हरिया हर शाम की तरह अपने खेतों से काम
करके घर को लौट रहा था तभी उसे सड़क के किनारे एक संदूक दिखा उसने अपने साइकिल की
पडल को धीमे किया और साइकिल किनारे पर लगाई हरिया ने वहीं खड़े होकर दाएं बाएं
चारों तरफ नजर दौड़ा हुए देखा तो उसे संदूक के अलावा कोई नजर नहीं आया हरिया ने
उस संदूक को उठाया और अपने साइकिल के पीछे दबाकर साइकिल को दौड़ा हुए घर पहुंचा
हरिया की पत्नी खाना बना रही थी और उसका 4 साल का बेटा मां के ही बगल में खेल रहा था
हरिया ने संदूक उठाकर अपनी पत्नी के पास रखा पत्नी ने पूछा तो हरिया ने बत
ाया
खेतों से लौटते वक्त मुझे रास्ते में यह संदूक मिला लगता है अपनी भी सोई हुई
किस्मत अब जाग जाएगी हरिया ने पासी पड़े एक ईट से संदूक के ताले पर चार पांच बार
वार किया संदूक का ताला पुराना होने के कारण वहीं टूटकर एक जोरदार आवाज के संग
बिखर गया हरिया ने संदूक की कुंडी उठाई और संदूक में चारों तरफ नजर दौड़ाई संदूक में
उसे कीमती सामान जैसा कुछ भी नजर नहीं आया नजर आया भी तो एक लकड़ी का बोर्ड और एक खत
खत को हरिया ने पढ़ना शुरू किया अगर यह खत तुम पढ़ रहे हो तो इसका मतलब है कि संदूक
का ताला टूट चुका है और
अब तुम्हें खेलना होगा एक खेल लकड़ी के बोट पर हां या ना
में जवाब दो अगर तुम्हारी किस्मत अच्छी रही तो
दूसरी दुनिया से आई हुई आत्मा तुम री हर ख्वाहिशें हर मांग को पूरी करेगी और साथ
ही अगर कोई बुरी आत्मा आई तो तुम्हारे पूरे परिवार का विनाश निश्चित
है खेल खेलने के लिए हां या ना में जवाब दो हरिया की
पत्नी यह सब करने से हरिया को रोकने लगी पर हरिया के दिमाग में तो अमीर बनने की बस
एक लालच थी हरिया ने हां में जवाब दिया अगले दिन अखबार में खबर छपी एक गरीब किसान
और उसकी पत्नी पंखे से लटक कर खुदकुशी कर लिए और
उनका 4 साल का बेटा चूल्हे में
झुलसा हुआ मृत्य पाया गया दूर कहीं एक किसान अपनी साइकिल से जा
रहा था और उसे संदूक दिखा दोस्तों यह कहानी अगर आपको अच्छी लगी
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कहानी में
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