वेंडिगों की ३ डरावनी कहानियां || Wendigo Horror Stories || Horror Stories in Hindi || Episode 30
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आज हम आपके लिए वेंडिगोस की ३ डरावनी, सच्ची, और दिल दहला देने वाली कहानियां लेकर आए है, जो कुछ लोगो ने अनुभव की है, और सच होने का दावा किया है। तैयार हो जाइए इन कहानियों के साथ एक खौफ़नाक और रोमांचक सफर पर चलने के लिए।
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Chapters:
Channel Intro- 00:00
Opening Monologue- 00:08
Story 1- 01:35
Story 2- 19:12
Story 3- 34:58
Outro- 39:58
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[संगीत] नमस्कार दोस्तों एक और नए एपिसोड में आप
सबका स्वागत है आज का एपिसोड उस हैवान की कहानियों का है जिसका जन्म इंसानों पर
दावत करने के लिए हुआ था वह हैवान जिसकी उत्पत्ति उन मनुष्यों से हुई थी जो अपने
साथी मनुष्यों को खाने पर उतारू हो गए यह इंसानों पर दावत करने वाला हैवान
वेंडिग के नाम से कुख्यात है जिसकी इंसानों के लिए अपनी भूख काफी कु प्रसिद्ध
है जिसके कारण इस वेंडिगो को सबसे खौफनाक और अमानवीय शैतानों में गिना जाता
है आज हम आपके लिए इन्हीं वेंडी गोस की तीन कहानियां लेकर आए हैं जिन्हें मेरे और
आप जैसे कुछ लोगों ने खुद अनुभव किया है यह लोग दावा करते हैं कि उन्होंने इस
वेंडिगो को खुद अपनी आंखों से देखा है और उसके साथ इन लोगों की मुड भेड़े हुई है इस
नरभक्षी हैवान की कहानियों को शुरू करने से पहले आपसे रिक्वेस्ट है कि हमारे चैनल
मिस्टर स्ट्रेंज हिंदी को सब्सक्राइब जरूर करें और बेल आइकन दबाना ना भूले ताकि
हमारे नए एपिसोड्स के अपडेट्स आपको मिलते रहे तो चलिए बिना किसी देरी के आज का यह
रोमांचक एपिसोड हम शुरू करते [संगीत]
हैं [संगीत] हमारी पहली कहानी है वर्जिनिया शहर का वेंडिगो मैं मैरीलैंड ना
म के एक छोटे से
इलाके में रहा करती थी जो वर्जिनिया और वेस्ट वर्जिनिया के ठीक बॉर्डर पर बसा हुआ
एक टाउन है मेरा यह इलाका काफी पुराना था जो सन 1700 में स्थापित हुआ था यह असल में
ठीक प्टोम के यहां बसा हुआ एक टाउन था उन पुराने दिनों में इस प्लेटम नदी में
अक्सर बाढ़ आ जाया करती थी और तब इस बाढ़ में कई लोग मारे जाते थे इसलिए उस इलाके
में बसे हुए जंगल आज तक शापित माने जाते हैं माना जाता है कि यहां आत्माओं का वास
है खैर तो यह उस वक्त की बात है जब गर्मियों का मौसम शुरू हुआ था जिसे हमारे
यहां सम भी कहा जा
ता है समर ब्रेक में अक्सर छुट्टियां हुआ
करती थी और मैं इन दिनों में अक्सर देर रात तक जागना पसंद किया करती
थी हालांकि यह घटना तब हुई थी जब मुझे घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी उस विशेष
रात को मैं देर रात तक जगी हुई थी और बाहर आंगन में घूम रही
थी घर के अंदर जाने पर मैंने सोने की कोशिश की पर मैं रात भर बिस्तर पर यहां
वहां करवट बदल रही थी क्योंकि मुझे नींद नहीं आ रही
थी आखिरकार मैंने सोने की कोशिश करना छोड़ दिया और लगभग रात के 3 बजे मैंने घर के
बाहर जंगल में टहलने का फैसला किया आपको बता दूं कि मैं
ने जिंदगी में
काफी सारे विचित्र अनुभव किए हुए हैं पर जंगल में अभी तक मुझे ऐसे कोई अनुभव नहीं
हुए थे जिसकी वजह से मुझे उस वक्त जंगल के अंदर किसी खतरे की कोई चिंता नहीं
थी तो मैं बस चुपके से पिछले दरवाजे से बाहर होकर और रास्ते के बगल में मौजूद रेल
की पटरियों को पार करके मैं जंगल के अंदर दाखिल हो
गई अब ऐसे कई सारे कारण है कि मेरे जैसी एक 15 साल की लड़की को इस तरह रात में
