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जन्नत का स्याह पहलू: थाईलैंड में सेक्स टूरिज्म | [Sex Tourism in Thailand] | DW Documentary हिन्दी

जहाँ यूरोप में इस क्रिप्टोकोर्रेंसी को लोग शक की निगाह से देखते हैं,वहीँ दक्षिण के लोगों के लिए ये एक मौका है.पर ऐसा क्यों है?"लैटिन अमेरिका में बिटकॉइन"वृत्तचित्र हमें ग्वाटेमाला और अल साल्वाडोर की एक रोचक सफर पर ले जा रही है. बिटकॉइन यूटोपिया आर्थिक साझेदारी की बात करता है ताकि ग्रीन माइनिंग की मदद से आर्थिक वृद्धि हो और अल साल्वाडोर में बने "बिटकॉइन सिटी"जैसे महा प्रोजेक्ट पर बाहर के नए उपनिवेशक आएं और पैसे लगाएं. लेकिन इन वादों में कितनी सच्चाई है ? ग्वाटेमाला में, एक अमेरिकी नागरिक और खूबसूरत पनाहाचेल में एक पूर्व सैन्य डॉक्टर बिटकॉइन के माध्यम से कचरे से सोना निकालने की कोशिश कर रहे हैं.पर ये सब एक सपने जैसा है.अल साल्वाडोर में, राष्ट्रपति नायब बुकेले ने बिटकॉइन को एक दूसरी राज्य मुद्रा के रूप में भी पेश किया पर एक साल के बाद इस उम्मीद का कोई नामोंनिशान भी नहीं है. क्या बिटकॉइन यूटोपिया बस यही है - एक सपना, जिसका असलियत से कोई लेना-देना नहीं है? या क्या यह सच में कुछ बदल सकता है? कोरोना वायरस लॉकडाउन ने शोषण की समस्या को बड़े पैमाने पर बढ़ा दिया है. पटाया के रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट में, जहां स्थानीय अधिकारियों के अनुसार अब नाबालिगों से वेश्यावृत्ति नहीं होती है, फिल्म टीम को पीडोफिलिया अपराधों के सबूत मिलते हैं. और एक जर्मन नागरिक जो गिरफ्तारी के तुरंत बाद भी देश छोड़ने में सक्षम है. यह कैसे हो सकता है? जब इस महत्वपूर्ण मुद्दे की बात आती है, तो क्या अंतर्राष्ट्रीय सहयोग वास्तव में अनुकूल नतीजे दे पा रहा है? #DWDocumentaryहिन्दी #DWहिन्दी #thailand #pattaya #sextourism ---------------------------------------------- अगर आपको वीडियो पसंद आया और आगे भी ऐसी दिलचस्प वीडियो देखना चाहते हैं तो हमें सब्सक्राइब करना मत भूलिए. विज्ञान, तकनीक, सेहत और पर्यावरण से जुड़े वीडियो देखने के लिए हमारे चैनल DW हिन्दी को फॉलो करे: @dwhindi और डॉयचे वेले की सोशल मीडिया नेटिकेट नीतियों को यहां पढ़ें: https://p.dw.com/p/MF1G

