Main

चुड़ैल की वासुरी | Hindi Moral Story | New Hindi Kahaniya | Bhootiya kahani | Chudail ki kahani

चुड़ैल की वासुरी | Hindi Moral Story | New Hindi Kahaniya #kahaniyainhindi #gskahaniyawali #kahaniya #kahaniyainhindi #kahaniyarstories #moralstories #bedtimestories #fairytales #fairytalesinhindi MORE VIDEO K LIY SUBSCRIBE PLZZ .................................................................... INSTAGRAM :- https://www.instagram.com/rjwaleai?igsh=MWtsODVoeGIycnNiMg%3D%3D&utm_source=qr FACEBOOK :- https://www.facebook.com/profile.php?id=61556327519663&mibextid=kFxxJD hindi moral stories short hindi motivational story with moral hindi stories for students with moral moral stories hindi kahaniya all new episodes hindi motivational story for students bedtime stories for toddlers on youtube short hindi story for nursery students moral of the story cartoon in hindi horror hindi story daravani kahaniyan new story bhootiya kahani #chudailkikahaniya2 #chudailkikahaniyancartoon #chudailcartoonkahani

kahaniya wala

11 hours ago

चुड़ैल की बांसुरी एक सुहाना सा दिन होता है और मगन रामलाला चंदन राजन तपन और गोलो के पापा गांव के बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर अपनी शाम की गपशप कर रहे हैं अरे राम लाला और चंदन तुम्हारी फसल कैसी चल रही है इस साल अरे बंधु क्या बताए बारिश ने तो परेशान कर रखा है सही बात बारिश की कमी ने दिमाग खराब कर दिया है सरपंच गांव वालों के लिए एक खबर लेकर आता है अच्छा मेरे गांव के भाइयों सुनो जरा हमारी सरकार ने किसानों के लिए शहर में एक सेमिनार का आयोजन किया है जिसमें वह खेतों के बारे में और भी कुछ जानकारी देंगे तो
मुझे लगता है कि हमें वहां जाना चाहिए सरपंच जी मेरे खेतों में कीड़ों ने परेशान कर दिया है उसके लिए कुछ जानकारी मिलेगी क्या बिल्कुल तुम्हारे खेतों के बारे में तुम्हें सारी जानकारी देंगे वो लोग तुम तीनों को जाना चाहिए बहुत फायदा होगा तुम्हें उससे यह कहकर सरपंच वहां से चला जाता है और तीनों सोचते हैं कि वह शाम के वक्त मैदान पर मिलेंगी और वहीं से रवाना हो जाएंगे तीनों दोस्त मैदान पर मिलते हैं और जैसे ही निकलना शुरू करते हैं तभी एक बांसुरी की आवाज सुनकर व भी उसी और सम्मोहित स्थिति में चलना शुरू कर देते
हैं कुछ बच्चे हर बार की तरह अपना दोपहर का फुटबॉल का गेम खेल रहे हैं पकड़ लिया पकड़ लिया पकड़ के दिखा मुझे इतना भी नहीं कर सकता अच्छा कितना भागेगा आखिरकार तो मेरी पकड़ में आ ही जाएगा हां तुझे पता नहीं तपन राजन कितनी तेज दौड़ लगा सकता है खिलते खिलते अचानक से एक बांसुरी की मीठी आवाज सुनाई पड़ती है सारे बच्चे उसका पीछा करने लगते हैं शाम हो गई है और बच्चों की घर ना आने की वजह से उनकी मां मैदान में पहुंच जाती है राजन बेटे अरे ओ राजन बेटे किधर चले गए इतनी देर हो गई घर वापस क्यों नहीं आए बेटे तपन बेटा
चलो घर शाम हो गई है कितना खेलोगे और गोलू ओ गोलो तीनों की मां एक दूसरे को देखने लगती है और उन्हें एहसास होता है कि उन तीनों के बेटे घर आए ही नहीं अरे राजन और गोलू की मम्मी आप इधर राजन और गोलू घर नहीं आए क्या अभी तक नहीं तो दोपहर में राजन मुझे बता कर गया था कि वो तपन और गोलू के साथ खेलने जा रहा है मैंने सुना है कि गांव में एक चुड़ैल घूम रही है कहीं वही तो नहीं ले गई ना हमारे बच्चों को ऐसा कुछ नहीं हुआ होगा हम तीनों अलग-अलग जगह ढूंढते हैं इधर ही खेल रहे होंगे तीनों बच्चे यह कहकर तीनों बच्चों की माए