जंगलों में नहीं भटकना चाहिए क्योंकि वहां अक्सर कुछ नशेड़ी और कई अजीब लोगों के
होने का डर होता है पर मैं काफी बोर हो गई थी और मैं
आसानी से डरने वालों में से
नहीं थी लेकिन फिर भी कुछ सेफ्टी के लिए मेरे जेब में एक छोटा चाकू था और एक फोन
था जिसे मैं फ्लैशलाइट के रूप में इस्तेमाल कर रही थी और मेरा आईपॉड भी था
क्योंकि मुझे चलते वक्त म्यूजिक सुनना काफी पसंद
है तो उस जंगल में चलते हुए मैंने अपनी जैकेट की ड़ी अपने सर पर ओढ ली ताकि किसी
की भी नजर मुझ पर आसानी से ना पड़ जाए मैं जितना पॉसिबल था उतना अपने आप को छुपाकर
चल रही थी पर वहां मुझे किसी द्वारा परेशान नहीं किया
गया तो मैं जंगल के उस हिस्से में जाने का फैसला कर रही थी जहां मैं
अक्सर दिन के
उजाले में जाया करती थी पर रात में वहां जाने के बारे में मैंने कभी नहीं सोचा
था वहां पर एक खुली जगह थी जहां एक पुरानी बिल्डिंग हुआ करती थी मैं हर बार सोचती थी
कि जरूर उस जमाने में यह किसी का घर होगा और वहां पर एक पुराना लकड़ी का लॉक भी था
जिस पर बैठना मैं पसंद करती थी जैसे ही मैंने जंगल के उस एरिया में
प्रवेश किया तो तुरंत मुझे कुछ अजीब सा महसूस हुआ जो दिन के अनुभव की तुलना में
काफी अलग था यह एहसास ऐसा था जैसे मैं वहां अकेले
नहीं हूं मैंने तुरंत अपना एक एयर पॉड अपने कान
से निकाला और
सावधानी से आगे बढ़ने लगी मुझे उस वक्त डर नहीं लग रहा था बल्कि मैं
काफी उत्सुक थी वहां मेरे साथ जो कुछ भी मौजूद था वह
नॉर्मल नहीं था तो मुझे लगा यह जरूर किसी प्रकार का जंगली जानवर होगा जो शायद काफी
डेंजरस भी हो सकता है पर फिर भी मैं किसी भी हालत में देखना चाहती थी कि वह आखिर
क्या था जैसे ही मैं उस घने जंगल से होकर उस
खाली जगह के यहां आगे बढ़ी मैंने पेड़ों की टहनियों के बीच से उस खुली जगह में
देखा और मैंने कुछ ऐसा देखा जिसने मेरे दिल की धड़कन को रोक दिया वहां पर एक आकृति खड़ी थी
पहले तो मुझे लगा क
ि यह कोई इंसान है जो अपने दोनों हाथों और पैरों पर किसी कुत्ते
की तरह खड़ा हुआ है लेकिन फिर मैंने ठीक से उसकी हलचल को देखा और यह नोटिस किया कि
उसकी चाल थोड़ी सी थरथरा कर चलने वाली थी और उसकी हड्डियों की बनावट भी थोड़ी अजीब
लग रही थी उसके पैर काफी लंबे थे लगभग किसी
कुत्ते के पैरों के आकार के उसके हाथ भी काफी लंबे थे पर किसी इंसान जैसे लग रहे
थे उसकी उंगलियां किसी बड़े पंजों जैसी थी और उसकी त्वचा राग जैसे रंग की
थी वह अविश्वसनीय रूप से पतले आकार का था इतना पतला कि उसकी हड्डियां उसके त्वचा से
बाहर आ
रही थी लेकिन उसके इतने पतले शरीर के बावजूद
भी वह काफी ताकतवर महसूस हो रहा था जैसे कि अगर वह मुझे पकड़ ले तो वह मुझे आसानी
से दो टुकड़ों में तोड़ सकता है वह जंगल में मौजूद बिल्डिंग के चारों
तरफ चक्कर लगा रहा था मानो जैसे वह किसी को ढूंढ रहा
हो मैंने उसके आसपास एक बैकपैक पड़ा हुआ देखा जो काफी कटी फटी अवस्था में वहां पर
पड़ा हुआ था शायद इसी चीज ने उसे तहस नहस कर रखा था और फिर उस पेड़ों से फैलती हुई चांद की
मंद रोशनी में मैं उस चीज पर कुछ धब्बे देख सकती थी जो शायद खून के धब्बे थे मुझे यकीन था कि उस
ने अभी तक मुझे नहीं
देखा है क्योंकि उसका सिर दूसरी तरफ मुड़ा हुआ था और यह मेरे लिए एक अच्छी बात थी
क्योंकि मैं यह नहीं चाहती थी कि वह मुझे यहां देख
ली वह जो कुछ भी था ओबवियसली काफी खूंखार था इसीलिए मैं धीरे-धीरे पीछे की तरफ चलने
लगी तभी एक हल्का सा हवा का झोंका मेरे पीछे की तरफ बहने
