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Necessary to need what is Education and it's types|@Eduwaypoint1 #education

🎓 Welcome to Educationist (Eduwaypoint) - Your Comprehensive Educational Hub! Aslam o alikum! Don't forget to subscribe @Eduwaypoint1 Here i will describe what is Education and it's types. You can watching and listening this video your concept was clear. At Eduwaypoint, our mission is to be more than just a YouTube channel; we aim to be your dedicated educational companion on the journey to knowledge, understanding, and growth. As an Educationist, we believe in providing a diverse and enriching learning experience that goes beyond traditional boundaries. .

Educationist

1 day ago

वेलकम टू माय चैनल अलाम वालेकुम होप यू आर ऑल फाइन वेलकम टू एजुकेशनिस्ट कम्युनिटी टुडे आवर टॉपिक इज व्ट इज एजुकेशन एंड इट्स टाइप्स सो लेट्स गेट स्टार्टेड फर्स्टली वी विल डिस्कस लेसन ऑब्जेक्टिव्स जब भी हम किसी चीज को पढ़ने लगते हैं तो सबसे पहले उसके ऑब्जेक्टिव्स होते हैं यानी हम उसके बारे में क्यों पढ़ने जा रहे किस वजह से पढ़ने जा रहे हैं लेसन ऑब्जेक्टिव द ऑब्जेक्टिव ऑफ एजुकेशन आर मल्टी फैक्टर्ड एंड कैन वेरी बेस्ड न एजुकेशनल फिलोसोफी एंड सोसाइटल नीड हाउ आ समन कॉमन ऑब्जेक्टिव इ पहला है नॉलेज एकशन या
नी ट इपार्ट अ ब्रॉड अंडरस्टैंडिंग ऑफ वेरियस सब्जेक्ट फॉर स् इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंट एंड कसि ब्रॉडर अंडरस्टैंडिंग यानी इसमें छोटे माने पर नहीं समझाया जाता यानी बड़े लेवल पर समझाया जाता है ब लेवल पर अंडरस्टैंडिंग की जाती है रियस सब्जेक्ट्स की जिसमें ना सिर्फ इंसान के इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंट होती है उसमें क्यूरियोसिटी भी पैदा होती है जब डिफरेंट सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं तो उसमें एक त जस्स पैदा होता है वो मजीद जानने की कोशिश करता है तो यह सबसे पहला ऑब्जेक्टिव है स्किल डेवलपमेंट यानी उसमें एक स्किल आ जात
ी है जब आप लर्न कर रहे होते हैं तो आप में स्किल्स डेवलपमेंट कर ही होती है डिफरेंट टाइप्स की ट इक्विप इंडिविजुअल विद प्रैक्ट ेंट टूर चूज फीड यानी जिस फीड को आगे जा उसे चूज करना है उससे रिलेटेड जो स्किल है व उसम डेवलप हो रही होती है आगे जाता थड नंबर पर्सनल ग्रोथ टू मचर इमोशनल इंटेलिजेंस सेल्फ अवेयरनेस एंड रिला फर स्टेरिंग होलिस्टिक पर्सनल डेवलपमेंट पर्सनल ग्रोथ में आपका आ जाता है कि एक तो इचल लपमेंट पर्सनल ग्रोथ में आ जाती है दूसरा सेल्फ अवेयरनेस इंसान अपने बारे में जानना शुरू कर देता है जब तालीम
