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10 hours ago

फोर्स मैरिज विद डेविल एपिसोड 29 पिछले एपिसोड में हमने देखा वानी और मीरा दोनों बेबीज को खिला रही थी तभी वाणी मीरा से पूछती है हमारा प्लान कैसा चल रहा है मीरा मुस्कुराते हुए बोली हमारा तीर सही निशाने पर लगा है जिसे सुन वाणी के चेहरे पर रहस्यमई मुस्कान आ गई दूसरी ओर जयपुर में राणा मेंशन में हुकुम सा हमें उस लड़की का पता चल चुका है आदमी ने इतना कहा ही था कि वहां गोली चलने की आवाज आई वही आदमी जिसने अभी थोड़ी देर पहले बात की थी वह जमीन पर मरा पड़ा था जिसे देख वहां सभी लोग डर चुके थे तभी यह खतरनाक आवाज
सबको अपने कानों में सुखना दी वह जयपुर की होने वाली हुकम रानी साह खबरदार जो आज के वत किसी ने उसका नाम लिया या उसे लड़की कहा यह अभय राना था जयपुर के हुकुम सा उम्र 28 साल 6 फुट 5 इंच हाइट सांवला रंग लेकिन चेहरे पर अलग ही तेज जो किसी को भी उससे डराने पर मजबूर कर दे गठीला बदन उसका गुस्सा हमेशा उसकी नाक पर रहता था अभय राणा की होने वाली पत्नी है वो अभय गुस्से में बोला जिसे सुन वहां सभी की बोलती बंद हो गई वई अभय के सामने एक बूढे बुजुर्ग जिनकी उम्र 60 साल थी वो सोफे पर गुस्से में अभय को देख रहे थे यह अभ
य के काका सा विपिन राणा थे उन्हें अभय पर गुस्सा आ रहा था लेकिन वह कुछ भी नहीं बोले अबै के जाने के बाद सोफे पर बैठे आदमी ने गुस्से में कहा इसका दिमाग घास चढ़ने गया है जो अभी भी इसे समझ नहीं आ रहा जिस लड़की को यह पाना चाहता है वह पहले से शादीशुदा है और अब तो बच्चों की मां आदमी ने आवाज की तरफ देखा तो दरवाजे से 25 साल सुंदर लड़की अंदर आ रही थी जिसे देख विपिन राणा के चेहरे पर मुस्कान आ गई वह बोले आओ नित्या आओ लड़की जिसने सिंपल अनारकली सलवार सूट पहन रखा था वो दिखने में सुंदर थी उसका स्वभाव शांत था लड़
की मुस्कुरा करर विपिन जी के पास गई और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेते हुए बोली प्रणाम छोटी हुकुम विपिन जी मुस्कुराकर नित्या के सर पर हाथ रख के उसे कहते हैं खुश रहो बेटा बैठो इतना कहकर वो नित्या को अपने बगल में बिठा लेते हैं विपिन ने नित्या से बोला आज सुबह-सुबह यहां कैसे आना हुआ नित्या मुस्कुरा कर बोली छोटे हुकुम आपको तो पता है कि हमारे यहां आने की वजह इतना कहकर नित्य जिस तरफ अभय गया था उस तरफ देखने लगी उसके चेहरे पर उदासी भरे भाव थे जिसे देख विपिन जी उसके लिए बुरा लग रहा था दरअसल नित्या शुरू से ही अ
भय को पसंद करती थी लेकिन अभय ने कभी भी उस पर ध्यान ही नहीं दिया नित्या को उदास देख विपिन ने उसे समझाते हुए बोला बेटा एक दिन सब ठीक हो जाएगा नित्या ने अपना सर हां में हिलाया तभी नित्या को कुछ याद आया उसने अपने सर पर टपली मारी और खुद से बोली अरे हम भी ना भुलक्कड़ हो गए हैं जिस काम के लिए आए थे वह तो बताना ही भूल गए नित्या आगे विपिन जी से बोली हम आपको यह बताने आए थे कि कल हमें मुंबई जाना है नित्या की बात सुन विपिन जी उसे सवालिया नजरों से देखते हुए बोले आप मुंबई क्यों जा रही हैं नित्या अपने चेहरे पर
मुस्कान लिए बोली कल वाणी के बच्चों का नामकरण है इसलिए वहां पूजा रखी गई है और पार्टी भी जिसमें हमें और आपको भी बुलाया है विपिन जी बोले लेकिन वह लोग मुंबई में यह सब क्यों कर रहे हैं जोधपुर भी तो आ सकते हैं ना नित्या बोली हमें इस बारे में नहीं पता लेकिन हां साशी ने हमसे कहा था कि हम आपको भी इस बारे में बता दें और इतना कहकर नित्या चुप हो गई और अभय को सही कहा ना हमने विपिन जी वाणी की बात को पूरा करते हुए बोले नित्या अपना सर हां में हिला देती है तो विपिन जी बोले उसे बताने की कोई जरूरत नहीं है आप जानत
ी हैं वह कैसे हैं और अगर उन्हें इस बारे में पता चला तो फिर पता नहीं वह क्या करेंगे हमें तो आज भी अपनी गलती पर पछतावा हो रहा है कि आखिर हमने छोटे में अब की बात क्यों नहीं अगर हम तब उसकी बात मान लेते तो आज वह ऐसे नहीं होते कहते हुए विपिन जी उदास हो गए नित्य उन्हें समझाते हुए बोली सब ठीक हो जाएगा विपिन जी बोले हां ऐसा ही हो और अब व वाणी को भूल जाए वरना कहीं ऐसा ना हो उसके जुनून के चलते उसकी और वाणी की बचपन की दोस्ती भी ना टूट जाए नित्या बोली ऐसा कभी नहीं होगा छोटे हुकम अच्छा ठीक है अब हम चलते हैं ह
