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Red Scary Podcast Season 1 EP-08||Real Horror Story

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Red Scary Podcast

6 days ago

रोहित को आज 12 दिनों बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया उसने जहर पीकर खुदकुशी करने की कोशिश की थी ऐसा वह बीते महीने में तीसरी बार कर चुका है वैसे रोहित की जिंदगी बेहद ही खुशहाल थी उसके पास घर बार बीवी बच्चे माता-पिता और सेटल जॉब वगैरह वगैरह जो एक इंसान को चाहिए व सब कुछ था रोहित के पास लेकिन किसी को कुछ पता नहीं था कि रोहित को आखिर परेशानी क्या थी जिसकी वजह से वह अपनी जिंदगी खत्म करने पर तुला हुआ था हॉस्पिटल से घर आने के बाद भी रोहित गुमसुम रहता है उसकी बीवी मालिनी ने उससे कई बार पूछा कि उसे आखि
र परेशानी क्या है लेकिन रोहित ने कभी भी किसी को इस बात का जवाब नहीं दिया खैर रोहित के घर वाले उसे ज्यादा देर तक अकेला नहीं छोड़ते लेकिन हॉस्पिटल से आने के बाद तीसरे दिन जब रोहित अपने कमरे में अकेला ही था रोहित की मां रोहित के लिए खाना लेकर उसके कमरे की तरफ चले जा रही थी लेकिन जैसे ही रोहित की मां उसके कमरे के दरवाजे पर पहुंची तो उसने सुना कि रोहित अंदर एक बड़ी ही धीमी आवाज में किसी से बातें कर रहा है रोहित की मां यह तो सुन पा रही थी कि अंदर कुछ बातचीत चल रही है लेकिन आवाज इतनी धीमी थी कि बातें आ
खिर किससे और क्या हो रही है यह सुन पाना रोहित की मां के लिए बेहद मुश्किल था रोहित की मां ने हाथ में थाली लिए ही दरवाजे पर कान लगाया और कान लगाते के साथ ही वह आवाज शांत हो गई और दरवाजे से कान हटाते के साथ ही वह आवाज फिर शुरू हुई रोहित की मां ने जट से दोबारा कान लगाया और आवाज फिर शांत हुई लेकिन इस बार कान लगाते ही एक और आवाज उसके कान में पड़ी रोहित की मां ने ट से दरवाजा खोला और कमरे का नजारा देख उसकी आंखें दो से चार हो गई क्योंकि पूरे कमरे में रोहित के अलावा कोई नहीं था और रोहित पलंग से नीचे पैर ल
टकाकर अपने पैरों को जोर से हिलाता हुआ बैठा था रोहित को ऐसा बैठा देख रोहित की मां डर चुकी थी लेकिन अपना डर छुपाकर उसने रोहित को खाना खिलाया बाद में यह बात उसने मालिनी को बताई तो उसने कहा कि आपको वहम हुआ है लेकिन रोहित की मां को पता था क्योंकि उसने अपने कानों से कमरे में खुशबु साहट की आवाज सुनी थी रोहित की मां अपने पति यानी रोहित के पिता के पास गई और उन्हें यह सब बताया लेकिन ना जाने उन दोनों के बीच ऐसी क्या बात हुई कि रोहित के पिता जी खड़े होकर चिल्लाते हुए अपने दोनों हाथ ऊपर करके मेन दरवाजे की तर