हासिल की जाती है तो उसके तालीम हासिल करने का मकसद ये होता है जब जो हमारे मकसद होते हैं वो हमारे ऑब्जेक्टिव्स होते हैं ठीक है और मकसद यह होता है कि इंसान अपने आप को पहचाने के फोस्टरिंग होलिस्टिक पर्सनल डेवलपमेंट ठीक है और करियर प्रिपरेशन करियर प्रिपरेशन यानी हर इंसान चाहता है आजकल तो बहुत ज्यादा है कि पढ़े और जॉब करें करियर प्रिपरेशन यानी उसे फ्यूचर के लिए प्रिपेयर किया जाता है तैयार किया जाता है तो टू प्रॉपर इंडिविजुअल्स फॉर फ्यूचर करियर बाय प्रोवाइड स्पेशलाइज नॉलेज एंड प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस इन
रेवेंट फीड यानी जिस फीड को उसने चूज किया है उसमें प्रैक्टिकल जो होता है व करके दिखाया जाता है एक्सपीरियंस करके दिखाए जाते हैं ताकि वह उनको सीखे और अपने जो करियर के लिए उसे प्रिपेयर करे अपने करियर के लिए बेस्ट तरीके से प्रिपेयर हो सके नेक्स्ट हमारे पास इंट्रोडक्शन इंट्रोडक्शन में आ जाती है डेफिनेशन एजुकेशन इ ग्रुल प्र च ब्रिंग्स पॉजिटिव चेंज इन ह्यूमन लाइफ एंड बिहेवियर यानी एक इंसान जब पढ़ा लिखा नहीं होता और वह पढ़ता भी नहीं अगर एक इंसान नहीं पढ़ता तो उसकी जो बिहेवियर है जो उसका रवैया है वो उसमे
ं कभी भी चेंज नहीं आ सकता ठीक है लेकिन जब इंसान तालीम हासिल करता है उसे मैनर्स बेसिक मैनर्स का पता चलता है उसे डिसिप्लिन का पता चलता है रिस्पेक्ट क्या होती है तो उसमें पॉजिटिव चेंज आते हैं और जो उसकी लाइफ में और उसके बिहेवियर में पॉजिटिव चेंस आते हैं वी कैन आल्सो डिफाइन एजुकेशन एस अ प्रोसेस यानी अय देखें कि एक प्रोसेस है ये पूरा प्रोसेस है ऑफ एक्वायरिंग नॉलेज कि हमने नॉलेज ले लिया गेन कर लि ठीक है थ्रू स्टडी ऑफ इंपार्टिंग द नॉलेज यानी स्टडी के थ्रू पढ़ने और और इंपार्टिंग द नॉलेज बाय द वे ऑफ इंस्
ट्रक्शन और सम अदर प्रैक्टिकल प्रोसीजर यानी तालीम जो है यानी जो एजुकेशन है वो एक एक ऐसा प्रोसेस है कि जो हम नॉलेज गेन करते हैं स्टडी के थ्रू और नॉलेज को इंपार्ट करते हैं इंस्ट्रक्शन यानी टीचिंग है यानी प्रोसेस पहले हम जो है वो तालीम हासिल कर जो हमने हासिल की फिर आगे हमने वही जो है नॉलेज वो ट्रांसफर करना है तो ये सम अदर प्रैक्टिकल प्रोसीजर यानी प्रैक्टिकल प्रोसीजर इस शामिल होते है एग्जांपल ऑफ एजुकेशन आप पिक्चर में भी दे सकते हैं जैसे कि लर्निंग भी हो ही है टीचिंग भी हो रही है स्टोरी टेलिंग भी हो र