DW Documentary हिन्दी

2 months ago

रोज़ की तरह पटाया की शाम का आम मंज़र. या कहें एक ऐसा मंज़र जो पटाया में काफी आम है. दो साल तक सेक्स टूरिज़्म की इस राजधानी में कोरोना की वजह से सुस्ती थी, पर अब यहाँ की रेड लाइट दोबारा चालू हो चुकी है, जिसका कई जर्मन पुरुष इंतज़ार कर रहे थे. 74 साल के वोल्फगांग रिल, 45 साल की टिक के साथ हैं. वो उससे एक बार में मिले थे. जब आप जर्मनी में किसी प्रॉस्टिट्यूट या सेक्स वर्कर के पास जाते हैं तो दुगुना या तिगुना पैसा देते हैं और सर्विस भी आधी से कम मिलती है. पर यहाँ ऑफिशियली कोई प्रोस्टीट्यूशन नहीं होता. यहा
ँ की लड़कियां असल में प्रॉस्टिट्यूट्स नहीं हैं, वो तो खुद को बार-गर्ल्स बुलाती हैं. पटाया में लगभग 60 हज़ार सेक्स वर्कर हैं जिन में से एक हैं एओम. वो कहती हैं कि चार साल पहले वो एक जर्मन से प्यार कर बैठीं और प्रेग्नेंट हो गयीं, जिसके बाद वो उन्हें छोड़ कर चला गया. वो अपना खर्चा और परिवार चलाने के लिए प्रॉस्टिट्यूट का काम करती हैं. मैं खुद इस काम को छोड़ना चाहूंगी पर क्या करूँ, मेरे गाँव में कोई काम ही नहीं है. कोरोना लॉकडाउन ने हालात बदतर बना दिए हैं. यहाँ से निकलने के पहले मुझे पैसा कमाना ही होगा.
हमने सेक्स इंडस्ट्री के काले पक्ष पर रिसर्च किया और उन सभी संकेतों की जांच की जहाँ पता चला कि ना सिर्फ सेक्स-टूरिस्ट, बल्कि जर्मन पीडोफाइल, यानी नाबालिगों की तरफ यौन आकर्षण रखने वाले लोग भी कोविड के बाद यहाँ लौट आए हैं. वोल्फगांग रिल और उनकी हर वक़्त की साथी, जो अपना नाम टिक बताती हैं, पटाया के एक बीच पर हैं. रिल कभी ये नहीं कहेंगे कि वो सेक्स टूरिस्ट हैं, बल्कि ये कि पटाया प्रेमी हैं. वो थाईलैंड की कामुक कहानियों के बुक-राइटर के रूप में काफ़ी मशहूर हो चुके हैं और बाकी जर्मन पुरुषों के विपरीत वो इ
स बारे में कैमरे पर खुल कर बात करने में हिचकिचाते नहीं. टिक भी कैमरे के सामने आने के लिए तैयार हो गयीं. रिल दशकों से पटाया आते रहे हैं, पर क्यों, यह बात वो खुद ठीक से समझा नहीं पाते. ऐसा क्या है इस जगह के बारे में जो अपनी तरफ खींचता है? अब कह सकता हूँ कि यहाँ की लड़कियां ज़्यादा नाज़ुक और दोस्ताना हैं, उन्हें मुस्कुराना और रोमांस करना पसंद है. जर्मनी की लड़कियों के मुकाबले वो अपनी ज़िंदगी ज़्यादा ख़ुशी से जीती हैं. पर दोनों पक्षों को पता होता है ना, कि यह सिर्फ एक कामकाजी रिश्ता है? मैं नहीं कहूंगा कि
ये हमेशा सिर्फ एक बिज़नेस डील होती है, इसका दूसरा पक्ष भी होता है, फीलिंग्स वाला और फीलिंग्स होनी ज़रूरी हैं वरना इसका कोई फायदा नहीं. टिक आपको भी ऐसा ही लगता है? क्या ये कुछ हद तक बिज़नेस है या फिर आप क्या सोचती हैं इस बारे में? आप चाहें तो थाई भाषा में भी जवाब दे सकती हैं. टिक चुप रहना पसंद करती हैं. पैसों का क्या? पैसे बहुत ज़रूरी हैं? ओह अच्छा वो बहुत कम इंग्लिश बोलती है. हाँ मैं कहने ही वाला था कि बातचीत भी सीमित हो कर रह जाती है इसलिए समान लोगों के बीच रिश्ता बनाने में मुश्किल आती है. हाँ इसक
ी इंग्लिश बहुत ख़राब है पर हम उस पर काम कर रहे हैं, मैं इसे पढ़ा रहा हूँ और ये वाकई मेहनती है. ये देख कर आश्चर्य होता है कि इस तरह के रिश्ते में कितने कम शब्द और बातों की ज़रूरत होती है. हम एक तरह से ईसान महिलाओं को सहारा दे रहे हैं, जो वहां गरीबी में जीती हैं और जो शायद आज चावल के खेतों में काम कर रही होतीं. उत्तरी थाईलैंड में? और दूसरी तरफ हम ही वो लोग हैं जिनकी वजह से ये सिस्टम चालू है और प्रॉस्टिट्यूशन चल रहा है. यानी प्रॉस्टिट्यूशन विकास में सहायता कर रहा है? रिल कहते हैं उन्हें इसमें नैतिक रू
प से कुछ गलत नहीं दिखता. उनके हिसाब से एक उम्रदराज़ आदमी का प्यार और सेक्स के लिए एक कम उम्र की महिला को पैसे देना भी तब तक ठीक है जब तक उसमें दोनों का फायदा हो. पर उनकी एक विनती भी है. पुरुषों पर भी थोड़ा रहम कीजिए. जर्मनी में भी प्रॉस्टिट्यूशन की बुराइयों को लेकर काफी कुछ कहा गया है. वो हमेशा औरतों के लिए बुरा होता है. पर उन उम्रदराज़ पुरुषों का क्या जो अकेलेपन में जीते हैं, तन्हा हैं, जिनका कोई नहीं होता और वो सेक्स नहीं कर पाते. वो भी ऐसी दुनिया में जो सेक्स के लिए पागल है और उस पर ज़ोर देती है
. ये कितना ख़राब है, इस बारे में कोई बात नहीं करता. इसलिए थोड़ी सहानुभूति मर्दों के लिए भी होनी चाहिए. क्या हमें औरतों के लिए भी सहानुभूति होनी चाहिए, क्यूंकि उनका काम वाकई मुश्किल होता है. ये नहीं कि सिर्फ हंसी-मज़ाक किया और सब ठीक है. खैर मैंने जो थाईलैंड में देखा, वो इतना भी मुश्किल नहीं है जितना आप बता रहे हैं. और वो लोग भी मज़े करते हैं. हंसी-मज़ाक होता है, घूमने जाते हैं, बाइक पर बैठते हैं, घूमते-फिरते हैं, दोस्तों से मिलते हैं, इसमें इतना ख़राब क्या है? थाईलैंड में मुझे कोई मुश्किल नहीं दिखती.
एओम दस साल से सेक्स वर्कर हैं. उन्होंने बताया एक वक़्त था जब वो लगभग इस धंधे से बाहर निकल गयीं थीं. एक कस्टमर उन्हें भविष्य में साथ रहने का वादा कर अपने साथ जर्मनी ले गया पर जब एओम प्रेग्नेंट हो गयीं तो उसने उन्हें इस वादे के साथ थाईलैंड वापस भेज दिया कि वो भी जल्दी वहां आ जायेगा. वो कहती हैं कि उनके शायद प्लेन में बैठते ही उसने अपना फ़ोन नंबर और ईमेल बदल दिया. जब मैं थाईलैंड वापस आई तो पांच महीने प्रेग्नेंट थी और वो आदमी गायब हो गया. पता नहीं क्यों पर उसने किसी भी ज़िम्मेदारी से इंकार कर दिया. कैस
ा लगा था आपको उस वक़्त? बहुत बुरा तब से मुझे जर्मन आदमियों से नफरत हो गयी. मैं जानती हूँ वो सब ऐसे नहीं हैं पर जब कोई कस्टमर बार में आता है और हम बात करते हैं कहाँ से हैं आप? जर्मनी से? ओह नहीं, बाय ऐसा नहीं है कि मुझे हर एक से शिकायत है पर मैंने अपना सबक सीख लिया. और मेरी सिर्फ एक विनती है, हमें हमारे काम की वजह से मत आंकिये, हम किसी को लूट नहीं रहे, सिर्फ अपना काम कर रहे हैं. हाँ माना ये गैरकानूनी है पर इसका मतलब ये नहीं कि आप हमारी बेइज़्ज़ती करें. एओम अलग-अलग बारों में काम करती हैं जहाँ वो ग्रा
