अस्सलाम वालेकुम व्यूवर्स कैसे हैं आप सब
लोग सो आज की स्टोरी स्टार्ट करते हैं पार्का
सेब मेरे घर के पास एक बहुत पुराना पार्क है जिसके बारे में यह माना जाता है कि
यहां जिन्नात का एक खानदान अपने बच्चों से अमीद आबाद है
इसके बावजूद भी लोग वहां शाम के वक्त अपने बच्चों को घुमाने लाया करते इस पार्क में
बच्चों के लिए झूले भी लगाए हुए थे और यह झूले ही इस मासूम सी बच्ची पर भूत चढ़ने
की वजह बने ता एक बहुत प्यारी छोटी सी बच्ची थी शाम के वक्त इसकी अम्मी अब्बू
इसे पार्क में झूला झुलाने लाया करते इस पार्क में ए
क बरसों पुराना पेड़ था जो कि
इस पार्क के बिल्कुल सेंटर में था यह पेड़ इतना बड़ा था कि इसका साया आधे पार को ढक
देता था लोग ज्यादातर इस पेड़ से दूर ही रहते थे क्योंकि इनका मानना था कि जिन्नात
का जो खानदान यहां आबाद है वह इसी पेड़ पर में रहता है रिता के पेरेंट्स इस इलाके
में अभी कुछ टाइम पहले ही शिफ्ट हुए थे इसलिए उन्हें यह सब बातें बिल्कुल मामूली
लगती थी इस दरख्त पर एक झूला भी लटका हुआ था जो
हमेशा खाली रहता था और कोई इसके आसपास भी नहीं भड़कता था क्योंकि लोगों का कहना था
कि रात को 2 बजे के करीब झूल
ा अपने आप झूलने लगता है और बच्चों के खेलने की
आवाजें आती हैं कुछ लोगों ने तो यहां पर बच्चों को खेलते हुए देखा
है एक बार रिदा अपने पेरेंट से पार्क में जाने की जिद करने लगी इसके पेरेंट्स ने
इसे समझाने की कोशिश की लेकिन रिता भी छोटी सी बच्ची थी इसलिए इसकी जिद के आगे
इसके पेरेंट्स इसे पार्क में ले गए इस वक्त पार्क बिल्कुल खाली था वहां हर तरफ
अजीब सी खामोशी थी इस बच्ची के पेरेंट्स इसे उसी दरख्त वाले झूले की तरफ ले गए और
उसे झूले पर बिठा दिया और यह लोग खुद भी थोड़ी ही दूर एक बेंच पर जाकर बैठ गए और
आपस
में बातें करने लगे ता की मदर ने उसकी तरफ देखा तो उन्हें एक छोटी बच्ची सफेद
कपड़ों में दिखाई दी जो रिता के पीछे खड़ी हुई थी और उसे झूला दे रही थी रिता भी उसे
हंस हंस कर बातें कर रही थी इसकी मदर को तश्वी हुई कि वह उठकर झोले की तरफ बढ़ने
लगी उनके जहन में बस एक ही ख्याल था कि रात के 2 बजे पार्क में कोई भी नहीं तो यह
छोटी सी बच्ची यहां कैसे ता की मदर थोड़ा करीब ही पहुंची थी कि वह बच्ची दरख्त के
पीछे चली गई और जब वो वहां पहुंची तो उन्होंने दरख्त के पीछे देखा तो वह बच्ची
गायब हो चुकी थी ता की मदर ने उ
से फौरन झूले से उतारा और गोद में उठा लिया और
डरते हुए वहां से तेज तेज अपने हस्बैंड के पास जाने लगी उनका खौफ से दर्द हुआ चेहरा
देखकर उनके हस्बैंड ने वजह पूछी तो उन्होंने सारी बात बताई वह लोग बहुत
परेशान हो गए फौरन वहां से अपने घर आ गए कुछ दिन बाद रिता के कमरे से हंसने की और
बच्चों के खेलने की आवाजें आने लगी रिदा के पेंट्स ने कई बार उसे अकेले किसी से
बातें करते हुए देखा लेकिन उन्हें वहां कोई नजर नहीं आता था रिदा से पूछने पर वह
एक ही जवाब देती थी कि यह मेरे नए दोस्त हैं उसके पेरेंट्स अब बहुत डर गए
थे
उन्होंने एक भूत उतारने वाले बाबा को बुलाया उन्होंने बताया कि इस बच्ची पर आज
हो गया है और उसे पार्क ना लेकर जाए और क्योंकि रिता भी बच्ची थी इसलिए उसने इस
आसेब को अपने बहुत करीब कर लिया था अब यह सारी जिंदगी इसके पीछे नहीं छोड़ेंगे ता
के पेरेंट्स ने बहुत कोशिश की कि वह ठीक हो जाए और किसी तरह इस आसेब से इसका पीछा
छोड़ा जाए ता के पेरेंट्स ने बहुत कोशिश की वह थक चुके थे और किसी तरह सोचते थे कि
इस आसेब से पीछा छूट जाए व इसी वीर बाबा के पास जाया करते थे लेकिन कोई असर नहीं
हुआ आज ता 12 साल की हो गई है
और इस बात को 6 साल गुजर चुके हैं लेकिन आज भी रिधा
अपने आपसे हवा में बातें करती है और उसके रूम से बच्चों की हंसने और खेलने की
आवाजें आती है और यह हमेशा रात 2 बजे के बाद ही होता है
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