ही है अगर आपको कुछ सिखाया जा रहा है पढ़ाया जा रहा है आप सीख रहे हैं दि आर एग्जांपल्स ऑफ एजुकेशन एजुकेशन इ कंसीडर्ड बोथ ह्यूमन राइट्स एंड कन स्टोन ऑफ कल्चर एंड इकोनॉमिक प्रोग्रेस कल्चर कैसे प्रोग्रेस देखेंगे एजुकेशन देख पहले एक हम पढ़ते हैं ठीक है हम पहले तालीम जो है वो हासिल करते हैं जब वो हमें हासिल हो जाती है तो फिर उसको ट्रांसफर करते हैं तो ऐसे हमारा जो कल्चर है वो एक नस्ल से दूसरी नस्ल तक जा रहा है और इकोनॉमिकल प्रोग्रेस कैसे होती है वो यह कि जब हम करियर के लिए प्रिपेयर्ड होते हैं हम अपने मौ
श को ना कि मश को अपनी कंट्री को इकोनॉमिकली स्ट्रंग कर देते हैं नेक्स्ट हम इसकी टाइप्स पढ़ते हैं टाइप्स में फर्स्ट ऑफ ल आ जाता है फॉर्मल एजुकेशन सेकंड नंबर पे इनफॉर्मल एजुकेशन थर्ड नंबर पे नॉन फॉर्मल एजुकेशन तो बेसिकली फॉर्मल एजुकेशन जो है अ फॉर्मल लर्निंग यजली टेक प्लेस इन द प्रीमाइ ऑफ द स्कूल्स वेयर अ पर्सन मे लर्न बेसिक एकेडमिक और ट्रेड स्क स्मल चिल्ड्रन ऑन अटेंड अ नर्सरी और किंडरगार्डन किंडर गार्डन बट ऑफें फॉर्मल एजुकेशन बीइंग इन एलिमेंट्री स्कूल एंड कंटिन्यूज विद द सेकंडरी स्कूल फर्स्ट ऑफ ल
जो हम हमारी टाइप है वो है फॉर्मल एजुकेशन तो फॉर्मल एजुकेशन जो हम स्कूल में जाते हैं सिटिंग अरेंजमेंट के साथ बैठते हैं टीचर्स आते हैं एक प टीचर का पीरियड होता है फिर सेकंड फिर थर्ड इस तरह सीक्वेंस के साथ हमें इंस्ट्रक्शन वो हमें देते हैं हम उनसे पूछ सकते हैं फेस टू फेस डिस्कशन हो सकती है हमारी प्रॉब्लम सॉल्व हो सकती है तो वो एजुकेशन जो हम गेन करते हैं वो होती है फॉर्मल एजुकेशन जो छोटे बच्चों की एजुकेशन स्मल चिल्ड्रन एजुकेशन वो अटेंड कहां से शुरू होती है किंडरगार्डन यानी केजी से स्टार्ट होती है एज
ुकेशन बींग इन एलिमेंट्री स्कूल एंड यानी बट दूसरी कंट्रीज में जो है तो व फॉर्मल एजुकेशन जो वो स्टार्ट होती है एलिमेंट्री स्कूल से कंटिन्यू विद सेकेंडरी स्कूल यह है फॉर्मल एजुकेशन और इसके एग्जांपल है लर्निंग इन अ क्लासरूम क्लास में आप लर्न कर ले बेसिकली आपको पता है हम सब स्कूल्स में जाते हैं वहां प पढ़ते हैं तो वो है फॉर्मल एजुकेशन स्कूल ग्रेडिंग सर्टिफिकेशन कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी डिग्रीज यानी स्कूल के ग्रेड्स हो गए और उसके बाद हमें सर्टिफिकेट्स मिलते हैं हमें डिग्रीज मिलती है कॉलेजेस से यूनिवर्सिट