लगा वह खौफनाक जानवर भी अचानक रुक गया और कुछ समय वह किसी पुतले की तरह स्तब्ध हो
गया ऐसा लग रहा था जैसे वह हैवान हवा को सूंघ रहा
है मैं अपनी नजर उस पर ही रखते हुए दबे पाव पीछे की ओर ही चलती रही तभी वह
धीरे-धीरे अपना सि
र मेरी तरफ घुमाने लगा और अब मैं उसका चेहरा अच्छी तरह से देख पा
रही थी
वह लगभग किसी इंसान की तरह ही दिख रहा था पर उसका जबड़ा काफी अजीब तरह से लटका हुआ
था और किसी इंसान की तुलना में काफी मजबूत लग रहा
था उसके होठ काफी पतले थे और उसके दांत अजीब और नुकीले थे पर फिर भी किसी इंसान
जैसे ही लग रहे थे हालांकि उसकी आंखें काफी बड़ी और
खौफनाक थी और वह बिल्कुल बकल भी इंसानी आंखों की तरह नहीं लग रही थी और उन आंखों
का रंग काला था जो इतना गहरा काला रंग था कि मानो जैसे उन्होंने हर लाइट के स्तोत्र
को अपने अंदर खीं
च लिया हो और उसकी नजर बहुत ही विचलित कर देने
वाली थी जिसको ठीक से बया करना भी मुश्किल है वह ऐसी थी जैसे उसकी नजर से उसकी भूख
झलक रही हो जैसे अगर कोई उसके सामने आ गया तो वह एक ही पल में उसे खा जाएगा उस खौफनाक चीज को देखकर मुझे जोर से
चीखने की इच्छा हुई पर मैंने अपनी चीख को अंदर ही अंदर दबा दिया मैं इतना खौफ में आ
गई थी कि मैं अपनी जगह से हिल भी नहीं पा रही
थी तभी उस चीज ने अपना मुंह खोलकर गुराना शुरू किया और वह गुर्रा हट धीरे-धीरे एक अजीब
और खौफनाक चीख में बदल [संगीत] गई मैंने ऐसी आवाज अपनी जिंदग
ी में कभी
नहीं सुनी थी उस आवाज से मेरे कानों के पर्दों में चुभन महसूस होने लगी
यह नजारा देखकर मेरे दिमाग में खतरे की घंटियां बजने लगी और मैं तुरंत पीछे मुड़ी
और मैं जंगल के कच्चे रास्ते की तरफ भाग निकली आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मैं
एक क्रॉस कंट्री रनर रह चुकी हूं और मैं काफी तेज भाग सकती हूं पर फिर भी मैं
भागते हुए पीछे नहीं देख पा रही थी क्योंकि मुझे यकीन था कि अगर मैंने पीछे
मुड़कर देखा तो वह राक्षस मुझे जरूर पकड़ लेगा मैं उसे अपना पीछा करते हुए सुन सकती
थी और उसके दौड़ने की आहट सुनकर मु
झे महसूस हो रहा था कि वह राक्षस अपने चारों
पैरों पर दौड़ रहा है मैं बड़ी मुश्किल से उसके आगे रहकर
दौड़ पा रही थी तभी अचानक मैं उस घने जंगल की झाड़ियों की रेखा से बाहर एक कच्चे
रास्ते पर आ गई जहां मैं किसी चीज से टकरा गई मैं जिससे टकराई थी वह एक आदमी था
जिसकी भूरे रंग की दाढ़ी थी जिसने सफेद टोपी पहन रखी थी और उसकी बदबू से ऐसा लग
रहा था मानो जैसे वह कई दिनों से बिना नहाए बाहर घूम रहा
हो उसने मुझसे पूछा कि क्या बात है तुम इतनी घबराई हुई क्यों लग रही हो तभी
उसने मेरे पीछे की ओर नजर डाली और उसका भी च
ेहरा पूरी तरह दहशत से भर
गया तभी अचानक मुझे अपनी पीठ में एक तेज चुभन महसूस हुई और मैं जोर से चिल्लाकर
आगे की तरफ गिर पड़ी वह आदमी भी जोर से चिल्लाया तभी उस राक्षस ने उस आदमी की तरफ
अपना सिर घुमाया इस मौके का फायदा उठाते हुए मैं जमीन से
उठकर अपने पैरों पर खड़ी हो गई और मैं वहां से भाग
गई वहां से भागते हुए मैं अपने पीछे उस आदमी की चीखें सुन सकती थी पर अब मैं उस
राक्षस को अपना पीछा करते हुए नहीं महसूस कर रही थी तो मैं बस भागती और भागती रही
और भागते हुए मैंने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं
देखा मैं तब त
क दौड़ती रही जब तक कि मैं उस रेल पटरी को पार करके वापस अपने घर तक
नहीं पहुंच गई मैंने अपने घर के अंदर जाकर अपना दरवाजा बंद किया उसे लॉक कर दिया और
मैं पूरे घर में घूमती रही यह निश्चित करने के लिए कि घर के सभी दरवाजे और
