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शैतान की दर्रिंदगी | Real Ghost Story l Ghost Stories In Hindi #horrorstories

शैतान की दर्रिंदगी | Real Ghost Story l Ghost Stories In Hindi आपका स्वागत है हमारे हॉरर कथाओं की दुनिया में। यहाँ पर आपका इंतजार कर रहे हैं भूतों से भरी हुई डरावनी कहानियों का संग्रह। तैयार रहें अपनी रीढ़ की हड्डी को ज़रा हिलाने के लिए और रात के सपनों में घुसने के लिए। हमारे चैनल पर हर कहानी अति संवेदनशीलता के साथ तैयार की जाती है, ताकि आप इसका हिस्सा बनकर डर के ज़माने में खो जाएं और हर सांस को महसूस करें. हमारे चैनल पर आपको अतीत की रहस्यमयी घटनाओं, असाधारण आत्मा दर्शन, शैतानी अवेश, भूतों द्वारा आपदा, पुराने हाउस में हुए रहस्य, और निराधारित सवालों की कहानियों का एक विस्तृत संग्रह देखने को मिलेगा। हम आपको डरावने मोड़ पर रखने वाली कहानियाँ प्रस्तुत करेंगे, जो आपको वास्तविकता की सीमाओं को प्रश्न करेंगी. Apni Kahani Iss No. Par Record Karke Whatsapp Kar Sakte Hai : 9310473841 #horrorstories #paranormal #podcast #horrorpodcast Related Topic : 1.अनसुलझे शैतानी अवेश की कहानियाँ 2.भूतों की रहस्यमयी दुनिया 3.भूतों की खोज 4.भूतों की दर्जन कहानियाँ 5.डर की कहानी और रहस्य 6.भूतों का खोल 7.रहस्यमय भूतों की दुनिया 8.डर की आदान-प्रदान 9.डरावनी तस्वीरों की कहानियाँ 10.भूतों की कहानियाँ 11.डरावनी कहानियाँ 12.रूहानी संघर्ष की कहानियाँ 13.अद्भुत रहस्यमय कहानियाँ 14.अनसुलझे रहस्यों की कहानियाँ 15.भूतों की अवेशग्रस्त कहानियाँ 16.भूतपूर्व कथाएँ 17.अनुभवशील आत्मा की कहानियाँ 18.भूत-प्रेत की कहानियाँ 19.अनसुलझी महिषासुरी रहस्य की कहानियाँ 20.डर की रहस्यमयी दुनिया Related Topic : 1.HorrorStoriesThatWillHauntYou 2,ScaryTalesFromTheDarkSide 3.CreepyHauntedLegendsAndMyths 4.RealLifeHorrorEncountersUnveiled 5.SupernaturalChillsAndThrills 6.TerrifyingGhostStoriesRevealed 7.SpineTinglingHorrorNarratives 8.UnexplainedParanormalEvents 9.HorrorStoryCompilationForNightmares 10.EerieUrbanLegendsAndFolklore 11.TrueHorrorExperiencesUncovered 12.ChillingTalesOfTheUnknown 13.SinisterHauntedLocationsExplored 14.DreadfulDemonsAndPossessions 15.CursedObjectsThatBringTerror 16.HorrorShortStoriesToKeepYouUpAtNight 17.PsychologicalHorrorUnveiled 18.SupernaturalInvestigationsAndEvidence 19.HorrorCinemaAnalysisAndDiscussion

HORROR STORY BY PRAVEEN

3 hours ago

