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आवाज मत सुनो | Don't listen | Scary Tales | Hindi Horror Stories | Real Horror Story

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KKR Ki Rasoi

8 months ago

जैसे की आप सभी को पता है की मैं पैरानॉर्मल किसन  पर रिसर्च करती हूं इसे सिलसिले में मैं आज रवि और हैप्पी से मिली जिन्होंने मुझे अपने साथ हुए  पैरानॉर्मल किस के बड़े में बताया तो आज मैं आपके साथ उन दोनों का एक्सपीरियंस शेर करूंगी  तो चलिए इस कहानी को शुरू करते हैं [संगीत] हैप्पी और रवि दोनों चेचर भाई थे उन्हें अपने दोस्त  कमलेश के शोरूम के मूरत के लिए जाना था जो उनके शहर से 3 घंटा की दूरी पर था तो हैप्पी ने और रवि ने  वहां जान का फैसला किया वो दोनों ही बस से जान वाले थे तो एक दिन पहले कमलेश हैप्प
ी को फोन करता  है और बताता है की बस स्टैंड पर पहुंचने के बाद वह उसे बता दे ताकि कमलेश उन्हें ए सके क्योंकि हैप्पी  और रवि दोनों उसे जगह के लिए अनजान थे वहां पहले बार वहां जा रहे थे इसलिए कमलेश ने उनको यह बात कहीं और  साथ ही एक वार्निंग भी थी की अगर बस स्टैंड पर कोई भी अनजान आदमी या औरत उन्हें बुलाए तो उसे अनसुना कर  दे और ना ही किसी के भी पास जाए और ना ही किसी से भी बात करें थोड़ा सा हैरान हो गया और कमलेश से पूछा की  वह ऐसे क्यों का रहा है इसका क्या करण है तो कमलेश ने बताया की यहां जगह ऐसे ही है
इसलिए थोड़ा ध्यान  रखना होगा हैप्पी ने जब रवि को यह बात बताई तो रवि हंसने लगा और बोला यह लोगों की बनाई हुई कहानी है  ऐसा कुछ भी नहीं होता रवि इन सब बटन पे विश्वास नहीं करता था लेकिन हैप्पी दो तरफ था वो विश्वास करता  भी था और नहीं भी तो अगले दिन शाम के वक्त हैप्पी और अभी अपने घर से निकाल पढ़ते हैं लगभग 7:00 बजे  दोनों बस में बैठ जाते हैं तभी उन्हें पहुंचने में 3 घंटे बाकी थे बस में ज्यादा लोग नहीं थे 2 घंटे बाद  बस में ड्राइवर और कंडक्टर के साथ सिर्फ हैप्पी और रवि थे दोनों इस बात से बहुत हैरान थ
े की उसे जगह  पर सिर्फ एक तो लोग ही जा रहे हैं खैर अब जानवरों को खाली तो कुछ डर बाद कंडक्टर निक सुनसान रास्ते  पे बस को रॉक दिया और उन दोनों को बस से उतारने के लिए कहा हैप्पी ने कहा की यह कौन सा रास्ता है और  बस यहां क्यों रॉकी है यहां तो बिल्कुल अंधेरा है और कोई जगह दिखाई भी नहीं पड़ती कंडक्टर ने उसे  बताया की यहां बस यही सब वापस भूल जाएंगे और बस स्टैंड तक नहीं जाएगी तो रवि कंडक्टर से झगड़ा करने  लगा की बस को बस स्टैंड तक क्यों नहीं लेकर जा रहे इस पर कंडक्टर ने बताया की आज तक कभी भी कोई भी बस 
स्टैंड तक नहीं गई है यहां से वापस चली जाति है और यहां से बस स्टैंड 5 मिनट की दूरी पर है तो उन्हें  पैदल ही जाना पड़ेगा लेकिन रवि नहीं मानता रवि और कंडक्टर के बीच झगड़ा होने लगता है लेकिन हैप्पी  रवि को समझता है और वो दोनों वही बस से उतार जाते हैं तो रात के लगभग 10:00 बजे का टाइम था अमावस की  काली रात थी और सर्दी का मौसम था ठंडी तेज हवा और बिल्कुल अंधेरा और वहां दोनों वहीं उतारे और वहीं  से बस मड के वापस चले गए उनके दोनों तरफ पेड़ थे और उन्हें पता नहीं था की उन्हें जाना कहां है वह  बार-बार कमलेश