फ भागने लगे लाने की आवाज सुनकर मालिनी और रोहित अपने कमरे से निकल आए लेकिन तब तक पिताजी दरवाजा खोलकर बाहर जा चुके थे और उनके पीछे रोहित की मां और फिर पीछे पीछे रोहित और मालिनी रोहित चिल्लाता रहा रुक जाओ पिताजी शायद रोहित जानता था कि उसके पिताजी क्या करने वाले हैं और मालिनी रोहित और रोहित की मां के नजरों के सामने रोहित के पिताजी ने सड़क पर आती स्कूल बस के आगे छलांग लगा दी बस से टकराकर रोहित के पिताजी सड़क पर घसीट खाते हुए काफी द दूर जाकर गिरे उसी बस से रोहित का 10 साल का लड़का आरव उतरा रोहित भागा
अपने पिताजी की ओर उनको उठाकर जैसे तैसे गाड़ी में डालकर हॉस्पिटल के लिए निकला और मालिनी ने संभाला आरव को और रोहित की मां वहीं बेहोश होकर गिर पड़ी रोहित हॉस्पिटल पहुंचा तो इतनी देर में उसके पिताजी दम तोड़ चुके थे पीछे पीछे एंबुलेंस में रोहित की मां को लाया गया सदमे की वजह से रोहित की मां बेहोश हो चुकी थी रोहित ने अभी तक किसी को नहीं पता बताया था कि उसके पिता की मौत हो चुकी है वैसे भी सारी पेपर फॉर्मेलिटी के बाद ही रोहित को लाश मिलने वाली थी रोहित अपनी मां के पास बैठा था जब उसे एक घंटे बाद होश आया
रोहित बस यही सोचे जा रहा था कि वह अपनी मां को अपने पिता की मौत की खबर कैसे देगा तभी नर्स ने एक पर्ची रोहित के हाथ में देकर उसे दवाइयां लाने को कहा रोहित दवाइयां लाने के लिए कमरे से बाहर चला गया और डिस्पेंसरी के पास पहुंचने ही वाला था कि उसके पास एक नोटिफिकेशन आया रोहित ने फोन निकाल कर देखा तो एक मैसेज आया था जिसमें लिखा था मां कमरे में अकेली है रोहित का यह मैसेज पढ़कर होश उठ चुके थे वह उल्टे पैर भागा अपनी मां के कमरे की तरफ दरवाजा खोलकर जैसे ही कमरे में दाखिल हुआ तो कमरे का नजारा देख उसकी रगों म
ें खून जम चुका था क्योंकि अभी-अभी जिस बेड पर वह अपनी मां को छोड़कर गया था उस बेड पर ही नहीं बल्कि पूरे कमरे में कोई नहीं था बस फिफ्थ फ्लोर पर बने उस कमरे की खिड़की हवा में लहराती हुई रोहित को दिखाई दी रोहित ने हवा की घूंट भरी और धीरे-धीरे डरता हुआ खिड़की पर पहुंचा और झुककर नीचे देखा तो मानो उसके पैरों में से होकर एक बिजली का झटका उसके सर तक आया हो क्योंकि नीचे रोहित की मां की लाश पड़ी थी और आसपास लोगों की भीड़ जमा हो चुकी थी एक ही दिन में रोहित पर दुखों का पहाड़ टूट चुका था उसे कुछ तो परेशानी पह
ले ही थी और अब उसके घर में दो मौतों का मातम जाने वाला था रोहित अपने माता-पिता का दाह संस्कार करके घर पहुंचा और मालिनी को सब बताया और उसे इस सब के बारे में किसी से भी कोई जिक्र करने के लिए मना किया मालिनी साफ-साफ समझ चुकी थी कि रोहित उससे कुछ छुपा रहा है लेकिन अभी उसने रोहित से कुछ ना पूछना ही ठीक समझा इस सबको कुछ दिन बीते और एक रात रोहित मालिनी और आरब सो रहे थे तभी नींद में रोहित ने वह सुना जो वह कभी सुनना नहीं चाहता था रोहित घबराकर एकदम खड़ा हुआ और तभी एक नोटिफिकेशन आया खोलकर देखा तो एक मैसेज ज
