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Has power politics brought the PML-N and the People's Party face to face? | Do Tok | Metro1 News

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Metro 1 News

4 months ago

अस्सलाम वालेकुम नाजरीन प्रोग्राम दो टोक के साथ मैं हूं आपकी होस्ट शुमाई नवाज नाजरीन क्या पावर पॉलिटिक्स जो है वो नून लीग और पीपल्स पार्टी को आमने सामने ले आएंगे सियासी गहमागहमी इस वक्त जारी हो चुकी है खासा दर्जे हरारत जो है वो सियासी वो अपने उरूज को पहुंच रहा है और पार्टियों के मुलाकातों का सिलसिला और बैठकों का सिलसिला भी जारी है जबकि तमाम जमात जो है वो इलेक्शन की तैयारियां तो कर रही हैं लेकिन पीटीआई शायद कहीं नजर नहीं आ रही क्या वजू हात है इस पर जरूर बात करेंगे जबकि इस बार इलेक्शन में जो इलेक्ट
बज हैं अह उनका अह क्या रोल रहेगा क्या वह किरदार अदा करेंगे इस पर भी बात करेंगे इंतखाब मैदान तो सज गया है कौन कहां खड़ा है और सियासत में क्या उसका किरदार होगा अह इसको जरूर गुफ्तगू का हिस्सा बनाएंगे जबकि अ बड़े अहम बयानात भी सामने आए हैं अह चेयरमैन पीपल्स पार्टी बिलावल भुट्टो का यह कहना है कि किसी भी इदार से झगड़ा नहीं है लेकिन फील्ड सजाई जा रही है जबकि अह अ एमक्यूएम जो है वह खासी मुतहर है और पीपल्स पार्टी के खिलाफ इत्तेहाद ही क्यों बन रहा है सिर्फ पीपल्स पार्टी के खिलाफ क्यों बन रहा है क्या खौफ ह
ै या क्या वजू हात है इसकी जबकि सियासी इतहाद हो रहे हैं मुलाकातें हैं दावत भी हो रही हैं और नून लीग जो है वो खासी मुतहर है उसकी मुलाकातों का सिलसिला बहुत ज्यादा है इस वत जोरशोर से कौन कौन ऐसी जमात हैं जो कि नून लीग की पुकार पर या आवाज पर उसको लब्बैक कहेंगे ये तमाम जो चीजें हैं ये मौजू जो गुफ्तगू है हमारा ये रहेगा मेरे साथ जो अ यहां पर मौजूद है मेरे गेस्ट मैं उनका तारुफ आपसे करवा दूं स्टूडियो में मेरे साथ मौजूद है डॉक्टर ताहिर खान साहब पीपल्स पार्टी से इनका ताल्लुक है राव इमरान सुलेमान साहब तजिया
का हैं सलीम सचवा साहब ने भी हमें जवाइन कर लिया है तहरीक इंसाफ से इनका ताल्लुक है जबकि डॉक्टर सफन मलिक साहब हमारे साथ होंगे एमकेएम से इनका ताल्लुक है और यह ऑन कॉल हमारे साथ मौजूद होंगे बहुत शुक्रिया आप तीनों का कि आप लोगों ने अपने कीमती वक्त में से हमारे प्रोग्राम के लिए वक्त निकाला सबसे पहले मैं बात करना चाहूंगी डॉक्टर ताहिर खान साहब से डॉकटर ताहिर खान साहब बड़े अर्से बाद आप आपने आप जलवा फ्रोज हुए हैं हमारे प्रोग्राम में और बड़ी गहरी नजर रहती है आपकी सियासत पे बड़ा काम है आपका अपनी पार्टी के लिए
भी आप कैसे देखते हैं यह जो इंतखाब मैदान सज गया और इलेक्शन की तारीख दे दी गई नून लीग और पीपल्स पार्टी एकदम से आमने सामने हो गए हालांकि 13 जमां के इतहाद में तो आप लोगों का बड़ा याराना रहा है बड़ा ब बदरा ताल्लुक रहा है जी जीला मता बिस्मिल्ला रहमान रहीम शुमाल साहिबा पीपल्स पार्टी और नून लीग ये सियासी मैदान में तो हमेशा से अलग ही रहे हैं अगर आप ये कहे कि 13 जमां का इतहाद था और आपको याद होगा अच्छी तरह से मैंने यही शो में पहले भी कहा जब पीडीएम बनी थी जी जी तो पीडीएम में सबसे पहले पाकिस्तान पीपल्स पार्
टी नेने अपने आप को साइड कर लिया था इस वजह से कि इनके इतहाद में ये लोग पूरे उतर नहीं रहे थे हमने लॉन्ग मर्च करे हमने अपना पावर पहले शो करके यह बताया आवामी मार्च करके शो बताया करके बताया कि हम जो है आवाम के बलबूते पर आते हैं आवाम के कहने के ऊपर सारा काम करते हैं और आवाम की जो आवाज होती है वही हमारे कायदी करते हैं अच्छा अब यह नून लीग नून लीग का अपना पंजाब में भी असर खत्म हो चुका है अब यह मोहतरम जनाब नवाज शरीफ साहब आए हैं और यह करने के लिए कि किसी के कहने पर आ गए हैं वो नहीं तो आपने यह देखा होगा कि
पिछली दफा उन्होंने छह या सात दफा पाकिस्तान आने की तारीख दी और पाकिस्तान नहीं आए और अब यह आए हैं और यह आकर के अपने आप को यह शो करा रहे हैं कि मैं आवामी नुमाइंदा हूं आवाम के दरमियान में रहता हूं आवाम के के साथ मेरा जीना मरना है जबकि इसके बरक्स है इनका हमेशा ये बाहर रहे हैं बाहर इन्होंने अपनी तमाम जिंदगी को मैं समझता हूं सिर्फ इदार के खातिर आए हैं और वैसे भाग जाते हैं पाकिस्तान छोड़ कर के वहां बीमारी के उसमें तनाज रे में अब आपने ये कहा कि पीपल्स पार्टी आमने सामने पीपल्स पार्टी और नून लीग हमेशा से आ
मने सामने रही है अभी भी इन्होंने मिलक इतहाद कभी इलेक्शन नहीं कंटेस्ट किया हां य बल्दिया इलेक्शन में कराची में कहीं कहीं हमने इनसे मिलके इतहाद कर लिया था अच्छा मतलब थोड़ा बहुत छोटा मोटा इत्तफाक हो गया लेकिन किसी बड़े इलेक्शन में जनरल इलेक्शन में आपने इतहाद नहीं ठीक है ठीक है ये तो एक बात हो गई राव इमरान साहब आप बताइएगा ये जो तमाम जमात हैं तैयारियों में लग गई है जैसे ही इलेक्शन की डेट आई सब तैयार में तैयारी में लगे लेकिन पीटीआई को कहीं आप देख रहे हैं कि इनका भी कुछ काम जारी है यह भी कुछ मसरूफियत द
िखा रही हैं देखिए बिस्मिल्लाह रहमान रहीम पीटीआई इस वक्त शदीद मुश्किलात का शिकार है और मैं समझता हूं कि अब इनके लोग आहिस्ता आहिस्ता शायद ये समझने लगे मुस्लिम लीग नून के और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के के शायद चेयरमैन पीटीआई का जो जहर है वो खत्म हो चुका है लिहाजा अब इनको भी इलेक्शन लड़ने की इजाजत द अच्छा लेकिन पिछले दिनों आपने देखा के मोहतरमा मरियम नवाज साहिबा ने अपने ही प् वही वही प्लानिंग है मैं बता रहा हूं वही प्लानिंग जो जो 2018 में जो चेयरमैन पीटीआई के लिए किया गया खेला गया वो आज खेल जो है ना न
वाज शरीफ के हिमायत में खेला जा रहा है अच्छा और बिल्कुल इसी तरीके से जो नवाज शरीफ साहब हैं उनको एक एडवा एडवांटेज तो एडवांटेज तो हासिल है कि वो इस वक्त अ उनको फौज की हिमायत हासिल है लेकिन आप ये देखें कि जिस तरीके से बलूचिस्तान के अंदर लोग तेजी के साथ अ नून लीग में शामिल हो रहे हैं और उन वो यह वह लोग हैं जो 2018 में इसी नून लीग के पीठ के पीछे छुरा घोपा था और मुस्लिम लीग नून का तख्ता उलट दिया था इन लोगों ने लेकिन सरदार अयाज सादिक साहब ने जाकर एक पाच मिनट की मीटिंग की और आपने देखा कि वो जो छ माह पहले
पाच माह पहले लोग जो बिलावल हाउस में झांक रहे थे और जरदारी साहब के हाथ पर बैत कर रहे थे आपने देखा किस तरीके से के उन्होंने फौरी तौर पर मुस्लिम लीग नून का रुख किया और और पीएमएलएन की बात करें तो मिया नवाज शरीफ साहब इस वक्त एक मैसेज लेकर जा रहे हैं सियासी जमां में कि हमें यह यह एस्टेब्लिशमेंट की ब्लेसिंग हासिल है यह कि आप हमारे साथ आओ हमारे डब्बे में बैठ जाओ आके और लोग दड़ोस जाती थी अपने मुतालबा मनवा करर उनको भी खबर हो गई इस चीज की और वह अभी वजीर आजम बने भी नहीं के लाहौर में जाकर उन्होंने प्रेस कान
