"द्रोहकाल जाग उठा शैतान"-Horror Stories In Hindi
नीलावंती एक रहस्यमय ग्रंथ | Part -1 Link - https://youtu.be/cwBGUxQ9nVc?si=x_w72mrf-x4ZdWl_
नीलावंती एक रहस्यमय ग्रंथ | Part -2 Link - https://youtu.be/AextPqMBiJw?si=vv76nOjg_As4VKh5
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[संगीत] स्वागत है आपका स्टोरी रीडर शती चैनल पर
आज हम लेकर आए हैं आपके लिए मिस्ट्री से भरी कहानी इस कहानी में हम आपको लेकर
जाएंगे एक ऐसे सफर पर जिसमें डर रहस्य और रोमांच सुनने को मिलेगा इसका नाम द्रोह
काल जाग उठा शैतान है अगर आप चैनल पर नए हो तो चैनल को सब्सक्राइब करें और वीडियो
को लाइक करें अब आप अप में हेडफोन लगा ले अब चलते हमारी कहानी की ओर साल 1900 रहस
गढ़ 300 - 350 की आबादी वाला एक गांव है गांव के लोगों के घर मिट्टी के बने होते
हैं गांव में आने जाने का एकमात्र साधन कच्छी सड़क है जो बरसात के
दिनों में पूरी
तरह से कीचड़ में तब्दील हो जाता है फिर गांव से बाहर आने जाने का एक ही रास्ता है
वह है नदी के रास्ते नाम से जाना रहज गढ़ गांव की ओर जाने वाली कच्ची स एक सीधी
रास्ता है और सड़क के बाई और दाई और रहज गढ़ के निवासियों के मिट्टी के घर है यह
सीधी सड़क गांव के घरों को पीछे छोड़ती हुई सीधे आगे बढ़ती है और 3040 मिनट में
विशाल दो मंजिला सफेद पुते राजगढ़ महल दारा सिहा ठाकुर के असंख्य कमरों के सामने
रुककर सड़क समाप्त हो जाती है रहज गढ़ के एकमात्र राजा दारा सिंह ठाकुर राहतगढ़
गांव के एकमात्र रा
जा है उनका स्वभाव राजा के योग्य है कहने का तात्पर्य यह है कि
उनमें सभी सद्गुणों का विकास होता है राहतगढ़ के लोग उनके प्रेम पूर्ण मिलनसार
मददगार स्वभाव के लिए उनका सम्मान करते हैं छुट्टियां अच्छी होने के कारण कुल
मिलाकर लोग सुख पूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं ताराबाई राजगढ़ की रानी साहब
का नाम है जो दारा सिंह की पत्नी है और उनका चरित्र महाराजा के समान है महाराजा
के शाही परिवार में पहले राजकुमार सूरज सिंह है जिनकी उम्र 25 साल है महाराजा की
एक बेटी राजकुमारी भी है उस राजकुमारी का नाम रूपवती है औ
र वह 21 साल की है रूपवती
नाम की तरह ही उनके रूप और शारीरिक संरचना का संयोजन एक दिव्य अप्सरा को भी शर्मिंदा
कर देगा उन्होंने अभी युवावस्था में प्रवेश किया है तो दोस्तों आइए परिवार के
बारे में पर्याप्त जानकारी प्राप्त कर ले फिर देखते हैं कि क्या पात्र पात्र है जब
तक हम नहीं मिलते आज राह गढ़ में सूर्य अस्त होते ही क्षितिज पर अंधकार का
साम्राज्य फैलने लगा रात हो गई आज चांद तो नहीं दिखा क्योंकि आकाश गंगा में नहीं गया
था पर वह छोटे-छोटे टिमटिमाते चांद उगते नजर आए पतंगे हमेशा की तरह चह चहाते हुए
अपना क
ाम करने में व्यस्त थे जैसे ही रात हुई रहज गढ़ के निवासी अपने मिट्टी के