हक ढूंढती हैं. सेक्स-वर्क के गैरकानूनी होने से बहुत मश्किलें होती हैं. महिलाओं के पास स्वास्थ्य-बीमा नहीं होता और वो कोविड लॉकडाउन के वक़्त सरकार की तरफ से मिलने वाले किसी मुआवज़े के योग्य भी नहीं थीं. और ये सब उस देश में जहाँ सेक्स इंडस्ट्री अनुमानित तौर पर सालाना अरबों का रेवेन्यू लेकर आती है और जीडीपी में एक बड़े प्रतिशत का योगदान देती है. पर इन आंकड़ों की जांच करना मुश्किल है. एओम इसे इस तरह देखती हैं कुछ रात आप अच्छा कमा लेते हैं पर ज़्यादातर अच्छी कमाई नहीं हो पाती. कई लोग बिना कंडोम सेक्स की म
ांग करते हैं. कई बार 2-3 लोग एक महिला के साथ सोना चाहते हैं. पर ये सब एक थाई महिला के लिए अपमानजनक है. कभी-कभी ग्राहक सेक्स में ऐसी-ऐसी चीज़ें मांगते हैं कि मैं मना कर देती हूँ. सब ऐसे नहीं होते पर कई होते हैं. वर्त्तमान आंकड़े मौजूद नहीं हैं, पर बाल सहायता संगठन टेरिज़ॉम के पुराने अनुमानों से पता चलता है कि हर साल 4 लाख जर्मन पुरुष सस्ते सेक्स की तलाश में आधी दुनिया का सफर करते हैं और पुराने समय की ही तरह, थाईलैंड आज भी एक मुख्य डेस्टिनेशन है. पटाया में नकलुआ नाम का एक "जर्मन क्वार्टर" भी है जहाँ
एक जर्मन भाषी वकील और श्नित्सेल रेस्टोरेंट है. थोमस जेलांड हैम्बर्ग के हैं. वे ब्रेम्बूरी नाम का एक रेस्टोरेंट चलाते हैं. उन्हें थाईलैंड में रहते 15 साल हो चुके हैं और वो काफी लोगों को जानते हैं. ये हैं थाईलैंड के क्राउन प्रिंस. थाईलैंड के क्राउन प्रिंस आपके ग्राहक रह चुके हैं? नहीं मैं पिछले 3-4 साल से लगातार उनके लिए खाना बना रहा हूँ. वो जर्मनी में रहते हैं, म्यूनिख में. वो जब भी अपने दोस्तों और स्टाफ के साथ आते हैं तो मैं ही वो जर्मन कुक होता हूँ जो उनके साथ यात्रा करता है. इसीलिए मैं उनके सा
थ ये अच्छी सी फोटो खिंचवा पाया क्यूंकि वैसे उनके साथ फोटो खिंचवाना अलाउड नहीं होता. हमें लगा जैसे जेलांड को लगता है कि वो पटाया के राजदूत हैं, जिन पर शहर की छवि को निखारने की ज़िम्मेदारी है. कईयों को लगता है ये दुनिया का सबसे बड़ा चकला है. पर ऐसा नहीं है. सेक्स बाज़ार पूरे पटाया में नहीं फैला हुआ, बल्कि शहर के मुकाबले सिर्फ तीन छोटे इलाकों में है. पर अगर मैं वहां ना जाऊँ तो मैं उसका अनुभव भी नहीं कर पाउँगा. फिर भी वो शहर पर हावी ज़रूर है. जहाँ भी नज़र जाए, ऐसे बार दिखते हैं जहाँ लड़कियां बैठी होती है
ं. हाँ ठीक है, पर यहाँ या पूरे एशिया में वैसे भी लड़कियां छोटे कपड़े पहनती हैं क्यूंकि गर्मी ही इतनी है. इसका प्रॉस्टिट्यूशन से कोई लेना-देना नहीं है. स्कूल यूनिफार्म में भी छोटी स्कर्ट होती है क्यूंकि गर्मी बहुत है और स्कूलों में एसी नहीं होता. पर ये मत कहिये कि पटाया में प्रॉस्टिट्यूशन नहीं होता. गर्ल फ्रेंड्स हैं, प्रॉस्टीट्यूट्स नहीं. कानूनी तौर पर फर्क ये है कि प्रॉस्टिट्यूट अपनी सर्विस की फीस पहले ही बता देती है और ये सब यहाँ बहुत कम होता है. पर फिर भी सेक्स के लिए पेमेंट तो होता ही है ना? ह
ाँ बिल्कुल, पर वो ठीक है. हर किसी को अपनी पसंद से जीने का हक़ है. 15 सालों से, जब से मैं यहाँ थाईलैंड में रह रहा हूँ, अच्छी चीज़ ये हुई है कि ये सब बच्चों के साथ होना अब बंद हो गया है, जो बिल्कुल ठीक हुआ है. 15 साल पहले ये एक बड़ी समस्या थी, पर अब नहीं है. क्या वाकई ये सच है? क्यूंकि हमने अभी तक जो देखा है, हमें ऐसा लग नहीं रहा. वॉकिंग स्ट्रीट पटाया का मुख्य मनोरंजन स्थल है. एक निजी बाल संरक्षण संगठन के कर्मचारी आज यहां काम कर रहे हैं. पीक टूरिस्ट सीज़न के दौरान, वो सेक्स वर्करों और पर्यटकों से नियम
ित रूप से बात करने की कोशिश करते हैं. हेलो क्या आप अंग्रेजी बोल सकते हैं? बिल्कुल, क्या मदद कर सकता हूँ आपकी? हम ह्यूमन हेल्प नेटवर्क फाउंडेशन से हैं और हाल ही में हमें बच्चों के खिलाफ अपराधों की सूचना मिली है. इसलिए अगर आप बच्चों के खिलाफ कोई संदिग्ध गतिविधियां देखते हैं, अगर आपको लगता है कि बच्चों को रात में ख़राब हालात में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, तो आप इस अथॉरिटी को सचेत कर सकते हैं. बहुत-बहुत शुक्रिया. आपसे बात कर सकता हूँ, आप अंग्रेजी बोलते हैं? तो जो हम अक्सर सुनते हैं कि पर्य
टक और लोग कहते हैं, "पंद्रह या बीस साल पहले पटाया में बाल वेश्यावृत्ति एक समस्या थी, पर अब सब कुछ नियंत्रण में है.‘’ यह एक बहुत ही पेचीदा सवाल है क्योंकि हमारा अपना अनुभव है कि बीच-बीच में कोई न कोई छुपकर बच्चों के खिलाफ कुछ बुरा करने में कामयाब हो जाता है. हमारे पास बच्चों के खिलाफ घटनाओं या किसी ग़लत गतिविधियों की रिपोर्ट करने वाले बहुत सारे वॉक-इन मामले आते हैं. खासतौर पर इस वॉकिंग स्ट्रीट इलाके में जहाँ नाइटलाइफ काफी मशहूर है. यहाँ बहुत भीड़भाड़ होती है जो बच्चों की सेहत के लिए ख़राब है. क्या
टूरिस्ट ये कहानियाँ सुनना चाहते हैं? सच कहूँ तो बिल्कुल नहीं. क्योंकि आप तो जानते ही हैं, वो यहां बहुत एक ख़ास चीज़ के लिए आते हैं. पर कम से कम आम प्रॉस्टिट्यूशन और बाल वेश्यावृत्ति के बीच एक पतली रेखा है. बाल संरक्षण इसे इस तरह देखता है, रेड-लाइट-जिलों में जिसे "सामान्य" सेक्स टूरिज़्म कहा जाता है, वहां ऐसी जगहें होती हैं जो बच्चों के लिए गंभीर खतरा हैं. जब हम फिल्म बना रहे थे, यह छोटा बच्चा, बारों से भरी सड़क पर अकेले चला जा रहा था. उसके परिवार ने उसे पर्यटकों को कुछ च्यूइंगम बेचने के लिए भेजा थ