्फ्रेंस की और मिया साहब के हाथ पर मैत कर लिया लेकिन अभी फिर हर प्रोग्राम में जब उनके ही नुमा जो बैठे होते हैं तो वो कहते वो नजर आ रहे क्योंकि वो कह रहे हैं कि हम आपके साथ है आपको आने की भी जरूरत लेकिन वो कहते हैं अभी ये पाइपलाइन में है अभी ये बकुल बिल्कुल अब नवाज शरीफ साहब भी एक काम कर रहे हैं कि हर सूबे में जाकर ये साबित करने की कोशिश कर रहे हैं एस्टेब्लिशमेंट को दिखाने की कोशिश कर रहे हैं उस खलाई मखलूक को ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं के देखो हर सूबे में हमारी हिमायत हासिल है अच्छा और यही वजह
है कि इस वक्त उनकी बड़ी रतियां दिखाई दे रही है और जहां पर एक शोर मेरे भाई की जमात का दिखाई दे रहा है इसमें मैं तो य कहूंगा सिंधु को को नहीं छेड़ा जा सकता चाहे जितने मर्जी बड़े इतहाद कर लिए जाए सिंध इन्हीं का रहेगा नवाज शरीफ साहब का जो मिलना मिलाना है वो सिर्फ हिमायत दिखाने के लिए है लेकिन वफात में इनको भी नजर आ रहा है कि हमारे सर पर सरपरस्ती नहीं है वही मामला है कि बिलावल साहब हर जगह पर ये कहते नजर आ रहे हैं और किसी ना किसी तरीके से सरप्राइज देने का कह रहे हैं लेकिन ये सरप्राइज अभी तक मेरे ख्याल
से ऐसा बातों से और मुंह से कहा जा रहा है लेकिन असल सरप्राइज जो है वो जो उनका गेंद है कोर्ट में जो वो मिया नवाज शरीफ साहब के है और यही वजह है कि सारी जमात अगर आप कहे दूसरी सियासी जमात कौन-कौन जाएगी ये तमाम मफत पर सियासी जमात मुल्क में है और सबको नजर आएगा कि हमें कुछ ना कुछ मिलेगा तो ये इलेक्शन से पहले नवाज शरीफ साहब के साथ चली जाएगी ठीक है ठीक है हमारे साथ सलीम सिवानी साहब भी मौजूद है सलीम साहब आपने गुफ्तगू सुनी दोनों हजरात की और क्या तजिया दिया है इमरान साहब ने और जो ताहिर खान साहब ने भी बता दि
या आपको अब यह बताइए कि आप का क्या लाहे अमल है जो प पीटीआई है वो कहां बिजी है कहां वो इंतखाब की तैयारियों में कहीं नजर नहीं आ रही क्यों इंतखाब की तैयारियों में नजर आने की कोशिश कर रही है इसके साथ ही जो है वो थाना कल्चर बीच में आ र आ र है जिसका अच्छा जिसका जो है ना उन्होंने भरपूर तरीके से मुजहरा देख रहे हैं पंजाब में भी सिंध में भी और खेबर पख्तून का और बलूचिस्तान में भी अच्छा अभी 12 नवंबर का जो जलसे का अनाउंस किया था उसमें जी जी घर के अंदर आए मेरे मेरे को लेके और मेरे जैसे पता नहीं कितने लोगों को
इन्होंने हजारों आपको भी आपको भी अब मैं सवाल करता हूं चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान से कि बताए वो एक तरफ कहते हैं मैं आइन के सिवा कोई काम नहीं होने दूंगा इनके सामने खिलाफ है आईन जो है पीटीआई को दबाया जा रहा है इनके सामने पंजाब और खेबर पख्तून को में गैर आईनी हुकूमत मुसल्लत इनके सामने अभी जो निगरा हुकूमत है वो भी गैर आईनी है 90 दिन पूरे हो चुके हैं तो वो आईन की पास दारी कहां हो रही है किधर हो रही है कौन से कोने में हो रही है आईन को क्यों मसला जा रहा है नवाज शरीफ साहब की 20 मिनट में जमानत हो रही होती है औ
र खान साहब को मजीद केसों में उलझाने की तैयारिया हो रही होती है इस तरीके से अगर यह मुल्क को चलाएंगे तो इस तरीके से मुल्क सिर्फ तबाही के और कुछ नहीं मिलना मुल्क में ना इस्तकाम्या दबाव आवाम के ऊपर डाला हुआ है कि हम पीटीआई को नहीं आने देंगे आवाम जो है इसकी मेन जो उन्होने पोलिंग का कहा था मरियम नवाज साहब की उसमें भी यही इन्होंने आजमाया था मगर देखें जैसे ही पोलिंग जो है वो थोड़ी देर ज्यादा चली तो लोगों ने वोट डाले और पोलिंग पीटीआई कहां से कहां पहुंच ग और यह कहां पर रह गए तो इसी तरीके से चाहते हैं कि ल
ोग वोट देने के लिए ना निकले आवाम को मेंटली तौर पर इतना प्रेशराइज कर दिया जाए इतना आवाम को जहनी तौर पर वो कर दिया हम जाए ना जाए मफल कर दिया जाए हम जाएंगे तो भी तो भी वो जो बिल्कुल मायूस कर दिया था जैसे कि पहले कराची के इलेक्शन में एमएम साहब के दौर में होता था लोग जाते नहीं थे और लाखों वोट निकल आते थे जी जी अच्छा ये तो चले आपको इस तरह की जो सिशन पैदा की जा रही है इससे मुल्क और कौम को तबाही की तरफ ले जा रहे हैं ये अब आप क्या करेंगे अदालत का दरवाजा खटखटा जाएंगे क्या करेंगे आपको जलसे की अगर इजाजत नही
ं मिल रही है तो कितने दिन खेलेंगे जलसे की इजाजत नहीं देंगे इलेक्शन शेड्यूल का अनाउंस उनको करना पड़ेगा इलेक्शन शेड्यूल का अनाउंस हो जाएगा तो फिर उनके पास कोई बहाना नहीं रहता कि वो जलसे की इजाजत ना दे अच्छा ऐसा तो फिर मुमकिन ही नहीं है कि जलसे की इजाजत ना देय अभी रो सकते आप बताए क्या पीटीआई ने अपने दौर में किसी को रोका था रेलिया निकालने से क्या किसी को रोका था उन्होंने जलसे ना करने से आपको आपको जलसे की इजाजत नहीं है ये तमाम तर जोय बदमाशी पीटीआई ने तो बहुत कुछ किया था उस सर आप रली कराची से लेकर इस्
लामाबाद तक पहुंची आपको किसी ने नहीं रोका आपकी रैली उसके अलावा मौलाना फजल रहमान की रैलिया की रैलिया सार रलिया नि वाले दिन न हु है जिनको बालो से पकड़ के घसीटा गया थान से पक म अगर आप लोग अपनी बारी प बोलेंगे तो सबका म सामने साब हमारे साथ मौजूद है उनकी भी बात सुन लेते हैं डॉक्टर सफन मलिक एमकेएम से इनका तालुक है हमें जवाइन कर चुके हैं ऑन कॉल हमारे साथ मौजूद है बहुत शुक्रिया डॉक्टर सुफान मलिक साहब क्या हाल है कैसे हैं आप आईम गुड थैंक यू सो मच फॉर हैविंग मी ऑन यो श डॉक्टर साहब मेरी आवाज आप तक पहुंच रही
है जी बिल्कुल मुझे आपकी आवाज आ रही है डॉक्टर साहब बताइएगा ये बहुत आपके इतहाद की बड़ी गूंज सुनाई दे रही है यह कहा जा रहा है कि आपने इतहाद कर लिया नून लीग से बहुत बड़ा मार्का होने जा रहा है पीपल्स पार्टी के खिलाफ ही यह तद है पीपल्स पार्टी तो कहती है हमें कोई फर्क ही नहीं पड़ता कोई कितना इतहाद कर ले बिस्मिल्लाह रहमान रहीम देखिए इसम सबसे पहले मैं बड़ा क्लियर कमेंट करना चाहता हूं कि अगर पीपल्स पार्टी को इस इत्तेहाद से फर्क नहीं पढ़ा तो इस परे रोज की बुनियाद पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही है और यह घ
बराहट और यह बेचैनी और यह परेशानी तो इस चीज की अलामत है कि यह हर तरह इस इत्तेहाद से परेशान है अब जो दूसरी अहम बात है जो हमें यहां समझनी है कि इस इत्तेहाद की आखिर वजह क्या बनी और पीपल्स पार्टी ही वो जमात क्यों है जिसके खिलाफ एमक्यूएम खड़ी है आप और हम इस बात के गवाह हैं कि 15 साल ये बरसर इक्दर्म शनर डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर लगा के जिस तरह अपनी पुलिस लगा के इलेक्शंस हाईजैक कर रहे हैं जिस तरह इस सूबे को इन्होंने महरूम किया है 000 अरब रपए लगाने के बाद इस सूबे में आज कुत्तों के काटने की वैक्सीन मौजूद नहीं ह