खिड़कियां लॉक है मैं अपने बेडरूम में चली गई और अपने
ऊपर चादर को ओड़कर मैं सिसक सिसक कर रोने लगी मैं सोचने लगी कि आखिर उस इंसान के
साथ क्या हुआ होगा और वह खौफनाक राक्षस आखिर कौन था फिर शायद मेरी थकान और घबराहट के कारण
मैं अचानक से एक गहरी नींद में डूब गई जब अगली सुब सुबह मैं उठी तब
मेरी पीठ
में काफी तेज दर्द होने लगा मानो जैसे मेरी पीठ जल रही हो मैंने अपनी जैकेट और
टीशर्ट निकाली तभी जाकर मैंने देखा कि दोनों कपड़ों में बड़े पंजों के खरोच के
निशान थे जो काफी गहरे थे मेरा फोन चाकू और मेरा आईपॉड तीनों
चीजें भी गायब थी शायद मैं जब अपनी जान बचाकर भाग रही थी तभी मैंने उन्हें खो
दिया था फिर मैंने बाथरूम में जाकर अपनी पीठ को
चेक किया और मैंने देखा कि मेरी पीठ पर चार नाखूनों के खरोच के निशान थे उस जख्म का रंग सूखे लाल खून से घिरा
हुआ था और थोड़ी सी सुजन भी थी मैंने उन्हीं कपड़ों को
गीला करके वो जखम साफ कर
दी और मैंने उस जखम को पूरी तरह नजरअंदाज
करने की कोशिश की फिर कुछ दिन बीतने के बाद मैं
न्यूजपेपर पढ़ रही थी और मैंने एक खबर पढ़ी कि पुलिस को जंगल में एक आदमी की लाश
मिली है जिसका वर्णन ठीक उस आदमी की तरह ही था जिससे मैं जंगल में टकराई थी उसमें लिखा था कि उस पर एक जंगली
कुत्ते द्वारा मला किया गया है और जब वह पुलिस को मिला तो वह अपनी आखिरी सांस ले
रहा था उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया और उस
न्यूज के अनुसार वह आदमी किसी मानसिक बीमारी से ूज रहा
था मैं यह सोचती रही कि उस आदमी
ने पुलिस को ऐसा क्या बताया होगा कि वह उस आदमी को
एक मानसिक रोगी कह रहे थे उस दिन से लेकर आज का दिन है कि मैं सोच में पड़ जाती कि
उस आदमी के साथ आखिर क्या हुआ होगा मैं अपने आप को रोज-रोज कोसती रहती हूं
क्योंकि मैंने ही उस आदमी को अकेले मरने के लिए वहां छोड़ दिया
था और वह मेरी वजह से ही उस शैतान की चपेट में आ गया
था पर मैं अंदर ही अंदर जानती हूं कि अगर ऐसा ना होता तो शायद उस आदमी की जगह आज
मेरी लाश मिली होती
[संगीत] फिर उस दिन से लेकर अगले कई सालों तक
मैंने उस जंगल में जाना अवॉइड किया यहां तक कि म
ैं दिन के समय भी वहां जाने से
डरने लगी और आखिरकार मेरे परिवार ने एक दूसरे शहर में शिफ्ट होने का फैसला
किया मैंने यह घटना अपने कुछ दोस्तों को बताई उनमें से ज्यादातर तो यह सुनकर हंसने
लगे मैंने दोस्तों को बताया कि वह एक एक जंगली राक्षस है क्योंकि राक्षस ही एक ऐसा
नाम था जो उस वक्त मेरे दिमाग में आ रहा था लेकिन उसके बाद मैंने कई ऐसी इंटरनेट
पर कहानियां सुनी है जिसका वर्णन ठीक उसी राक्षस जैसा था जो मैंने उस जंगल में देखा
था मुझे तब जाकर पता चला कि मेरा किसी और से नहीं बल्कि एक वेंडिगो से सामना हुआ थ
ा मैं इतना शुरली तो नहीं कह सकती कि वह
वही था पर जो वर्णन उन कहानियों में किया गया था वह उससे मिलता जुलता
था वह शैतान वह बेचारे आदमी की चीखें वह राक्षस की खौफनाक और दिल दहला देने वाली
चीख यह सब आज भी एक बुरा सपना बनकर मुझे सताते हैं और यह कुछ ऐसी चीजें है जो मैं
जिंदगी भर नहीं भूल स सकती कहानी दो मेरी पहली कैंपिंग का
खौफनाक अनुभव कुछ सालों पहले मैंने अपने ऑफिस से
एक लंबी छुट्टी ले रखी थी तो मैंने एक नेशनल फॉरेस्ट में पहली बार कैंपिंग पर
जाने का डिसाइड किया यह नेशनल फॉरेस्ट मेरे शहर से कुछ ही
दूर
ी पर था और वहां पर अक्सर कई सारे कैंपर्स हाइक करस और माउंटेन बाइकर्स
घूमने आया करते थे और ग मैप्स पर भी उस जगह की रेटिंग फाइव स्टार्स की
