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Hellaro | Full Movie Review | With Spoiler Alert | Shraddha Dangar | Film Review Gujarati | 2019

Hellaro | Full Movie Review | With Spoiler Alert | Shraddha Dangar | Film Review Gujarati | 2019 ______________________________ Kem Chho Mitro, Swagat Chhe tamaru amari channel Film Review Gujarati par. ______________________________ About this video Aaje aapne vat karishu Gujarati Film Hellaro vishe. Neshnal Award melveli aa film kevi chhe te tena gito parthi janie. ______________________________ Director: Abhishek Shah Producers: Ashish Patel, Nirav Patel, Aayush Patel, Abhishek Shah, Mit Jani & Prateek Gupta Associate & 2nd Unit Director: Prateek Gupta Story: Abhishek Shah Screenplay: Abhishek Shah & Prateek Gupta Additional Screenplay & Dialouge: Saumya Joshi Chief Assistant Director: Kushal M Naik DOP: Tribhuvan Babu Executive Producers: Aayush Patel & Mit Jani Creative Producers: Aayush Patel & Mit Jani Assistant to DOP: Arun Narayane Sound Designer: Subash Sahoo On location sound & dialogue recordist: Uday Girkar Music: Mehul Surti Lyrics: Saumya Joshi - Writer I Director I Poet Choreographers: Samir Tanna & Arsh Tanna Editor: Prateek Gupta Make-up Design: Shrikant Desai Production Design, Set Design and Art: Ravi Popat & Sheel Thakore Costume: Niki Joshi Jewellry: Bharatji & Mital Doshi Casting: Abhishek Shah Action Director: Pradyumna Kumar Swain (P K) Digital Intermediate: Famous Studios Ltd. Colourist: Swapnil Patole VFX: Abhilesh Shivlkar Cast: Shraddha Dangar Jayesh More Tejal Panchasara Shailesh Prajapati Maulik Nayak Aarjav Trivedi Tarjani Bhadla Brinda Nayak Niilam Panchal Kaushambi Bhatt Swati Dave Denisha Ghumra Aakash Zala Rajan Thakar Kishan Gadhvi Kamlesh Parmar Sachi Joshi Riddhi Yadav Jagruti Thakore Kamini Panchal Ekta Bachwani #Hellaro #66thNationalAward #BestFeatureFilmofIndia #BestFeatureFilm2019 #HarfanmaulaFilms #NationalAward ______________________________ Our some other video playlist Gujarati Movie Trailer Review_ https://www.youtube.com/watch?v=4MTaB5St1l0&list=PLEXpcekjxB93lwYqhH-c3s5rtXwVen_P_ Gujarati Web Series Review_ https://www.youtube.com/watch?v=_405IZQ7sfg&list=PLEXpcekjxB92IquhUzpAe-jF1lxajixK5 Gujarati Movie Official Teaser & Trailer_ https://www.youtube.com/watch?v=2Y6thq3McSc&list=PLEXpcekjxB93a-ZAgnXxpDV7hPC9WwkDa Gujarati Film Review_ https://www.youtube.com/watch?v=qm_IpguxemY&list=PLEXpcekjxB91v8wkBdOc07VFZi8Q8xSsA Khas Mulakat_ https://www.youtube.com/watch?v=Q-WmNZaulzY&list=PLEXpcekjxB92w88tOgp9RBfUFyzj9cjf7 ______________________________ Our Social Youtube_ https://www.youtube.com/c/FilmReviewGujarati Facebook_ https://www.facebook.com/FilmReviewGujarati/ Intagram_ https://www.instagram.com/filmreview4/ Pocket FM_ https://pocketfm.app.link/BQtwbmchIZ Helo_ http://m.helo-app.com/al/mvveespd Pratilipi_ https://gujarati.pratilipi.com/user/film-review-gujarati-60u14690r5 Khabri_ https://khabri.page.link/Ziix Twitter_ https://twitter.com/FilmGujarati?s=08 Thank You...