ै जिस तरह आज इन्होंने अस्पतालों का निजाम तालीम का निजाम इदार का निजाम मुकम्मल तहस-नहस कर दिया है और इलेक्शन के दिन जाकर आप और हम गवाह हैं कि किस तरह अंदुरे सिं में इलेक्शन होता है कि जहां पर इनके डीसी फैसिलिटेट करते हैं जहां पर इनकी पुलिस फैसिलिटेट करती है और डाकू आते हैं दिन की रोशनी में डब्बे उठा के लेके जाते हैं और रात के अंधेरे में डब्बे वापस लाके रखते हैं और जब उस डब्बो में से वोट्स निकलते हैं तो उसमें से तीर उठता है तो इस तरह के हाईजैक इलेक्शंस के साथ ये सूबा कंप्रोमाइज हो रहा है बिल खुसूस
ये शहर कॉम्प्रोमाइज हो रहा है और एमक्यूएम इस बात की मुतह मिल नहीं हो सकती कि इस सूबे को इस शहर को और ज्यादा पस्ती में धकेला जाए यह शहर जो दुनिया के भारत तेजी से तरक्की करने वाले शहरों में शुमार था आज दुनिया की तीन बतरी शहरों में शुमार होग इसका सहरा अगर किसी एक जमात को जाता है सिर्फ पाकिस्तान पीपल्स पार्टी है अच्छा ठीक है सफन मलिक साहब आप भी तो पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के साथ ही बैठे थे मतलब आपने भी तो हुकूमत में साथ दिया है तो उस वक्त यह चीजें हाईलाइट की आपने हम पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के साथ इस
पीडीएम का हिस्सा कतई नहीं थे अगर हम हम पाकिस्तान पीपल्स पार्टी का हिस्सा होते तो हमारे पास इस सूबे में कोई वजार होती खुद बिलावल साहब रिपीटेड कहते रहे कि भाई मैं तो कहता हूं इनसे कि आए और हमारे साथ वजार ले चीजें ले लेकिन हमारा कॉज वजार ना तब था ना अब है ना सदारत तब था ना अब है तब भी हमारा कॉज कराची की भलाई थी जो हमें तब भी दिख रहा था कर मलिक साहब मैं बात कर रही हूं जब आपका गवर्नर होता था सिन में जब आपका मेयर होता था सिन में तो उस वक्त यह चीजें हाईलाइट हुई उस वक्त उस वक्त भी कुत्तों के काटने की व
ैक्सीन नहीं थी सांप के काटने की वैक्सीन नहीं होती होती थी बड़े मसले मसाइल होते थे दवाइयां नहीं मिलती थी बहुत सारी चीजें ये तो शुरू से चलता आ रहा है देखिए मैं अब आपको अगर इस अगर आप 2008 से जोक अगर आप अगर थोड़ा सा पहले जाए आप तो 2005 में एमकेएम का मेयर मौजूद था जब 2008 और 2008 से 12 के टनर की आप बात करें बिल्कुल एमक्यूएम इत्तेहाद थी उस वक्त और शायद उस वक्त की लीडरशिप के बैड डिसीजंस थे जिसकी वजह से एमक्यूएम ने डाउन फॉल देखा और जिसके रिजल्ट आज आपके सामने हैं कि आज एमक्यूएम किसी और दुनिया के किसी कोन
े से नहीं चलती एमक्यूएम के फैसले कराची में होते हैं कराची वालों के लिए होते हैं कराची के लिए होते हैं लिए तब की एमके और आज की एमके में जमीन आसमान का फर्क है जिसकी तमाम दुनिया ताई करती है हम ही वो लोग हैं जिनके हाथों अल्लाह ने यह काम कराया कि जिस शहर को इन्होंने एक लाख 1 करोड़ 90 लाख पर खत्म कर दिया था उसको एक करोड़ डेढ़ करोड़ पर इन्होंने खत्म कर दिया था बल्कि इन्होंने 10 लाख हमारी आबादी खत्म कर दी थी उसको 1 करोड़ 93 लाख के ऊपर हम लेकर गए हमारी ही आवाज हमारी ही एतजाज और हमारी ही कॉल के ऊपर और हम
उस परे शुक्र गुजार हैं मुस्लिम लीग नून के जिसने रिपीटेडली हमारी बात को सुना ख्वाजा साद रफीक ने अयाज सादिक ने और इनकी तमाम जो उस वक्त की टीम थी एसन इकबाल उस वक्त मिनिस्टर थे उन्होंने हमारी बात को सुना रिपीटेड मीटिंग्स में हमारी राबता कमेटी के रकीन शरीक हुए और उन्होंने इस चीज को मेक श्योर किया कि जो इनके जायज जायज मुतालबा है उनको सुना जाए और जब उन्होंने सुना उसे इवेलुएट किया तो बिल्कुल कराची की 50 लाख से ज्यादा आबादी बाजया हुई जो इन्होंने जबरी तौर पर लापता और गुमशुदा कर दी थी तो वो आबादी बाजया करा
ने का भी अगर आज किसी के पास सहर है तो वो अदला एमकेएम पाकिस्तान के पास है अल्ला का शुक बुल बिल्कुल मलिक साहब आपको क्रेडिट जाता है बिल्कुल ठीक कहा आपने लेकिन मुझे ये बताइए इसका मतलब है आपकी आवाज तो बहुत ज्यादा स्ट्रांग है तो अगर और भी मसले मसाइल आप उन परे भी आवाज उठाते तो सारे ही मसले हल हो जाते मतलब मब नौजवानों का मसला है कोटा सिस्टम का मसला है आप देखें कराची तो कचरे का ढेर बना हुआ है बल्दिया में इतने मसाइल है तो मतलब ये तो फिर के इलेक्ट्रिक का बहुत बड़ा मसला है 0 पर यूनिट चल रहा है तो आप अपनी जो
स्ट्रांग आवाज है उसको पहले क्यों नहीं उठाया आपने देखिए मैं आपको इसम ये कहता हूं कि अब एमक्यूएम सिर्फ एक मसले से डील नहीं करी मल्टीपल मसले मुझे सिर्फ एक मिनट आपका चाहिए होगा इस पर थोड़ी सी मैं गुफ्तगू करना चाहता हूं कि एमक मल्टीपल मसाइल से डील कर रही है ठीक है और इन मल्टीपल मसाइल को हम वन बाय वन करके एड्रेस कर रहे हैं आज के दिन में जब हमारी पाकिस्तान पाकिस्तान मुस्लिम लीग नून से जब हमारी बात हुई तो हमने किसी इशू पर बात नहीं की मां सेवा इसके कि हम आईनी तरा मम मांगते हैं हम यह चाहते हैं और सिर्फ ह
म कराची के लिए नहीं हम पूरे पाकिस्तान के लिए आईनी तमीम मांगते हैं हम यह कहते हैं और हमारा यह मानना है कि रास्ता अब कोई बचा ही नहीं है निजात का एमक्यूएम ने हल दिया है हमें मुश्किलात का हम बन गए हैं लश्कर महमूद गजनवी हर एक कदम पे बुत है यहां सोमनाथ का तो इस मुल्क में जितने सोमनाथ के बुत हैं वो सिर्फ आईनी तरा मम के जरिए गिर सकते हैं जो सबसे अहम तरा मम है उसमें सबसे अहम बात ये कि जब तक आप इख्तियार को निचली सत तक मुंत किल नहीं करेंगे फिर चाहे वो घोटकी हो वो कराची हो वो लाहौर हो और वो किसी भी सूबे का
कोई भी शहर हो वहां पर आप जब तक निचली सद तक इस इख्तियार नहीं देंगे ये मसाइल हल नहीं होंगे आप जितने मसाइल बता रही हैं ये सब अहम मसाइल हैं लेकिन हमारे नजदीक सबसे अहम मसला है इख्तियार की निचली सतह तक तकसीम जब तक आपके शहर का आपकी गली का मोहल्ले का काउंसलर एंपावर नहीं होगा आपके तमाम मसाइल हल नहीं हो सकते वंस वो एंपावर है आपके तमाम मसाइल वन बाय वन वन बाय वन ये सॉर्ट आउट हो जाएंगे हम इस वक्त सिर्फ आईनी तमीम पर फोकस कर रहे हैं और इंशाल्लाह आप देखेंगे हम कर ठीक है डॉक्टर ताहिर खान साहब आप जवाब देना चाहेंग
े बड़ी बड़े अहम पॉइंट्स उठा दिए हैं सुफान साहब ने सब मलक साहब ने खुद अपने मुंह से ही तमाम चीजें बयान कर दी हैं मैं यह समझता हूं कि सबसे बड़ी दुश्मन एमक्यूएम है इस कराची की इस अ कराची की आवाम की और इन्होंने अभी एक बड़ा प्यारा शेर कहा है कि जी हमें हल दिया है मुश्किलात कर रहे वाकई में आपने पाकिस्तान पाकिस्तान में रह कर के पाकिस्तान की बात कर रहे हैं पाकिस्तान के कानून की बात कर रहे हैं आपने तो कराची को इतने अरसे में मुश्किलात ही मुश्किलात दे दी है पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने और उसके कारकुन जलो ने ह
मेशा जो है तमाम मुश्किला तों को देखा है बड़े करीब से देखा है कभी उन्होंने यह भी नहीं सोचा कि हम यहां से कूचे से कहीं चले जाए आप तो हड़ बढ़ा कर के इतनी जल्दबाजी में आपने जब नून लीग आ गई और आते ही आपके काय दीन चले गए और उन्होंने इतहाद कर लिया फौरी तौर के ऊपर कि जी हम आपके इतहाद है ये समझ बैठे कि शायद वजीर आजम नवाज शरीफ साहब बन गए हैं वाकई में मेरे कायद बिलावल भुट्टू साहब यह कहते हैं कि हम आपको जो है एक सरप्राइज देंगे तो वाकई में सरप्राइज दिया जाएगा कराची की आवाम कड अभी भी मतलब आप का ये कहना है कि
