चुड़ैल की वासुरी | Hindi Moral Story | New Hindi Kahaniya #kahaniyainhindi
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चुड़ैल की बांसुरी एक सुहाना सा दिन होता
है और मगन रामलाला चंदन राजन तपन और गोलो के पापा गांव के बरगद के पेड़ के नीचे
बैठकर अपनी शाम की गपशप कर रहे हैं अरे राम लाला और चंदन तुम्हारी फसल कैसी चल
रही है इस साल अरे बंधु क्या बताए बारिश ने तो परेशान कर रखा है सही बात बारिश की
कमी ने दिमाग खराब कर दिया है सरपंच गांव वालों के लिए एक खबर लेकर आता है अच्छा
मेरे गांव के भाइयों सुनो जरा हमारी सरकार ने किसानों के लिए शहर में एक सेमिनार का
आयोजन किया है जिसमें वह खेतों के बारे में और भी कुछ जानकारी देंगे तो
मुझे लगता
है कि हमें वहां जाना चाहिए सरपंच जी मेरे खेतों में कीड़ों ने परेशान कर दिया है
उसके लिए कुछ जानकारी मिलेगी क्या बिल्कुल तुम्हारे खेतों के बारे में
तुम्हें सारी जानकारी देंगे वो लोग तुम तीनों को जाना चाहिए बहुत फायदा होगा
तुम्हें उससे यह कहकर सरपंच वहां से चला जाता है और तीनों सोचते हैं कि वह शाम के
वक्त मैदान पर मिलेंगी और वहीं से रवाना हो जाएंगे तीनों दोस्त मैदान पर मिलते हैं
और जैसे ही निकलना शुरू करते हैं तभी एक बांसुरी की आवाज सुनकर व भी उसी और
सम्मोहित स्थिति में चलना शुरू कर देते
हैं कुछ बच्चे हर बार की तरह अपना दोपहर
का फुटबॉल का गेम खेल रहे हैं पकड़ लिया पकड़ लिया पकड़ के दिखा
मुझे इतना भी नहीं कर सकता अच्छा कितना भागेगा आखिरकार तो मेरी
पकड़ में आ ही जाएगा हां तुझे पता नहीं तपन राजन कितनी
तेज दौड़ लगा सकता है खिलते खिलते अचानक से एक बांसुरी की
मीठी आवाज सुनाई पड़ती है सारे बच्चे उसका पीछा करने लगते हैं शाम हो गई है और
बच्चों की घर ना आने की वजह से उनकी मां मैदान में पहुंच जाती है राजन बेटे अरे ओ
राजन बेटे किधर चले गए इतनी देर हो गई घर वापस क्यों नहीं आए बेटे तपन बेटा
चलो घर
शाम हो गई है कितना खेलोगे और गोलू ओ गोलो तीनों की मां एक दूसरे को देखने लगती है
और उन्हें एहसास होता है कि उन तीनों के बेटे घर आए ही नहीं अरे राजन और गोलू की
मम्मी आप इधर राजन और गोलू घर नहीं आए क्या अभी तक नहीं तो दोपहर में राजन मुझे
बता कर गया था कि वो तपन और गोलू के साथ खेलने जा रहा है मैंने सुना है कि गांव
में एक चुड़ैल घूम रही है कहीं वही तो नहीं ले गई ना हमारे बच्चों को ऐसा कुछ
नहीं हुआ होगा हम तीनों अलग-अलग जगह ढूंढते हैं इधर ही खेल रहे होंगे तीनों
बच्चे यह कहकर तीनों बच्चों की माए
ं उन्हें ढूंढने निकल गई बहुत देर हो गई और
फिर भी तीनों बच्चे मिले नहीं तीनों की माएं मैदान पर फिर से मिलती हैं सुनिए जी
यह तीनों मिल ही नहीं रहे हैं और मेरे दिमाग में बहुत बुरे बुरे ख्याल आ रहे हैं
अब चिंता मत कीजिए हम सरपंच से जाकर बात करते हैं वह हमारी मदद
करेंगे गोलू की मां सही कह रही हो आप चलो चलते हैं एक उम्मीद की आशा लेकर तीनों
अपने बेटों की फिक्र में सरपंच के घर जा पहुंचती है सरपंच अपनी शाम की चाय पी रहे