ा. अब उसे बाल-संरक्षण समूह वाले लोग घर ले जा रहे हैं. अब सोचिये वो सड़क पर ऐसे घूम रहे हैं और कोई उन्हें खींच कर अंधेरे कोने में ले जाए. तो इन सब चीज़ों के बारे में हमें जागरूकता पैदा करनी होगी. अगर आप किसी बच्चे को कम उम्र के प्रॉस्टिट्यूशन में शामिल देखते हैं, तो कृपया हॉटलाइन 1300 पर कॉल करने में संकोच न करें. हम आपके सहयोग की सराहना करते हैं. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद. पटाया में बाल वेश्यावृत्ति के खिलाफ लड़ाई में कई सफलताएँ खतरे में पड़ती दिख रही हैं. हम देर रात बच्चों को पर्यटकों के साथ हाथ में
हाथ डाले जाते हुए देखते हैं. कोई कुछ नहीं कहता या किसी को कुछ अजीब नहीं लगता. हम बैंकॉक में पुलिस मुख्यालय जा रहे हैं. काफी अनुरोध के बाद थाईलैंड के डिप्टी पुलिस चीफ इंटरव्यू देने के लिए तैयार हो गए हैं. वह गृह मंत्री के साथ एक ज़रूरी मीटिंग से आ रहे हैं. उन्होंने हमारे इंटरव्यू के लिए यूनिफार्म बदल ली है. सुरचाटे हाकपर्न ने रेड-लाइट-जिलों में संगठित अपराध पर अपने सख्त रूख को लेकर प्रतिष्ठा बनाई है. हमने पटाया में फिल्म शूट की और कई नाबालिग लड़कियों को रेड-लाइट जोन में काम करते देखा. बाल संरक्षक
ों ने हमें बताया कि पीडोफाइल अपराधी एक बार फिर थाईलैंड को गंतव्य में चुन रहे हैं. इसके खिलाफ आपके क्या कदम हैं? ना सिर्फ थाईलैंड बल्कि पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में चाइल्ड अब्यूज़ की स्थिति बहुत चिंताजनक है. यौन शोषण के शिकार बच्चों की उम्र गिर रही है, और उनके प्रति हिंसा की स्थिति बदतर होती जा रही है. हमारा इन्वेस्टिगेशन मुश्किल है खासकर इसलिए भी कि बाल पोर्नोग्राफ़ी के निर्माता अपने ट्रैक को कवर करने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. रॉयल थाई पुलिस ने ये वीडियो उपलब्ध कराए. वो एक विशेष TI
CAC यूनिट को काम करते हुए दिखाते हैं. TICAC यूनिट बच्चों के साथ ऑनलाइन अब्यूज़ से लड़ता है, एक ऐसी चीज़ जो कोरोना लॉकडाउन के दौरान बड़े पैमाने पर बढ़ी है. बच्चों को इंटरनेट कैमरों के सामने मजबूर किया जाता है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है. ये वीडियो दुनिया भर के ग्राहकों को बेचे जाते हैं. पिछले साल कई दर्जन बच्चों को बाल यौन शोषण गिरोहों के कब्ज़े से मुक्त कराया गया था. परिवार के सदस्य अक्सर अपराध में भागीदार होते हैं. यह अधिकारी बताते हैं कि पटाया में उन्हें काफी सफलता मिली है. बाल शोषण के
संदेह में एक जर्मन संदिग्ध को हाल ही में गिरफ्तार किया गया. उस पर एक बार में चाइल्ड प्रॉस्टीट्यूट की दलाली करने का आरोप है. ये बार वाले इलाके बच्चों के लिए बड़े ख़तरे वाले इलाके हैं. पर आज ही, मैंने और गृह मंत्री ने फैसला किया है कि हम देश के हर पुलिस स्टेशन को सभी बार और क्लबों की सख्ती से निगरानी करने का आदेश देंगे. हम बाल वेश्यावृत्ति बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते. हाल ही में हमने ये चीज़ पटाया में साबित की और एक बीयर बार बंद कर दिया जहां कम उम्र की वेश्याएं काम करती थीं. अपराधियों को कड़ी सज़ा द
ेने की बात हो रही है. उप पुलिस प्रमुख ने इंटरव्यू के लिए हमें धन्यवाद दिया और हमने दोबारा उस जर्मन के बारे में पूछा जिसे पटाया में गिरफ्तार किया गया था. हमें आश्चर्य हुआ कि उन्होंने हमें मामले की चर्चा फिल्माने के लिए आमंत्रित किया. पटाया के टॉप पुलिस अफसर मामले पर नई जानकारी लेकर पहुंचे हैं. संदिग्ध पीडोफाइल बार, जो अब बंद हो चुका है, उसका नाम है कोबरा बार और यह पटाया के रेड लाइट इलाके के सेंटर में है. हमने बार की रसीदें जब्त कर ली हैं. उन्हें लकड़ी के छोटे-छोटे होल्डरों में मेज़ों पर रखा हुआ थ
ा और उनसे हर कर्मचारी का पता लग सकता है. महिलाओं और लड़कियों ने बताया कि उन पर कस्टमरों से जितनी हो सके उतनी ड्रिंक्स का भुगतान करवाने का दबाव होता था और हर बिल के ऊपर उनको अपना नाम लिखना होता था. इसी से हमें पता चला कि यहाँ 11 महिलाएं काम करती थीं, हम सबको पहचान सकते हैं. ये देखिये ये सब अट्ठारह साल से बड़ी हैं? नहीं, सिर्फ एक बालिग़ है. यानी सब बच्चे हैं. अब वो कहाँ हैं? हम एक सुरक्षित जगह ढूंढ रहे हैं जहां उन्हें एक साथ रख सकें. उनमें से सबसे छोटी लड़की 12 साल की आन है, जिससे हमने पूछताछ की. उसने
बताया कि वो अपनी तलाकशुदा माँ के साथ पटाया आयी थी. उसकी माँ कचरा साफ़ करती है और वो खुद खाने के लिए अतिरिक्त पैसा कमाने के चक्कर में भाग-भाग कर बार जाया करती थी. जांचकर्ता हमें हिरासत में लिए गए जर्मन के बारे में ज़्यादा कुछ नहीं बता पाए, सिर्फ इतना कि वह फ्रैंकफर्ट-माइन का था. बताते हैं कि वह कई बार नाबालिग लड़कियों को बार से अपने अपार्टमेंट में ले गया था. पुलिस बलात्कार और बाल शोषण के आरोपों की जांच कर रही थी. और वह पटाया में हिरासत में था. पुलिस फ़ाइल की तस्वीरों से पता चलता है कि वह संदिग्ध प
ीडोफाइल बार का नियमित ग्राहक था. सामाजिक कार्यकर्ता और चिकित्सक अब बार से मुक्त कराई गई नाबालिग लड़कियों की देखभाल कर रहे थे. कोबरा बार में उनके दिन अकेलेपन से भरे थे. तस्वीरें दिखाती हैं कि बच्चों को अक्सर ग्राहकों के साथ तब तक शराब पीने के लिए मजबूर किया जाता था, जब तक वो बेहोश नहीं हो जाते थे. एओम ने ठाना है कि उनका बेटा रेड-लाइट-डिस्ट्रिक्ट में बड़ा नहीं होगा. चार साल का टिम गाँव में एओम की मां के साथ रहता है. पटाया में कई लोग ऐसा करते हैं. बच्चों को गांवों में उनकी नानियाँ-दादियां पालती हैं
जबकि उनकी माँ प्रॉस्टिट्यूशन कर पैसा कमाती हैं. हालाँकि रूढ़िवादी थाईलैंड में यह वर्जित है, पर हजारों गरीब परिवारों के लिए यही ज़िंदगी है. एओम दूर रहते हुए भी अपने बेटे के करीब रहने की कोशिश कर रही हैं. हर रोज़ फोन पर बात करना उनका नियम बन चुका है. एओम उससे कहती हैं कि वो अच्छा बच्चा बन कर रहे, माँ जल्दी घर आएँगी. टिम के पिता अभी भी जर्मनी में हैं. एओम ने बताया कि वह उसकी कॉलों को लगातार नजरअंदाज कर रहा है. उसने आज तक चाइल्ड-सपोर्ट का एक पैसा तक नहीं दिया है. मेरे पास जर्मनी से अपनी प्रेगनेंसी क