ी से आगे प्लान एजुकेशन ऑफ डिफरेंट सब्जेक्ट्स हैविंग अ प्रॉपर सिलेबस एक्वायरिंग बाय अटेंडिंग द इंस्टिट्यूशन अटेंडिंग द इंस्टिट्यूशन अब आप यहां पे देख लें कि डिफरेंट सब्जेक्ट्स होते हैं उन सब्जेक्ट्स में अब सिलेबस होता है हर एक का एक जैसा तो सिलेबस नहीं होता डिफरेंट सब्जेक्ट और डिफरेंट उनका सिलेबस होता है तो वो एक प्लान होता है एजुकेशन का यानी डिफरेंट सब्जेक्ट हैविंग अ प्रॉपर सिलेबस उनके पास एक प्रॉपर सिलेबस होता है फॉर्मल एजुकेशन में आप जो पढ़ते हैं आपके पास प्रॉपर सिलेबस होता है कैरेक्टरिस्टिक ऑ
फ फॉर्मल एजुकेशन में आ जाता है कि फॉर्मल एजुकेशन इ स्ट्रक्चर्ड हेकली रली क्या होता है कि देखि एक सीक्वेंस के साथ आप पढ़ रहे आप टाइमिंग आपको पता है आपने कब स्कूल जाना है आप स्कूल जाते हैं उस वक्त कॉलेज जाते हैं या यूनिवर्सिटी जाते हैं आप उस टाइम पे जाते हैं आप अपनी क्लास में आपको पता है पहला पीरियड किस टीचर का है वो उसके लिए आप प्रिपेयर होते हैं नेक्स्ट फिर उस टीच अगले टीचर का इस तरह सीक्वेंस के साथ आप पढ़ते हैं इट इज प्लान एंड डेलिबरेशन ये एक प्लान तरीका होता है इसके लिए टाइम टेबल बकायदा हर चीज
प्लान की जाती है स्केड्यूल फीज आर पेड रेगुलरली यानी जो होती है मतलब स्कूल जाते हैं तो बेसिकली हमें फी भी देनी पड़ती है इट हैज अ सिलेबस एंड सब्जेक्ट ओरिएंटेड पहले जैसे हमने बात की कि ह डिफरेंट सब्जेक्ट्स यानी प्लान होते हैं है और उनका बेसिकली प्रॉपर सिलेबस होता है तो ये वही बात है कि सब्जेक्ट्स पढ़ाए जाते हैं और उनका सिलेबस होता है द सिलेबस हैज टू बी कवर्ड विद इन अ स्पेसिफिक टाइम पीरियड और वो सिलेबस होता है वो स्पेसिफिक टाइम पीरियड में यानी एक मुकरा वक्त तक उसको कंप्लीट करना होता है जैसे कि हम कह
ते हैं यूनिवर्सिटीज में देखे तो मिड टर्म के से पहले पहले वो सिलेबस तैयार करवाना है जो मिड में के पेपर्स में आना है और जो फाइनल्स के पेपर में आना है वो मिड के बाद प्रिपेयर करवाना है इस तरह स्कूल्स में काफी टर्म्स होती है पेप की पहले फर्स्ट टर्म पेपर सेकंड टर्म पेपर थर्ड टर्म तो हर टर्म का जो सिलेबस है वो मुकरा वक्त पर तैयार करवाना होता है द चाइल्ड इ टट बाय द टीचर यानी जो टीचर होता है व बच्चे को पढ़ाता है फॉर्मल एजुकेशन में आप आपको अच्छी तरह समझ आ गई होगी कि चाइल्ड जो टीचर है देखि अब हम स्कूल जाते
हैं टीचर ही हमें पढ़ाते हैं टीचर से ही हम पूछते हैं तो फॉर्मल एजुकेशन नेक्स्ट आ जाती है इनफॉर्मल एजुकेशन इनफॉर्मल एजुकेशन मे बी अ पेरेंट टीचिंग अ चाइल्ड हाउ टू प्रिपेयर अ मील और राइड अ बाय सेक् यानी देखें कि इनफॉर्मल एजुकेशन जो है वो जो बच्चा होता है व अपने वालदैन से सीखता है ठीक है पीपल कैन आल्सो गेट इनफॉर्मल एजुकेशन बाय रीडिंग मेनी बुक्स फ्रॉम लाइब्रेरी और एजुकेशनल वेबसाइट्स यानी जो स्टूडेंट्स यानी जो प्रॉपर तरीके से नहीं या य हमें कहीं भी स्कूल वगैरह में नहीं जाना पड़ता हम हमारे पास कोई बुक