में कल के लिए तैयारी भी करनी है इतना कहकर नित्या वहां से चली गई नित्या के जाने के बाद विपिन जी को सोचते हुए खुद से बोले हम नहीं चाहते अभय की गलती के कारण उस बच्ची का घर टूटे इसलिए हमें कैसे भी उसको अभय को समझाना होगा मुझे पता है आपको कहानी में कई सारे कंफ्यूजन होंगे तो उन्हें क्लियर करने के लिए हम कुछ पुरानी बातें जान लेते हैं दरअसल वाणी साक्षी अभय नित्या और रूही सभी बचपन के दोस्त हैं वाणी की मुलाकात अभय से साशी के जन्मदिन पर हुई थी तब वाणी 6 साल की थी हालांकि अभय उन सबसे बड़ा था लेकिन फिर भी उस
की सबसे अच्छी दोस्त थी उसके बाद वोह भी छोटा बच्चा बन जाता था अब अब बात करते हैं नित्या की तो वह राणा महल में मुनीम जी की बेटी थी जो कि पूरे महल की देखरेख के साथ कंपनी के सभी जानकारी रखते थे जैसे मैनेजर नित्या उनकी ही बेटी थी लेकिन राणा परिवार में सभी उसे अपने घर की बेटी ही मानते थे वाणी साशी नित्या और अभय सभी का बचपन एक साथ बीता और वहीं अभय भी वाणी को पसंद करने लगा लेकिन वाणी उसे सिर्फ अपना अच्छा दोस्त मानती थी जिससे वोह अपने सुख दुख शेयर करती थी वहीं नित्या भी चोरी छुपे अभय को प्यार करने लगी थी
उसकी खबर किसी को नहीं थी जब अभय 18 साल का हुआ तब किसी ने उसके परिवार पर हमला कर दिया और उस हमले में अभय का सारा परिवार खत्म हो गया सिर्फ विपिन जी और अभय जी जिंदा बचे इसलिए विपिन जी ने अभय की सुरक्षा के लिए उसे जबरदस्ती फौरन भेज दिया जिसके बाद वह 10 साल बाद इंडिया वापस आया जहां पहुंचते ही उसे वाणी की शादी के बारे में पता चला कि जोधपुर के राजकुवर ने वाणी से जबरदस्ती शादी कर ली तभी से वह वाणी को वहां से छुड़ाकर अपने साथ लाने की कोशिश कर रहा है अगर अभय को वाणी और आकाश के प्यार के बारे में पता होता
तो शायद वह ऐसा नहीं करता क्योंकि उसे लग रहा है कि आकाश उसे जबरदस्ती अपने साथ रख रहा है विपिन जी कुछ देर तक सोचने के बाद अपना फोन निकालकर किसी को कॉल करके कहते हैं कल हम मुंबई जा रहे हैं लेकिन इस बारे में हुकुम साह को पता नहीं चलना चाहिए इतना कहकर उन्होंने कॉल काट दिया उसके बाद वह अपने कमरे में चले गए लेकिन कोई था जो शुरू से पिलर के पीछे छुपकर उनकी बातें सुन रहा था विपिन जी के जाने के बाद वह भी चला गया दूसरी ओर मुंबई में वाणी और आकाश दोनों ही अपनी बेबीज को गोद में लिए उन्हें खिला रहे थे उनके अलाव
ा कमरे में अमन रूही और मीरा भी थे आदि और सोम ऑफिस गए हुए थे वहीं आकाश अपना काम घर से कर रहा था क्योंकि उसे अपनी प्यारी बीवी और बच्चों को अकेला छोड़ने का बिल्कुल भी मन नहीं था आकाश अपनी गोद में प्रिंसेस को लिए बोला कल हमारी प्रिंसेस का नामकरण होगा जिसे सुन प्रिंसेस खिलखिला करर हंस दी वाणी बोली मिस्टर पति देव आप भूल रहे हैं कि कल हमारे प्रिंस के साथ हमारे प्रिंस का भी नामकरण है आप उसे भूल नहीं सकते जिस पर आकाश को चिड़ाते हुए बोला हां तो जिसे सुन वाणी आकाश को घूर कर देखने लगी वाणी बोली यह भी आपका ह
ी बेटा है आकाश बोला तो हमने कब मना किया इतना कहकर वो दोबारा से प्रिंसेस को खिलाने लगे जिसे देख वहां बैठे अमन और रूही हंसने लगे तभी अमन बोला भाभी आप बुरा मत मानना लेकिन भाई को देखकर लगता है वो अपना सारा प्यार हमारी क्यूटी पर लुटाने वाले हैं आखिर वह पापा की परी जो है जिस पर रूही नीचे से बोल बड़ी तो मेरा प्रिंस चार्मिंग भी किसी से कम नहीं है समझे हां सही कहा वो अपनी मां का मगरमच रूही को चढ़ाते हुए अमन बोला अब रूही और वाणी अमन को गुस्से में देखने लगी लेकिन उसके अलावा कोई और भी था जो अमन को खा जाने व