मिया नवाज शरीफ के वजीर आजम बनने के कोई चां कोई चांसेस नहीं है कराची के अंदर आप देख ले कि कुरंगी ंगी जैसे इलाकों में पाकिस्तान के साथ उनको बुलाया आखिर कुछ तो दल प्रोटोकॉल के साथ बुलाया वाकई में आप सही कह रही है कि दाल में कुछ काला है में कावा आवाम आवाम नहीं होने देगी इस दफा आवाम नहीं होने देगी इस इस दफा सिलेक्शन का मसला ही नहीं आप समझते हैं कि आवाम जो है वो पीपल्स पार्टी के साथ है बला भट को वो पीएम बनाग जी आपने अभी जैसे मलक साहब ने कहा जी घोट की और ये वो अभी आपने खुद जल् से देखे परसों का जलसा आपक
ो इस बात की गम माजी कर देगा कि केपीके का जलसा चेयरमैन बिलावल भुट्टू जरदारी का आपको इस बात की गवाही दे देगा कि वाकई में सरप्राइज वहां मिल जाएगा और बता दिया जाएगा कि वफा में पीपल्स पार्टी की सुबाई पीप पार्टी बड़ा जलसा किया है ठीक है लेकिन ये क्या कंफर्म है कि जितने लोग आए हैं वो वोट भी उतने ही पड़ेंगे उतना ही इंशाल्लाह इंशाल्लाह बनी खा निक जिस अंदाज में पाकिस्तान पीप आप देखें दिल तो नहीं जानते ना किसी नहीं दिल जानते हैं आपको सबूत बता रहा हूं मैं कराची की आपको मैं गवाई आजकल तो बड़ा अनसर्टेनटीज नहीं
आ रहा कि कैसे लोग दिखते कुछ है होता कुछ और है राव साहब मैं आप बताए मैं गलत कह रही हूं मुझे मेरा तो ऑब्जर्वेशन ऐसा ही है आपको वाक में तजिया बता देंगे वो बता देंगे मैं कुछ कहना चाहूंगा कि बिलावल साहब ने इस तकरीर में एक जुमला और भी कहा हैरी साहब को और वो कहा कि आप पंजाब की तरफ देखें अच्छा और उनको इस बात का एहसास होना चाहिए कि असल लड़ाई पंजाब की सियासत से जुड़ी हुई है नून लीग जानती है कि पंजाब को हासिल करना कितना जरूरी है वो पंजाब पर पूरा फस कर बै पंजाब में ही भारी अक्सर से जीतने वाला वफा में हुकूम
त बनाता है बिलावल साहब को भी अब सखर रोड़ी और बकाना से निकलकर पंजाब का रुख करना पड़ेगा यह बहुत जरूरी है सिर्फ बातों से नहीं इस्लामाबाद फतह होगा इसके लिए कुछ करना होगा अगर आम पब्लिक को दे हम देंगे कि अगर बिलावल कहता है कि वो हमें भी उतना ही खेलने का मौका दिया जाए तो मेरा ख्याल है सबको खेलने का मौका दिया जाए तो एक शख्स जेल में बैठा है वो किसी को खेलने नहीं देगा फिर ये याद रखिए पब्लिक का रुख पब्लिक का रुख की बात करें ना पब्लिक तो इस वक्त वही बैठी है और इस दफा मैं आपको एक नई चीज बताने जा रहा हूं वो य
े है कि जब इलेक्शन होंगे और आप अगर उस जमात को का बायकॉट करके उसको साइड पर कर देंगे तो यह लोग जो इलेक्शन में अब हिस्सा ले रहे हैं या टिकटें वसूल कर रहे नून लीग की टिकट के ऊपर जान देने को तैयार है इस वक्त अगर वह जब इंतखाब हलकों में जाएंगे उस वक्त पब्लिक का रिएक्शन जो है ना वह बड़ा खतरनाक हो सकता है मैं किसी सियासी जमात की हिमायत नहीं कर रहा हूं लेकिन एक आम आम तजिया निगार की हैसियत से या एक लिखारी की हैसियत से मैं लोगों से जाके पूछता हूं उनके हाल हवाल लेता हूं तो वहां पर माहौल कुछ और दिखाई देता है
जो लोग आवाम मांग रही है वो उनको फ देखिए मैं यही बात कह रही हूं यही बात कह रही हूं कि जो दिख रहा है वो शायद आगे होने जा नहीं रहा चीज ब्रेक ले लू एक छोटा सा फिर मैं आपकी बात कंप्लीट करूंगी नाजरीन गुफ्तगू का सिलसिला जारी रहेगा हॉट टॉपिक है कहीं मत जाइएगा हमारे साथ रहिएगा वापस आएंगे एक छोटे से ब्रेक के बाद वेलकम बैक नाजरीन गुफ्तगू के सिलसिले को आगे बढ़ाएंगे और ब्रेक पर जाने से पहले राओ इमरान साहब कुछ बोल बताना चाह रहे थे उनकी बात कट हो गई थी आप अपनी बात मैं कहना चाह रहा था कि अगर डील की सरत में मिया
नवाज शरीफ साहब वजार उजमा का मनसब संभालते हैं ठीक है तो वजीर आजम तो बन जाएंगे मगर इसका फायदा नवाज शरीफ को नहीं मिलेगा बल्कि इसका फायदा चेयरमैन पीटीआई को मिलेगा क्योंकि मजती सियासत बड़ी ताकत रखती है मजती सियासत में हमने 2018 में 2013 में खान साहब ने 2013 में 2018 में भी हमने देखा मजात सियासत आवाम के साथ जुड़ी होती है अगर वो डील की सूरत में जाते हैं और आवाम के वोट हासिल नहीं करते और वोट ऐसे ही पड़ेंगे जैसे कि माशाल्लाह से इमरान खान साहब को भी बाकायदा हुकूमत वोटों के ज मिली तो 2018 में यहां से उन ल
ोगों ने इलेक्शन जीता था जिनको घर से वोट नहीं मिलता था लेकिन सरपरस्ती हासिल थी आज यही हवाओं का रुक मिया नवाज शरीफ साहब की तरफ लेकिन अब पब्लिक का रुख उसकी तरफ है क्योंकि जिस तरीके से 2008 में एक मोहतरमा शहीद बेनजीर की शहादत हुई और हमने देखा कि लोग रो रहे थे जो लोग पीपल्स पार्टी को पसंद नहीं करते थे उन्होंने भी पस पार्टी को वोट दिया इसी तरीके से ये शहादत एक जिंदा शहादत मौजूद है अंदर और इसमें आवाम यह समझती है कि शायद 75 सालों के अंदर दो सियासी जमां ने कुछ नहीं दिया तो हम उसकी तरफ देखें लेकिन आवाम की
राय को अगर दबा रही आप और आप इसके बावजूद वजीर आजम बन जाए तो लेकिन मजात सियासत का आप ख्याल रखें कि वो आपको ज्यादा देर चलने नहीं देगी ठीक है ठीक है बिल्कुल बिल्कुल आपका ये मैसेज वहां पर पहुंचाना चाहिए सलीम साहब क्या इलेक्टबज प्ले करेंगे इन इंतखाब में इन इंतखाब में पूरा रोल जो है वो पाकिस्तान की आवाम पर है अच्छा अगर वो घरों से बाहर निकले ह तो वो जिसको चाहते हैं जिसको लाना चाहते हैं प्राइम मिनिस्टर उसको लेके आए अगर व नसती दबाव में आ गए अगर वह नफ्स साजिश दबाव कबूल कर लिया इन लोगों ने जो कि आजकल चल रह
ा है तो आप समझ ले कि वो कामयाब हो जाएंगे जो पाकिस्तान को इस्तकाम्या फता नहीं देखना चाहते जो पाकिस्तान की माद नियाद को लूटना चाहते हैं और जो पाकिस्तान की मादत को लूट पूरी कम उ हुई है मगर कोई अकाउंटेबिलिटी नहीं है मैं प्रोग्राम में पहले भी कह चुका हूं दोबारा रिपीट कर रहा कोई अकाउंटेबिलिटी नहीं है पखत की माद जा रही है उसकी क्या अकाउंटेबिलिटी है गिलगल बस्तान से जो माद जा रही है उसकी क्या अकाउंटेबिलिटी है बलूचिस्तान से जो हमारी मादत जार है उसका क्या है ट्रिल ऑफ डॉलर ि ऑफ डॉलर की मादत हमारी लुट चुकी ह
ै कोई काम कर जा रही सब कुछ जिसका शरीफ साहब ने अरशद शरीफ साहब ने अपने प्रोग्राम के अंदर एकएक बताया था उन्होंने कि इतना टन जो है वह तांबा हमारे मुल्क से जा चुका है और हर टन के ऊपर % जो है सोना होता है उसकी मालियन टन बनती है सोने के जो वजन है और उसकी मालियन ट्रिलियन डॉलर बनती है और पाकिस्तान का कर्ज सिर्फ 150 अरब डॉलर है तो वो लोग जो पाकिस्तान को नोज खस उट रहे हैं वो नहीं चाहते हैं कोई ऐसा बंदा आए जो ईमानदार हो वो नहीं चाहते कि कोई ऐसा इंसान इस पर हुकूमत करे जो जो के मुल्क की तरक्की और खुशहाली और म