घरों के बाहर दरवाजे के पास एक दीवार पर लाल तेन लटकाने लगे रहज गढ़ के प्रत्येक
मिट्टी के घर के बाहर जैप जैप लाल टेन की लाल रोशनी पहरा देने लगी ठाकर इस अद्भुत
दृश्य को देख रहे थे नजारा शाम किसी शहर के हाईवे पर खंभों की कतार की तरह बीत रही
थी एक-एक करके 203 दिए नीचे फेंके गए और तेजी से उसी तरह जलाए गए जैसे राजगढ़ की
आबादी में लालटेन जलाए जाते थे महाराज अपने महल में अपने आराम कक्ष की खिड़की की
चौखट पर हाथ रखकर नीचे राहतगढ़ गांव क
ा यह चमत्कारी दृश्य देख रहे थे महाराजा के
खुले काले बालों के पीछे शाम की ठंडी हवा खिड़की से बह रही थी महाराज के पीछे वाले
कमरे में एक बड़ा बिस्तर था बिस्तर के बगल में एक गोल मेच थी उस मेच पर एक गोल कटोरे
में सेब अंगूर अमरूद और केले जैसे विभिन्न पल रखे थे कमरे में चार देवताओं की
पेंटिंग थी कुछ दीवारों पर अन्य कमरे का दरवाजा खुला था दरवाजे के पास खुली खिड़की
के पास एक चौकोर मेच थी उस मेच पर महाराज का मुकुट और तलवार रखी हुई थी महाराज
खिड़की के सामने अकेले खड़े रहज गढ़ गांव की कच्ची सड़क को उत्सुकता
से देख रहे थे
उसी खुले दरवाजे से एक काली आकृति महाराज की ओर चली 101 कदम चलने के बाद महाराज के
निकट आते ही उस आकृति ने अपना हाथ उनके कंधे पर रख दिया इस प्रकार महाराज ने पीछे
मुड़कर देखा महारानी इतना कहकर महाराज फिर खिड़की से कीचड़ भरी सड़क देखने लगे जो
व्यक्ति महाराजा के पीछे के दरवाजे से होकर गुजर रहा था वह महाराजा की धार्मिक
पत्नी और रहज गढ़ गांव की महारानी ताराबाई थी हां महाराज हमने अपने एक सेवक के
माध्यम से आपको भोजन ग्रहण करने का संदेश भेजा था परंतु आप नहीं आए इसलिए मैं यहां
चला आया महारानी
के इस वाक्य पर भी महाराज खिड़की से सीधे सामने की ओर देख रहे थे
महारानी ताराबाई ने फिर कहा चलो देखते हैं और खाते हैं ताराबाई ने सजा पूरी की
महारानी ताराबाई मैंने कल आपको बताया था कि तीन सप्ताह पहले हमारे एक दूर के
अंग्रेज सरकारी मित्र के बेटे की शादी हुई थी लेकिन उस शादी में आमंत्रित होने के
बावजूद हम शामिल नहीं हो सके इस वजह से वे थोड़ा नाराज हैं हम इसलिए मैंने उनके बेटे
और बहू को हमारे साथ रात्रि भोज के लिए आमंत्रित किया है महाराज ने अपने पीछे
खिड़की में खड़े होकर कहा फिर महारानी ने उनके वाक्य
पर कहा महाराज आप कुछ चिंतित
लग रहे हैं एम ताराबाई ने कुछ देर इंतजार करने के बाद जारी रखा क्या कुछ हुआ है एम
ताराबाई के इस वाक्य पर महाराज ने गंभीर भाव से सिर हिलाया और कुछ देर रुककर बोले
हां महारानी हमें उन दोनों नवविवाहित की चिंता है महाराज ने चिंतित होकर कहा लेकिन
क्यों महाराज एम ताराबाई ने बिना समझे कहा महाराजा ने खिड़की से आगे की ओर देखा और
एक दो बार पलकें झपकाईं करर महारानी की ओर गंभीर स्वर में देखते हुए बोले महारानी अब
मैं आपको कैसे बताऊ महाराज ने एक नजर महारानी पर डाली फिर अगली नजर में