ाली नजरों से देख रहा था जी वो आकाश नहीं हमारे छोटे प्रिंस चार्मिंग थे आकाश जो प्रिंस को गोद में लिए बैठा था जब उसकी नजर अपने बेटे पर गई तो उसकी आंखें छोटी हो गई वहीं आकाश की नजरों का पीछा करते हुए सबने चुन्नू जी को देखा जिसे देख सबकी आंखें हैरानी से बड़ी हो गई वाणी चुन्नू को देखते हुए आकाश से बोली यह बिल्कुल आप पर गया है देखो कैसे अमन भैया को घूर कर देख रहा है दरअसल जब अमन चुन्नू की मां को मां का मगरमच्छ बोला तो चुन्नू को यह बात सुनकर अच्छी नहीं लगी और वह अमन को अपनी छोटी-छोटी चिमटी मा की आंखों
से छोटा सा घूर कर देखने लगा जैसे सबका बस चलता तो वह अभी उठकर अपने चाचू को पीट देता अमन ने चुन्नू को देखा और बोला ओए ऐसे क्या देख रहे हो भले ही तुम्हारी आंखें भाई के जैसी हो लेकिन मैं तुमसे डरने नहीं वाला लेकिन चुन्नू ठहरा आकाश का सेकंड वर्जन वो कहां मानने वाला था उसने फिर एक नजर आकाश को देखा जैसे कह रहा हो यहां आपकी बे की बुराई पर बुराई हो रही है और आप चुपचाप सुन रहे हैं आकाश उसकी बात को समझ उसने प्रिंस को वाणी को गोद में दिया और चुन्नू को अपनी गोद में उठा लिया चुन्नू जैसे ही आकाश की गोद में आया
उसने रोना शुरू कर दिया वो इतनी जोर से रोया कि अमन के कानों में दर्द होने लगा वहीं आकाश उसे शांत कराने की कोशिश कर रहा था लेकिन वो था कि शांत होने का नाम भी नहीं ले रहा था जिसे देख आकाश के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आई तभी वाणी प्रिंसेस को रूही की गोद में उठाकर देते चुन्नू को लेकर आकाश को टते हुए कहती देखिए क्या कर दिया आपने बेचारे हमारे मासूम से बच्चे को रुला दिया मण आकाश को डांट रही थी जिसे सुन आकाश का मुंह बन गया वहीं आकाश को डांट पढ़ते देख हमारे चुन्नू जी भी चुप हो गए और खिला खिल खिलाकर हं
सने लगे जिसे देख आकाश अमन के साथ रूही की भी आंखें फटी रह गई तभी अमान अपने मन में बोला ओ मैया जी ये कल का आया चूजा तो बड़ा चंट निकला बे क्या नाटक किया भाई को भाभी से डांट पड़वा दी अब तो इससे बचकर रहना पड़ेगा आकाश भी उसे घूर रहा था वो अपने मन में बोला यह सच में मेरा ही बेटा है है ना फिर खुद ही बोला लेकिन इसकी हरकतें इसकी मां जैसी हैं मां का चमचा वहीं चुन्नू भी आकाश को देख रहा था जैसे कह रहा हो माय मॉम इज बेस्ट चुन्नू को देख बोला यह अभी से इतना ड्रामेबाज है पता नहीं बड़ा होकर क्या करेगा अपने बेटे क
े लिए ड्रामेबाज सुन वाणी आकाश को घूर कर देखने लग वाणी आकाश से बोली खबरदार जो हमारे चांद जैसे बेटे को ड्रामेबाज कहा तू हां मैं तो भूल ही गया था वो तो छोटा ड्रामेबाज है और तुम बड़ी वाणी की बात को बीच में काटते हुए आकाश बोला जिसे सुन वाणी चुड़ गई वहीं बाकी सब उन दोनों की नोक झोक देख हंस रहे थे जब आकाश ने सबको अपने ऊपर हंसते देखा तो गुस्से में बोला तुम सब लोगों से कुछ ज्यादा ही दांत नहीं निकल रहे आकाश को गुस्से में देख वहां सभी की बोलती बंद हो गई अमन चुपके से रूही और मीरा को इशारा करता है और इशारा प
ाकर दोनों दोनों चुपचाप कमरे से बाहर निकल गई उनके पीछे-पीछे अमन भी नौ दो 11 हो गया उसके जाने के बाद आकाशवाणी से बोला तुम आराम करो मैं बच्चों के पास हूं वाणी अपना सर हां में हिलाती है उसके बाद वाणी बेड पर लेट गई और लेटे हुए आकाश को देखने लगी जो ब से बात कर रहा था आकाश का ऐसा रूप वाणी ने पहली बार देखा था जो वाणी को बहुत अच्छा लगा वाणी आकाश को देख मुस्कुराते हुए अपने मन में बोली काश आप हमेशा ही ऐसे रहते हमारे बच्चों की क्यूट डैडी बनकर वाणी तो बस आकाश के चेहरे की मुस्कान देख रही थी जिसे देख उसका दिल
जोरों से धड़कने लगा वहीं आकाश को अपने ऊपर किसी की आंखों की तपिश महसूस हुई तो उसने अपना सर उठाकर वाणी की तरफ देखा जो उसे ही देखकर मुस्कुराई जा रही थी आकाश वाणी से बोला ऐसे मत देखो वरना लूज माय कंट्रोल और उसके बाद मैं तुम्हें खाऊंगा जिसे सुन वाणी का मुंह खुला रह गया वाणी आकाश को देखते हुए अपने मन में बोली कितने बेशर्म है यह कुछ तो शर्म करिए अब आप दो बच्चों के बाप हैं वाणी आकाश से बोली आकाश शरारती अंदाज में वाणी को छेड़ते हुए बोला अगर तुम कहो तो दो के चार भी हो सकते हैं फिर हमारे बच्चों को कंपनी दे