हैं और अखबार पढ़ रहे हैं तभी तीनों की मां हड़बड़ी में भागकर उनके पास आती है
अरे अरे आ
प तीनों इतनी डरी हुई क्यों हो क्या हुआ ऐसी क्या बात हो गई तिवारी जी
हमारे लड़के दोपहर से खेलने गए हैं और अब तक लौटे नहीं है हमने उन्हें सब जगह ढूंढा
लेकिन हमें वो मिले ही नहीं इसीलिए हम भागकर आपके पास आ गए अच्छा इनके पिता कहां
है ये कुछ काम के लिए शहर गए हैं इसीलिए हम भागकर आपके पास आए हैं हां मैं उसके
बारे में भूल ही गया था एक काम कीजिए मुझे उस जगह लेकर चलिए जिधर वह आखिरी बार खेल
रहे थे सरपंच घर से एक डंडा लेकर तीनों के साथ मैदान की ओर निकल पड़ते हैं तीनों
मैदान पर पहुंच जाते हैं और उन्हें ढूंढ
ने के लिए कुछ सुराख खोजना शुरू करते हैं
आपको कोई ऐसी जगह पता है जहां यह तीनों साथ में मिलते हैं नहीं जी ऐसी तो कोई जगह
नहीं पता अचानक से वही बांसुरी की आवाज आना शुरू हो जाता है और सरपंच सम्मोहित
होकर उस आवाज की तरफ जाना शुरू कर देते हैं अरे तिवारी जी आप ठीक तो है कहां जा
रहे हैं अरे ओ तिवारी जी वो हमें सुन नहीं पा रहे हैं क्या सरपंच बांसुरी की धुन में
झुककर उसी दिशा में आगे बढ़ रहे थे यह आवाज कैसी ऐसा लग रहा है कि कोई बांसुरी
बजा रहा हो हां सरपंच जी भी उसी दिशा में जा रहे हैं सरपंच का पीछा कर ती
नों मैदान
के टूटे हुए बंगले पर पहुंच गए और सरपंच के पीछे दरवाजे के अंदर घुस गए तीनों
बंगले के अंदर झांकते हैं तो देखते हैं कि बहुत अच्छे से संभाला गया है बंगला उतने
में एक हंसी की आवाज आती है मेरी
बासुरी तूने मुझे आज तक कभी तंग नहीं किया हमेशा अपने जादू से लड़कों को खींच लाती
है यह बोलते ही राजन की मां को तीनों बच्चे और उनके पिता वहां चुड़ैल के पास
लेटे हुए दिखते हैं अरे वो देखो गोलू के पापा अरे रे अरे गोलू की मां आप चुप रहिए
ना जरा उस चुड़ैल ने देख लिया तो हम भी फस जाएंगे इन्हे बचाएगा कौन लगता
है यह शहर
गए ही नहीं और इस चुड़ैल ने इन सबको भी यही बुला लिया है अब हमें इन्हें छुड़ाना
होगा एक काम करते हैं राजन की मम्मी गोलू और तपन की मम्मी को एक प्लान बताती है
बिल्कुल सही कह रही हो राजन की मम्मी चलो आज इस चुड़ैल को मजा चखा हैं तीनों माएं
अपने छुपने की जगह से बाहर निकलती हैं और एक्टिंग करना शुरू कर देती है यह तो
बढ़िया है अब इसका असर औरतों पर भी हो रहा है वाह जी वाह तीनों माएं चुड़ैल की थोड़ा करीब आती
है राजन और गोलू की मां चुड़ैल को पकड़ लेते हैं और तपन की मां बांसुरी हाथ से
पकड़ कर तो देत
ी है अरे पागल औरत ये क्या कर दिया मेरी बांसुरी को तोड़ दिया अब
मेरी शक्तिया खत्म हो जाएगी तु मैं तो अरे तुझे क्या लगा चुड़ैल कहीं की हमारे
बच्चों को और पतियों को हाथ लगाएगी तू बांसुरी टूटने की वजह से चुड़ैल खाक होकर
गायब हो जाती है और सारे लोगों की आंख खुल जाती है सब अपने परिवार को लेकर उस बंगले
से बाहर निकल जाते हैं कहते हैं ना नारी हम
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