तब उन्होंने किसी के अंदर आने की आवाज सुनी कोई आया है और उसने आते ही मुझे उठा लिया मैं हवा में झूल रही थी मेरे हाथ लटक रहे थे और मुंह से आवाज ना निकले मम्मी एकदम से उठी और मौलवी साहब ने उन्हें कुछ पढ़ने को दिया था प्रवीण भाई वैसे तो मैं दिल्ली की रहने वाली हूं पर अभी काफी टाइम से पुणे में रह रही हूं 2009 की बात है यह तब मेरे पापा यहां एक टेलीकॉम कंपनी में काम किया करते थे पुणे में ही पापा को एक गवर्नमेंट फ्लैट मिला हुआ था उस वक्त मेरी उम्र ज्यादा तो नहीं थी पर जो हुआ था मुझे आज भी ठीक से याद है त
ब पापा ने पहली बार पू ने बुलाया था मम्मी पापा घर का राशन लेने के लिए मेरा छोटा भाई जो उस वक्त 5 साल का था उसे भी अपने साथ ले गए और मम्मी ने मुझे घर पर ही छोड़ दिया था यह कहते कि बेटा घर का थोड़ा काम देख लेना हम कुछ सामान ले आते हैं घर पर खाने पीने की चीजें होंगी तो बार-बार बाहर नहीं जाना पड़ेगा इतना कहते ही वह तीनों साथ में सामान लेने के लिए निकल गए उन्हें टाइम लगने वाला था अच्छा प्रवीण यह बात जब मेरे साथ हुई तो दिन का समय था मैं घर की साफ सफाई करके अंदर वाले कमरे में चली गई जब हम इस घर में आए थ
े तो इस घर के बारे में इतना पता नहीं था और यह तो बिल्कुल भी नहीं पता था कि यहां एक रूम है जो हंटेड है मम्मी हम दोनों भाई बहनों को उसी रूम में ठहराना चाहती थी क्योंकि उन्हें भी नहीं पता था यह पूरा घर वुडन फ्लोर का था और जब भी कोई चलता तो एक अलग सी कदमों की आवाज आती उस रूम में जाने के बाद सामने एक खिड़की है जहां से बाहर की सड़क नजर आती है और इस खिड़की में कोई भी लोहे की ग्रिल नहीं लगी थी जब मैं इस कमरे को समेट र थी मुझे ऐसा फील होता है जैसे घर में कोई आया है उसके कदमों की आवाज सुनाई पड़ी मैं जैसे-
जैसे उस कमरे को समेट मुझे वह आवाज आती पता नहीं क्यों मुझे बार-बार ऐसा लग रहा था जैसे कोई चाहता है मैं इस कमरे को ऐसे ही छोड़कर बाहर निकल जाऊं मुझे डर तो नहीं लग रहा था पर बार-बार आती यह आवाज सफाई करते वक्त जब मैं इस कमरे में बेड के पास पहुंची तो वहां गद्दा एक जगह से दबा हुआ था एक शेप सी बनी हुई थी जैसे कोई वहां बैठा हुआ है और वह मुझे देख रहा है प्रवीण भाई आप यकीन करें कि अभी बताने में तो मुझे इतना डर नहीं लग रहा पर उस सिचुएशन में मेरी हालत कुछ कहने वाली नहीं थी उस वक्त जो गुजरा था वह शब्दों में
मैं बता नहीं सकती एक बार के लिए आप भी सोचिए कि आप किसी कमरे में हैं और वहां किसी के कदमों की आवाज आपने सुनी और आपके सामने कोई सोफे पर कुर्सी पर या बेड पर कोई तो है जो आपको दिखाई नहीं दे रहा बस उसके होने का एहसास सोच के ही रूह कांप जाती है ऐसी ही [संगीत] फीलिंग्लेस से हटे कि मुझे कोई वहम हुआ है उस वक्त मन में यही आया कि कमरा ही छोड़ दिया जाए मैं काफी देर तक वहां बैठी रही और इतने में देखा के टैक्सी से मम्मी पापा उतरे और सामान लेकर ऊपर आ रहे हैं घर सेकंड फ्लोर पर था मैं जल्दी से गेट की तरफ भागी मम्