ने में उनके छोटे भाई बहन भी होंगे क्या कहती हो इतना कहकर आकाश ने वाणी को आंख मार दी वाणी का चेहरा शर्म से लाल टमाटर हो चुका था वाणी जल्दी से बोली अभी पहले इन दोनों को तो संभाले उसके बाद आगे का सपना देखना आकाश बोला सपने देखने में क्या जाता है उसने वाणी को एक नजर देखा उसे परेशान करते हुए बोला वैसे मेरा प्लान तो पूरी क्रिकेट टीम बनाने का है लेकिन क्रिकेट टीम तैयार करने में उसमें मैच खेलना है क्या आकाश की बात को काटते हुए वाणी बोली आकाश बोला नहीं उसका प्लान तो नहीं था लेकिन अगर तुम चाहो तो हम वो भी
कर सकते हैं क्या कहती हो चुन्नू की मम्मी वाणी को तो अपना मुंह खोले अपने बेशर्म पति को देख रही थी जिसकी बेशर्मी भरी दिन बदन भरती जा रही थी वाणी आकाश से बोली आप दिन बदन और बेशर्म होते जा रहे हैं आकाश उठकर वाणी के पास आया और उसके ऊपर झुककर बोला अजी आपके लिए तो हम कुछ भी बनने के लिए तैयार हैं फिर बेशर्म क्या चीज है इतना कहकर आकाश वाणी के ऊपर झुकने लगा आकाश को अपने करीब देख वाणी की हार्ट बीट फास्ट हो गई वानी ने कस के अपनी आंखें बंद कर ली जिसे देख आकाश के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई आकाश जैसे ही वानी क
े होठों को छूने वाला था वैसे ही हमारे चुन्नू जी ने रोना शुरू कर दिया जिसे सुन आकाश की आंखें गुस्से में बंद हो गई वो अपने ही बच्चों के कारण बेवस था वहीं चुन्नू के रोने की आवाज सुन वाणी आकाश को अपने ऊपर से धक्का देकर अपने लाडले बेटे को अपनी गोद में उछा लेती है वहीं आकाश के रोमांस का पूरा मूड खराब हो चुका था मान की गोद में जाते ही चुन्नू शांत हो गया जिसे देख आकाश उसे घूर कर देखने लगा आकाश अपने मन में बोला यह कबाब में हड्डी जरूर यह जानबूझकर रोया है इसने मेरी खुशी देखी नहीं जाती कहते हुए आकाश का मुंह
बन गया था वहीं चुन्नू तो आकाश की शकल देख उसके फुल मजे ले रहा था अब यहां बाप बेटे में वाणी के लिए जंग छेड़ने वाली थी आकाश चुन्नू को देखते हुए बोला बेटा एक बार तुम बड़े हो जाओ फिर देखना मैं तुमसे अपना बदला कैसे लूंगा वहीं चुन्नू जी भी आकाश को किलर लुक देते हैं जैसे कह रहे हो तब की तब देखी जाएगी फिलहाल अभी तो मेरी ही चलने वाली है आकाश ने लाचारी से अपना सर हिलाया और प्रिंसेस को देखते हुए बोला एक आप ही हैं जिन्हें अपनी डैडी की फिक्र रहती है इसे सुन प्रिंसेस हंस दी रात में रघुवंशी पैलेस में सभी लोग ए
क साथ बैठकर डिनर कर रहे थे वहीं तनु का तो अलग ही सीन चल रहा था तनु जो कि रोनित के बगल में बैठी थी वो टेबल के नीचे से अपने पैर से रोनित के पैर को रब कर रही थी जिससे रोनित को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था गुस्से में उसने अपनी मुट्ठिना कस ली रोनित जैसे ही तनु को कुछ कहने वाला था उससे पहले ही आदि बोला नामकरण संस्कार की तैयारी हो चुकी है और कुछ खास मेहमान कल आ जाएंगे और बाकी के पार्टी में निर्मला जी कंफ्यूज होकर बोली खास मेहमान आदि रहस्यमई मुस्कान के साथ बोला वो तो आपको कल ही पता चलेगा तनू रौनित के पैर
पर रप कर रही थी रौनित से मुश्किल से एक निवाला अपने गले से उतारा था उसने बड़ी मुश्किल से अपना गुस्सा कंट्रोल किया कहीं उसके गुस्से की वजह से उसका प्लान ना खराब हो जाए रोनित के चेहरे प बदलते एक्सप्रेशन देख अमन आदि और सोम की हंसी आ रही थी तीनों मन ही मन उसकी मजबूरी पर हंस रहे थे जब रोनित ने तीनों को अपने ऊपर हंसते देखा तो उसने उन पर बहुत गुस्सा आया तीनों को देखते हुए रोनित अपने मन में बोला हंस लो बेटा अभी जितना हंसना है क्योंकि बहुत जल्द मैं तुमसे इसका बदला लूंगा कहते हुए उसके चेहरे पर शातिर मुस्का
न थी जैसे वह कोई प्लान सोच रहा हो डिनर करने के बाद जब अपने-अपने कमरे में चले गए साशी का आठवां महीना चल रहा था इसलिए वह ज्यादातर अपने कमरे में ही रहती थी क्योंकि डॉक्टर ने उसे बै ड्रेस करने को कहा था हालांकि वह किसी बात की मानती नहीं थी लेकिन फिर भी उसे मानना पड़ा अमन कमरे में आया उसने देखा साशी बेड पर बैठकर आराम से चॉकलेट खा रही थी जिसे देख अमन की आंखें छोटी हो गई वो जल्दी से साशी के पास आया और उसके हाथ से चॉकलेट छीन हुए बोला ये क्या है बेबी डॉक्टर ने तुम्हें ज्यादा मीठ खाने से मना किया है ना फि
