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Horror Story In Hindi : Monster Car (लकी और हैवान कार), लकी और हैवान कार: डरावनी कहानी, लकी और कार

Horror Story In Hindi : Monster Car (लकी और हैवान कार) लकी और हैवान कार: डरावनी कहानी डर: लकी और हैवान कार की भयंकर कहानी लकी और हैवान कार: राज़ और भय डरभरा: लकी और हैवान कार की अद्भुत कहानी लकी और हैवान कार: चौंकाने वाली कहानी यूट्यूब हॉरर चैनल true horror stories,hindi horror stories,animated horror stories 🔗 चैनल लिंक: https://www.youtube.com/channel/UCa3G5gFklm8PhxeDqQlZfRA Instagram Id : https://www.instagram.com/vishvesh.bhut/ Facebook id : https://www.facebook.com/vishvesh.bhut/ DISCLAIMER All the characters, incidents, names, and situations used in this story are fictitious. The resemblance to any person living or dead is purely Co-incidental. The following video contains some horror elements, and suitable for a mature audience (16+). This Channel and Video is not for Kids. ------------------------------------------------------------------ Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for "fair use" for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favour of fair use hindi horror story hindi horror story cartoon hindi horror story animated hindi horror story new hindi horror story kahani hindi horror story khooni monday hindi horror story podcast hindi horror story audio hindi horror story urdu hindi horror story scary pumpkin hindi horror story mahesh arya hindi horror story video hindi horror story short hindi horror story real life 8d horror story hindi hindi horror story 01 hindi horror story 3d hindi horror story mp3 hindi horror story 2023 hindi horror story aahat hindi horror story channel hindi horror story darawni hindi horror story long hindi horror story narration