े कुछ कागज़ हैं. पर इस पूरे वक़्त मुझे पता ही नहीं था उनमें लिखा क्या है क्यूंकि वो जर्मन भाषा में थे. सभी ऑफिशियल कागजात उसके पास हैं, मुझे नहीं दिए, सिर्फ फोटोकॉपी दी. मुझसे कहा, मुझे असली कागज़ की ज़रूरत नहीं है. प्रसव से पहले मुझे जर्मन कानून के बारे में कुछ पता नहीं था और ये कि मुझे करना क्या है. इस बीच, एओम उन दस्तावेजों को जर्मन-थाई वकील के पास ले गई. उन्होंने उसे बताया कि जर्मनी में उनके दोस्त ने गायब होने से पहले लिखित रूप में अपने पिता होने की ज़िम्मेदारी को मान लिया था. अब वकील की मदद से ए
ओम चाइल्ड सपोर्ट भुगतान पर अमल करवाने के लिए पिता का नया पता ढूंढने की कोशिश कर रही हैं, ताकि उनका बेटा टिम बेहतर स्कूल में जा सके, जो सबसे ज़रूरी है. कुछ किलोमीटर दूर, शहर के बाहरी इलाके में, थोड़ा ज़्यादा प्रतिष्ठित पटाया बीच है. यहां हमारी मुलाकात हेसेन के स्टेफान से हुई. वह खुद को यूट्यूबर बताते हैं और नियमित रूप से एक वीडियो डायरी पोस्ट करते हैं जिसमें वह जर्मन में अपनी दिनचर्या और कारनामे सुनाते हैं. स्टेफान और थाई महिलाएं या थाईलैंड में प्यार. मैंने यह तीन भाग की सीरीज़ बनाई और ये मुद्दा ख़त्
म हो गया. पर बार-बार आप लोगों को ये जानना था कि उसके बाद क्या हुआ और ये कि मैं आपको महिलाओं की और कहानियां सुनाऊँ. और ज़ाहिर है कि इस कहानी का अंत तो होगा ही, लेकिन फिलहाल कहानी चल रही है. तो आज मैं आपको बताऊंगा कि पिछले 2-3 महीनों में क्या हुआ, तो सुनिए इस बीच, सूज़ी ने कहा वो दूर उत्तर से आ रही है. गुरुवार की शाम को मैं मौसी के साथ डेट पर था और फिर मैं क्लेमेंटीन के पास गया, जो यहीं पटाया में है और एक अच्छी लड़की है और एक लॉन्ड्रोमैट चलाती है. आप लड़कियों से छुटकारा नहीं पा सकते. कहानी का सबक यह
है कि सम्मानजनक बने रहें और आपके साथ ऐसा नहीं होगा. अपने यूट्यूब चैनल पर एक बार आपने कहा था कि मुझ पर सेक्स टूरिज़्म का आरोप मत लगाओ. यहां पूरी तरह से अलग नैतिक मानदंड लागू होते हैं. क्या यह वाकई सच है? हां, यहां अलग नैतिक मानदंड लागू होते हैं, यह बात बिल्कुल सही है. मैं सेक्स टूरिस्ट नहीं हूँ और ना कभी था. लेकिन पटाया खुद सेक्स टूरिज़्म से जीता है. सब कुछ लेन-देन पर चलता है. पुरुष इसलिए आते हैं क्योंकि उन्हें तुरंत सस्ता सेक्स चाहिए होता है और यह तेज़ और सस्ता है. महिलाएं इसलिए आती हैं क्योंकि वो
जल्दी ढेर सारा पैसा कमाना चाहती हैं. ठीक है लेकिन "मैं सेक्स पर्यटक नहीं हूँ" कहने से बात बनी नहीं क्योंकि आप भी लड़कियों के लिए पैसे देते हैं, वो भी बंधे नियमों के हिसाब से. यहाँ एक केटेगरी है "कम वक़्त", यानी आपके पास निर्धारित पैसों पर कम वक़्त के लिए लड़की होगी. दूसरा है "लम्बा वक़्त" जहाँ आप एक या दो या तीन दिन के लिए लड़की अपने पास रखते हैं और ज़्यादा पैसे देते हैं. और फिर होता है लम्बा रिश्ता जो लोग ढूंढते हैं, और अगर हम टिंडर की बात करें तो पर फिर भी पैसा या भुगतान तो आखिरकार होता ही है, चाहे
कम वक़्त के लिए हो या लम्बे वक़्त के लिए या रिश्ते के लिए. पैसा तो दिया ही जाता है. हम थाईलैंड में हैं और यहाँ एक नियम है पैसा नहीं तो कुछ नहीं. क्यूंकि उन्हें नहीं पता हम किस स्तर की ज़िदगी जीते हैं. और बच्चे बुढ़ापे के खर्च उठाने के लिए होते हैं, उन्हें माँ-बाप को पैसे भेजने होते हैं ताकि वो ठीक से खा-पी सकें. इसीलिए यहाँ पटाया में इतनी महिलाएं काम करती हैं. पर आखिर में इसका मतलब यही निकलता है कि यहाँ जर्मन आदमी गरीबी का फायदा उठा रहे हैं, क्यूंकि जैसा आपने कहा, ये गरीब परिवारों की महिलाएं हैं ज
िनके पास कोई और अवसर नहीं है. यही तो बात है. इसलिए यहाँ इतने आदमी हैं. अगर यहाँ सेक्स टूरिज़्म नहीं होता तो कई परिवार गरीबी की चपेट में होते. तो हर कोई एक दूसरे की मदद करता है, सब कुछ लेन-देन के बारे में है. एशियाई महिलाएँ अभी भी महिला के रूप में अपनी भूमिका जानती हैं. जब भी कोई थाई महिला मेरे पास कमरे में आती है तो सबसे पहले वह सफाई करती है और बर्तन साफ ​​करती है, और आदमी की देखभाल करती है. और वो "देखभाल" जो पुरुष महिलाओं के लिए करता है और नकद में उसका भुगतान करता है. यानी यह पारंपरिक भूमिकाओं व
ाला एक बिज़नेस वाला रिश्ता है? मैं इस बारे में और बात नहीं करना चाहता क्यूंकि मैं समझ रहा हूँ आप बात किस तरफ ले जा रहे हैं, पर ऐसा कुछ नहीं है. आप अभी भी अपनी पश्चिमी सोच के दायरे में सिमटे हुए हैं और वो आपको यहाँ बदलनी होगी. हम एशिया में हैं, थाईलैंड में, यहाँ हर चीज़ अलग तरह से होती है. एशियाई तरीके से सोचें, थाई तरीके से सोचें. शाम को स्टेफ़ान अपनी अगली इंटरनेट क्लिप बना रहे हैं. उनके दो हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. और शहर में एक यूट्यूब कंपटीशन चल रहा है जिसके बारे में सब जगह खबरें फैली हैं. व
ह यहां खुद को पटाया की रानी कहती हैं. वह एक सेक्स वर्कर हैं जो शहर में कथित तौर पर सबसे बढ़िया जगहें कौन सी हैं, उनके बारे में बताती हैं. और इसके साथ ही वो अपनी साथियों का भी प्रमोशन करती हैं. आज वो एक फोम पार्टी में हैं. उनकी क्लिप को दस लाख से ज़्यादा क्लिक मिल सकते हैं. आप आज यहाँ फोम पार्टी फिल्मा रही हैं. ये सब आप इस जगह को या लड़कियों को प्रमोट करने के लिए करती हैं या कोई और वजह भी है? मैं चाहती हूँ ज्यादा से ज्यादा लोग थाईलैंड आएं और मेरी पसंदीदा जगहों और मेरी गर्ल फ्रेंड्स को जानें और मैं च
ाहती हूँ कि वो खुद देखें कि थाई महिलाओं की मुस्कुराहट कितनी खूबसूरत होती है. और इंटरनेट पर ये ऐसा दिखता है. यहां पटाया की कथित रानी अपनी पसंद के होटल का प्रमोशन कर रही हैं. यह एक ऐसी जगह है जहां कमरे के साथ सेक्स वर्कर भी मिलती हैं. जैसा कि हमने कहा, थाईलैंड में प्रॉस्टिट्यूशन आधिकारिक तौर पर अवैध है. फिर भी हम इस चीज़ से हैरान हैं कि इसके बावजूद इसे यूट्यूब पर कितनी बार प्रमोट किया जाता है. हमने इस पर करीब से नजर डालने का फैसला किया. और पता चला कि यह होटल ना सिर्फ प्रमुख बुकिंग प्लेटफ़ॉर्म पर, ब