थी क्योंकि मैं एक बड़े शहर में पला बड़ा था और ज्यादातर गांव के इलाकों में नहीं
गया था इसीलिए मुझे जंगल में जाकर कैंपिंग करने का कोई अनुभव नहीं था तो यही वजह थी
कि मैं यह छुट्टियों के दिन कैंपिंग और हाइकिंग करके बिताना चाहता था ताकि मुझे
कैंपिंग करके जंगल और प्राकृति का भी अनुभव
हो मैंने अपने एक दोस्त जेक को कांटेक्ट किया जो काफी बार कैंपिंग करने जंगल में
जाता थ
ा मैंने उसे उसकी कैंपिंग की चीजें मांगी ताकि मैं उन्हें अपने साथ ले जा
सकूं अब जेक काफी अच्छा और डाउन टू अर्थ इंसान है जिसे कैंपिंग और एडवेंचर पर जाना
काफी पसंद है उसने मुझे कई बार अपने साथ कैंपिंग पर चलने का ऑफर दिया था पर उस
वक्त मैं हर बार उसे नकार था इसीलिए जब मैंने उससे उसका कैंपिंग का सामान मांगा
तो वह काफी एक्साइटेड हो गया कि आखिरकार मैं कैंपिंग पर जा रहा हूं और उसने
हंसते-हंसते मुझे अपना कैंपिंग का सारा सामान दे
दिया फिर उसके बाद स्नैक्स और कैंपिंग के सामान से भरी हुई अपनी कार को लेकर मै
ं
शहर से निकल पड़ा और हाईवे पर से होते हुए अपने कैंपिंग के एडवेंचर का अनुभव लेने
में चल पड़ा मुझे काफी घंटे का समय लगा क्योंकि
रास्ते में ट्रैफिक बहुत ज्यादा थी पर आखिरकार मैं उस नेशनल पार्क में पहुंच ही
गया और मैंने अपनी कार को जंगल में कैंपर्स के लिए बनाए गए एक पार्किंग एरिया
में पार्क कर दिया वह जगह काफी खूबसूरत और प्रकृति से
भरी हुई थी जहां काफी ताजा और अच्छी खुशबुओं आ रही थी जो आपको शहर में देखने
नहीं मिलती है मैंने अपनी कार से सारा सामान निकाल दिया और मैं जंगल के अंदर एक
ट्रेल से होकर अपनी
कैंपिंग ट्रिप पर निकल पड़ा वह विशिष्ट जगह एक कैंपिंग जोन थी और
वहां जो भी चाहे वह कैंपिंग करने के लिए आ सकता था तो मैं कुछ देर जंगल के अंदर चलता
रहा तभी मुझे एक सपाट और साफ सुथरी जगह दिखी
जहां मैं अपना टेंट लगा सकता था और वह जगह मेरे कार पार्किंग की जगह से भी नजदीक थी
हां पर इतना भी नजदीक नहीं थी एक्चुअली वह असल में ऐसी जगह थी जहां मैं खुद को उस
जंगल में अकेला तो महसूस कर सकता था पर अगर कुछ इमरजेंसी हो तो मुझे ज्यादा दूर
नहीं जाना पड़ता तो मैंने अपना टेंट वहां पर लगा
दिया और धीरे-धीरे रात होने
लगी तो मैं उस जंगल के अंधेरे में अपने टेंट के अंदर
लेटा हुआ था और नींद आने की राह देख रहा था पर कुछ कारण से ना जाने क्यों मुझे
महसूस हो रहा था कि शायद मेरे टेंट के आसपास कुछ तो है या कोई तो है जो शायद
मुझे ही देख रहा है पर मैंने उस भावना को ज्यादा सीरियस
नहीं लिया क्योंकि मैं असल में एक नर्वस टाइप का इंसान हूं और यह मेरी पहली
कैंपिंग ट्रिप भी थी इसलिए मैंने सोचा कि ऐसा भास होना नॉर्मल
होगा अब मैं किसी चीज से ज्यादा डरता तो नहीं हूं पर मैं जब जब सोने की कोशिश करता
रहा तब तब मेरे दिमाग में बार-बार
खतरे की घंटियां बज रही थी जैसे मेरा दिमाग मुझे
किसी खतरे का संकेत दे रहा हो और मुझे वहां से भाग जा के लिए कह रहा हो और मैं
सच में सोच रहा था कि बाहर ऐसा क्या होगा जो मुझे ऐसा अजीब एहसास हो रहा है फिर और एक घंटा बीत गया पर मैं अभी भी
जगा हुआ था और अपने स्मार्टफोन को देखकर लेटा हुआ था और वापस सोने की कोशिश कर रहा
था मैं टेंट के अंदर करवट बदल रहा था पर मुझे नींद बिल्कुल नहीं आ रही थी और मुझे
बार-बार वही अजीब एहसास हो रहा था तो मैंने आखिरकार टेंट की जिप को खोलकर टेंट
के बाहर जाने का फैसला किया बाहर
जाकर मैंने देखा कि मेरे आसपास
का जंगल काफी शांत है और तब मुझे यकीन हो गया कि यह इसलिए हो रहा होगा क्योंकि यह