DarKiDastaan

3 hours ago

यह चैनल केवल मनोरंजन के लिए है हम किसकी भी अंधश्रद्धा को बढ़ावा नहीं देते हैं रमेश की एक कंपनी में नई नई सेल्स की जॉब लगी थी नया होने के कारण रमेश को इस फील्ड में काम करने का ज्यादा अनुभव नहीं था वह अपने सीनियर के अनुसार इस काम को अंजाम देता था और उसके सीनियर्स उसे काम करने के लिए हमेशा उस पर टारगेट का दबाव बनाते थे ऐसे ही एक शाम को उसके सीनियर्स की कॉल आई और उसे कंपनी के सामान की मार्केटिंग के लिए शहर की एक अजीब सी शमशाम जगह जाने के लिए कहा उसने घड़ी की ओर देखा तो शाम के साथ बज रहे थे बाहर मौसम
काफी खराब था घने बादलों के कारण ऐसा लग रहा था कि मानो रात चुकी हो साथ ही साथ तेज बारिश भी शुरू हो गई थी रमेश वहां जाता तो लौटने में देर रात हो जाती यह सोचकर उसने अपने सीनियर से कहा कि सर मेरे हिसाब से इतने देर वहां जाना ठीक नहीं मैं कल चला जाऊंगा दूसरी ओर से उसका सीनियर गुस्सा होकर बोला देखो सेल्स वाले बंदे समय नहीं देखा करते इस फील्ड में वैसे ही भी बहुत कंपटीशन है यदि तुम्हें कोई परेशानी हो रही है तो मैं किसी और को भेज सकता हूं उसका टारगेट भी पूरा हो जाएगा टारगेट के बारे में सोचकर रमेश ने जाने
के लिए हां कर दी हैरान परेशान सा वह तेज बारिश में अपनी बाइक से शहर की भीड़भाड़ वाली सड़कों से निकलकर वह वहां पहुंच गया यह एरिया भी लोगों की आवाज से हर वक्त रोशन रहता है मगर आज खराब मौसम और तेज बारिश के कारण दूर दूर तक उसे कोई इंसान नजर नहीं आ रहा था वह जल्दी-जल्दी अपनी बाइक चलाकर अपनी साइड पर पहुंच गया मगर वहां पर कोई भी नहीं था जिस मैनेजर से उसे मिलना था वह आज खराब मौसम के कारण जल्दी अपना काम खत्म कर अपने घर निकल गया था रमेश खुद पर गुस्सा करने लगा कि वह यहां कॉल करके क्यों नहीं आया उस वक्त रात
के 10:00 बज चुके थे बाहर अभी भी तेज बारिश हो रही थी रमेश खुद से यार ऐसी बारिश में तो बाइक चलाना भी मुश्किल होगा मगर यहां रुक भी तो नहीं सकता हूं यार यह प्राइवेट नौकरी जो भी कराए वह कम है खुद से बात करते हुए धीरे-धीरे बाइक चलाने लगा बारिश के कारण उसे आगे का कुछ दिखाई नहीं दे रहा था उसे आगे बाइक चलाने में तकलीफ हो रही थी वह अभी कुछ दूर चला ही था कि उसकी गाड़ी खराब हो गई वह अपनी गाड़ी ठीक करने की कोशिश करने लगा मगर नाकामी उसके हाथ लगी वह परेशान होकर मदद की तलाश करने लगा दूर दूर तक कोई भी नजर नहीं
आ रहा था वह अपनी साइड से भी इतना दूर दर आ चुका था कि पैदल वापस जाना थोड़ा मुश्किल ही था तभी थोड़ी देर में ही सामने से एक कार आती हुई नजर आई रमेश के चेहरे पर आई हुई परेशानी कुछ हद तक कम हो गई थी अब उसको विश्वास हो गया था कि उसे मदद मिल जाएगी उसने तुरंत अपनी बाइक सड़क के किनारे लगा दी और कार रोकने के लिए इशारा करने लगा मगर वह कार उसे देखकर नहीं रुकी तो रमेश के चेहरे पर निराशा आ गई और फिर कोई साधन तलाश करने लगा अगले ही पल वह कार रिवर्स में आकर उसके पास आकर खड़ी हो गई उसे हैरानी हुई कि जो कार अभी बि
ना रुके चली गई अचानक से पीछे क्यों आई जैसे ही कार उसके पास आकर रुकी सड़क किनारों के लैंपो की हल्की रोशनी में उसने देखा कि कार की हालत बहुत ही खराब हो चुकी थी जगह-जगह से उसके पतरे उतरे हुए थे मानो किसी हादसे का शिकार हो गया हो उसे इस कार को देखकर अजीब सा फील हो रहा था मगर अचानक ही वह उसे देख सम्मोहित सा हो गया था तभी कार ड्राइवर की भारी आवाज उसके कानों में पड़ी हां भाई कहां जाना है कोई मदद चाहिए क्या ड्राइवर की आवाज सुन रमेश का सम्मोहन टूट गया वह धीरे-धीरे ड्राइवर की ओर बढ़ा अंधेरे में चेहरा भी भ
