा कुछ हो जाएगा इस पर वह बाबा बोले मजाक तुम सबके मजा
क के कारण आज इसकी जान खतरे में है बाबा ने बताया कई साल पहले जब यहां इके दुख के ही घर हुआ करते थे तब से यह घर यहां पर है उस घर में एक आदमी अपने परिवार के साथ रहता था उसने कहीं से तांत्रिक क्रिया को सीखा और दिन रात बस उसी में लगा रहता अपनी तांत्रिक क्रिया से उसने एक प्रेत को अपना गुलाम बना रखा था जो हमेशा उसके साथ रहता था व आदमी तांत्रिक क्रिया में इतना पागल हो गया था कि उसने अपने ही बेटे और पत्नी की बली चढ़ा दी और उन्हें उस घर के उसी बागान में गाड़ दिया कुछ दिन बाद वह आदमी भी उसी टॉयलेट में मरा प
ड़ा मिला तब से वह आदमी और उसका प्रेत उस घर में भटकते रहते हैं बाबा ने बोला मैं इसका उतारा तो कर सकता हूं पर बहुत खतरा है आप सब सोच के बताइए ऐसे हमारे पास कोई और रास्ता नहीं है बहुत सोचने के बाद सौरभ के घर वाले मान गए सौरभ को बाबा के आश्रम ले जाने को तैयार हो गए पहले तो सौरभ वहां जाने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं था पर बाबा ने पहले ही बताया था यह दोनों प्रेत इतनी आसानी से मेरे आश्रम तक इसको नहीं आने देंगे पर आपको अपना दिल पत्थर का करके इसे लाना ही होगा जिस दिन उसे बाबा के आश्रम में ले जा रहे थे स
ौर बार-बार अपने दांत खटखटा और हंसते हुए अपने हाथ की उंगलियां तोड़ देता यह देख सौरभ के घर वाले बहुत रोते उसने अपने चेहरे को नाखूनों से नोच दिया था और अपने हाथ की नाखूनों को दांत से उखाड़ दिया था दर्द होता था फिर भी हंसने लगता जैसे तैसे उसके परिवार वाले उसे बाबा के आश्रम तक लेकर गए वहां उसका 15 दिन तक इलाज चला तब जाकर वह दोनों प्रेतों ने उसका पीछा छोड़ा इसके बाद सौरव एक महीने तक हॉस्पिटल में एडमिट रहा जब वह ठीक हुआ उसके बाद उसके घर वाले उसे तुरंत ही गांव ले गए और वह कभी वापस भोपाल नहीं आया उसकी पढ
़ाई हमेशा के लिए छोड़ गई और एक मजाक ने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी आज के लिए बस इतना ही दोस्तों मुझे जरूर बताइएगा ये कहानी आपको कैसी लगी क्या आप जाना चाहेंगे उस घर में फ्रेंड्स अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी है तो प्लीज इस वीडियो को लाइक कीजिए और मेरे चैनल को सब्सक्राइब कीजिए फिर मिलते हैं एक नई कहानी के साथ थैंक [हंसी] यू

Comments

@TheDeepDarkTales

Har Har Mahadev guys...

@TarunSharma-ik7ds

Bahut achi Story hai..

@riyaverma8594

Nice story