र भी तुम अमन को गुस्से में देख साशी अपना मासूम सा चेहरा बनाकर बोली हम यह खुद थोड़ी ना खा रहे थे वो तो हमारे बेबी को चॉकलेट खानी थी इसलिए हम इसे खिला रहे थे इतना कहकर साशी अमन को अपनी बत्ती सी दिखाने लगी अमन घूर कर साशी को देखता है वो साशी से बोला बेबी को चॉकलेट खानी है इस पर साशी ने मासूम सा चेहरा बनाकर हां में सर हिला दिया तो अमन बोला अच्छा तो बेबी ने तुम्हें कैसे बताया कि उसे चॉकलेट खानी है जिसे सुन साशी की आंखों में चमक आ गई वो अमन का हाथ पकड़कर जल्दी से उसे बेड पर बिठाते हुए कहती अगर हमने आप
को बताया तो आप हमें चॉकलेट खाने देंगे अमन पहले तो व साशी को घूरता है फिर अपना सर हां में हिला देता है अमन की हां सुनते ही साशी अमन का हाथ पकड़ अपने फूले पेट पर रख देती है फिर अपने पेट को देख बोली बेबी आपको चॉकलेट खानी है साशी का इतना कहना था कि पेट के अंदर से बेबी ने किक मारी जिसके ऐसा करते ही अमन के चेहरे पर बड़ी वाली मुस्कान आ गई वो चकते हुए अमन से बोली देख लिया आपने अब चलिए जल्दी से हमारी चॉकलेट वापस दीजिए अमन इससे पहले नजर साशी को देखता है फिर उसके पेट को अमन बोला बेबी चॉकलेट आपकी हेल्थ के ल
िए अच्छी नहीं है जिस पर बेबी फिर से किक मारता है तो साशी जल्दी से कहती बेबी कह रहा है उसे कुछ नहीं होगा अमन साशी की तरफ देखकर बोला आपको कैसे पता क्योंकि हम उसकी मां हैं साशी ने भी इसी लहजे में जवाब दिया और अमन के हाथ से चॉकलेट छीनकर खाने लग जिसे देख अमन अपना सर ना गवाही में हिलाते हुए धीमी आवाज में बोला इसका कुछ नहीं हो सकता जिसे साशी ने सुन लिया वो अमन को खा जाने वाली नजरों से घूरते हुए बोली आपने कुछ कहा अमन जल्दी से बोला नहीं नहीं मैंने कहां कुछ कहा वह आजकल तुम्हारे कान कुछ ज्यादा ही बज रहे है
ं इस पर साशी अमन को घूरती है तो बात को बदलते हुए अमन बोला परसों बच्चे का नामकरण है कुछ देर चुप रहकर अमन बोला लेकिन आप वहां नहीं जाएंगे जिसे सुन साशी का मुंह खुला रह गया वो अमन पर गुस्सा करके बोली क्यों हम क्यों नहीं जाएंगे अमन साशी को समझाते हुए बोला आपकी तबीयत ठीक नहीं है हम नहीं चाहते कि वाणी भाभी के साथ जो हुआ आपके साथ भी हो और सिर्फ हमारा नहीं बल्कि घर वालों का भी यही फैसला है जिसे आपको मानना पड़ेगा जिसे सुन साशी उदास हो गई साशी रोनी सूरत बना के अमन से बोली लेकिन हमें भी वहां जाना है नीचे सब
लोग मस्ती करेंगे और हम अकेले कमरे में नहीं साशी अमन का हाथ पकड़ कर बोली आप मां से बात करिए ना देखिए हम चुपचाप एक जगह प बैठे रहेंगे लेकिन प्लीज हमें भी पूजा में ले चलिए हमने कभी तक हमारे प्यारे क्यूट भांजो भांजी को नहीं देखा साशी को उदास देख अमन को भी बुरा लग रहा था लेकिन वो इससे कुछ नहीं कर सकता था क्योंकि यह उसकी ओर से उसके बच्चे की सेफ्टी के लिए ही था अमन को अपनी बात ना मानते देख साशी उससे गुस्सा होकर बेड पर अपना मुंह दूसरी तरफ करके लेट गई साशी अपने मन में बोली आप चाहे कुछ भी बोले लेकिन मैं न
ामकरण संस्कार में आऊंगी इतना कहकर वो कुछ सोचने लगी इतना बोलकर साशी सो गई दूसरी ओर सोम के रूम में सोम और मीरा बैठ पर लेटे थे नीरा सोम को बाहों में थी वहीं सोम उसके सर को सहला रहा था कमरे में खामोशी छाई थी तभी खामोशी को चीरते हुए मीरा बोली आकाश भैया वाणु की कितनी केयर करते हैं हमेशा उसके साथ रहते हैं सोम बोला हां मीरा को सोच कर सोम की तरफ देखकर बोली जब हमारे बच्चे होंगे तब आप भी मेरी ऐसे ही केयर करोगे सोम जो पहले से ही किसी गहरी सोच में डूबा था मीरा की बात सुन उसकी नजर मीरा पर चली गई जो अपनी चमकती