ं उन्हें ढूंढने निकल गई बहुत देर हो गई और फिर भी तीनों बच्चे मिले नहीं तीनों की माएं मैदान पर फिर से मिलती हैं सुनिए जी यह तीनों मिल ही नहीं रहे हैं और मेरे दिमाग में बहुत बुरे बुरे ख्याल आ रहे हैं अब चिंता मत कीजिए हम सरपंच से जाकर बात करते हैं वह हमारी मदद करेंगे गोलू की मां सही कह रही हो आप चलो चलते हैं एक उम्मीद की आशा लेकर तीनों अपने बेटों की फिक्र में सरपंच के घर जा पहुंचती है सरपंच अपनी शाम की चाय पी रहे हैं और अखबार पढ़ रहे हैं तभी तीनों की मां हड़बड़ी में भागकर उनके पास आती है अरे अरे आ
प तीनों इतनी डरी हुई क्यों हो क्या हुआ ऐसी क्या बात हो गई तिवारी जी हमारे लड़के दोपहर से खेलने गए हैं और अब तक लौटे नहीं है हमने उन्हें सब जगह ढूंढा लेकिन हमें वो मिले ही नहीं इसीलिए हम भागकर आपके पास आ गए अच्छा इनके पिता कहां है ये कुछ काम के लिए शहर गए हैं इसीलिए हम भागकर आपके पास आए हैं हां मैं उसके बारे में भूल ही गया था एक काम कीजिए मुझे उस जगह लेकर चलिए जिधर वह आखिरी बार खेल रहे थे सरपंच घर से एक डंडा लेकर तीनों के साथ मैदान की ओर निकल पड़ते हैं तीनों मैदान पर पहुंच जाते हैं और उन्हें ढूंढ
ने के लिए कुछ सुराख खोजना शुरू करते हैं आपको कोई ऐसी जगह पता है जहां यह तीनों साथ में मिलते हैं नहीं जी ऐसी तो कोई जगह नहीं पता अचानक से वही बांसुरी की आवाज आना शुरू हो जाता है और सरपंच सम्मोहित होकर उस आवाज की तरफ जाना शुरू कर देते हैं अरे तिवारी जी आप ठीक तो है कहां जा रहे हैं अरे ओ तिवारी जी वो हमें सुन नहीं पा रहे हैं क्या सरपंच बांसुरी की धुन में झुककर उसी दिशा में आगे बढ़ रहे थे यह आवाज कैसी ऐसा लग रहा है कि कोई बांसुरी बजा रहा हो हां सरपंच जी भी उसी दिशा में जा रहे हैं सरपंच का पीछा कर ती
नों मैदान के टूटे हुए बंगले पर पहुंच गए और सरपंच के पीछे दरवाजे के अंदर घुस गए तीनों बंगले के अंदर झांकते हैं तो देखते हैं कि बहुत अच्छे से संभाला गया है बंगला उतने में एक हंसी की आवाज आती है मेरी बासुरी तूने मुझे आज तक कभी तंग नहीं किया हमेशा अपने जादू से लड़कों को खींच लाती है यह बोलते ही राजन की मां को तीनों बच्चे और उनके पिता वहां चुड़ैल के पास लेटे हुए दिखते हैं अरे वो देखो गोलू के पापा अरे रे अरे गोलू की मां आप चुप रहिए ना जरा उस चुड़ैल ने देख लिया तो हम भी फस जाएंगे इन्हे बचाएगा कौन लगता
है यह शहर गए ही नहीं और इस चुड़ैल ने इन सबको भी यही बुला लिया है अब हमें इन्हें छुड़ाना होगा एक काम करते हैं राजन की मम्मी गोलू और तपन की मम्मी को एक प्लान बताती है बिल्कुल सही कह रही हो राजन की मम्मी चलो आज इस चुड़ैल को मजा चखा हैं तीनों माएं अपने छुपने की जगह से बाहर निकलती हैं और एक्टिंग करना शुरू कर देती है यह तो बढ़िया है अब इसका असर औरतों पर भी हो रहा है वाह जी वाह तीनों माएं चुड़ैल की थोड़ा करीब आती है राजन और गोलू की मां चुड़ैल को पकड़ लेते हैं और तपन की मां बांसुरी हाथ से पकड़ कर तो देत
ी है अरे पागल औरत ये क्या कर दिया मेरी बांसुरी को तोड़ दिया अब मेरी शक्तिया खत्म हो जाएगी तु मैं तो अरे तुझे क्या लगा चुड़ैल कहीं की हमारे बच्चों को और पतियों को हाथ लगाएगी तू बांसुरी टूटने की वजह से चुड़ैल खाक होकर गायब हो जाती है और सारे लोगों की आंख खुल जाती है सब अपने परिवार को लेकर उस बंगले से बाहर निकल जाते हैं कहते हैं ना नारी हम

Comments