ुल्क को आगे की तरफ ले जाए आपके सामने मोहम्मद खान जोने जो ने तमाम तमाम जो है ना मरा खत्म की थी और पाकिस्तान का एक ही बजट बनाया था उन्होंने प्रॉफिट में ले आए थे और दूसरे इमरान खान साहब जो फर्स्ट टाइम था तारीख के अंदर के मार्शल ला के लड़ाई झगड़े के डॉलर के अलावा भी जीडीपी ग सिक्स पॉइंट से ऊपर चली गई थी और रिजर्व फंड के अंदर पहली दफा इतना अमाउंट आया था हा सलीम साहब लेकिन आप यह देखें ना कि केसेस तो इधर भी है ना पी पे भी केसेस है तोशाखाना केस है फरा गोगी केस है बु बीबी केस है तो यहां तो केसेस तो यहां
पर भी है करप्शन तो यहां पे हुई है ना कहीं ना कहीं करप्शन हुई है जिस बा करप्शन हुई है ना तो उसको करप्शन के आप केसेस चलने चाहिए एकतरफा तो नहीं होने चाहिए ना अभी साइफर का केस चल रहा है साइफर का केस कोई करप्शन नहीं है आपको पता है साइफर का केस ये है कि गैरत मन लीडर ने सामने एक बड़ी सुपर पावर को जवाब दिया जिसने कहा था कि आप वो हुकूमत नहीं चाहिए जो हम जवाब दे रही है उसको आप तब्दील करो वरना हम तुम्हारे लिए मुश्किलात पैदा करेंगे तो किसके लिए मुश्किलात पैदा करेंगे जिनके अकाउंट बाहर के पैसे पड़े हुए हैं जि
नके इन्हीं के मुल्कों में पैसे पड़े हुए हैं उनके लिए मुश्किलात पैदा होती है पाकिस्तानी कौम के लिए तो कोई मुश्किलात पैदा नहीं होती तो जिनके पैसे बाहर पड़े हुए उन्होंने मिलके रेजीम चेंज करवाया उन्होंने खरीद और फरोग की उन्होंने पैसा लगाया और खान साहब की हुकूमत को तब्दील करवाया जिसका नतीजा क्या निकला 16 महीने के अंदर जो पैसे इन्होंने लगाए थे हुकूमत चेंज करने के लिए व 16 महीने में सूद समेत वसूल किए रशिया से जो सस्ता पेट्रोल आया था वह गायब हो गया उसने 8 10 अरब डॉलर की जो गपला हो गया वो आपके सामने बैर
बतानिया के अकाउंट में चले गए वो पैसे कोई पुसाने हाल नहीं कोई पूछने वाला नहीं है आखिर कब तक यह जुल्म बदाश करते रहेगी पाकिस्तानी कौम और कब तक चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान को देखती रहेगी और सिर्फ देखती ही रहेगी और मुल्क लुट रहा होगा और चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान में मुल्क छोड़ के भाग रहे होंगे जितने चीफ जस्टिस हमारे हैं आप देख ले मुल्क से बाहर बैठे हुए हैं आखिर यह मुल्क किस लिए इसलिए कि यहां से लूटो और बाहर चले जाओ आखिर कब तक हम लोग ये जुल्म बर्दाश्त कर देंगे इसकी हद इंतहा होती है और इसकी इंतहा इस इलेक्शन
के अंदर में इंशाल्लाह अल्लाह की रहमत से अल्लाह के करम से इसकी इंतहा इलेक्शन के अंदर आवाम भरपूर तरीके से बाहर निकल के वोट डाल के और अपना हक लेगी ठीक है ठीक है बिल्कुल और आवाम को अपना हक मिलना भी चाहिए डॉक्टर सेफान मलिक साहब एमकेएम जो है वो अब तो खैर नून लीग के साथ मिल गई है और इतहाद बना रही है आप देख रहे हैं कुछ और भी इतहाद बनने जा रहे हैं पीटीआई का कहीं पे कोई इतहाद बनने जा रहा है या उसको जरूरत है कहीं इतहाद बनाने के लिए नहीं देखिए मेरा इसमें यह मानना है कि पीटीआई की डेफिनेटली अपनी कॉल है अपनी च
ॉइस है वो जो बेहतर समझती है अलबत्ता अगर कुछ और जमात है इस इत्तेहाद में शामिल होना चाहती हैं और बिल खुसूस सिंध के अंदर जिस तरह भी पहले बात हुई कि भाई पीपल्स पार्टी का कोई मुकाबला नहीं है मैं इसको बिल्कुल ठीक नहीं समझता अगर हम माज में जाए तो तीन दफा ऐसी हुकूमत बनी है जिसमें पीपल्स पार्टी बिल्कुल हुकूमत का हिस्सा नहीं थी तीन वजीरे आला ऐसे थे जिनका पीपल्स पार्टी से कोई ताल्लुक नहीं था तो बिल्कुल हमारी आगे का विजन और वे फॉरवर्ड यही है कि वो इंटीरियर सिंध के वो जगह वो हल्के जहां पर एमकेएम का भी एक सर्
टेन वोट बैंक है उस वोट बैंक की मदद से फिर फंक्शनल लीग वहां पर मौजूद है फिर वहां पर मुस्लिम लीग नून का वोट बैंक मौजूद है और तमाम हमारे जितने भाई हैं उनके वोट बैंक्स को हम इकट्ठा करके अगर हम पीपल्स पार्टी को डेफिनेटली वहां से डिथ्रोन करें उसकी सिर्फ और सिर्फ वजह हमारे पास यही है कि इस वक्त सिंध को अगर कोई की बचत हो सकती है लोगों का कुछ भला हो सकता है तो वो इसी में है कि पीपल्स पार्टी को डिथ्रोन किया जाए पीपल्स पार्टी को अब अब अब ये सुबह मुत हमम नहीं कि पीपल्स पार्टी जो है वो बरसर तदार रहे और दूसरी
बात जो हमारे भाई ने एक की के पीपल्स पार्टी के बारे में और बिलावल जरदारी साहब के बारे में तो मैं उनके लिए एक चंद लफ्जों में ये पैगाम बिलावल जरदारी साहब को य दूं कि भाई अब उल्टी हो गई सब तदबीरें कुछ ना दवा ने काम किया देखा इस बीमारी इदार ने आखिर काम तमाम किया तो अब इनका काम तमाम हो चुका है इनका किस्सा तमाम हो चुका है और आने वा जो लोग इतने जलसों में शिरकत हो रही थर का बहुत बड़ा जलसा किया है अभी और भी मुख्तलिफ इलाकों में उनके दौरे जारी हैं तो वो कोई हकीकत नहीं है मतलब उनके लोगों की शमू आखिर वो लोग
कुछ तो सोच समझ के ही आ रहे हैं ना जलसों में देखें एक तो सबसे पहले हमें लिटरेसी रेट भी पता है जहां पर ये जलसे कर रहे हैं वहां पर क्या है दूसरी बात हमें यह भी पता है वो जलसे किस तरह कंट्रोल किए जाते हैं हमें यह भी पता है वहां पर कौन सा निजाम चल रहा है जिस निजाम के तहत वो लोगों को चेक कर कर वहां पर लाया जाता है और कौन से प्रक्स एंड प्रिविलेजेस ऑफर किए जाते हैं हां हमें लेकिन ये जरूर पता है कि इलेक्शन के दिन लोग अपना हक जरूर इस्तेमाल करना जानते हैं आवाम को सॉरी इस तरह हंट करना तो ज्यादा आसान हो गया
ना पीपल्स पार्टी के लिए आवाम मल साहब आपकी जमात यही आसानी यही आसानी अब इनके लिए मुश्किल में तब्दील हो जाएगी जब इनके इनके डाकू जो सिं से निकल कर आते हैं और वो डब्बे उठा के लेकर जाते हैं और वापस उनको रात में लाकर रख देते हैं हम इन डाकुओं के ऊपर बिल्कुल ताक करेंगे और इंश्योर करेंगे इस चीज को मेक शर करेंगे डाकू डब्बे ना उठ इल्जाम की जो सियासत है ना मलिक साहब देखि आपके ऊपर भी लगते हैं इल्जा मात कि आप नली कर देते हैं डब्बे उठा ले जाते हैं पावर दिखाते हैं अग अगर अगर आप अगर आप मुझे इजाजत दें सिर्फ इस वाल
ी बात का जवाब देने का तो मैं आपको ये बताऊं कि ये कैमरे की आंख ने ये मनाजिर सारे देखे और दिखाए हैं कि किस तरह सिंध के अंदर ये तमाम चीजें ये करते रहे हैं ये कैमरे की आंख में महफूज है आपके और तमाम साफी दोस्तों के कैमरे में महफूज है कि किस तरह भी जब बल्दिया इलेक्शन हुए थे तो उसमें क्या-क्या किस्से और कारवाया इन्होंने की है और किस तरह इलेक्शन कमीशन का जो हमला था वो गायब रहा और किस तरह इनके लोग आके वहां पे सिस्टम हाईजैक करते रहे हम ये जरूर इनको यहां पर मेक श्योर करते हैं और ये बताते चलें कि इस दफा इंश