उ
न्होंने उनके चेहरे से नजरें हटा ली फिर एक दो बार पलकें झपकाईं फिर आगे देखते हुए
कहा हमारे रहस गढ़ गांव के गेट पर कुछ दिनों से शाम से लेकर सुबह तक कुछ अजीब
आकृतियां दिखाई दे रही हैं गेट की सुरक्षा कर रहे सैनिको को गांव में राहगीरों
द्वारा देखी गई कुछ अजीब आकृतियां दिखाई दे रही हैं महाराज बातें कर रहे थे और एक
बात दूसरे को बता रहे थे और रानी बड़े ध्यान से उनकी बातें सुन रही थी तो आधे
गांव वालों का कहना है कि गेट पर अंधेरे में कोई इंसान जैसी आकृति खड़ी रहती थी
महाराज धीरे से पीछे मुड़े और चेहरे पर
एक खास तरह के डर के साथ बड़ी-बड़ी आंखों से
महारानी की ओर देखते हुए बोलना शुरू किया वे किसी काले कपड़े के सहारे अंधेरे में
खड़े रहते थे उस आकार का शरीर इंसान की ऊंचाई से चार या पाच फीट ऊंचा होता था यह
शैतान जैसा था शैतान का नाम सुनते ही ताराबाई का दिल बैठ गया कभी-कभी उस अंधेरी
जगह में उस अंधेरी जगह में वह आंखें ऐसे चमकती हैं जैसे दो जानवरों की आंखें
अंधेरे में चमक चाहिए उसकी हर बात में डर का राज था एक भयानक रहस्य जिसे महारानी
ध्यान से सुन रही थी कभी-कभी महाराज ने आगे कहा जानवरों की आंखें सफेद रंग
से
चमकती है लेकिन गांव वालों और सैनिकों के मुताबिक उस काली छाया में चमकती उन दो
आंखों का संयोजन कुछ अलग है शमशान में जलती हुई लाश की चिता की लकड़ी की तरह वे
दो आंखें ऐसी चमकती हैं मानो उन्हें चमकना चाहिए वे लाल लौ की तरह चमकती हैं जिस
क्षण आप उन दो आंखों को देखते हैं आपको भूख पशु विवत्ता वासना पीड़ा महसूस होती
है क्रोध लाल यह सभी पंच दर पंच से भरे हुए हैं जैसे ही आप उस आकृति को देखते हैं
हड्डियों और मांस को जमा देने वाली ठंड महसूस होती है महाराज कुछ देर के लिए
बोलना बंद कर दिया फिर कुछ देर बाद
बोलना जारी रखा यह परसों हुआ कुछ सैनिक जो अपने
राहतगढ़ गेट पर नजर रख रहे थे उन्होंने गेट के बाहर अंधेरे में एक विशाल काली
आकृति खड़ी देखी उस आकृति को देखकर उन दोनों ने इसे देखने का फैसला किया बिना
कुछ समझे कुछ सैनिकों ने बताया उन्हें एडवाल भी कुछ गलत है उन्होंने कहा पास मत
जाओ लेकिन वे दोनों बहादुर थे उन्होंने जो भी उस आकार में था उसे देखने का फैसला
किया और वे दोनों रात के अंधेरे में गांव की लक्ष्मण रेखा पार कर गए यही कारण है कि
अगले दिन उन दोनों की मृत्यु हो गई डॉट विस्मयादिबोधक चिन्ह उद्धरण चिन
्ह महाराज
ने यह वाक्य बोलना बंद कर दिया जबकि खिड़की से ठंडी हवा आ रही थी उनके सूझे
हुए चेहरे के ऊपर माथे से पसीने की एक तरल बूंद हल्की गति से गिरती हुई दिखाई दे रही
थी डर के मारे उनकी सांसें फूल रही थी गला सूख रहा था उसे शांत करने के लिए पानी की
जरूरत थी एम संकेत को पहचानने के बाद ताराबाई ने धीरे-धीरे महाराजा को साइड