िसमें लिखा था आरव रोहित ने पलटकर अपने बेड पर देखा और देखते ही उस पर एक बिजली टूट पड़ी क्योंकि आरोप बेड पर नहीं था और तभी बेडरूम के दरवाजे पर एक बार फिर दस्तक हुई रोहित ने खड़े होकर दरवाजे पर बने आई होल से देखा तो दरवाजे के बाहर आरव खड़ा था रोहित ने झट से दरवाजा खोला लेकिन आरव वहां से मेन दरवाजे की तरफ उल्टा दौड़ा और आरव की बिल्कुल सफेद आंखों ने रोहित की दिल की धड़कनों की रफ्तार बढ़ा दी थी मेन दरवाजे के पास जाकर आरव रुका और एक भयानक आवाज में रोहित से बोला तुझे बोला था ना मेरा नाम मत लेना और ना ही
मेरे बारे में किसी को बताना अब तू तेरे पूरे परिवार की मौत का नजारा देखेगा रोहित गिड़गिड़ा लगा गुड्डू मेरे बेटे को छोड़ दो तभी आरव दो कदम रोहित की तरह बढ़ा और हवा में उड़ते हुए पीछे दरवाजे को तोड़ता हुआ दरवाजे से पार हो गया रोहित दौड़कर दरवाजे से बाहर पहुंचा तो उसने देखा कि घर के बाहर लोपी में जानवरों को रोकने के लिए लगाए गए किलों पर आरव झुका हुआ था और उसकी कमर से वह किले पार निकले हुए थे रोहित घुटनों के बल होकर जोर-जोर से चीखने लगा रोने लगा रोहित को अपने रोने की आवाज में एक और सि सकने की आवाज स
ुनाई देने लगी रोहित ने रोते हुए पीछे मुड़कर देखा तो पीछे मालिनी बड़ी-बड़ी आंखों के साथ कांपती सिसके जा रही थी और एक नजर से आरव की तरफ देखती हुई बोली यह सब कु कहता रहा उसका नाम मत लो मालिनी मालिनी तभी मुड़कर दौड़ पड़ी और बेडरूम में पहुंचकर अंदर से दरवाजा बंद कर लिया रोहित बाहर से दरवाजा पीटता रहा और बोलता रहा मालिनी तुम भी मुझे छोड़कर मत जाओ रोहित दरवाजे को तोड़ने की कोशिश करता रहा और अंदर से एक घुटन की आवाज आती रही कई बार कोशिश करने के बाद दरवाजा टूटा और दरवाजा टूटने के साथ ही मालिनी की सांसे भी
टूट गई उसने अपने आप को फांसी लटका रखा था रोहित की दुनिया खत्म हो चुकी थी जैसा कि गुड्डू ने कहा था रोहित के भी जीने का अब कोई मतलब नहीं था उसने एक राइटिंग पैड उठाया और लिखना शुरू किया मेरा छोटा भाई गुड्डू जहां मैं पढ़ाई में होशियार था वहीं गुड्डू निकम्मा था पिताजी और मां ने हमेशा ही मुझे गुड्डू से ज्यादा प्यार दिया उम्र बढ़ने के साथ-साथ गुड्डू गलत संगत में पड़ गया और उसे नशे की लत लग गई पिताजी को पता चलने पर पिताजी ने उसे घर से निकाल दिया गुस्से में आकर गुड्डू ने मेरे पास एक मैसेज भेजकर खुदकुशी
कर ली वह मैसेज था कि जिस किसी ने भी मेरा नाम लिया या सुना मैं उसको खत्म कर दूंगा मैंने यह बात अपने एक दोस्त को बताई और दो घंटे के बाद उसने ट्रेन के नीचे कटकर अपनी जान दी पिताजी मां आरब और मालिनी ने भी उसका नाम लिया या सुना था इसलिए उनका यह अंजाम हुआ यह सब मुझसे ही शुरू हुआ था इसलिए अगला नंबर मेरा है मैं हूं सैम मैंने भी गुड्डू का नाम लिया व मेरे पास भी आएगा और आप भी संभल के रहिएगा आपने भी गुड्डू का नाम सुना है किसी भी वक्त आपके दरवाजे पर भी दस्तक होने वाली होगी

Comments

@Allraunder_10

M to koni sunyo bhai 😱😱