ाल्लाह हम ये होने नहीं देंगे हम इस पर जरूर इंशाल्लाह ताला स्ट्रेटेजी करके मैदान में उतरेंगे इंशाल्लाह अच्छा ठीक है चले एमक्यूएम ने तो कमर बांध ली है ताहिर साहब उन्होंने तो कहा अब नहीं होने देना हमने कोई भी ऐसा मिस हैप एमक्यूएम में बेचारी कहूंगा एमक्यूएम वाले बेचारे जो हैं कराची के पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के जलसे देखकर इतना परेशान है चले इंटीरियर की तो ये कह रहे हैं कि हमने पता नहीं कैसे ऑर्गेनाइज करते हैं क्या करते हैं चलो मैं इनकी बात को एक सेकंड के लिए तस्लीम करता हूं जबकि यह बेचारे इस वक्त बड
़ी परेशानी का शिकार हैं क्योंकि इन्होंने ऐसी ऐसी नशत खोई है क्योंकि इनका अपना असर य अपना असर खत्म कर चुके बि वक्त तो ता साहब आप इस बात से तोही बता व व एक वक्त वही था जब ये बोरी बंद लाशें देते थे एक वक्त वो था कि इनके दहशत गर्द जो है ठप्प लगाते थे और ठप्प लगा कर के और बोलते थे जाए जी आपका ल गया और आपका हो गया अब तो वो सारे खत्म हो चुके उन लोगों को भी अकल आ गई क्योंकि बेचारे जहनी तौर पर यर कमाल थे बच्चे व हमारे यहां के अब उन बच्चों को अकल आ गई उनको शऊर आ गया वो समझ गए हैं कि ये हमारे मुल्क दुश्मन
है हमारे क्या कहते हैं कराची के दुश्मन है और इस इतिहास से आप यकीन करें कि लोग मुझसे अब भी कई लोगन एमके के में तो बड़ा काम हुआ है कराची में क्या काम हुआ है कोई काम नहीं काने तो बड़ा काम देखिए मुस्तफा कमाल साहब फी कोरिडोर बनाए उन्होंने बड़े बना बड़ कु पहले वाहिद अपने आपको को यह कहते थे कि जी मैंने बहुत काम किया जब भी पीपल्स पार्टी की हुकूमत थी पीपल्स पार्टी ही इनको बजट देती थी और वसीम अखतर साहब ये कहते थे मेरे पास इख्तियार नहीं है अरे तुम आपस में ही एक दूसरे के बहन से मत ताजाद करे बैठे े हो ग अब इ
कट्ठे हो गए हैं और यह भामदी का कुंबा है आप देखिएगा इलेक्शन से पहले टिकट की जब बंदर भाट होगी उसमें यह खुद ही लड़ रहे होंगे और आगे पीछे हो रहे होंगे और ये कह रहे होंगे यह मेरा वोटर इसको टिकट मैंने देना है इसको टिकट मैंने देना है और फिर नवाज शरीफ साहब जो है ना बोले खुदा के लिए हमें तुमसे ये चीज तो हम देख रहे हैं कि 13 जमां की पहले इतहाद हुआ उसके बाद जब अब ये इलेक्शन अनाउंस हुआ तो सारी 13 जमात एक दूसरे के आमने सामने आ गई ये तो सियासत तो यही है ना फिर सियासत में तो यह रा साहब आप काफी कुछ कहना चा रहे
आपने अभी 16 जमां मैं आपके कितने प्रोग्रामों में कह चुका हूं कि चंद ही दिन बाकी है सास बहू का झगड़ा शुरू होने मेंा अब वो आपके सामने चल रहा है इस वक्त देख आपने प्र किया था ये मुझे बिल्कुल मुझे मैं ये देखो कि इस गुलिस्तान को इस चमन को उजाड़ने में हर सियासी जमात का बराबर का हाथ है अच्छा अगर एमकेएम की बात करें तो उसकी 35 साला हुक्मरान के अंदर जनरल जियाउल हक मुशरफ नून लीग या पीपल्स पार्टी के साथ इन्होंने हुकूमत बनाई इनका मेयर इनका गवर्नर इनके सेनेट में नुमाइंदगी इनका एमएन एमपी हर जगह पर ठीक है अगर आपक
े पास जब इक्दर्म से अलाद होते कि हमारे मुताल बा या वादे पूरे नहीं हो रहे एन इलेक्शन के जमाने में नून लीग की तरह आपको क्यों मुल्क की आवाम याद आ जाती है जिस तरह के सिंध में मियां नवाज शरीफ इलेक्शन के जमाने के अंदर बड़े बेचैन हो जाते बाद में वो मुड़कर भी नहीं देखते कराची शहर को इस बर्बादी में इस बर्बादी में सभी का हाथ और मैं समझता हूं कि कम से कम इतनी बड़ी 35 साला हुक्मरान के बाद एनक जब सब जमां के साथ इक्दर्म तराश या कीचड़ उछालने से गुरेज करना चाहिए मैं यह समझता हूं मैं ये अगर आपके साथ कोई वादा वफा
नहीं करता किसी किस्म का तो मैं आपसे आंख नहीं मिला सकता यह तो प्रेस कान्फ्रेंस करते हैं मिलजुलकर ठीक है मुझे तो शर्म आती है इस तरीके के अपने लोगों को शायद कोई और आपको मिला नहीं यह आवामी है जो बेवकूफ बनाने के लिए क्या क्या दिया कराची की आवाम को यकीन जाने कि इस वक्त आधी से ज्यादा आवाम जो है इनके कमर के मोहरे ल ग तरह सड़के देखे जो लोग बाइकों प मोटरसाइकिलों पर जिस तरीके से आते हैं थोड़ा सा तो आवाम का ख्याल किया जाए सब ार की जंग और ये नूरा कुश्ती है ज सखर का जलसा हो या कराची की सियासत हो ये नूरा कुश्
ती है ये मखलूक हुकूमत जब नवाज शरीफ साब वजीर आजम होंगे तो तमाम लोग व फाक में होंगे तमाम लोगों की कहीं ना कई हुकूमत होगी आप समझने की कोशिश करें ये आवाम को बेवकूफ बनाने वाली बात है अपना भरते हैं फिर चले जाएंगे नवाज शरीफ साहब फिर इनकी प्लेटें कम हो जाएंगी फिर ये प्लेटें वापस लेकर आएंगे ये तमाम चक्कर सिर्फ नूरा कुश्ती है इनकी कुछ भी नहीं है इंटरनेशनली भी इमेज बहुत खराब हो चुका है पाकिस्तान पाकिस्तानी सियासत दानों का और हम मजलूम कौम के तौर सामने आ चुके हैं पूरी दुनिया में हम भिकारी कौम की सूरत में पूर
ी दुनिया के सामने हैं हम पर कोई ऐतबार नहीं करता इन सियासत दानों की वजह से आज एक शख्स सच बोल रहा है वो शायद खा कान अब्बासी किस तरीके से उसको साइड पर किया हुआ है उसे शायद अपनी आखिरत नजर आ रही है या शायद उसमें भी कुछ ड्रामा है हमें तो सियासत दानों पर बिल्कुल तबार नहीं रहा आप सलीम साहब आपकी जमात तबार करती है शायद खाका अब्बासी साहब पे या लतीफ खोज साहब पे या एतजाज अहसन साहब पे ये भी तो दूसरी पार्टियों में थे ना पहले और फिर उसके बाद इन्होंने आपके आपको फेवर करना शुरू किया सपोर्ट करना शुरू किया देख तबार
करना ना करना एक अलग मामला होता है मेन चीज है कि बंदा बात क्या कर रहा है अगर अगर आपका दुश्मन अगर आपका दुश्मन भी सच बोल रहा है तो आपको तस्लीम करना चाहिए कि वो सच बोल रहा है और अगर आपका दोस्त भी झूठ बोल रहा है तो आपको तस्लीम करना चाहिए कि वो झूठ बोल रहा है इस बेस के ऊपर हम लोग पकते हैं और यही हम लोगों की तरबियत है यही खान साहब ने सिखाया दर्जनों गलतियां खान साहब ने अपनी मानी है अब सरेआम मानी है कि यह मेरे से गलत हुआ मेरे से गलत हुआ आप बताए कोई और लीडर है जिसने आज तक अपनी एक गलती भी मानी हो नहीं सलीम
साहब अच्छा देखि सलीम साहब की एक बात मात के साथ देखिए बरत के साथ ये जुमला मैं अभी तक कह रहा था कि अगर ये भाई इलेक्शन में वोट मांगने जाएंगे तो अल्लाह ना करे जूते पड़े मैं पीटीआई को वोट दो खुदा की कसम इस पीटीआई ने मुझे ऐसे जूते मारे हैं मैं मेरा मैं आवाम की ह पर बात कर रहा आवाम की बात कर रहा आवाम की जो रा जग लेकिन आवाम को साहब आप अपनी बात मुकमल की पहले इनकी बात का जवाब अकाउंट प मैं नून लीग का बनके किसी को गालिया दे रहा हूं पीपल पार्टी का बनके किसी को गालि दे रहा हूं या पीटीआई का बनके किसी को गालिय
ा दे रहा हूं तो ये कोई आप मुझे बताए कि किसी ने फ्रंट ऑफ आपके सामने किसी पीटीआई वाले ने आपको गलम गलोज करके बदतमीज की तो आप बताए तुम्हारे फला लीडर ने तुम्हारे फला बंदे हमारे साथ लीम कर रहे के सोशल मीडिया की जमात लीम कर आज आज जो है यानी आप भी सोशल मीडिया तक फेक चीजें है ना आप भी सिर्फ सोशल मीडिया तक ही है तो फिर आप यहां क्या कर रहे अगर आप सिर्फ सोशल मीडिया तक है जब यहां पे हम भी बैठे हैं आप बताए मैंने आपको कोई गाली दी या किसी और भी पीटीआई वाले के साथ आप बैठे होंगे उसने आपसे बदतमीजी की या गाली गलो क