टेबल पर चांदी के जग से चांदी के गिलास के माध्यम से पानी पीने दिया उसका हाथ डर से
कांप रहा था पानी पीने के बाद उसने फिर से चांदी का गिलास महारानी को दिया वह गिलास
उठाते हुए महारानी न
े आश्चर्य से कहा तो फिर उन दोनों सिपाहियों का क्या हुआ
महारानी ने कहा उसके वाक्य पर महाराज ने धीरे से एक और निगल लिया और सच बोलने के
लिए अपना मुंह खोलने ही वाले थे कि उन्हें खिड़की की चौखट के बाहर से हवा में घोड़ों
के हिनहिनाना की आवाज सुनाई दी महाराज ने सोचा कि यह नवविवाहित जोड़े हैं क्या उसने
तुरंत खिड़की की ओर कदम बढ़ाए जैसे ही वह खिड़की के पास पहुंचा उसने खिड़की की चौखट
से नीचे देखा उन्होंने देखा कि युवराज चार पहियों वाली घोड़ा गाड़ी के दरवाजे से
उतरकर अपने कपड़े हाथों से उठा रहा है क्या नवव
िवाहिता आए महारानी ने उत्सुकता
से महाराज की पृष्ठ आकृति की ओर देखा और बोली महारानी की सजा के बाद महाराज पीछे
मुड़े तभी महारानी ने उनके चेहरे पर चिंता की छाया देखी एम ताराबाई समझ गई कि इसका
मतलब यह है कि नवविवाहित जोड़ा अभी तक नहीं आया है गेट पर कुछ अमानवीय
बदकिस्मत भटकना और महाराजा इस बात से बहुत चिंतित रहते हैं कि उस अमानवीय शक्ति से
नवविवाहित जोड़े को कोई परेशानी ना हो और जो भी हमें महाराज से पूछना है कल पूछ
लेना उनके जीवन को गंभीरता से मत लेना इस कारण एम ताराबाई ने महाराज से अनुमति ली
और दरवा
जे से बाहर जाने लगी महारानी बाई के तीन चार कदम चलने के बाद पीछे से
महारानी की आवाज आई महारानी ताराबाई आवाज सुनकर महारानी दरवाजे पर रुक गई और धीरे
से पीछे मुड़कर देखा महाराज ने आगे कहा राजकुमारों के सामने उनके विवाह का विषय
लाओ वे वयस्क हो गए हैं महाराज ने खिड़की से बाहर देखते हुए कहा महारानी के चेहरे
पर मुस्कान फैल गई और उन्होंने कहा जी इतना कहकर महारानी चली गई महाराज खिड़की
से बाहर देख रहे थे उसके बाल हवा में लहरा रहे थे उनकी आंखों के सामने लालटेन की
रोशनी में महल से 30 मिनट की दूरी पर रहज गढ़
का टीम हाउस दिख रहा था और गांव से
सीधे गेट तक जाने वाली अंधेरी कच्ची सड़क दिख रही थी महाराज ने धीरे से आकाश की ओर
देखा उनकी आंखों को कुछ परिवर्तन दिखाई दिया कुछ देर पहले जो छोटे-छोटे चंद्रमा
आकाश में दिखाई दे रहे थे वे गायब हो चुके थे कुछ क्षण पहले जो नीला आकाश दिखाई दे
रहा था वह अब काले बादलों से भर गया था धीमी हवा अब बवंडर की तरह चल रही थी इतनी
देर तक खिड़की में खड़े रहने के बाद जो हवा शरीर को छू रही थी वह मन को एक अलग ही
आनंद दे रही थी हवा अब शरीर से टकरा रही थी त्वचा से टकराकर मांस में जा रह
ी थी और
हड्डी और मांस हिलने लगा था एक साथ फ्रीज करें एक पल में बदल गया या बदलाव किया गया
कि कुछ प्रतिकूल घटनाएं घटित होने से पह पहले ही वातावरण में कुछ अजीब परिवर्तन
होने लगते हैं और कुछ मानवीय इंद्रिया उन परिवर्तनों का पता लगा लेती हैं इसके