ल्कि जर्मनी की सबसे बड़ी पैकेज ट्रैवल कंपनी में भी शामिल था. टीयूआई अपने होमपेज पर सेलिना प्लेस का विज्ञापन दिखाता है. हमने जानकारी चाही पर खुद होटल ने हमें कोई जवाब नहीं दिया. क्या जर्मन ट्रेवल इंडस्ट्री पटाया में सेक्स टूरिज़्म से पैसा कमा रही है? अगर ऐसा है, तो रेड-लाइट होटलों का विज्ञापन क्यों दिया जा रहा है? हमने टीयूआई से संपर्क करने की कोशिश की है और दिल थाम कर जवाब का इंतज़ार कर रहे हैं. पटाया की झुग्गियां, होटल और रेड लाइट जिलों के ठीक बगल में हैं. आज ह्यूमन हेल्प नेटवर्क का बाल संरक्षण स
्टाफ काम पर वापस आया है. गरीब इलाकों के बच्चे पीडोफाइल शिकारियों के लिए सबसे असुरक्षित और सबसे आसान शिकार हैं. खेल खेल में ही बच्चों को यह सिखाने की कोशिश की जाती है कि वो रेड-लाइट जिले में हमलों से खुद को कैसे बचा सकते हैं. उन्हें ये भी बताया जाता है कि अजनबियों को शरीर के किन अंगों को बिल्कुल भी नहीं छूना चाहिए. बाल संरक्षण से जुड़े लोगों का कहना है कि वयस्कों द्वारा वेश्यावृत्ति और बाल शोषण में बड़ा अंतर है, पर वो आपस में जुड़े हुए हैं. हम पूछते हैं कि क्या वो पश्चिमी ट्रैवल कंपनियों को कुछ हद
तक दोषी मानते हैं? हाँ बिल्कुल. क्योंकि ज़्यादातर टूरिस्टों को कुछ निर्देश दिए जाते हैं कि आपको इस तरह से वीज़ा लेना होगा लेकिन एक बात जो टूरिस्ट समझ नहीं पाते वो ये, कि कुछ नैतिक और पारंपरिक मुद्दे हैं जिनकी आपको इज़्ज़त करनी होगी. थाईलैंड भले ही सेक्स टूरिज्म के लिए काफी मशहूर है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप जहां चाहें, जिसके साथ चाहें, जैसा चाहें वैसा व्यवहार कर सकते हैं. जब आप स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करते हैं तो वो सब प्रॉस्टीट्यूट नहीं होते. हमें बच्चों को सिखाना होगा कि यहां के आम और का
मकाजी समाज में यह स्वीकार्य नहीं है. हमें पटाया में एक ख़ास पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित किया गया है. अवैध सेक्स स्टूडियो और बाल वेश्यावृत्ति के खिलाफ लड़ाई में हाल की इनवेस्टिगेटिव सफलताओं पर रिपोर्ट करने के लिए थाईलैंड के पुलिस उप प्रमुख बैंकॉक से आये हैं. वह हमें बताते हैं कि पटाया में अवैध सेक्स इंडस्ट्री का बड़ा हिस्सा, चीनी माफिया के हाथों में है. हम इस मौके का फायदा और ज़्यादा जानने के लिए उठाते हैं. आपने हाल ही में घोषणा की कि पटाया में कोबरा बार बंद कर दिया गया क्योंकि वहां कम उम्
र की प्रॉस्टीट्यूट्स काम करती थीं और वहां से एक जर्मन ग्राहक को गिरफ्तार किया गया था. बता सकते हैं कि संदिग्ध के साथ क्या हुआ? हाँ जी बिल्कुल जिन गवाहों से हमने पूछताछ की, उन्होंने कहा कि उसने कम से कम एक नाबालिग प्रॉस्टिट्यूट के साथ सेक्स किया था. उस पर बाल शोषण का आरोप लगाया गया है. मानव तस्करी के मामले में बार के ब्रिटिश मालिक से पूछताछ की जा रही है. उस जर्मन को पटाया में रखा गया है. हम ट्रायल शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. उप पुलिस प्रमुख का संदेश साफ़ है, पीडोफाइल सेक्स पर्यटकों के लिए कोई
नरमी नहीं होगी. कानूनों को सख्ती से लागू किया जा रहा है. पर इस शाम उन्हें ये पता नहीं था कि वो जर्मन संदिग्ध, सात दिन बाद सबको चकमा दे कर थाईलैंड से निकलने में सफल हो जायेगा. हम उस जर्मन संदिग्ध से संपर्क करने में सफल रहे. हैरानी तब हुई जब वह हमें फ्रैंकफर्ट में इंटरव्यू देने के लिए राज़ी हो गया. संदिग्ध ने कहा कि थाईलैंड से जर्मनी जाने के लिए उसने बड़ी रिश्वत दी, क्योंकि वहां का ट्रायल निष्पक्ष नहीं होता. पर फिर भी वो गुमनाम रहना चाहता था और अपना चेहरा नहीं दिखाना चाहता था. आप हमें इंटरव्यू क्य
ों दे रहे हैं? क्यूंकि मैं लोगों को सिर्फ ये अन्याय दिखाना चाहता हूँ जिसकी शुरुआत उनके आरोपों से हुई, जो ज़ाहिर है थाई भाषा में थे तो मैं समझ ही नहीं पाया कि उनमें लिखा क्या है. मेरे पास ये एक दस्तावेज़ है जिसमें लिखा है कि मुझे जाने की अनुमति दी गई है. इस पर कई लोगों ने साइन किये हैं. यानी एक प्रासीक्यूटर और जज को इस पर साइन करने की ज़रूरत थी और एक पुलिस अफसर ने इस प्रक्रिया को शुरू किया था. हाँ बेशक, सब कुछ रिश्वत ले कर हुआ. हां, मुझे इसकी कीमत एक मिलियन थाईभात से कहीं ज़्यादा रकम देकर चुकानी पड़ी
. यह रहा उन्होंने हमें फ़ोन से बना एक वीडियो दिखाया जिसमें साफ़ था कि उन्होंने वाकई लगभग 30 हज़ार यूरो के बराबर रिश्वत दी थी. साथ ही जमानत और वकीलों के लिए 20 हजार यूरो का भुगतान किया और उन्हें थाईलैंड छोड़ने की अनुमति दी गई. और ये सब इस चीज़ के बावजूद कि उनके खिलाफ अभी भी बच्चों के कथित यौन शोषण के लिए एक और जांच जारी है. वह इससे इनकार करते हैं. दुर्भाग्य से, मैं ऐसे बहुत से लोगों से मिला हूँ जहाँ उन्होंने सिर्फ दिखावटी तौर पर दावा किया कि महिलाएँ कम उम्र की थीं. अगर आप चाहें तो मैं आपको एक वीडि
यो दिखा सकता हूं. उस समय यह लड़की साफतौर से 15 साल की थी. और आप अपने बचाव में सिर्फ इतना कह सकते हैं कि उस पल में आदमी को कुछ ठीक से दिखाई नहीं देता. जैसे ये है सबसे छोटी, ये रही. हद है! बिल्कुल पहली चीज़ तो ये कि आप ये नहीं सोचते जिन्हें आप देख रहे हैं, वो बच्चे हैं. और ये बात कहना ज़रूरी है क्यूंकि थाई लड़कियों को देख कर आप अंदाज़ा नहीं लगा सकते. मैं आपको 30 साल की भी थाई महिलाएं दिखा सकता हूँ. पर ईमानदारी से कहूं तो आप जिसे दिखा रहे हैं वो एक बच्ची है. इस फोटो में. जी बिल्कुल पर आखिरकार आपको पता
चल ही गया होगा कि आप एक पीडोफाइल बार में पहुंच गये हैं. हाँ बिल्कुल. मतलब, कहना पड़ेगा कि एओम ने मुझसे झूठ नहीं कहा था, उसने साफ़ बता दिया था कि वो 15 साल की है. यानी आखिरकार आप पर लगे इलज़ाम सही हैं. मानता हूँ कि मेरे खिलाफ लगे आरोप सही हैं. मैं नाबालिग लड़कियों के बार में था और शायद एक को अपने साथ कमरे में भी ले गया था. पर मेरा मामला अलग था क्यूंकि उसने कई बार उल्टियां की और आखिर में घर वापस चली गयी. मैं घुमा-फिरा कर बात नहीं करना चाहता. हाँ मैं उसे अपने साथ सेक्स करने के लिए अपने घर ले गया था, ये