घर में पड़ी ई या लाइब्रेरी में जाते हैं वहां पढ़ते हैं तो वो भी इनफॉर्मल एजुकेशन है उसके बाद हम कोई मोबाइल से वेबसाइट एजुकेशनल वेबसाइट ओपन करते हैं वो हम पढ़ते हैं तो वो भी इनफॉर्मल है इनफॉर्मल एजुकेशन इज व्हेन यू आर नॉट स्टडिंग इन अ स्कूल एंड डू नॉट यूज एनी पर्टिकुलर लर्निंग मेथड यानी आप स्कूल नहीं जा रहे आप स्कूल को यूज ना यूज ही नहीं कर रहे आप स्कूल में जाकर पढ़ ही नहीं रहे और ना ही आप पर्टिकुलर लर्निंग मेथड यानी लर्निंग जो पढ़ाने का तरीका इस्तेमाल किया जाता है वो यूज कर रहे हैं ठीक है इन दिस
टाइप ऑफ एजुकेशन या इस एजुकेशन की टाइप में कॉन्शियस एफर्ट आर नॉट इवॉल्व एफर्ट इवोल्व नहीं होती प्लान नहीं होता सिलेबस नहीं होता प्रॉपर ना सब्जेक्ट होते हैं तो जो एफर्ट होती है वो भी इवॉल्व नहीं होती इट इ नीदर प्री पलान नॉर डेबड प्री पलान नहीं होती इट मे बी लर्न एट सम मार्केट प्लेस होटल और एट होम यह हम कहीं भी पढ़ सकते हैं यानी मार्केट प्लेस में होटल में और एट होम जो हम दूसरे से सीख रहे होते हैं वो होती है वो जो हमारे माश में या हम अपने वादन से या हम लाइब्रेरी में जाकर कोई बुक पढ़ते आर इनफॉर्मल ए
जुकेशन एपल है टीचिंग द चाइल्ड सम बेसिक सच न्यूमेरिक कक्ट या जैसे कि आप देखते हैं छोटे छोटे बच्चे जिनका एडमिशन नहीं होता स्कूल में तो वो उनके वादन कोशिश कर रहे होते है उन्ह बेसिक चीज यानी न टू अफ ए बी सी उन्ह सिखा दे तो वो जो होती है व फमल होती है सम लर्निंग हिज हर मदर टंग यानी कोई बच्चे जो होते हैं कुछ मदर्स होती है वो मदर टंग नहीं यूज कर रही होती यानी जो उनकी मादुरी जुबान है और वह पंजाबी या उर्दू या कोई और तो वो यूज नहीं करती वो उन्हें बेसिक कैसे से या तो इंग्लिश में उन्हें बताएंगे या तो फिर उर
्दू में अगर वो घर में पंजाबी बोलते हैं तो कैरेक्टरिस्टिक ऑफ इनफॉर्मल एजुकेशन इट इज इंडिपेंडेंट ऑफ बाउंड्री वल्व इनी वल्स इसके गिर्द ना एक दीवारों का जो है वो बाउंड्री बनी होती है ठीक है यानी इसमें आप ज्यादा से ज्यादा क्या सीख सकते हैं दूसरों से जो आप अपने वालदैन से सीखते हैं जो आप बाहर वालों से सीखते हैं इट हैज नॉट डिफाइंड डेफिनेट सिलेबस सिलेबस नहीं होता सब्जेक्ट्स होते हैं जब सब्जेक्ट्स नहीं होंगे तो सिलेबस भी नहीं होगा इट इ नॉट प्री प्लान एंड हैज नॉट टाइम टेबल टाइम टेबल नहीं होता ना कोई प्री प