अलावा कुछ महाराजाओं को भी शामिल नहीं किया जाएगा है ना क्या उन्होंने अपने मन
के अंधेरे कोने में कोई अप्रत्याशित परिवर्तन नहीं देखा है अब उन्हें महाराजा
के शरीर की वायु नापसंद होने लगी क्योंकि वह वायु शरीर में भय की लहरें पैदा कर
काफिरों में भरने लगी इसलिए उसन
े तुरंत अपने पीछे की दोनों खियो के शटर बंद कर
दिए फिर वह दो चार कदम चला और धीरे से बिस्तर पर बैठ गया राह जग गेट से लगभग 30
मिनट की दूरी पर एक जंगल था रात होने के कारण उस जंगल के पेड़ों की आकृति ऐसी
दिखाई दे रही थी मानो कोई चीज अलग आकार में खड़ी हो दूसरे शब्दों में कहे तो
पेड़ों की शाखाएं काजल से ढकी हुई शाखाएं किसी चुड़ैल के नुकीले नाखूनों की तरह
दिखती थी सुबह होते ही वे शाखाएं जीवंत हो उठती थी और अपने मित्र के शरीर में जीवित
होकर वही गर्म खून उसी राह पर चलने वाला था चूंकि ठंड का महीना शुरू हो ग
या है
जंगल में कड़ाके की ठंड पड़ रही है इतना कि नीचे जमीन से सचमुच धुंध की एक नदी बह
रही थी और घने कोहरे के बीच से एक घोड़े से खींची हुई गाड़ी तेजी से आगे बढ़ी एक
रथ में दो घोड़े जुते हुए हैं घोड़ों के पीछे बीच में एक अजीब बूरा आदमी रथ चला
रहा है उसने ठंड से बचने के लिए स्वेटर नीचे सफेद पेंट और दोनों हा थ में दो
घोड़े पहने हुए थे गले में काली रस्सी लिपटी हुई थी और घोड़ों को हाकने के लिए
एक छड़ी थी जैसे ही वह बेत आए घोड़े सर पर दौड़ने लगे और तेजी से दौड़ने लगे सारथी
के बाई और दाई ओर तांबे के दो द
ीपक जल रहे थे उस पुराने इमा के पीछे माथेरान मिनी
ट्रेन की तरह एक विशेष प्रकार की लकड़ी से बना एक छोटा सा डिब्बा था डिब्बे में
बैठने के लिए एक लाल टेन और दो गद्दे मुलायम सीटें थी उस सीट पर एक युवती और एक
युवक की आकृति बैठी हुई दिखाई दी महिला के शरीर पर एक ट्रिम विंटेज क्लासिक काली
पोशाक थी गाय जापानी महिला के दो मध्यम आकार के स्तनों का ऊपरी हिस्सा पोशाक के
माध्यम से थोड़ा दिखाई दे रहा था महिला का चेहरा गोल था उसके लाल लिपस्टिक वाले होंट
स्ट्रॉबेरी की तरह रसीले थे लाल मानो वह रसदार होना चाहती हो द
ो पतली भोह और छोटी
आंखें श्रंग रस के नशे में नहाई हुई एक कामुक अप्सरा की तरह लग रही थी उसके दो
गाय जापानी नरम पैरों पर पोशाक दो काले सैंडल से सजी हुई थी महिला के बगल में एक
युवक की आकृति बैठी हुई थी उस आदमी के शरीर पर काला कोट काली पेंट था और पैरों
में काले जूते थे पुरुष और महिला के हाथों में एक अंगूठी थी जिसका मतलब था कि वे पति
और पत्नी और दोस्तों यह है वह जोड़ी जिसका महाराज दारा सिंहा को इंतजार है लेकिन राह
जट के द्वार पर अंधेरे में कुछ भटक रहा है फिर चाहे वह दोनों के लिए शैतान भूत हो या
शैतान
क्या आप रहज गढ़ सुरक्षित पहुंच जाएंगे आइए आगे देखते हैं एक्स एक्स एक्स
एक्स एक्स एक्स एक्स अंधेरा होते ही रहज गढ़ गांव के निवासी अपने बच्चों और