मेरी पहली कैंपिंग का अनुभव है तो मैंने अपना फोन बाहर निकाला और इंटरनेट पर कुछ
ब्रीदिंग एक्सरसाइज को सर्च किया ताकि मैं अपने आप को शांत कर सकूं पर चाहे मैं
कितनी भी कोशिश कर लू पर वह अजीब सा देखे जाने का एहसास अभी भी मेरे दिमाग को हिला
रहा था मैंने सोचा बस अब बहुत हो गया शायद अब
मुझे अपनी कार के यहां जाना चाहिए और पूरी रात अपनी कार में ही सोना
चाहिए तो मैंने अपना सामान टट में ही छोड़ दिया
और सिर्फ कुछ ही जरूरी सामान मैंने
अपने साथ ले लिया और मैं उस जंगल की ट्रेल से होकर अपनी कार की तरफ पैदल निकल
पड़ा मैं बस कुछ ही फीट आगे चला गया था कि अचानक मैंने उस घने जंगल में एक बड़े सूखे
पेड़ की लकड़ी टूटने की जोरदार आवाज सुनी जो शायद 50 फीट की दूरी से मेरी दाई
तरफ से आ रही थी यह आवाज ऐसी थी जैसे किसी बहुत ही बड़ी
चीज ने जमीन पर बिखरी टहनियों पर पैर रख दिया
हो जिसका मतलब यह था कि यकीनन इस जंगल में मैं अकेला नहीं था और जरूर कोई यहां मौजूद था मुझे अभी तक जितना भी अजीब महसूस हो
रहा था उसकी तीव
्रता से ज्यादा बढ़ रही थी मेरी छाती में पूरी रफ्तार से डर भर गया
था मेरा ऊपर का शरीर पूरी तरह से जकड़ गया था और मेरे दिल की धड़कने काफी तेज होने
लगी थी मैं अपनी जगह पर ही स्तब्ध खड़ा हो गया
और धीरे से मैंने अपनी फ्लैशलाइट को उठाकर जंगल के पेड़ों के यहां उसे
चमकाया मैं यह देखना चाहता था कि आखिर यह कौन है और क्या
है मेरी फ्लैशलाइट की रोशनी काफी कम थी और मैं मुश्किल से उस लाइट में कुछ देख पा
रहा था इसीलिए मैंने जोर से चीखना शुरू कर दिया ताकि वह जो कोई भी है वह डर कर भाग
जाए शायद वह एक जंगली जानवर ह
ो सकता था जो ऐसे ही जंगल में भटक गया था या फिर सिर्फ
कोई पेड़ की टहनी टूट के नीचे गिरी होगी पर ऐसा कुछ नहीं था क्योंकि वह आवाज ठीक
ऐसी ही थी जैसे कोई भारी चीज अपना पैर जमीन पर रख रही हो और जिसके कारण टहनियां
टूट रही हो और मुझे अब पक्का यकीन हो गया था कि इस घने अंधेरे जंगल में मैं यकीनन
अकेला नहीं था तभी मैंने डिसाइड किया कि मुझे और
रिस्क नहीं लेनी चाहिए और मैं पलटकर जोरों से अपनी कार की तरफ
भागने लगा तभी एक बार फिर मैंने झाड़ियों में
कुछ हलचल होने की आवाजें सुनी कोई तो था जो मेरा पीछा कर रहा था
और वह काफी तेज
महसूस हो रहा था इतना तेज कि एक इंसान के लिए इतना तेज दौड़ पाना नामुमकिन
था उस अजीब चीज ने आधे रास्ते तक मेरा पीछा किया
पर ना जाने क्यों वह एकदम से रुक गया जिसका कारण मुझे अब तक नहीं पता
है मैं बस भागता और भागता रहा जब तक आखिरकार में अपनी कार के यहां तक नहीं
पहुंच गया और ठंडे पसीने से लथपथ गाड़ी के अंदर चला
गया वह पार्किंग की जगह पूरी तरह गाड़ियों से भरी हुई थी पर एक भी इंसान वहां मौजूद
नहीं था मैंने तुरंत अपनी गाड़ी का दरवाजा बंद कर
दिया और उसे लॉक कर दिया ताकि गाड़ी में रहकर वह ब
ाहर जो भी खौफनाक चीज है उससे
मैं शायद बच सकूं गाड़ी के अंदर मुझे काफी सेफ और
सुकून महसूस हो रहा था मैं नहीं जानता कि वह मेरा पीछा करते-करते यहां तक आया होगा
कि नहीं तो मैं एक घंटे और कार में ही बैठा
रहा उस वक्त शायद रात के तीन या चार बजे होंगे और मैं इतना थक गया था कि मुझे काफी
तेज नींद आने लगी पर हालांकि मैं सोने से डर रहा
था तभी अचानक बाहर बारिश भी होने लगी और कार के अंदर गर्मी बढ़ गई तो मैंने अपनी
गाड़ी का शीशा थोड़ा सा नीचे किया ताकि बाहर की ठंडी हवा अंदर आ
सके उस घने जंगल की वह तेज बार की आ
वाज काफी सुकून और ठंडक देने वाली थी जिसकी