Film Review Gujarati

4 years ago

Hellaro एक गुजराती फिल्म है जिसने सही अर्थों में अपने लिए एक नाम बनाया है। गुजरात के लिए दो राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने से गुजरात को एक सुखद झटका लगा है और अब जब फिल्म रिलीज हो गई है, तो दर्शकों ने भी इस फिल्म को बहुत प्यार दिया है। यह सोशल मीडिया पर ज्यादा चर्चा में रहने वाली पहली गुजराती फिल्म होगी। हम पहले ही इस फिल्म की समीक्षा कर चुके हैं लेकिन फिल्म इतनी यादगार है तो चलिए आज एक बार फिर से इस फिल्म की समीक्षा का आनंद लेते हैं लेकिन इससे पहले एक स्पॉइलर चेतावनी की अगर आपने यह फिल्म नहीं
देखी है तो पहले फिल्म देख लीजिये क्योंकि इस वीडियो में आपको फिल्म की कहानी के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा। चलिए शुरू करते हैं। हमारे चैनल 'फिल्म रिव्यू गुजराती' में आपका स्वागत हैं। आज हम बात करेंगे फिल्म हेल्लारो की। इस फिल्म की कहानी के लिए बात करे तो, गरबा के बीच कहानी है या कहानी में गरबा ये बताना बहुत मुश्किल है। फिल्म को देखकर ऐसा लगता है कि फिल्म के लेखक और निर्देशक अभिषेक शाह ने फिल्म के गाने और संवाद लिखने के लिए सौम्या जोशी को पूरा निचोड़ लिया है। फिल्म की अवधि 1975 है जब देश
में एक मजबूत महिला यानी इंदिरा गांधी का शासन था। दूसरी ओर, कच्छ का एक गाँव जहाँ महिलाओं की आजादी क्या होती है ये भी पता नहीं है। देश में आपातकाल का समय है लेकिन यह गांव ऐसा है कि जहाँ अभी सरकार ही नहीं पहुंची तो आपातकाल घोषणा तो कहां पहोचेगी ? गाँव में पुरुष प्रधान समाज है जहाँ महिलाएँ केवल भोग का साधन हैं। इन महिलाओं को खुश होने का भी अधिकार नहीं है उनका काम बस पुरुषों और बड़ों की सेवा करना है। वे कढ़ाई जैसे काम भी नहीं कर सकते। गरबा तो बहुत दूर की बात है वे सवाल भी नहीं कर सकती। पूरा दिन घुट घ
ुट के पसार करो और रातमें अपनी इच्छा हो या न हो अपने पति का बिस्तर सेंको - यही है इनकी जिंदगी। गाँव के पुरुष देवी को मानते हैं लेकिन अपनी स्त्रियों को कोई अधिकार देने में विश्वास नहीं करते। लगातार तीसरे साल बारिश नहीं आयी, इसलिए गाँव के पुरुष देवी को खुश करने के लिए गरबा कर रहे हैं और स्त्रियों को कुछ भी खाये बगैर व्रत करना पड़ता है लेकिन गरबा नहीं कर सकती। Sapna Vina Ni Aakhi Rat ये गीत स्त्रियों का दर्द महसूस करवाता है। ये स्त्रियाँ पहले से ही उनकी बेटियों को सिखा रही है कि महिलाओं को सपने देखन
े का अधिकार भी नहीं है । गाँवमे पिने का पानी लाने के लिए दूर जाना पड़ता था। बस यही एक काम था जहाँ ये महिलाएँ आपस में बात कर सकती हैं । अन्यथा, उन्हें कुछ भी कहने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसे गांव में मंजरी पहुँचती है जो फिल्म का सबसे दमदार पात्र है। सातवीं तक पढ़ी हुई मंजरी क अपने कुछ सपने है और अरजण से शादी करके मंजरी इस गांव में आती है। गांव में आते ही मंजरी को अरजण बता देता है की यंहा गांव के रिवाज के अनुसार रहना होगा, अगर मनमानी करने की कोशिक की तो मुश्किल हो जाएगी। अगले दिन से मंजरी भी गाँव की