लान ये नहीं कि मुकरा वक्त वहां जाए और सीख ले नहीं जैसे आप स्कूल में जाते हैं इस तरह नहीं आपको जाना तो आप कहीं भी जाए आपको कोई कोई चीज सीख लेते हैं तो वो है हमारी इनफॉर्मल एजुकेशन आगे आ जाती है नॉन फॉर्मल एजुकेशन नॉन फॉर्मल एजुकेशन बेसिकली क्या है कि इंक्लूड द एडल्ट बेसिक एजुकेशन एडल्ट लिटरेसी एजुकेशन और इक्वल लेंसी प्रिपरेशन ये स्कूल्स में नहीं होती हु इज नॉट इन द स्कूल कैन लर्न रेसी अदर बेसिक स्किल्स और जॉब स्किल यानी जो हम कोर्स वगैरह कर लेते हैं या फिर ऑनलाइन हम पढ़ लेते हैं जैसे कि आजकल लामा
इकबाल ओपन यूनिवर्सिटी इज द बेस्ट एग्जांपल ऑफ फॉर्मल एजुकेशन हम ऑनलाइन घर बैठ के हम पढ़ सकते हैं तो वो होती है नॉन फॉर्मल एजुकेशन होम एजुकेशन देखें होम एजुकेशन इंडिविजुअलाइज्ड केशन जो हम पढ़ रहे होते हैं लेकिन वो हमें कहीं जाना नहीं पड़ता हम घर बैठ के भी पढ़ सकते हैं एंपल्स ऑफ नन बॉय एंड गर्ल्स गाइ वेल सम स्पोर्ट्स प्रोग्राम सच एज स्विमिंग कम्स अंडर अ नॉन फम एजुकेशन यानी एक बॉय स् कार्ट्स और गर्ल्स गाइ जो होते हैं वो एक प्रोग्राम यानी स्पोर्ट्स का प्रोग्राम जो प्रिपेयर्ड किया जाता है तो उसमें भी
हमारी लर्निंग होती है तो वो होती है नॉन फॉर्मल इट मे बी फुल पार्ट और पार्ट टाइम फुल टाइम भी हो सकता है ये पार्ट टाइम भी होता है एंड कैन अर्न एंड लर्न टुगेदर अर्न भी किया जा सकता है और लर्न भी यानी आप फर्स्ट टाइम पढ़ रहे हैं तो सेकंड टाइम आप जॉब कर सकते हैं अगर आप सेकंड टाइम पढ़ रहे हैं तो फर्स्ट टाइम आप जॉब कर सकते इट इवॉल्व लर्निंग ऑफ प्रोफेशनल स्किल ये इवॉल्व होता है लर्निंग ऑफ प्रोफेशनल प्रोफेशनल जो आपने अपने करियर में यूज करनी है वो स्किल्स कंक्लूजन एजुकेशन इज अ लाइफ लंग लर्निंग प्रोसेस यान
ी एजुकेशन ये नहीं कि आप 16 साला तालीम हासिल कर ले बीएड एम एमफिल पीएचडी कर ले तो बस एजुकेशन एजुकेशन लाइफ लंग लर्निंग प्रोसेस है यानी अगर आप कुछ सीखते हैं ना तो वो आपकी एजुकेशन ही है इनकम्स फॉर्मल स्ट्रक्टर यानी अगर आप देखें फॉर एग्जांपल एक टीचर है वो भी अपने स्टूडेंट से सीखता है स्टूडेंट्स तो बेसिकली टीचर से सीख ही रहा है लेकिन स्टूडेंट टीचर भी स्टूडेंट से सीखता है तो वो जो सीखने का रानि है वो लाइफ लॉन्ग लर्निंग है स्ट्रक्चर इंस्टिट्यूशन इनफॉर्मल डेली एक्सपीरियंस यानी अब आगे इन तीनों का बेसिकली ब
ता दिया गया कि फॉर्मल नॉन फॉर्मल इनफॉर्मल नॉन फॉर्मल उम्मीद है कि आपको अच्छे तरीके से समझ आ गया होगा तो मिलते हैं नेक्स्ट वीडि हैं नेक्स्ट वीडियो में तब तक के लिए अल्लाह हाफिज

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