वजह से मैं धीरे-धीरे आंखें बंद करके नींद में डूब रहा था तभी अचानक मैंने सुना कि
कोई तो मेरी गाड़ी को बाहर से खरोच रहा है तभी तुरंत मैं डर के मारे उठ गया और
गाड़ी के अगल बगल नजर डाली पर वहां काफी घना अंधेरा था और मैं कुछ भी देख नहीं पा
रहा था मैं अपनी फ्लैशलाइट ऑन नहीं करना चाहता था क्योंकि अगर बाहर कोई भालू होता
तो मैं नहीं चाहता था कि वह मुझ पर हमला कर
दे पर काफी मिनट की शांतता के बाद मैंने आखिरकार गाड़ी के दरवाजे से झांक कर देखने
की कोशिश की फिर मैंने
गाड़ी का हन बजाने की सोची मैंने सोचा शायद वह हन की आवाज से
डर भाग जाएगा फिर लगभग एक मिनट लगातार हन बजाने
के बाद मैं आखिरकार रुक गया और मैं गाड़ी के बाहर देखने के लिए चला
गया मैंने सोचा कि वह इस बार पक्का डर करर जंगल के अंदर भाग गया
होगा इस पॉइंट पर मैं बस वहां से निकल जाना चाहता था मैंने सोचा कि मैं किसी
वॉलमार्ट के पार्किंग लॉट में कार पार्क करके सुबह होने पर घर की ओर निकल जाऊंगा
तो मैंने अपनी कार को स्टार्ट किया और कार की हेड लाइट्स ऑन की और तभी मैं यह देखकर
पूरी तरह से अचंभित और भयभीत हो गया
कि एक पतली गर्दन वाला आदमी जिसके चेहरे पर काफी
सारे घाव के निशान थे जो किसी इंसान से ज्यादा किसी बुलडॉग जैसा दिख रहा था वो
मेरे कार के सामने लगभग 40 फीट की दूरी पर खड़ा था और उसके मुंह से लगातार लार टपक
रही थी मैं उसे देखकर काफी दहशत में आ गया और
कार की स्टीयरिंग व्हील को कस के पकड़ लिया वह अचानक से अपने दोनों हाथों पैरों
पर किसी कुत्ते की तरह झुक गया और गाड़ी के बाई ओर चलने
लगा मैं मैंने उसके हाथ में कुछ चमकदार चीज देखी जो किसी चाकू की तरह लग रही थी इस नजारे को देखकर मैंने तुरंत अपनी
गाड़ी का ग
ियर बदला और एक यूटन लेने लगा जहां से हाईवे का रास्ता
था तभी मैंने पीछे मुड़कर देखा और वह अभी भी अपने चारों हाथों पैरों पर दौड़कर मेरी
गाड़ी का पीछा कर रहा था वो हद से ज्यादा तेज दौड़ रहा था इतना
तेज कि किसी इंसान को इतना तेज दौड़ पाना मुश्किल था और तो और उसने कोई कपड़े भी
नहीं पहन रखे थे और वह किसी इंसान के बजाय किसी जानवर जैसा ही लग रहा
था हालांकि मैं तेजी से गाड़ी को भगा रहा था फिर भी वह तेज दौड़ते हुए लगभग मेरी
गाड़ी के दरवाजे तक ही पहुंच गया तभी आखिरकार में हाईवे पर आ गया और लकिली वह
खौफनाक
चीज आखिरकार रुक गई मैं गाड़ी की स्पीड कम किए बिना तेजी
से वहां से भाग निकला मैं इतना बौखला गया था और इतना दहशत
में था कि मैंने वापस जंगल में जाकर मेरा सामान भी नहीं लिया और उसे वही छोड़
दिया मैंने मेरे दोस्त को कैंपिंग का नया सामान खरीद कर दे दिया जिसकी काफी अच्छी
कीमत मैंने चुकाई पर कुछ दिन बीत जाने के बाद एक दिन
मैं भरी दोपहर में उस जंगल में वापस चला गया और मैंने देखा कि वहां मेरा टेंट और
मेरा सामान सब कुछ गायब था मैं यह बताना तो भूल ही गया कि मैंने
पुलिस को उस चीज के बारे में अगले ही दिन जानक
ारी भी दी थी और मुझे आशा है कि शायद
उसे पकड़ लिया गया होगा मुझे आज भी यह लगता है कि वह कोई इंसान
नहीं था क्योंकि इंसान ऐसे तेज दौड़कर गाड़ियों का पीछा नहीं करते हैं और खासकर
उनका मुंह किसी बुलडॉग जैसा नहीं होता है मेरा यह मानना है कि वह चीज मैंने जो
जंगल में देखी थी वह एक खूंखार और आदमखोर वेंगो था जो उस दिन शिकार करने बाहर निकला था यह तो मेरा नसीब अचा था कि मैं बच गया
क्योंकि अगर उस वक्त मेरा नसीब खराब होता तो मैं शिकार पर निकले उस वेंडिगो का खाना
बन गया होता
कहानी तीन वह क्या था यह घटना कुछ साल
ों पहले की है जब मैं