को कल कर रहे थे लेकिन नेटवर्क नहीं था हैप्पी ने कहा की अभी वक्त ज्यादा नहीं हुआ है  दासी बाज रहे हैं तो थोड़ा आगे जान पर हमें कोई ना कोई मिल ही जाएगा तो दोनों आगे चलते हैं तेज हवा से  पत्तों की सारस्वत और पत्तों की हिलना की पुरी आवाज ए रही थी वो आते-जाते हैं और आगे उन्हें एक बड़ा  साकेत दिखाई देता है जो बस स्टैंड का ही गेट था दोनों अंदर जाते हैं और सोचते हैं की वहां बेटी हाल  में वहां वेट कर लेते हैं तभी उनके फोन में नेटवर्क भी ए जाते हैं तभी हैप्पी ने कमलेश को कल करके सब  बताया तो कमलेश ने उनको
कहा की वहां थोड़ी ही डर में वहां पहुंच जाएगा बस स्टैंड एकदम सुनसान था वहां  वेटिंग हाल में एक छोटा सा बल्ब जल रहा था तो दोनों वहां एक बेंच पर बैठ गए और कमलेश के अंदर आने का  इंतजार कर रहे थे तभी थोड़ी सी दूर हैप्पी की नजर एक और बैच पे पड़ी जहां उसे कोई बैठा हुआ दिखाई दे रहा  था जो लगातार हिल रहा था लेकिन अंधेरा होने के करण कुछ साफ दिखाई नहीं दे रहा था इसलिए हैप्पी ने रवि  को कहा की दिल वहां कोई बैठा है और जोर-जोर से हिल रहा है तो रवि ने उसे तरफ देखा और जोर-जोर से हंसने  लगा की कहा की तुझे क्या
लगता है मैं डर जाऊंगा सच का रहा है रवि को लगा की हैप्पी मजाक कर रहा  है और हैप्पी को ग रहा था की रवि मजाक कर रहा है तो हैप्पी खड़ा होकर समा हुए धीरे कदमों से उसे  तरफ जान लगा जैसे जैसे वहां पास जान लगा उसने देखा की कल कपड़ों में सर ढाका हुआ कोई आदमी झुक कर  वहां बैठा हुआ है जो लगातार आगे पीछे आगे-पीछे हिल रहा है वहां उसे आदमी से लगभग 10 फिट दूर खड़ा था  और उसे आवाज लगा रहा था सुनिए की आप ठीक है लेकिन वहां आदमी खिलता ही जा रहा था उसने कोई जवाब नहीं  दिया हैप्पी को लगा की शायद उससे कोई दौरा भर रहा
है तो वह उसके बिल्कुल पास चला गया और उसके कंधे  पर हाथ रखा जैसे ही हैप्पी ने उसे छुआ उसने अपने चेहरा उठाया उसका चेहरा बहुत ही भयानक था बहुत  बड़े-बड़े दांत और लाल आंखें थी हैप्पी चिल्ला कर पीछे की तरफ गिर गया तभी रवि भगत हुआ उसके पास  आया और उसने बोला क्या हो गया तुझे हैप्पी ने कहा यहां पर मैंने भूत देखा रवि बोला की मैंने  तुझे कहा था ना यहां पर कोई नहीं है देखा ना कोई भी नहीं है सीट खाली है रवि देखकर  हैरान हो गया सीट सच में खाली थी तो फिर आखिर उसे वहां क्यों दिखाई दिया और वहां था कौन  तो रवि
ने हैप्पी को उठाया और दोनों वापस इस जगह पर जाकर बैठ गए तो कुछ ही डर में हैप्पी  को अपने पीछे से आवाज आई जो कमलेश की थी तो हैप्पी समाज लेकर खड़ा हो गया तभी रवि ने उससे  पूछा क्या हुआ खड़ा क्यों हो गया है हैप्पी ने कहा की तुम्हें सुने नहीं दे रहा कमलेश हमको बुला रहा है  चलो जल्दी रवि ने कहा की मुझे तो कुछ सुने नहीं दिया इसलिए उसे आवाज सुने नहीं दी तो दोनों समाज उठाकर  वहां से जान लगता हैं और सामने उन्हें बाइक पे कमलेश बैठा हुआ दिखाई देता है हैप्पी ने कहा देखा मैंने  कहा था ना ए गया कमलेश तो दोनों