आंखों से सोम को देख रही थी सोम मीरा के माथे पर किस करके बोला भला यह भी कोई पूछने वाली बात है तुम और हमारा बच्चा मेरी पहली प्रायोरिटी है जिसे सुन मीरा की मुस्कान बड़ी हो गई मीरा जानती थी कि सो मुझसे बहुत प्यार करता है मीरा को मुस्कुराता देख सोम बोला अब बहुत हुआ चलो जल्दी से सो जाओ इस पर मीरा छोटे बच्चों जैसे मुंह बनाक कर बोली नहीं अभी नहीं अभी हमें नींद नहीं आ रही जिसे सुन सोम के चेहरे पर शैतानी मुस्कान आ गई सोम मीरा को देखकर बोला ठीक है तो फिर क्यों ना हम दोनों भी हमारे बच्चों का प्लान करें उसक
े साथ थोड़ा हमारा रोमांस भी हो जाएगा क्या कहती हो इतना कहकर सोम मीरा को आंख मार देता है सोम की बात सुनकर मीरा के गाल शर्म से लाल टमाटर जैसे हो गए जिसे देख सोम मीरा को टीज करते हुए बोला तुम तो सुनने बस इतना शर्मा गई तब क्या होगा जब हमारे साथ प्यार करूंगा मीरा सोम के सीने पर अपने नन्हे हाथों से मारते हुए बोली आप ना सच में बहुत बड़े वाले बेश्रम है जैसे हमें आपसे बात ही नहीं करनी है कहकर मीरा बेड पर दूसरी तरफ अपना मुंह करके लेट गई जिसका दिल जोरों से धड़क रहा था जैसे अभी बाहर निकल जाएगा मीरा जैसे तैस
े करके खुद को कंट्रोल करती है मीरा को शर्माते देख सोम के एक्सप्रेशनलेस चेहरे पर मुस्कान आ गई सोम मीरा को उसकी कमर से पकड़कर खुद से सटा कर बोला अजी अभी हमारी बेशर्मी देखी कहां है कहकर सोम अपने होठों को मीरा की गर्दन पर रख कस किस करने लगा सो मीरा की गर्दन के साथ उसके कान को भी किस कर रहा था उसके बाद दोनों एक-एक करके प्यार में डूब गए आखिर हमारी मीरा को भी माजो बनना था दो दिन बाद रघुवंशी पैलेस में आज रघुवंशी पैलेस में चारों तरफ चहल-पहल मची हुई थी क्योंकि आज बच्चों का नामकरण जो होना था इसलिए आज पैलेस
में पूजा रखी गई थी महल के सारे नौकर काम करने में लगे हुए थे पूरे पैलेस को फूलों और लाइटों के साथ बलून से सजाया गया था वहीं कुछ पंडित जी मिलकर पूजा की तैयारी कर रहे थे जो कि दोपहर के होने वाली थी जिसके बाद शाम को पार्ट पार्टी रखी गई जिसमें सभी रिश्तेदारों के अलावा बिजनेसमैन बड़े-बड़े नेता और बॉलीवुड की बड़ी-बड़ी हस्तियों को भी बुलाया गया था वहीं सुबह से ही न्यूज़ रिपोर्टर्स पैलेस के बाहर अपने अपना कैमरा लेकर न्यूज़ कवर करने की कोशिश कर रहे थे आखिर करें भी क्यों ना आज इंडिया के किंग और एयर एंटरप्
राइजेस का साथ जोधपुर के राजकुमार और राजकुमारी का नामकरण जो था जिस होशी में रघुवंशी ने ग्रेट ग्रैंड पार्टी रखी थी ताकि वह सबको बता सके कि उनके वारिस आ चुका है मीडिया वाले हर कोशिश कर रहे थे अंदर जाने की लेकिन उनकी सारी कोशिश बेकार रह जाती सिक्योरिटी गार्ड के कारण कोई भी अंदर नहीं जा पाता वहीं महल में रूही कुछ नौकरों से कह रही थी आज किसी भी चीज की कोई कमी नहीं होनी चाहिए अगर ऐसा हुआ तो फिर मैं इतने बोलकर वो बोल पाई थी कि उससे पहले ही पीछे से आवाज आई अरे मेरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस कितना स्ट्रेस लो गी
शांत हो जाओ पूरी तैयारियां अच्छे से हो गई हैं यह आदि था आदि आगे आते हुए नौकरों को जाने का इशारा करता है जिसके मिलते ही सारे नौकर वहां से ऐसे गायब हुए जैसे गधे के सर से सीं आखिर बेचारे हो भी क्यों ना रूही उनसे एक ही सवाल को बार-बार पूछती और उन्हें सख्त हिदायत देती आदि रूही के पास आकर उसे अपनी बाहों में भरकर खड़ा हो गया आदि रूही से बोला बेबी इतना स्ट्रेस तुम्हारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है सो बी गुड रूही बोली क्यों ना ले हम टेंशन आज हमारे प्रिंस चार्मिंग का नामकरण है लेकिन आपको क्या आपको तो बस मीठ
ी-मीठी बातें करा लो आप तो आपसे होगा नहीं इसलिए किसी और को तो काम करना पड़ेगा ना रूही की बात सुन आदि उसे अपनी आंखें छोटी कर कर घूर कर देखता है आदि बोला तुम्हें क्या मैं फालतू दिखता हूं मैंने ऐसा कब कहा मैंने तो यह कहा कि आप मीठी बातें करते हो आदी की बात को काटते हुए रूही बोली फिर जल्दी से अपने आदी को दांत दिखा दिए क्योंकि वह जानती थी कि आदी उसकी बात से छिड़ गया रूही को देखते हुए आदी अपने मन में बोला इस लड़की को बातों में बनाना बखूबी आता है तभी रूही आदी से खुद को छुड़ाते हुए बोली अच्छा अब छोड़िए ह