महिलाओं के साथ पानी लाने जाती है। गांव की महिलाओं के लिए मंजरी एक अलग प्रजाति है क्योंकि वो शिक्षित है, जबकि ये सभी महिलाएं अंधविश्वास के बीच जी रही हैं। पानी भरके लौटते हुए ये महिलाए रेगिस्तान में एक बेहोश आदमी को देखते हैं। जो प्यास से तड़प रहा है लेकिन कोई भी उसे पानी देने को तैयार नहीं है। मंजरी इस आदमी को पानी पिलाती है। उस आदमी के पास एक ढोल है। मंजरी उस आदमी को ढोल बजाने के लिए कहती है और ढोल की ताल के साथ गरबा खेलना शुरू कर देती है। मंजरी को देखकर कुछ अन्य महिलाएं भी उसमें शामिल हो जाती
हैं। पहलीबार वे आजादी महसूस करती है। उन्हें ख़ुशी के साथ डर है की उनके गरबा खेलने से देवी माँ नाराज होकर कही उन्हें श्राप न दे। ख़ुशी और डर की भावनाओ से ऊपर उठकर - पहलीबार आजादी के अनुभव का ये गीत - Vagyo Re Dhol इस गीत में हर शब्द शब्द नहीं है लेकिन ये महिलाओं की भावनाएं हैं। इस गीत की कोरियोग्राफी और सिनेमाटोग्राफी इतनी बढ़िया है की ये महिलाए जो भावनाए महसूस करती है वो हम भी कर सकते है। पहली बार वे पुरुषों के नियमों को तोड़कर अपनी खुशी के लिए कुछ कर रही है। मंजरी और ढोली की मदद से उन्हें थोड़ी ह
िम्मत मिल गई है। ये महिलाए चाहती है की उनके सपनो को किसी की नजर न लग जाये। ढोली यानि मुलजी की खुद की एक कहानी है। मुलजी की फ्लैशबैक की कहानी इतनी अच्छी तरह से इंटरकेटेड है कि उसका दर्द आपको महसूस होगा। एक और कैरेक्टर है - भगलो। जिसका यदि हम उल्लेख नहीं करते हैं, तो उसे अधूरा माना जायेगा। पूरी फिल्म में उनकी भूमिका इतनी लंबी नहीं है, लेकिन हर बार जब भी वह पर्दे पर आते हैं, आपके चेहरे पर एक मुस्कान आ जाएगी। गाँव से शहर जाते समय भगलो गांव की महिलाओ को गरबा खेलते देख लेता हैं। महिलाएं डरती हैं कि
कहीं वह गांव के पुरुषों को यह बात बता न दे? मूलजी भी घबरा गए हैं और वह भी वहां से निकलना चाहता हैं। मंजरी एक हल ढूंढती है - और मुलजी ने गांव में रहने का फैसला किया। गरबा खेलने के लिए गांव के पुरुषो को ढोली की जरुरत रहती है इसलिए मूलजी गाँव के पुरुषों के लिए रात में ढोल बजाता हैं लेकिन दिन के दौरान वह इन महिलाओं के लिए रेगिस्तान में ढोल बजाने के लिए वापस आता हैं क्योंकि इन महिलाओं ने उसे जीवन दान दिया है। ढोली के इस तरह वापस आकर उनके लिए ढोल बजाने की ख़ुशी में आता है ये गीत - Aavyo Re Asavar ढोली
ने इन महिलाओ को जीवन जीने एहसास कराया है। फिर क्लाइमेक्स में आता है ये गीत - Haiyaa अब तक मौजूद सभी बंधन टूट चुके हैं। महिलाओं के मन में स्वतंत्रता के लिए गुस्सा, आक्रोश और लालसा इतनी शानदार रूप से स्क्रीन पर कैद है कि आप भी उनकी धुन पर नाचने लगेंगे। आम तौर पर गरबा में हमने खुशी, उत्साह या थोड़ा हास्य देखा है लेकिन गरबा जैसे नृत्य में डर, आक्रोश और क्रोध जैसी भावनाओं को भी दिखा सकते हैं ये पहलीबार देखने मिला। इसके लिए पूरी HELLARO टीम बधाई की पात्र है। हां, यह सवाल जरूर होगा कि इनमें से प्रत्
येक महिला के साथ क्या हुआ या मूलजी के साथ क्या हुआ यही सब सवालों के जवाब जानने के लिए देखनी पड़ेगी HELLARO

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