बात सही है. पर जब आरोप सही हैं तो आपको ऐसा क्यों लगता है कि आपके साथ अन्याय हुआ है? मुझे बस यही लगता है कि पुलिस का व्यवहार मेरे साथ गलत था, क्योंकि मैंने पूछा कि एक बार में इतनी कम उम्र की लड़कियां काम कैसे कर सकती हैं? और अगर मैं पीडोफाइल होता, तो कह सकते हैं कि मेरे लिए सब आसान होता. मैं ये भी कहूँगा कि मैंने कुछ ही हफ्तों में अनगिनत बार देखे जहां बाल यौन शोषण करने वाले लोग काम कर रहे थे. और इन "कम वक़्त" वाले होटलों में किसी महिला को अपने साथ ले जाना बहुत आसान है. और किसी को भी मेरा नाम या म
ैंने क्या किया, कभी पता नहीं चलेगा. बार में, वो दरअसल मैं आप पर कुछ भी आरोप नहीं लगाना चाहता, पर लगता है कि आप ये सब कुछ अच्छी तरह जानते हैं. आपको पता है वहां कैसे काम होता है. अगर आप तीस सालों से थाईलैंड जा रहे हैं, पटाया में, और आप दोस्तों के साथ बार में जाते हैं, तो साफ़ दिखता है. ऐसा लगता है मानो मवेशियों की नीलामी हो रही हो. महिलाओं को सिर्फ एक चीज़ समझा जाता है जिसका व्यापार होता है. और ये सब और बढ़ता ही जा रहा है और लोग इसकी आदत डाल लेते हैं. एक इंडस्ट्री सी बन गयी है. फिर तो शायद इस मवेशी ब
ाजार में घूमना ज़्यादा अच्छी बात नहीं है. बिल्कुल भविष्य में मैं वहां जाने की सलाह ही नहीं दूंगा. इंटरव्यू के बाद भी कुछ सवालों के जवाब नहीं थे जिनमें सबसे बड़ा सवाल था, जर्मनी में इस आदमी के खिलाफ कोई जांच क्यों नहीं की गयी? जिन प्रोसीक्यूटरों के पास अथॉरिटी थी, उनका कहना था उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. और ये इसके बावजूद कि जर्मनी के फ़ेडरल क्रिमिनल पुलिस ऑफिस के दो संपर्क अधिकारी हैं जिन्हें जर्मनों के खिलाफ जांच के बारे में जानकारी होती है. पटाया की अदालत ने कहा कि संदिग्ध बिज़नेस टूर
पर गया था जिसकी उसे अनुमति दी गई थी. आदेश के विपरीत वह थाईलैंड नहीं लौटा. गिरफ्तारी वॉरंट आने तक मुकदमा रुका हुआ है. हमारे सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिला है कि जर्मन अधिकारियों को सूचित क्यों नहीं किया गया. अब सवाल यह उठता है कि जर्मनी की सबसे बड़ी ट्रैवल कंपनी, पटाया के इस होटल के बारे में क्या कहेगी. टीयूआई ने हमें जवाब में लिखा कि उन्हें होटल के अंदर के हालात के बारे में पता नहीं था. वो बिस्तरों के डेटाबेस पर भरोसा करते थे और अब उन्होंने यह सुनिश्चित कर लिया है कि टीयूआई प्लेटफॉर्म पर सेलिना
प्लेस में कमरा बुक करना अब संभव नहीं है. जब हमने बताया कि टीयूआई वेबसाइट पर कई और ऐसे होटलों का विज्ञापन है जो पटाया के रेड लाइट इलाके के ठीक बीच में थे और वहां दोबारा बाल वेश्यावृत्ति शुरू हो चुकी थी, टीयूआई ने हमें दोबारा जवाब दिया. ECPAT एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय बाल अधिकार संगठन है. इसका मुख्यालय जर्मनी के फ्राइबर्ग शहर में है. याना श्रेम्प और उनके सहकर्मी दशकों से ट्रैवल कंपनियों को उनकी सामाजिक जिम्मेदारी की याद दिला रहे हैं. बहुतों ने बाल वेश्यावृत्ति के खिलाफ स्वैच्छिक प्रतिबद्धताओ
ं पर साइन किए हैं. वह कहती हैं कि यह एक उत्साहजनक संकेत है कि टीयूआई ने हमारी रिसर्च के बाद, पटाया के रेड लाइट जिले के सभी होटलों को अपनी सूची से हटा दिया है. वह कहती हैं कि यह एक बड़ी समस्या है कि जर्मन ट्रैवल कंपनियां सेक्स टूरिज्म से पैसा कमा रही हैं. मुझे हैरानी होती है. क्वालिटी मैनेजमेंट सभी प्राइवेट कंपनियों के लिए एक बड़ी बात है. इसीलिए प्रॉस्टिट्यूशन और बाल कल्याण जैसे मुद्दों पर नज़र रखना शायद इतना मुश्किल नहीं है. पर आपकी रिसर्च से ये साफ़ पता चलता है कि अपराधियों की पोल खुलने का खतरा औ
र इसका डर बहुत कम है. उन्हें किसी चीज़ का डर नहीं और इसे बदलना ही होगा. हम बच्चों के खिलाफ होने वाले सभी अपराधों को नहीं रोक पाएंगे क्यूंकि अपराधियों के पास बच्चों तक पहुंच बनाने, उन्हें बरगलाने और उन्हें खुद पर आश्रित बनाने के लिए कई घटिया रणनीतियाँ होती हैं. पर हमें उनके लिए इसे मुश्किल बनाना होगा. जर्मन पुलिस की असली भूमिका क्या है? ऐसा कैसे हो सकता है कि जिस व्यक्ति पर थाईलैंड में बच्चों के साथ यौन शोषण का आरोप है और जो जर्मनी भाग गया है, उसके खिलाफ यहां कोई जांच नहीं की जा रही? ये चौंका देने
वाली बात है. है ना? पर गलती ये है कि किसी तक कोई सूचना ही नहीं पहुँचती. अगर जर्मनी में कोई आधिकारिक आरोप ही नहीं लगाया गया तो कोई जांच भी कैसे हो सकती है. आपने सच में दुखती रग को छू लिया है. थाई अधिकारियों ने बैंकॉक में मौजूद जर्मन संपर्क अधिकारियों को सूचना क्यों नहीं दी? जर्मनी में इसके लिए कानून मौजूद है जहाँ विदेशों में अपराध करने वाले जर्मन अपराधियों पर जर्मनी में मुकदमा चलाया जा सकता है. एक बार हमने जर्मनी में प्रोसीक्यूटरों और अदालतों का सर्वेक्षण किया, जिन्होंने खुद खोज की कि 2005 और 20
15 के बीच इस ट्रांसनेशनल कानून का इस्तेमाल कर, कितने मामलों पर कार्रवाई की गई. उन्हें 38 मामले मिले. शायद सभी सामने नहीं आये पर बात सीधी है, हमारे यहां एक अच्छा कानूनी ढांचा है जिसके अंदर कोई कमी नहीं है. कमी उसको लागू करने में है. लगभग एक साल के रिसर्च के बाद, हमने पटाया में फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली है. सेक्स वर्कर एओम अभी भी जर्मनी से बाल सहायता भुगतान का इंतजार कर रही हैं. उनका वकील उनके बच्चे के पिता का नया पता ढूंढने की कोशिश कर रहा है. उन्हें टिम के लिए कुछ पैसे मिलने की काफी संभावना लगत
ी है. और पटाया में सेक्स टूरिस्ट? उनके लिए यह एक और आम दिन है. या कम से कम वही जो वहां आम माना जाता है.