ी तो आप शिकायत करें बा बनती मैंने तमाम सियासी जमां के मुतालिक एक नुक्ता नजर रखा सल मीडिया सोशल मीडिया आपने लीली आपने कौन ली जिन्ने कौन सी गाली निकाली जिसको जवाब गाली में सुनना प यही जानते आपने दे मैंने दे दे नहीं करतूत न कानून के आप इलेक्शन करवाते और आवाम को वोट ह देते नहीं देखिए जो हुआ तो आगे इलेक्शन आ रहा है इलेक्शन होने वाला है ये बताइए कि इलेक्शन सिंध में कौन सी जमात आप देख रहे हैं कि ज्यादा पावरफुल है यहां आपकी क्या पोजीशन है यहां आप कितना रिस्पांस आपको मिला क्या देख रहे हैं यहां पे आपकी स्
ट्रेंथ कितनी है देखिए यहां प जो वोट वोटर्स का ताल्लुक है ना सिंध के अंदर हो या दीगर सूबों में हो तो आप देखेंगे 25 पर वोट कॉस्ट होते हैं इसमें से वोटर जो होता है वो 15 पर होता है अच्छा बाकी सारा थप्पा माफिया चल रहा होता है % थप्पा माफिया आप नहीं आप मेरी बात नहीं समझिए हमारा टोटल वोट परसेंटेज 25 25 अच्छा टन आउट जो रहता टन आउट जो है 25 से 30 पर से ज्यादा नहीं है 15 पर होता है 12 से 15 पर इसम जेनन वोट होता है कानून बनाना चाहिए कि तमाम लोगों को वोट देना है कानून बनाना चाहिए बायोमेट्रिक के तहत देना है
अगर आप चाहते हो कि लोगों की मुंत कीब हुकूमत हकीकत में आए तो मगर आप तो यहां पे लोग चाहते ही नहीं है ना हमारी एस्टेब्लिशमेंट चाहती है कि आए लोगों के मुंत करता हुकूमत ना हमारे सियासत दन चाहते हैं सिवाय पीटीआई के खान साहब के अलावा जो उन्होंने कानून बनाया है कि लोगों को आवाम का वोट का हक दिया जाए ई बीएन मशीन का इन्होंने लॉ पास किया जिन्होंने 16 महीने की गवर्नमेंट में आ सबसे पहला काम जो कवानी जो रोल बैक किए अपने करप्शन केसेस माफ कराने के बाद सबसे पहले इन्होंने इसी कानून को कि परे लिखे वोटरों को वोट क
ा हक नहीं देना इसी कानून को ईवीएन मशीन नहीं लाने देनी और इस तमाम जो इसम वर्कआउट हुआ था वो तमाम वर्कआउट उन्होंने जाया किया अब आप बताएं कि जब आपको इसी तरीके से दाली जदा इलेक्शन करवाने की प्लानिंग है आपको इसी तरीके से अगर बेईमानी गुंडागर्दी और बदमाशी करके कौम का वक्त बर्बाद करने की प्लानिंग है तो भाई आप क्यों इसी तरह की प्लानिंग बनाते हो आप खत्म कर दो उस मामले को यहां तो डायरेक्ट मार्शल लाल लगा दो यहां तो फिर आप जो है ना डायरेक्ट मुंत किब कर दो भा आपसे यह वजीर है 5 साल के लिए ठीक है ये बड़ा वैलिड प
ॉइंट है कि जब हर चीज में बायोमेट्रिक को हम तरजीह देते हैं तो वोटिंग में बायोमेट्रिक को क्यों नहीं तरजीह दी जा रही क्यों उसको नहीं कंसीडर किया जा रहा ये बहुत अहम नुक्ता है इस पर भी बात करेंगे लेकिन वक्त हो गया है एक ब्रेक का हमारे साथ वेलकम बैक नाजरीन और प्रोग्राम में एक मर्तबा फिर आपको खुशामदीद कहेंगे और गुफ्तगू के सिलसिले को आगे बढ़ाएंगे वक्त अब कुछ कम रह गया है लेकिन बात जरूर मुकम्मल करेंगे मौजू जरा थोड़ा बड़ा है डॉक्टर सुफान मलिक साहब से मैं जानना चाहूंगी डॉक्टर साहब ये जो बायोमेट्रिक का ये ज
ो मामला था ये क्यों नहीं आपने कंसीडर किया क्या वजू हात थी इसमें देखिए मैं बिल्कुल डेफिनेटली इस वाली बात का जवाब देना चाहता हूं लेकिन इससे पहले मैं दो बातों पर बहुत मुख्तसर रिस्पॉन्ड करना चाहता हूं मैं अपनी बारी का बिल्कुल वेट कर रहा था कि जब हमारे दोनों भाइयों ने हमें ये लेबल करा कि भा एमक्यूएम कोई दहशत गर्द जमात है तो दोनों को जरा मैं माजी में लेकर जाऊं कि इसी जिसको वो भत्ता खोर और बोरी बंद और दहशत गर्द बता रहे हैं उसी जमात के पास आकर ये अपनी एड़ियां रगड़ थे अपने सर रखते थे इनके कायदी न आकर और
उसके बाद उनकी हिमायत के बाद वजीर आजम बनते थे चाहे पीपल्स पार्टी यहां बैठी हुई है ये जाए 2008 के दौर में कि अगर 2008 में एमकेएम थी तभी इनके वजीर आजम और सदर मौजूद थे इसी तरह जो दूसरी जमात है पाकिस्तान तहरीक इंसाफ अगर एमक्यूएम इनके साथ थी तभी ये बैठे हुए थे जाकर इनके वजीर आजम बैठे हुए थे तो एमक्यूएम बेनिफिशियरी नहीं थे एमक्यूएम के बेनिफिशियरी थे ये सारे ये अदर वे अराउंड है पहले तो मैं ये क्लियर कर दूं दूसरी बात हमारे एक और भाई से मैंने ये सुना जिसमें उन्होंने कहा कि भाई 35 सालों में एमक्यूएम ने करा
ची को क्या दिया तो मैं जरा उनको यह जवाब देता चलूं कि भाई यह दुनिया के 12 तेजी से तरक्की करने वाले शहरों में शमार हो गया था यह शहर 2005 से और ये मेरे मेरे बनाए हुए घर के कोई ये नहीं है ये वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की तरफ से कराची को ये लकब मिला था कि भारत तेज से तरक्की करने वाले शहरों में शुमार है इस शहर का नाजिम दुनिया के दो बेहतरीन नाजिम में शामिल था जिसमें 12 नाजिम उन्होंने निकाले और कराची के नाजिम को जो चैलेंज फेस थे वो कराची के जो दुनिया के पहले नंबर वाले नाजिम को फेस नहीं था उसके बाद भी उसके बाद
भी मुस्तफा कमाल इस इस इस शहर का इस दुनिया के हिसाब में देखा जाता तो दूसरा नंबर का वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के स्टेटिस्टिक्स मैं आपसे शेयर कर रहा हूं ये कराची वालों को मिला था आप हमसे पूछ रहे कि कराची में सड़कें नहीं बनी भाई 15 साल से बसर इदार कौन है हुकूमत में कौन है वो जमात हैं जिनका काम यह करना था एमकेएम वाज नेवर पार्ट ऑफ सिं हुकूमत सिं हुकूमत की ये जिम्मेदारी थी कि तमाम चीजों को मैनेज करती य जो कि नहीं हो सका आपका था मलिक साहब सॉरी गवर्नर आपका था इ बाद साहब आप गवर्नर देखिए गवर्नर एक आईनी पोजीशन
है गवर्नर के पास क्या थोड़ा सा हम इसको बैठकर बात करें गवर्नर तो एक आईनी पोजीशन है गवर्नर के पास क्या गवर्नर तो सिवाय फीता काटने के कुछ भी नहीं कर सकता भी यूनिवर्सिटी के फीते काटने से और अब तो वो भी तियार उससे ले लिया गया तो गवर्नर की तो ये पोजीशन है हैविंग बड़े एक्टिव नजर आ रहे हैं हर जगह नहीं देखिए गवर्नर के अगर आप इख्तियार प बात करें तो गवर्नर तो एक सड़क नहीं बना सकता ये तो मैं आपको आन और कानून के हले मलिक साहब सॉरी मेयर के पास भी कोई इख्तियार नहीं होता वसीम अखतर साहब के पास भी इख्तियार नहीं थ
े नहीं देखिए मैं आपको मैं अभी आप गवर्नर और मेयर में थोड़ा सा डिफरेंस ये है कि गवर्नर जो है उसके पास इख्तियार नहीं होता मेयर के पास डेफिनेटली उस वक्त जिस वक्त ये 2015 की हुकूमत थी उस वक्त के इख्तियार और 2005 की इख्तियार में डेफिनेटली फर्क था लेकिन जिस वक्त हमारे पास इख्तियार और वसाय थे उस वक्त हमने डिलीवर करा जिसकी जिसकी गवाही सारी दुनिया देती है दूसरी बात जो आपने मुझसे बायोमेट्रिक के हवाले से की बिल्कुल मैं इसपे कमेंट करना चाहता हूं बिल्कुल एमकेएम ये चाहती है कि चीजें इस तरह बायोमेट्रिक जिस तरह