ना एकक लग रहा था काला चेहरा और वह कंबल में खुद को लपेटे हुए था उसे देखकर कुछ पल के लिए डर गया उसके शरीर में ठंड के कारण कपक पीसी होने लगी और अजीब सी गं उसकी नाक में आई जब कोई जवाब नहीं दिया तो ड्राइवर दोबारा बोला भाई कहीं चलना है बता दीजिए उसकी बात सुनकर रमेश को होश आया और वह बोला मैं किसी काम से अंदर शहर में आया था लौटते समय मेरी बाइक खराब हो गई मुझे थोड़ी दूर के लिए लिफ्ट दे दो ड्राइवर भाई हम तो यहां पर मदद करने के लिए ही है आगे तो जगह नहीं है पीछे बैठ जाओ यह कहकर ड्राइवर अजीब तरीके से हंसने ल
गा अंधेरे वीरान में रमेश को इस तरह की हंसी बहुत अजीब लगी मगर उसे मदद की बहुत जरूरत थी इसीलिए उसके कहने पर रमेश पीछे की सीट पर बैठ गया बैठकर उसने देखा कि वहां पर एक बुजुर्ग आदमी और उसके साथ एक छोटा बच्चा और एक महिला घूंघट पड़कर बैठी हुई थी रमेश उनके पास बैठ गया और जैसे ही कार चलने लगी पीछे बैठे वह बुजुर्ग आदमी वह बच्चा और वह महिला रमेश की ओर अजीब सी निगाहों से देखने लगे उनकी सफेद आंखें रमेश के मन में भय पैदा कर रही थी जब से वह इस कार के पास आया था तब से अजीब सी गं उसकी नाक को परेशान कर रही थी उसे
समझ नहीं आ रहा था कि यह गंध किस चीज की है रमेश अपनी नाक पर रुमाल रखकर चुपचाप बैठा था तभी वह बुजुर्ग धीरे-धीरे उसकी तरफ होने लगा जैसे वह पास आ रहा था वह बदबू बढ़ती जा रही थी साथ ही में ठंड भी रमेश ने गौर से देखा तो बुजुर्ग व्यक्ति का चेहरा भी बिल्कुल सफेद था चेहरे पर ढेर सारी झुरिया और आंखें इतनी काली मानो आंखों की जगह गड्ढे हो उस पर लगे हुए चश्मे की गिलास टूटी हुई थी रमेश डरते हुए साइड में होता गया बुजुर्ग ने उसे कहा बेटा कौन हो तुम बहुत दिनों बाद इस रास्ते पर किसी सवारी को देखा है बुजुर्ग के ऐ
सा बोलते हुए ही उसके साथ के सब रमेश को और भूर कर देखने लगे उन सबकी आंखों में एक खालीपन सा था यह देखकर रमेश थोड़ा सा परेशान हो गया था रमेश ने सिगरेट के लिए अपनी जेब में हाथ डाला तो उसके हाथ में लाइटर आ गया जैसे ही उसने लाइटर जलाया वह बुजुर्ग डर करर उससे थोड़ा दूर हो गया मगर वह अजीब सी गंध और अधिक आनी शुरू हो गई रमेश ने अपने हाथ में सिगरेट का डब्बा निकाला वह बारिश में पूरा भीग चुका था रमेश ने गुस्से में चलती हुई कार से वो डिब्बा बाहर फेंक दिया और लाइटर अपनी जेब में रख लिया जैसे ही उसने लाइटर को वा
पस अपनी जेब में रखा तो बुजुर्ग उसके और करीब आ गया और बोला क्या हुआ बाबूजी इस तरह परेशान क्यों हो रहे हो कहते हुए वह जोर-जोर से हंसने लगा उसके साथ साथ वहां बैठा बच्चा और महिला भी उसके साथ जोर-जोर से हंसने लगी सभी लोग धीरे-धीरे उसके पास आने लगे बारिश में भीगने के कारण उसके कपड़े उनके शरीर से चिपके हुए थे रमेश ने ध्यान से देखा तो उन सबके शरीर पर चमड़ी का नामो निशान तक नहीं था सिर्फ हड्डियों का ढा चाही था रमेश बहुत डर गया वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा रमेश को चीखते देख वह कार ड्राइवर और जोर से कार चलान
े लगा जो महिला घूंघट में थी उसका घूंघट अपने आप हट गया उसका चेहरा बहुत ही डरावना था जगस गह से जले हुए चेहरे पर मास्क लटक रहा था देखते ही देखते वह लोग खुदबुदा और तेज होने पर रमेश को समझ आ चुका था कि वह गंध किस चीज की है वह गंध इंसानों को जलाने पर शमशान से आती हुई वह गंध थी रमेश का डर के कारण बुरा हाल हो गया था साड़ी जलती हुई लाशें रमेश के पास ही खड़ी थी सभी लाशें रमेश से चिपट गई थी और अब रमेश का शरीर भी जलने लगा था अगली सुबह मौसम बिल्कुल साफ हो गया था सड़क आवन जावन भी शुरू हो गई थी रमेश का जला हुआ
शरीर उसकी बाइक के पास मिला कार में बैठे हुए लोग उसकी लाश को देख रहे थे लाश के आसपास खड़े लोग बोल रहे थे कि लगता है सालों पुराना कार जलने का हादशा कल रात को दोबारा हो गया

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