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मूर्ख पति | MURKH PATI | COMEDY FUNNY STORIES #hindi #kahani #stories #comedy @letscreatestories23 

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30 minutes ago

[संगीत] एक गांव में रहने वाले श्यामू और राधा नामक एक पति पत्नी थे श्यामू थोड़ा मूर्ख था लेकिन उसकी पत्नी राधा बहुत होशियार थी राधा मुझे एक रहस्य में खजाने की तलाश है शमू तुम भी ना कैसे मिलेगा तुम्हें वह खजाना कल ही मैंने सपने में देखा कि जाना हमारे खेत के नीचे छुपा है ठीक है हम आज ही खोदने चलेंगे दोनों खेत में चले गए और खोदने लगे शयाम बिना सोचे समझे खेत के हर छोटे मोटे हिस्से में खुदाई करने लगा अजी यह तो खेत है यहां तो खजाना नहीं मिला चिंता मत कर भगवान मुझे यकीन है कि हमारा खजाना यही है हां जी त
ुम तो हमेशा से ही होशियार रहे हो बस थोड़ा सा मूर्ख हो मैं और मूर्ख कैसे पता नहीं अब शाम हो गई है भोजन भी पकाना है चलो चलते हैं यहां से मुझे भी भूख लगी है पेट में चूहे कूद रहे हैं घर आकर राधा भोजन पकाती है और खाना खाकर दोनों सोने चले जाते हैं अगली सुबह 6 बजे बाहर खिड़की में एक पक्षी आकर शोर मचाने लगता है दोनों पति-पत्नी उठकर खिड़की के पास आते हैं और दे देखते हैं कि वह पक्षी अपनी मधुर आवाज में कुछ कहना चाहता है जिसे देखकर श्यामू राधा से कहता है अरे राधा तुम्हें तो पक्षियों की भाषा आती है जो तुमने
अपने पिताजी से सीखी थी बताओ ना यह पक्षी अपनी मधुर आवाज में क्या कह रहा है हां जी बताती हूं जरा सुनने दो ध्यान से क्या कह रहा है पक्षी यह कहकर राधा ध्यान से पक्षी की बातें सुनने लगती है अरे भगवान अब बताओगी भी पक्षी कह रहा है कि खजाना घर में अलमारी के पीछे छिपा है पक्षी ने उन्हें खजाने का राज बताया क्योंकि वह एक बुद्धिमान और बोली बदलने वाला पक्षी था उसने उन्हें खेत में खोजने की जगह खजाने को घर में खोजने की सलाह दी क्योंकि वह जानता था कि खजाना उनके घर में ही है श्यामू और राधा ने पक्षी की बात मान ली
और अपने घर में रखी पुरानी अलमारी के पीछे छुपे हुए खजाने को पाया वहां राधा वाह तुमने तो सही कहा था हमारा खजाना यहां था श्यामू और राधा ने मिलकर खजाने को खोजा उसमें सोने के सिक्के और चमकीले मोती मिले असल में राधा को खजाने का रहस्य उसके पिताजी ने बताया था वह उस खजाने के बारे में पुरानी कहानी सुनाते थे जिसमें उन्होंने बताया था कि वह उनके पूर्वजों के द्वार छिपाया गया था राधा ने इस कहानी को ध्यान से सुना था और उसका ध्यान उस पुरानी अलमारी के पास गया जो उनके घर में थी यग भी उसने पहले ध्यान नहीं दिया था
लेकिन पक्षी के कहने के बाद उसका ध्यान फिर से उस पुरानी अलमारी के पास गया और उसने खजाने को खोजा इस तरह राधा को खजाने का रहस्य पिताजी के द्वारा पहले ही बता दिया गया था राधा ने तो पहले ही इस रहस्य को जान लिया था और पक्षी ने उन्हें दिखाने का नाटक किया था क्योंकि जानती थी कि अगर श्यामू को खेत में काम करने के लिए कहा जाएगा तो वह जल्दी से नहीं मानेगा इस तरह राधा ने अपने पति के साथ मिलकर सारा खेत खोद डाला अजी अब खेत तो हम खोद ही चुके हैं क्यों ना इसमें बीज भी बो देते हैं आने वाले समय में फसल भी तैयार हो
जाएगी इस तरह दोनों पति-पत्नी खोदे हुए खेत में बीज बो देते हैं समय बीतता जाता है और कुछ ही समय में फसल पककर तैयार भी हो जाती है श्यामू का एक चंदू नाम का दोस्त था जिसका परिवार भी उसके ही घर के पास ही रहता था जो हमेशा श्यामू की मूर्खता का फायदा उठाकर अपना मतलब निकाल लेता था एक दिन बाजार में जब श्यामू अपनी फसल बेचने गया तो पड़ोस में रहने वाला उसका दोस्त चंदू मिला और भाई श्याम क्या हाल है आजकल तो तुम नजर ही नहीं आते बहुत दिन हो गए तुमसे मिले एक दो बार तुमसे मिलने आया भी पर राधा भाभी के साथ तुम मेला