मी के गले लग गई उन्होंने पूछा क्या हुआ मैंने कहा मम्मी मुझे ऐसा ऐसा लगा अभी तो वह हंस के कहती पागल है तू चल अंदर कुछ खाते हैं अंदर साथ बैठ के कुछ कचोरिया और पकोड़े खाए यह बात भी तब आई गई हो गई पापा ने कहा तुम्हें कुछ दिनों में यह जगह अच्छी लगने लगेगी कुछ एक दिन बड़े सुकून के साथ गुजरे पर धीरे-धीरे ये चीजें बढ़ती चली गई मम्मी पापा हम दोनों भाई बहनों के लिए कुछ खिलौने ले आए मुझे कैरम खेलना बहुत पसंद था तो वह कैरम ले आए कि बच्चे बोर ना हो पढ़ाई भी कितनी करेंगे उस रात हम दोनों ने 11 बजे तक कैरम खेला
और ऐसा लग रहा था कि आधी रात हो गई है पुणे में वह जगह बड़ी शांत सी थी फिर मम्मी कहती कि बेटा उठो अब सो जाओ सुबह स्कूल भी जाना है पापा भी सुबह जल्दी काम पर निकल जाया करते थे मम्मी के कहने के बाद हमने कैरम को वैसे ही छोड़ दिया वह टेबल पर रखा हुआ था छोटा भाई और मैं अपने बेड पर आकर अपनी अपनी जगह लेट गए मम्मी भी अपने कमरे में चली गई थी कमरे का एसी ऑन किया हुआ था और पूरे कमरे में खामोशी थी मैं करवट बदल रही थी इस कोशिश में कि नींद आए इतने में कैरम खेलने की आवाज आई जैसे गोटिया आपस में टकरा रही हैं कमरे
में अंधेरा था पर मैं घबरा कर उठ गई कि हम दोनों तो यहां सो रहे हैं तो यह कैरम कौन खेल रहा है मैंने उठक देखा तो कुछ देर के लिए फिर से खामोशी छा गई मैंने आंखें बंद की और डर के मारे खुद को चादर में समेटकर सोने की कोशिश करने लगी लेकिन दोबारा से किसी ने उन गोटियो को छेड़ना शुरू कर [संगीत] दिया वह आवाज तेज थी इतनी के दूसरे कमरे से मम्मी उठकर यहां आ गई और आते ही कहती तुम दोनों को मना किया था ना फिर से कैरम खेलना शुरू कर दिया मैंने उन्हें बताया मम्मी हम नहीं खेल रहे देखो भाई तो सो भी गया है मम्मी ने कैरम
की गोटियां समेटी और कैरम को एक कोने में रख के वह चली गई उनके जाते ही मुझे कैरम के गिरने की आवाज आई मुझे लगा इससे पहले मम्मी फिर से आ जाए मुझे वापस उसे खड़ा कर देना चाहिए मैं उठ के गई जैसे ही उसे दीवार से लगाकर खड़ा किया और मैं जाने को हुई तो वह मेरे पैरों की उंगलियों पर गिर पड़ा मैं दर्द से चीखी और मम्मी भाग के आई कहती कि क्या हुआ मैंने कहा वह कैरम गिर गया था वापस रखने आई तो पैर पर गिर गया मेरी आवाज सुनकर भाई भी उठ गया मेरे पैर की दो उंगलियों के नाखून टूट गए खून निकलने लगा मम्मी ने कॉटन से साफ
किया और दवाई लगाकर पट्टी बांधी दर्द की मेडिसिन दी और मुझे सुलाकर अपने कमरे में चली गई अगले दिन सुबह उठी तो स्कूल नहीं गई दोपहर में खाना खा रहे थे तब मम्मी ने बताया कि आज पापा देर से आएंगे तो उस दिन मां हमारे साथ सोने वाली थी रात का खाना खाके मां हमारे कमरे में आ गई वह हम दोनों को कहानियां सुना रही थी भाई सो गया था और मैं भी बस सोने को थी मम्मी मेरी बगल में लेट गई अभी दो मिनट ही हुए होंगे कि किसी ने मेरा दाहिना पैर पकड़ा और अलमारी में दे मारा मैं बहुत बुरी तरह से चीखी मां भी कहती कि क्या हो रहा ह