10 साल का था और मेरा बड़ा सौतेला भाई 11 साल का
था मेरे पिता और मेरी सौतेली मां की तभी नई-नई शादी हुई थी और मैं अपने सौतेले भाई
के साथ रहता था उस वक्त हमारे माता-पिता रात भर कहीं
बाहर गए हुए थे और हम दोनों भाई घर पर अकेले ही थे और उस वक्त लगभग सुबह के 5:00
बज चुके थे हम दोनों जाग रहे थे और पूरी रात यानी धनुष्य और बान की निशानेबाजी जो हम
अक्सर किया करते थे घर के बाहर जाने पर हमने देखा कि बाहर
की जमीन की घास पर ओस की ठंडी-ठंडी बूंदे छाई हुई थी और सूरज अभी तक पूरी तरह से
उगा नही
ं था यानी अभी भी थोड़ा बहुत अंधेरा छाया हुआ
था हमें अपने टारगेट प्रैक्टिस के स्पॉट पर पहुंचना था जो काफी दूर था इसलिए हमें
चलकर जाने में थोड़ा समय लगा पर हम आखिर वहां पहुंच ही
गए वहां पर थोड़ी बहुत निशानेबाजी करने के बाद ना जाने किस कारण से मेरा बड़ा भाई
अचानक से अजीब व्यवहार करने लगा मैंने ज्यादा ना सोचते हुए अपनी
निशानेबाजी जारी रखी जब उसकी बारी आई तो वह निशाना लगाने से मना करने लगा उसका
चेहरा काफी सफेद हो हो गया था और उसने कहा कि तुम खेलना जारी रखो मैं यहीं पर बैठना
चाहता हूं मुझे यह काफी अजी
ब लगा क्योंकि बाहर
जाकर निशानेबाजी करने का आईडिया उसी का था खैर तो मैंने एक दो और निशाने लगाए पर जब
मैं ऐसा कर रहा था तब अचानक मेरा बड़ा भाई मुझे पीछे से
हिलाने लगा और मुझे सामने एक पेड़ के यहां देखने के लिए कहने
लगा तो मैंने ठीक वैसा ही किया और कुछ 200 मीटर दूर उस पेड़ के यहां मैंने देखा और
वहां पर मैंने जो देखा वह नजारा काफी दिल दहला देने वाला
था वहां दूर मौजूद उस पेड़ के पीछे एक सफेद और खौफनाक दिखने वाला चेहरा था जो उस
पेड़ के पीछे से हमें झांक रहा था मैं मेरा बड़ा भाई और वह खौफनाक
चेहरा एक द
ूसरे की आंखों में आंखें डालकर करीब दो मिनट तक एक दूसरे को देख रहे
थे तभी मेरे बड़े भाई का पैर नीचे पड़ी एक लकड़ी पर पड़ गया जिससे उस सुनसान सन्नाटे
में एक तेज आवाज गूंज उठी जिसने शायद उस खौफनाक चीज को डरा दिया क्योंकि वह आवाज
होने के बाद उस चीज ने एक अजीब और रोंगटे खड़े कर देने वाली चीख
[संगीत] निकाली वह चीख कुछ ऐसी थी मानो जैसे किसी
शेर और गीदड़ की लड़ाई हो रही हो मुझे याद है कि जैसे ही उसकी चीख हमने
सुनी हम दोनों तुरंत अपने घर की ओर तेजी से दौड़
पड़े हम कुछ मिनट भागकर आखिरकार घर पर पहुंच गए और
अंदर जाकर हमने दरवाजा लॉक कर
दिया हम तब तक घर के अंदर बंद रहे जब तक कि हमारे पिताजी घर वापस नहीं लौट
आए मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि इस घटना के बाद हम घर के बाहर कभी अकेले नहीं
गए हैं मुझे नहीं पता कि उस दिन वह क्या चीज थी जो हमने देखी थी पर वह जो भी था
उसने हमारे दिलो दिमाग को आतंकित कर दिया था आपको क्या लगता है वह चीज आखिर क्या
होगी मुझे तो लगता है कि वह और कोई नहीं बल्कि एक वेंडिगो था जो अपनी भूख मिटाने
के लिए बाहर निकला था तो दोस्तों आज की कहानियों का सिलसिला
यहीं पर खत्म होता है आज की
कहानियां आपको कैसी लगी य आप हमें कमेंट करके जरूर बताइए
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एपिसोड में तब तक के लिए आप सब अपना ख्याल रखिए और सुरक्षित रहिए धन्यवाद
Comments
Jaldi jaldi se jaldi inke subscribers badhao dosto taki hame aise stories sun ne ko mil sake aage bhi.......
Nice story's keep it up ❤❤
New subscriber ❤❤❤
Very nice story ❤ and happy navratri bhai mata rani apke or apke kaam ko ase hi badhte rhe 😊😊❤
Asslam e alaikum bhai Jan