कमलेश से हाल-चाल पूछते हैं लेकिन कमलेश बिल्कुल शुरू होकर बैठा  था सिर्फ धीरे आवाज में इतना ही बोला जल्दी चलो लेकिन कमलेश कुछ नहीं बोला तो हैप्पी ने रवि से  कहा की शायद यहां से कोई शॉर्टकट होगा इसलिए यहां से लेक जा रहा होगा इसे हम से ज्यादा पता है लेकिन  आगे से आगे जंगल गहरा होता जा रहा था तभी हैप्पी का फोन बजना है यह कल कमलेश की थी स्क्रीन पर कमलेश  का नाम देखकर हैप्पी और रवि घबरा जाते हैं और दोनों समझ जाते हैं की सचमुच कुछ तो गड़बड़ है हैप्पी  जैसे ही कल उठाता है तो कमलेश कहता है तुम दोनों कहां
हो मैं बस स्टैंड पर हूं लेकिन तुम दोनों दिखाई  नहीं दे रहे हो यह सुनते ही उनके होश उड़ जाते हैं दोनों डर के मारे जंगल के बीच ही चलती बाइक से उतार  जाते हैं तभी जल्दी से हैप्पी व्हाट्सएप पर कमलेश को अपनी लोकेशन भेज देता है बाइक वही रुक जाति है अगर  वह कमलेश नहीं था तो आखिर था कौन तभी दोनों तरफ से बुरी तरह की चिल्लाने की आवाज आई है उसकी चीज़ बहुत  ही भयानक थी और अभी दोनों पीछे सड़क की तरफ भागने लगता हैं और जो वहां दोनों मुड़कर देखते हैं तो वह  भूत भी हवा में भागते हुए उनकी तरफ ही ए रहा था यह वही
भूत था जो कमलेश के रूप में ए गया था हैप्पी  चिल्लाते हुए रवि को बताता है की यह वही है जो बस स्टैंड में उनके बेंच पर बैठा था तभी उसे भूत  ने हैप्पी की टांग में पकड़ ले और फिर रवि को भी धक्का देकर गिरा दिया था फिर उसे भूत ने हैप्पी और  रवि को हवा में मटका दिया था दोनों लड़के जोर-जोर से चिल्ला रहे थे और वहां भूत बार-बार उन्हें कभी  हवा में करता तो कभी जमीन पे पटका देता इससे दोनों घायल हो गए थे इतने में उन्हें बाइक का हॉर्न सुने  देता है यह कमलेश ही था जो उन्हें बचाने के लिए वहां पहुंच था कमलेश उसे
जगह पर ही था उसे रक्षा की पुरी  सच्चाई बता दी इसलिए वहां पुरी तैयारी के साथ वहां आया था उसके हाथ में त्रिशूल था जो वहां एक मंदिर से  इन दोनों को बचाने के लिए लाया था वह त्रिशूल काफी शक्तिशाली था कमलेश उसे त्रिशूल को हाथ में लिए हुए  उसे भूत की तरह बढ़ता है और वहां भूत उसे त्रिशूल को देख के काफी डरता है और चिल्लाते हुए पीछे है जाता  है तभी हैप्पी और अभी दोनों खड़े होकर कमलेश के पीछे हो जाते हैं और कमलेश हाथ में त्रिशूल लिए धीरे-धीरे  पीछे हो रहा था वहीं वहां भूत धार के करण उनके पास नहीं ए रहा था
तभी मौका प्रकार थोड़ी डर में वहां  सड़क के पास पहुंच जाते हैं और कमलेश जल्दी से उन दोनों को वहां से अपने घर ले जाता है रवि और हैप्पी  के लिए यह भूतिया एक्सपीरियंस बहुत ही खतरनाक था और रवि भी अब इन सब बटन पर विश्वास करने लगा था की  सच में बुरी शक्तियां होती है खैर दोनों की जान बैक गई थी और अब वह दोनों कभी भी जगह पर वापस जान  की सोच भी नहीं सकते थे तो यह कहानी होती है यही खत्म बताइए कल जरूर की कहानी कैसी लगी अगर आपके साथ  नॉर्मल किस्सा हुआ है तो हमारे साथ शेर जरूर करें

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