ै हमारे साथ जिस पैर में चोट लगी थी उस पैर में अब और ज्यादा दर्द होने लगा मम्मी परेशान के अब क्या करूं यह हो क्या रहा है पापा को फोन लगाया तो उन्होंने उठाया नहीं शायद रास्ते में होंगे मम्मी हम दोनों को बाहर अपने कमरे में लेकर चली गई हम तीनों वहीं सोए पापा कब आए हमें पता नहीं उनके पास घर की दूसरी थी अगले दिन मम्मी पापा को यह बात बताना भूल गई सुबह जब मैं उठी तो पैर का दर्द गायब हो चुका था पर मैंने यह बात किसी को नहीं बताई क्योंकि बताती तो शायद स्कूल जाना पड़ता यह सब हो क्या रहा था हमें बिल्कुल भी न
हीं पता इस बात को थोड़ा रिवाइंड करूं तो पापा जब हमारे यहां आने से पहले घर में अकेले रहा करते थे तब वह यहां की साफ सफाई वगैरह कर रहे थे उन्होंने देखा की अलमारी के ऊपर कुछ पूजा पाठ का सामान रखा हुआ था पापा ने उठाकर देखा और वापस से रख दिया कि बिल्डिंग के केयर टेकर जब आएंगे तो उन्हें बता दूंगा वह लेकर चले जाएंगे फिर उन्हें लगा कि यह सामान उठा के बाहर रख देता हूं केयरटेकर आएगा और लेकर चला जाएगा वह वापस आके किचन में खाना खाके बर्तन धो के सोने चले गए इसके अगले दिन किचन में थोड़ा काम करवाना था तो तो उन्
होंने अलमारी से कुछ सामान उतारना चाहा एक कुर्सी के सहारे से अलमारी के ऊपर देखा देखा तो जो सामान कल रात बाहर रख के आए थे वह वापस से उसी जगह पर रखा हुआ था वह थोड़े हैरान तो हुए इस बात से पर काम के चलते उनके दिमाग में कभी यह ख्याल नहीं आया कि कुछ और भी बात हो सकती है तो यह चीजें पहले से ही थी इस घर में पर हमारे यहां आने के बाद और बढ़ गई हम दोनों भाई बहन की तो हालत खराब थी हम वॉशरूम में जाते तो कोई हमें वहां बंद कर देता हम सोते तो कोई हमें खींचने लगता जब मम्मी पापा को बताते तो कहते कि कुछ नहीं है तु
म बस मस्त रहो ऐसी बातों से परेशान नहीं होते उन्होंने यह कह तो दिया था पर हम दोनों बहुत ज्यादा डरे हुए थे धीरे-धीरे यह चीजें बहुत बढ़ गई थी हमारे साथ चीज जहां रखते वहां नहीं मिलते सामान इधर-उधर हो जाया करता पापा की तबीयत खराब रहने लगी आधे से ज्यादा वक्त अस्पतालों के चक्कर लगाने में जाता एक रात पापा की तबीयत ज्यादा खराब हो गई मम्मी उनके साथ अस्पताल में रुकने लगी हमारा इस घर में रहना बहुत मुश्किल होता चला जा रहा था जो भी चीज थी वह नहीं चाहती थी कि हम इस घर में रहे मम्मी पापा के साथ रुकती और और यहां
हमारे साथ यह चीजें और ज्यादा बढ़ गई एक ऐसी ही रात हम दोनों घर में अकेले थे मेरा भाई किसी खेल में लगा हुआ था मैं पढ़ाई कर रही थी मेरा ध्यान उस पर गया तो मैंने देखा कि किसी ने उसे बहुत जोर से धक्का दिया है उसने तभी मेरी तरफ देखा उसे लगा कि मैंने उसकी तरफ नहीं देखा लेकिन मेरी नजर उस पर थी और मुझे देखते ही वह रोने लगा मैंने उसे अपने पास बुला लिया और मैं भी रोने लगी मुझे गुस्सा भी आ रहा था मैंने चीखते हुए कहा कि तुम जो भी हो हमारे सामने आओ तुम बस हम बच्चों को परेशान कर सकते हो मेरा इतना कहना ही था क