पत्नियों के साथ मौत के डर से अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद कर घर में
छिपकर बैठ गए गांव के हर मिट्टी के घर के बाहर एक लाल बत्ती लगी हुई थी
दरवाजे के बगल की दीवार पर जल रहा था एक सप्ताह पहले गांव में अफवाह फैल गई कि
राहतगढ़ के गेट पर कुछ अजीब आकृतियां देखी गई है हो रहा इसका उल्टा है लेकिन गांव
वालों ने इन अफवाहों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जब तक इंस
ान के पैर लड़खड़ा नहीं
जाते वह ऊपर देखकर ही चलता रहेगा रहज गढ़ के निवासियों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ दो
दिन पहले रहज गढ़ गांव के गेट पर सुरक्षा के लिए तैनात पहलवानों जैसे मजबूत शरीर
वाले दो चौकीदार किश शिर प्या घूंघट के पार उस आकृति को देखने गए जो अचानक गायब
हो गई दोनों का शव रहज गढ़ के जंगल में नदी में नग्न अवस्था में मिला सचमुच खून
ऐसे दिख रहा था मानो मास चात लिया गया हो दोनों की गर्दन पर दो छोटे-छोटे छेद थे
मानो दांतों ने गर्दन की रक्त वाहिका में घुसकर पूरे शरीर से खून चूस लिया हो मजबूत
शरीर
वाली उन दोनों की नंगी लाशें पानी से भरी और फूली हुई नदी में तैर रही थी और
आखिरी शर्मनाक बात यह थी कि दोनों के प्राइवेट पार्ट फटे हुए थे दोनों की
नरेशंस क्रूर और हिंसक हत्या की खबर उस दिन रहज गढ़ गांव में जंगल की आग की तरह
फैल गई बच्चे महिलाएं वयस्क और युवा नदी के किनारे इकट्ठा हो गए दोनों की लाश
देखते ही फूल गई पैर के निचले हिस्से से लेकर दिमाग तक काता हिल रहा था महिलाएं
अपने छोटे-छोटे लड़कों को टोकरिया में लेकर भयानक दृश्य देख कर वहां से निकलने
लगी एक पल के लिए किसी ने भी उस भयानक दृश्य को नहीं
देखा लोगों की कानाफूसी
जारी थी शुरुआत भी इतने मजबूत और उभरे हुए शरीर वाले यह दोनों पांच-पांच लोगों की
बात सुनने वालों में से नहीं थे तो फिर इसका मतलब यह है कि कोई भी इंसान उन्हें
नहीं मार पाएगा और अगर कोई इंसान होगा भी तो वह इतनी भयानक मौत क्यों देगा उस इंसान
को थोड़ी सी भी तो दया आएगी फिर तो एक इंसान ही ऐसा कर सकता है ऐसी शैतानी खुशी
लो और वह शैतान है गेट के बाहर दिखाई देने वाली विचित्र आकृतियों की घटना को देखकर
यह सभी हत्याएं उन विचित्र आकृतियों में जुड़ गई और उसी दिन से गांव में कपकपी और
भय
का माहौल फैल गया शाम होते ही गांव के लोग दीवार पर लालटेन लटका देते थे और घर
से बाहर ना निकलकर अपने घरों में ही बैठ जाते थे ग्रामीणों का कहना था कि दीवार पर
लालटेन लटकाने से कोई भी बुरी शक्ति आसपास नहीं भटकती है शाम होते ही गांव
कब्रिस्तान के सन्नाटे में तब्दील होने लगा क्या है द्रोह काल का रहस्य जानने के
लिए पार्ट दो का चैनल पर इंतजार करें आपको कहानी सुनाने का तरीका कैसा लगा कमेंट में
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