सारी दुनिया में चलती है जिस तरह पाकिस्तान की बाकी चीजों में चल रही है उसी तरह बायोमेट्रिक का रोल इसमें भी होना चाहिए लेकिन क्या आपके मुल्क की जो डायनेमिक्स है क्या आप आपने अंदर पंजाब भी देखा है आपने अंदर सिंध भी देखा है आपने केपी भी देखा है जहां पर आपके पास आज के दिन तक प्रॉपर बिजली का निजाम मौजूद नहीं है जहां पर आज आपके पास बेसिक नेसेसिटीज ऑफ लाइफ नहीं है क्या आप इस तरह के साफ और शफाफ इलेक्शन कराने के मुत हमम है अगर तो है तो गो फॉर इट एंड इफ नॉट तो आपको तो पहले अपने जो निट ग्रिटीज है इनको हल कर
ना है इसमें जो लकूना है उनको खत्म करता है उसके बाद हमें ये वाली बात करनी है ये एमकेएम का ओपिनियन है इसके ऊपर ठीक है अच्छा बहुत शुक्रिया डॉक्टर सफन मलिक साहब कि आपका मौक आ गया है ताहिर साहब बताइएगा आप कुछ कहना चाह रहे थे काफी देर से कुछ बोलना चाह रहे थे आप ये मलक साहब ने जो कहा कि 12वें नंबर पर आया तो यह दौरे इदार आसिफ अली रई साहब सदरे पाकिस्तान थे उस टाइम में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की हुकूमत थी इसी वजह से वो फंड भी देते रहे और इनको समझते रहे हालांकि गो के इनका मेयर था और पीपल्स पार्टी ने इनको ब
काय दगी से फंड दिए और उन्होंने खयाती काम करवाए मुस्तफा कमाल के दौर में ठीक है तो इसका मकसद यह है कि पीपल्स पार्टी ने इनसे वफा करी थी लेकिन इन्होंने पीपल्स पार्टी से वफा नहीं की और हमेशा इन्होंने रा अलते रहे हम खरात नहीं है कहीं कहीं पहले मेयर जो थे इनके जो बवे नंबर पर कहलाते थे वसीम अखतर साहब नहीं नहीं मुस्तफा कमाल मुफ कमाल नंबर प नहीं दूसरे नंबर दसरे ं छठे नंबर दूसरे नंबर दोनों ल तो जो नहीं जानते कि वफा क्या है वफा क्या है तो इनका लेकिन एक शेर है बड़ा वफा करोगे वफा करेंगे और ये वो वगैरह वगैरह ल
ेकिन किसी से वफा नहीं करते हैं पीटीआई से भी इन्होंने इत्तेहाद किया इन्होंने पीपल्स पार्टी से भी इत्तेहाद किया अब नून लीग से इतहाद कर लिया तो इंशाल्लाह इससे टिकट लेने से पहले पहले इलेक्शन से पहले पहले ये रा फरा इयार कर ले साहब मुझे एक बात बताए मुझे एक बात बताएं ये जो अब जो आवाम का जो नुकसान हो रहा है अब इन 16 महीनों का जो इंपैक्ट आया है जो महंगाई का एक तूफान है मतलब अब तो मैं कल भी यही बात कह रही थी प्रोग्राम में कि 3 करोड़ आवाम जो है वो सताए गुरबत से नीचे चले गए हैं मतलब बुरा हाल है आवाम का किसी
भी चीज पर हाथ रख के आप देख ले वो पता नहीं कितने हजारों गुना वो आगे चली गई है उसकी कीमतें अभी फिर बिजली के यूनिट फिर बढ़े हैं फिर गैस बढ़ भी रही है और नायाब भी होने वाली है क्योंकि सर्दियां आ रही है बिल्कुल खत्म हो जाएगी बिल्कुल दो दो घंटे की टाइमिंग्स आ जाएंगी ये इस पे पीपल्स पार्टी क्या मौक है क्या क्या कर रही है वो कहां है वो पीप महंगाई के रेशो के ऊपर अगर आपने बात करी है तो महंगाई के रेशो में आपने देखा होगा जब जब पाकिस्तान में पीपल्स पार्टी की हुकूमत रही अगर महंगाई हुई है तो उन्होंने उसी अंदा
ज में लोगों की सैलरी बढ़ाई है तनखा बढ़ाई है और उन्होने उसी अंदाज में मरा दी है कि लोगों को फैसिलिटेट किया है हरत से ये तो आपने गवर्नमेंट की बढ़ा दी ना जो प्राइवेट सेक्टर है वो तो पिस गया प्राइवेट सेक्टर प्राइवेट सेक्टर के लिए भी तनख बढ़ाई गई है पीपल्स पार्टी का ही हमेशा से म देखिए आप कहते हैं कि 3 हज एक मजदूर की तनखा होनी चाहिए 300 32000 देता कौन है मजदूर को देते है कंप्लेन अगर आती है मिसाल के तौर पर अभी रिसेंट थर्ड पार्टी कांटेक्ट है ड मेडिकल कॉलेज उसम कॉलेज में वहां पर उसके बावजूद भी अभी हमारे
वहां के लोगों ने जब अप्लाई किया तो उसको 22000 तनख हुई 2 इससे बहुत मुख्तलिफ है सर बहुत मुख्तलिफ है और लेबर तप पिस गया है आठ घंटे की ड्यूटी टाइमिंग होती है इंटरनेशनल लॉ है लेबर लॉ लेकिन 12 घटे लोग जॉब करते सही नुमा राव साहब अगर इदार में किसी भी इदार में अगर किसी भी इदार में अगर सररा अगर सही होंगे तो तनख बढ़ेंगी भी उनको मरा भी मिलेंगी और उनको हर वो चीज फट किया जाएगा जो हुकूमत चार बात है कि अगर आप बुरा होते हुए देखें और आप इसकी ताकत रखते हो कि उसे रोके या फिर से मना भी नहीं कर सकते तो आप जैसे मना क
ोई नहीं 16 महीने की तबाही इतनी बड़ी तबाही थी महंगाई की और बलाल साब वजीरे खजा थे उनको उन्होंने देखा जब 18 से 20 दिन रह गए हुकूमत के जाने में उनको अचानक याद आ जाता है महंगाई बहुत बढ़ चुकी है उनको मालूम था मैंने पब्लिक एक ल मार्च नहीं निकाला बिलावल साहब ने नहीं देख बिलावल साहब अब आप ये देखें कि इस वक्त यूरो कंट्री हो ग यूरोप कंट्रीज हो गई जिस भुट्टू साहब ने सऊदी अरब और दुबई लोगों को उनके दौर हुकूमत में जाना शुरू हुए थे इसी तरह से जब यह वजीर खजा बने हैं बिलावल साहब तो उसके बाद इस तरह की पॉलिसी बनाई
है क्या यूरोप कंट्री में भी हर आदमी अप्लाई करके किसी ना किसी अंदाज में जल्द से जल्द अपना वीजा हासिल कर सकता जा सकता है उसके कानून के मुताबिक कानून के मुताबिक देखें जब इंटरनेशनली आप पॉलिटिक्स में आप वो चीजें हासिल ही नहीं कर सकते देखि ना इंटरनेशनल लेवल पर कोई रिश्ते दारिया थोड़ी होती है आप तो मुल्की मफा प बात कर रहे होते हैं तो कौन सी पॉलिसी आई है पाकिस्तान की खजा पॉलिसी में कहां क्या चीज मुक मुलाकात करना बिल्कुल अलग बात है लेकिन इमेज बेहतर करना उनसे व ची हासिल करना जो मुल्क के लिए बेहतर इतने बात
हो जाए देखि मैं कुछ ना कुछ अगर गुरबत की किसी सतह पर हूं बच्चों को मुश्किल से पाल रहा हूं अगर तीन वक्त का नहीं दो वक्त का नहीं तो एक वक्त का खिला रहा हूं मुझे ये बताया जाए कि इस दौरान जो सैलाब आया था बिलावल साहब की इतनी स्ट्रगल अरबों डॉलर आ रहा था वो पैसा कहां है मिनम साहब आप भी बता दीजिए आप भी पूछ तरकी करती वो तरक्की करती है जो अपने लोगों की अपने हुनरमंद की कदर करती है वो कम तरकी नहीं करती जो अपने पढे लिखे हुनरमंद लोगों को बैर मु मालिक बाहर भेज देती है और जो य अपने पास मुल्क के अंदर मौजूद हो इन
को तालीम से हमारे प्रोफेशनल थे उन्होने मु छोड़ दिया दिया दिया बने के लिए उन पढ़े लिखों को स्पेस दिया गया ताकि यह मुल्क पढ़े लिखे और हुनरमंद से खाली हो ऐसे नहीं य एक मुकम्मल साजिश थी जो 16 महीने की हुकूमत आई मुकम्मल एक साजिश थी जिसको तबाही हर सूरत में लानी थी बैंक करप्स की दने तक पहुंचा दिया और किस तरह पाकिस्तान बचा है व खान साहब अगर साइन ना करते आईम के आईएफ की दस्तावेज अगर खान साहब साइन ना करते तो यह बैंक हो चुका था मजबूरी थी पाकिस्तान को बचाने के लिए न साब हो चुका है बिलकुल बहुत शुक्रिया डॉक्टर
ताहिर खान साहब आपका राव इमरान सलमान साहब आपका और सलीम सचानी साहब आपका भी बहुत शुक्रिया डॉक्टर सफानगर साहब आपका बहुत शुक्रिया बड़े अहम पॉइंट्स आए हैं और यकीनन नेक्स्ट प्रोग्राम में हम इन पॉइंट्स को रेज करेंगे और जो आवाम कह रही है उनका उसका मौक भी जरूर सामने रखेंगे इसी के साथ शुमाल नवाज को इजाजत दीजिए अपना बहुत ख्याल रखिएगा अला आने के बाद

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