Comments

@tonikatheriya761

Best documentary channel on youtube.. Thanks dw for bringing knowledgable documentries

@vidhi2318

Bitter truth of our society।।great work dw team

@shailndrasinghveer9857

74 साल के पुरुष को ऐसे जिंदगी जीता देखकर चकित हूं। भारत में तो चालीस बाद ही सब धीरे धीरे बंद होने लगता है, भावनाओं वाली बात तो यहां बहुत दूर की बात है। यहां सब अकेलेपन के अंधकार में एक गुमनाम जिंदगी जीते हुए अपनी मृत्यु का इंतजार करने के लिए विवश हैं। ऊपर से सामाजिक मानदंडों की वजह से चुपचाप रहते और सहन करते हैं।

@sunilpandey1076

Love DW .. thank you for knowledgeable documentary

@chanakyaconcepts3569

DW से ईमानदार कम से कम भारत में तो कोई मीडिया शायद ही हो। जहां तक रही प्रॉस्टिट्यूशन की बात। तो मुझे नहीं पता था कि इसके सबसे बड़े ग्राहक जर्मन लोग हैं। शायद जर्मनी की सामाजिक संरचना वहां के लोगों को इसके तरफ धकेल रही है।

@SubhamSharma-iu7ub

Your documentry videos are really good, knowing about other countries culture is my favorite, I proud to be indian where we don't see child abuses frequently

@JeetuKumarYadav-ow8jq

Thankyou DW team for this wonderful documentary. Your Hindi channel has very few documentaries please dubb more documentaries in Hindi from English channel

@AMANKUMAR-se9gd

यह सब पश्चिमी देशों के लोग गरीब देश में यह गरीबी का सबसे ज्यादा फायदा उठा रहा और यही पश्चिमी देशों के लोग अपने आप सभ्य कहते हैं

@AJITSHARMA30

After watching DW HINDI finally there was some people who really work hard to deliver us some news

@ajayyadav17AP

वहां ज्यादातर लड़कियां मज़बूरी में ये काम करती है। वरना अपनी इज्जत सबको प्यारी होती है।

@Tilva

Thanks for such a kind of information we need more documentary from DW ❤❤❤

@rudreshkumarsharma6637

Informative videos.. we need videos like this ti get awareness about the different socieities of the world.

@AMANKUMAR-se9gd

यह गरीबों के साथ सबसे बड़ा अन्याय है

@DRSHUKLA-ct9qz

मेरे फेवरिट यू-ट्यूब चैनल में से एक DW भी है। DW अच्छी; रोचक;तथा सही जानकारी देता है।

@shoyebvlogs5167

Thank you for this kind of information, you are doing the right thing.

@AMANKUMAR-se9gd

यह समस्या भारत में भी है और इसमेंकम कम उम्र की 😢लड़कियों को शामिल कर लिया जाता है

@sonalipandey510

Kash duniya mai sab log aap logo ki tarah hote aap log bahut achha kam kar rahe hai dil se 🙏🙏🙏🙏

@RAVIRAVI-zd3es

A OM and his Son video call it is so Heart touching ❤❤❤

@Newsanalysis-hy3du

Very knowledgeable thanks- DW

@harishrv

Sex tourism = विकृति को खुबसूरती समजना ये मानव कि बद् किसमति है।