घूमने गए थे हां भाई सप्ताह में एक बार घूमने चले ही जाते हैं क्या बात है भाई कोई लॉटरी लग गई क्या बहुत घूम रहे हो आजकल नहीं चंदू लॉटरी तो नहीं लेकिन छिपा हुआ खजाना मिल गया है हमको इस तरह चतुराई से चंदू अलमारी के पीछे छिपे खजाने का रहस्य श्यामू से जान लेता है और उस खजाने को पाने की योजना बनाने लगता है चांदनी पता है तुम्हें पड़ोस में रहने वाला श्यामू और राधा को छिपा हुआ खजाना मिल गया है जबी तो आजकल राधा भाभी हर दिन नई साड़ी और नए गहने खरीदती रहती है मुझे भी चाहिए वो छिपा हुआ खजाना मुझे नहीं पता जी
जल्दी से कुछ इंतजाम करो ताकि वह खजाना हमारा हो जाए तुम फिक्र मत करो वह खजाना अब हमारा ही होगा चंदू और चांदनी खजाने को प्राप्त करने की योजना बनाने लगते हैं अगली सुबह चंदू और चांदनी पड़ोस में रहने वाले श्यामू के घर जाते हैं उस समय राधा कुछ दिनों के लिए अपने किसी रिश्तेदार के शादी में गई हुई थी अरे श्यामू पता भी है कुछ तुम्हें हमें एक सिद्ध बाबा ने पत्थर का एक टुकड़ा दिया है उस पत्थर का स्पर्श पाते ही लोहे की कोई भी चीज सोने की हो जाती है यह कहकर वह वह पत्थर निकालकर श्यामू को दिखाने लगता है चंदू मु
झे दे दो वो पत्थर जो कीमत तुम बोलोगे वह तुम्हें मैं दे दूंगा अरे नहीं श्यामू मैं नहीं दूं भाई यह पत्थर किसी भी कीमत पर अच्छा अगर मैं तुम्हें सारा खजाना दे दूं तो तब भी नहीं दोगे क्या चंदू और उसकी पत्नी उदास होने का नाटक करते हुए श्यामू को व साधारण सा पत्थर दे देते हैं बदले में श्यामू सोने के सिक्के से भरी मटकी चंदू को पकड़ा देता है व धन लेकर दोनों खुशी खुशी अपने घर चले जाते हैं कुछ दिन [संगीत] अरे राधा यह देखो कितना सुंदर चमकीला पत्थर है हां वह तो ठीक है लेकिन यह तुम्हें कहां से मिला है ना वह मे
रा दोस्त उसने दिया तुम्हें पता है इस पत्थर को अगर किसी लोहे की वस्तु से स्पर्श करा दिया जाए तो वह वस्तु सोने की बन जाती है राधा बहुत ही उत्सुकता से रसोई घर में जाती है और लोहे की कढ़ाई लाकर उस पत्थर से स्पर्श कराती है लेकिन यह क्या लोहे की कढ़ाई में कोई परिवर्तन नहीं आता तुम्हें चंदू और उसकी पत्नी ने मूर्ख बना दिया तुमने इसके बदले उन्हें कुछ दिया तो नहीं मैंने तो हमारा सारा खजाना चंदू को दे दिया और बदले में यह पत्थर खरीद लिया था हे भगवान तुम इतने बड़े मूर्ख कैसे हो सकते हो श्यामू मुझे माफ कर दो
राधा अब मेरे सब समझ में आ गया है ठीक है श्यामू कोई बात नहीं कम से कम तुम्हें सबक तो मिला बाकी रही धन की बात तो तुम चिंता मत करो वह सोने के सिक्के नकली थे क्या नकली थे मैं कुछ नहीं रहा था हां मेरे प्यारे पतिदेव वे सब नकली थे जब मैं खरीदारी करने के लिए बाजार जा रही थी तब मैंने उन दोनों को बातें करते हुए सुन लिया था तुम उस समय घर पर नहीं थे तब मैंने सोहन काका की दुकान पर जाकर असली सोने के सिक्के की मटकी को ले जाकर रख दिया था और उसके बदले में नकली सोने के सिक्के ले के आके यहां अलमारे के पीछे छुपा के
रख दिए आज फिर तुम्हारी समझदारी की वजह से इतना बड़ा नुकसान होने से बच गए दोस्तों कैसी लगी आज की कहानी आपको कमेंट करके जरूर बताना और हां जाते-जाते लाइक शेयर और सब्सक्राइब करना ना भूलना

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