रात का सन्नाटा था चांदनी रात में सितारों
की चमक जगमगा रही थी एक सड़क पर अकेला कार चला रहा था कार में सिर्फ एक आदमी था
जिसका नाम राजू था वह रात में देर से काम करके घर लौट रहा था तभी अचानक राजू ने
देखा कि सड़क के किनारे एक महिला खड़ी है वह महिला सफेद साड़ी पहने हुए थी और उसके
बाल खुले थे राजू को लगा कि शायद वह महिला किसी मदद की जरूरत में होगी
इसलिए उसने अपनी कार रोक दी और उस महिला से पूछा कि क्या वह उसकी कोई मदद कर सकता
है लेकिन महिला ने कुछ नहीं कहा वह बस राजू को घूर रही थी राजू को डर लगने लगा
उस
ने महिला से फिर से पूछा कि क्या वह ठीक है तभी अचानक महिला हवा में उड़ने लगी
राजू डर के मारे चीख पड़ा उसने अपनी कार का दरवाजा बंद कर लिया और तेजी से गाड़ी
चलाने लगा लेकिन महिला ने हार नहीं मानी वह राजू की कार के पीछे पीछे उड़ने लगी
राजू ने अपनी कार की रफ्तार और बढ़ा दी लेकिन महिला अभी भी उसके पीछे ही थी राजू
को अब समझ में आ गया था कि वह महिला कोई साधारण महिला नहीं थी वह एक छलावा थी राजू
डर के मारे काम रहा था उसे नहीं पता था कि क्या करना चाहिए तभी अचानक राजू को एक
मंदिर दिखाई दिया उसने अपनी कार मं
दिर के पास रोक दी और मंदिर में भाग गया में राजू
ने भगवान से प्रार्थना की उसने भगवान से उसे छलावा से बचाने की प्रार्थना की तभी
अचानक राजू ने देखा कि छलावा मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती थी व मंदिर के बाहर
ही रह गई थी राजू को राहत मिली उसने भगवान को धन्यवाद दिया राजू ने मंदिर में कुछ
समय बिताया फिर वह घर लौट गया इस घटना के बाद राजू एक नया इंसान बन गया व पहले से
ज्यादा धार्मिक हो गया उसने हमशा दूसरों की मदद करने का संकल्प लिया
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