कहता है आपकी बेटी अब मेरे बस में है मैंने
काला जादू कर रखा है मैं जो कहूंगा वो वही करेगी मैं हूं उसका भगवान क्या कबीर अपनी
बेटी को छुड़ा पाएगा क्या जानवी कभी आजाद हो पाएगी जाने के लिए
देखिए पूरी फिल्म कहानी की शुरुआत होती है बैकग्राउंड में जंगल का डरावना दृश्य शरीर
से पिछड़ आत्मा से तड़प जगाती आवाजें और एक महमा घर जिसमें खिलौने से खेलता बच्चा
अगले बैकग्राउंड में हम देखते हैं लड़की अपने दोस्तों के साथ लदाख जाना चाहती है
परमिशन मांगती है पिता कहता है अपने सब दोस्तों के नंबर देकर जाना लाइव
लोकेशन
भेजती रहना बेटी कहती है आप लोग ऐसा करोगे तो मैं वापस लौट कर नहीं आऊंगी है क्या कह
रही है तू दुनिया के किसी कोने में जाए मैं तुझे ढूंढ लूंगा एक बेहद खुशहाल
परिवार मां बाप छोटा भाई खुशियां मनाने लाइफ एंजॉय करने एक जगह जाते हैं एक
रेस्टोरेंट में खाते पीते एक आदमी से उनकी मुलाकात होती है जिसका नाम बलराज है कबीर
इन सबसे अपने परिवार का परिचय करवाता है मेरी वाइफ ज्योति बेटी जानवी बलराज कहता
है मेरी वाइफ बलराज उन्हे अपने बेटी की फोटो
दिखाता है मेरी बेटी श्री बलराज जानवी को खाने के लिए लड्डू देता
है लड्डू खाकर
जानवी अपने अंदर कुछ बदलाव महसूस करती है तो बलराज की वो अब बलराज की हर बात मानने
लगती है चलते समय बलराज जानवी को एक पैकेट बिस्किट का देता है और कहता है इसे घर
पहुंच कर खा लेना पूरा परिवार स्विमिंग पूल में एंजॉय करता है फार्म हाउस पहुंचकर
तभी बलराज उनके घर आ जाता है उसका घर आना
ज्योति को अच्छा लगता वो जानवी को जो जो करने को कहता है वो उसकी हर बात
मानती है और बलरा घर की एक एक चीज को ध्यान से देखता है उसका व्यवहार कुछ गोप
कुछ रहस्यमय सा होता है वो एक जगह चुपचाप एक कप चाय पीता है और इध
र जति कबीर से
कहती है कोई ऐसे कैसे किसी के घर आ सकता है कबीर कहता है कमान वो कुछ देर के लिए
आया है फिर वो कहती उसे कैसे पता चला कि फार्म
हाउस य है कबीर कहता है घर के सभी दरवाजे चेक कर लो सावधान रहो हम क्या कर सकते हैं
कुछ देर में बलराज य से चला जाएगा इधर बलराज जानवी से बातें करता है जानवी उसे
कहती है मैं लद्दाख जा रही हूं मैं अपनी लाइफ को खुद जीती हूं खुद अपने फैसले लेती
हूं लेकिन तू जा नहीं पाएगी तुझे मेरे साथ मेरे घर चलना होगा हमेशा के लिए बहुत मजे
में रहेगी तू बलराज की बात पर जानवी चौक जाती ह
ै जानवी पर क्या जादू उसने कर रखा
था वो जानवी से कहता है अपने भाई के साथ खूब खेलो इतना कि आज के बाद उसका खेलने का
मन ही ना करे जान पागलों की तरफ बगीचे की तरफ जाती है और अपने भाई के साथ झूले पर
झूला झूलने लगती है बहुत तेज तेज उसका भाई रोता है वो डर जाता है रोकने के लिए कहता
है कभी और जती सभी इकट्ठा हो जाते हैं उसे झूले को रोक देने के लिए कहते हैं
पर वो नहीं मानती मानती है बलराज के कहने पर खाने के टेबल पर बराज कहता है आपने
अपने बच्चों को बहुत छूट दे रखी वो अपने बॉयफ्रेंड और 10 बच्चों के साथ टूर पर
जा
रही है कबीर कहता है देखिए भाई साहब आप मेरे घर के मामले में मत बोलिए बलराज कहता
है आपकी लाडली अब मेरे बस में है मैंने ने काला जादू कर रखा है मैं जो कहूंगा वो वही
करेगी मैं हूं उसका भगवान बलराज का जानवी से ये कहना कि उठो
तो वो उठती है बैठो तो वो बैठती है जोर जोर से रोने के लिए कहती है तो वो रोती है
बलराज कहता है जान जाकर स्विमिंग पूल में कूद जाओ सांस रोकर पानी के अंदर तब तक जब
तक मैं ना कहू बाहर आओ तब तक बाहर ना आना क्या जान में डूब जाएगी
रोचक दृश्य जानवी जब बलराज के कहने पर चाय पत्ती खा रही हो
ती है दर्शको की उत्सुकता
चरम पर पहुच जाती है बलराज कहता है आप दोनों अपने बेटी को मुझे दान कर दे हमेशा
के लिए गुस्से में बलराज उसे मारता है उससे बचने के लिए
बलराज जानवी से कहता है जानवी अपने भाई का सर फोड़ दो और दीवार पर सर पटक कर जानवी
अपने भाई कृष का सर फोड़ देती है सिर से खुद निकलता
आंखों में डर भबी से खड़े कबीर ज्योति कबीर ज्योति कभी कृष के सिर से निकलते खून
को देखते हैं कभी सपाट चेहरा लिए जानवी की तरफ कभी अटस करते बलराज की तरफ कहानी के
इस रोचक मूड पर आगे क्या होता है जानने के लिए देखिए ये
फि
ल्म
Comments
Wow nice 👍
Lajbab
Nice
Darrr
Wow nice 👍