में हमें जाकर हमारे प्रिंस चामिन को देखना है वह तैयार हुआ या नहीं रूही जो आदी से लगभग छूट ही चुकी थी रुई की बात सुन आदी ने उसे फिर से अपनी बाहों में जल लिया और बोला बेबी उसे प्रिंस शाम कहना बंद करो बिकॉज योर प्रिंस चार्मिंग इज जस्ट मी आदि आगे अपने मन में बोला वो आकाश और वाणी का नन्हा शैतान है जो कि मेरी जिंदगी में शनि बनकर आया है जब से वोह आया है मैं अपनी बीवी के साथ रोमांस ही नहीं कर पाया साला रोमांस करना चलो तो चुन्नू का बहाना बनाकर भाग जाती है कहते हुए आदि अजीब अजीब से मुंह बना रहे थे आदि के
छोटे बच्चे से जेलस होते देख रुई के चेहरे पर छोटी मुस्कान आ गई जिसे छुपाते हुए रूही जल्दी से बोली आप चार दिन के बच्चे से जेलस हो रहे हैं आदि तपाक से बोला मैं मैं ने कब कहा है जेलस हो रहा हूं वहीं रूही को आदी की हरकतें देख मन ही मन हंसी आ रही थी रूही अपनी हंसी को रोकते हुए आदी से बोली अच्छा ठीक है अब हमें जाने दीजिए हमें अभी हमारे प्रिंस चार्मिंग के लिए कपड़े भी डिसाइड करने हैं आफ्टर ऑल हमारा फर्ज बनता है कि हमारा प्रिंस चार्मिंग सबसे हैंडसम लगे इतना कहकर रही आदी की तरफ देखते हुए बिना चली गई क्यों
कि वो जानती थी कि आदी को छोटे बच्चे से भी जेलेसी हो रही थी वहीं इस वक्त आदी का मुंह किसी जल कुकड़े जैसे हो चुका था आदी को अब गुस्सा आ रहा था वो खुद से बोला कल काया चुन्नू लाल मुझे क कंपीट करेगा द मोस्ट हैंडसम और चार्मिंग आदित्य अग्रवाल को आदि खुद से बातें कर ही रहा था कि तभी पीछे से किसी ने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा व्हाट हैपेंड ब्रो क्या अकेले खुद से मंत्र बड़बड़ा जा रहे हो ये अमन था आदि बिना अमन की तरफ लपटे बोला कुछ नहीं मेरा प्यारा दुश्मन आ गया और इसी के बारे में सोच रहा था आदी इसला इसलिए कह
रहा था क्योंकि जब से वाणी के बच्चे हुए हैं तब से रूही उन्हीं के साथ रहती है और सबसे ज्यादा हमारे क्यूट से चुन्नू के साथ जिसके कारण वो आदि को फुल इग्नोर मारती है आदि की बात सुनकर अमन नासमझी से बोला प्यार का दुश्मन लेकिन जब उसे समझ नहीं आया तो अमन अपना सर झटक कर बोला खैर यह सब छोड़ो और मेरे साथ चलो आपको सब बुला रहे हैं इसके बाद आदि और अमन वहां से चले गए थोड़ी ही देर में सब लोग हॉल में बैठे थे और पूजा और पार्टी के बाद में जिस कशन कर रहे थे सिवाय वाणी साशी और हमारे क्यूट बेबीज के वो दोनों अपने-अपने
कमरों में आराम कर रहे थे निर्मला जी और वर्षा जी बहुत एक्साइटेड दिख रही थी आखिर हो भी क्यों ना दोनों दादी नानी जो बन गई थी मीरा क्यूरियस थी त और रेखा जी भी सबके साथ बैठी थी वो भी बेमन के अमन में मीरा को इतना खुदा देख वो अपनी शरारती अंदाज में बोला क्या बात है साली साहिबा आज आप कुछ ज्यादा ही खुश दिख रही है जिस पर मीरा अमन की तरफ देखते हुए बोली हां जीजू आपने अभी कुछ सही क आदि बोला मीरा कुछ परेशान हो मीरा अपना सर हां में लाती है कुछ नहीं तभी बाहर से सोम और आकाश अंदर आए और सबके पास बैठ गए निर्मला जी
सोम को देखते हुए पूछती है बेटा सारी तैयारियां हो चुकी है सोम बोला हां बड़ी मां सोम अंदर नौकरों को काम करते हुए देख के बोला पूजा कब तक होगी बड़ी मां जिसे सुन अमन बोला आपको बड़ी जल्दी मची है सोम अमन को घूर कर देखता है फिर कहता है क्यों तुम्हें जलन हो रही है अमन अपना कंधे उचका कर बोला जलन और मुझे क्यों होगी दोनों की नोक झोक करते देख निर्मला जी दोनों को डांटते हुए बोली चुप हो जाइए आप दोनों जब देखो लड़ते रहते हैं फिर निर्मला जी आकाश की तरफ देखकर बोली आकाश आप जाकर तैयार हो जाइए आप और बच्चे लेकर पूजा म
ें बैठेंगे आकाश बोला हम इतना कहकर व अपने कमरे की तरफ चला गया तनू जो कि बार-बार दरवाजे की तरफ देख रही थी जैसे किसी के आने का इंतजार कर रही हो जिसे देख रेखा जी उसके कंधे पर मारते हुए बोली यहां मैं टेंशन से मरी जा रही हूं और ये लड़की पता नहीं बाहर क्या तोड़ने की कोशिश कर रही है अब रेखा जी को कौन बताए कि उसकी बेटी उनकी ही नाक के नीचे रोने से चक्कर चला रही थी अगर उसे पता होता कि वह मंदिर जाकर नारियल ही फोड़ आती और खुशी में लेकिन तनू ने इस बारे में अपनी मां को किसी को भी नहीं बताया था क्योंकि रोनित ने