ि उसने घर की चीजों को तोड़ना शुरू कर दिया बर्तन गिरते दरवाजे खुलते बंद होते हम दोनों सहम के बैठ गए और जोर-जोर से रोने लगे हिम्मत करके दोनों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ा और बाहर भागे पड़ोस वाली आंटी को कहा के मम्मी को कॉल करें रात को ही मम्मी को घर बुला लिया हालांकि पापा की हालत ऐसी नहीं थी कि मम्मी उन्हें अकेला छोड़ सके यह बात अब सबको पता चल चुकी थी पड़ोस वाली आंटी ने एक मौलवी साहब को घर बुला लिया जब वह घर आए तो उन्होंने आते ही घर को भांप लिया कि यहां कोई नेगेटिव एनर्जी है जो बच्चों को परे न कर रही
है तब उन्होंने कुछ अपनी तरफ से पढ़ा वड़ा और घर में कुछ करके चले गए अगली रात मम्मी घर पर रुकी और हमारे साथ कमरे में सो रही थी तब उन्होंने किसी के अंदर आने की आवाज [संगीत] सुनी कोई आया है और उसने आते ही मुझे उठा लिया मैं हवा में झूल रही थी मेरे हाथ लटक रहे थे और मुंह से आवाज ना निकले मम्मी एकदम से उठी और मौलवी साहब ने उन्हे पढ़ने को दिया था वह जोर-जोर से पढ़ने लगी और अचानक से किसी ने मुझे नीचे बेड पर लिटा दिया मैं मम्मी के पास जाकर उनसे चिपक गई और रोने लगी मम्मी जोर-जोर से बोलती रही और लगा के कमरे
से कोई भागा है वहां नीचे रखी पानी की बोतल पर उसका पैर पड़ा तो आवाज आई इसके बाद मेरी मम्मी सारी रात नहीं सोई वह पढ़ती रही और हम दोनों उनके पास सो चुके थे अगले दिन पापा को उन्होंने कहा कि मेरे बच्चे इस घर में सेफ नहीं है फिर जो भी चीजें अब तक हुई थी उन्हें बताई गई पापा की तबीयत ठीक तो नहीं थी पर फिर भी उन्होंने अस्पताल से छुट्टी ली और अगले दो चार दिनों में नया घर देख लिया जिस दिन शिफ्टिंग हो रही थी सामान घर से बाहर निकाल रहे थे तब हल्की हल्की बारिश हो रही थी जब सारा सामान बाहर आया और मैं मम्मी के
साथ खड़ी उस घर को देख रही थी मम्मी कहती क्या हुआ बेटा अब सब ठीक है मैंने उनको हाथ के इशारे से ऊपर खिड़की की तरफ देखने को कहा वह खिड़की खुद खुल रही थी बंद हो रही थी फिर एक जोर की आवाज के साथ उसका कांच टूटा और एक काला धुआ वहां से बाहर आया दीवार से कुछ काले रंग का पानी नीचे टपकने लगा मम्मी ने मेरी आंखें बंद कर ली और गाड़ी में बिठा के दूसरे घर के लिए हम निकल पड़े आज भी हम पुणे में ही रह रहे हैं इस घर में रहते हुए काफी टाइम हो चुका है पर यहां सब ठीक है पापा की तबीयत भी ठीक है हम दोनों बहन भाई ठीक है
ं मम्मी भी लगी रहती है अपने कुछ ना कुछ करने में उस घर का जिक्र अब हम नहीं करते किसी से क्योंकि जो हुआ वह बड़ा भयानक था भगवान ना करे ऐसा किसी के साथ भी हो डर व नहीं होता जब लोग हमें डराते हैं असली डर वह होता है जब हम सच में ड जाते हैं अगली कहानी के साथ जल्दी मिलेंगे दुआओं में याद [संगीत] रखना

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