उसे किसी से भी बताने से मना किया था यहां रेखा जी सड़ा सा मुंह बनाकर बैठी थी कि तभी उनकी नजर दरवाजे पर पड़ी जहां से एक सुंदर लड़की अंदर आ रही थी जिसे देख उनका मुंह बन गया टिया जिससे आज सिंपल अनारकली सूट पहन रखा था वो जाकर निर्मला जी और वर्षा जी के पैर छूकर आशीर्वाद लेती हैं टिया को देख मीरा खुश हो गई वहीं अमन टिया को देख उसे छेड़ते हुए बोला छिपकली यह भी कोई आने का वक्त है अमन के मुंह से अपने लिए छिपकली सुन टिया उससे गुस्से में बोली बंदर कहीं के तुम तो अपना मुंह बंद ही रखो मैं कब से तुम्हारा वेट
कर रही थी कि तुम मुझे ले ने आओ गए लेकिन नहीं जनाब को इतनी फुर्सत ही कहां अमं टिया को चढ़ाते हुए बोला हां तो बोला ही क्यों मुझे अपने रनी जी को बोलती वो आ जाते तुम्हें लेने अमन की बात सुन आदि जो कि पानी पी रहा था उसे ठस्सा लग गया और वो खांसने लगा वहीं आदि की पीठ थप तपाने की बजाए सोम अमन की पीठ को जोर से तीन-चार बार थपथपा आता है सोम की वजह से हरकतों को देख सभी लोग उसे घूर कर देखते हैं वहीं सोफे में खड़ा हो अपनी पीठ पर हाथ फेरते हुए बोला सोम भाई क्या आप पागल हो गए हो जो क्यों मारा मुझे वह भी इतनी जो
र से जिसे देख सोम वहां से खड़ा हुआ और अमन को किसी बहाने से लेकर चला गया वहीं तनु अब टिया को खा जाने वाली नजरों से घूर रही थी टिया को घूरते हुए देख तनु अपने मन में बोली दो कौड़ी की डॉक्टर इसकी हिम्मत भी कैसे हुई मेरे रने जी पर डोरे डालने की इसे तो मैं छोडूंगी नहीं कहते हुए तनु की मुट्ठिना कस गई तनु घूर कर टिया को देख रही थी तनु जब से यहां आई थी तभी से उसने रन तो टिया को एक दूसरे को इशारा करते और बात करते देखा था हालांकि उसे यह पता नहीं था कि दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं तनु की आंखों में जलन स
ाफ देखी जा सकती थी कुछ सोचकर उसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान आ गई अब वह टिया को परेशान करने का प्लान बना रही थी दूसरी ओर सोम अमन को लेकर कॉरिडोर में आया और अमन को भड़कते हुए बोला तुम अभी अंदर क्या बोल रहे थे तुम्हें पता भी है अगर उस डाकनी को शक हो जाता तो वही अमन तो नासमझी से सोम को देख रहा था अमन बोला लेकिन मैंने किया क्या है सोम बोला अभी तो तूने उसके सामने रौनित और टिया के बारे में बोला जा रहा था तुझे अंदाजा भी है अगर उसे पता चल गया कि रोनित उसके साथ बस प्यार का नाटक कर रहा है तो कहते-कहते अमन शा
ंत हो गया अमन को जब अपनी गलती का एहसास हुआ तो उसने सोम से माफी मांगी उसके बाद दोनों तैयार होने चले गए लेकिन कोई था जिसने उनकी सारी बातें सुन ली थी कुछ देर बाद सभी लोग तैयार होकर नीचे हॉल में थे पैलेस के अंदर वना मंदिर के पास जहां नामकरण संस्कार होने वाला था वहां बैठे थे आकाश और वाणी दोनों ही रॉयल ब्लू कलर की ड्रेस पहनी थी वाणी ने रॉयल ब्लू कलर का लहंगा जिसके साथ मैचिंग ज्वेलरी और सोला किया था जिसमें वह बहुत खूबसूरत लग रही थी वहीं आकाश ने ब्लू कलर का कुर्ता और उसके नीचे वाइट पजामा पहना था सर पर प
गड़ी जिसमें डायमंड लगे हुए थे आकाश बहुत ही हैंडसम लग रहा था दोनों पूजा में बैठे थे वानी की गोद में प्रिंसेस और आकाश की गोद में हमारे प्रिंस चार्मिंग चुन्नू जी थे पंडित जी पूजा कर रहे थे सब कुछ अच्छा चल रहा था कि तभी किसी आदमी की जोरदार आवाज आई हमारे होते हुए पूजा करने की आपकी हिम्मत कैसे हुई आवाज को सुनकर पंडित जी रुक गए वहीं सब उस तरफ देखने लगे जहां से आवाज आई थी आखिर किसने सुनी अमन और सोम की बातें क्या होगा जब को सच्चाई पता चलेगी और तनु चिया के साथ क्या करेगी किस आदमियों ने बीच में ही पूजा रुक
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Comments

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