एक बार की बात है एक गांव में एक शराबी
पति और उसकी पत्नी रहती थी पति हर रोज शराब के नशे में डूबा रहता था जिससे उसके
घर की हालत बहुत ही खराब थी पत्नी ने कई बार उसे समझाया उसकी नजरों में बदलाव लाने
की कोशिश की लेकिन कुछ नहीं बदला एक दिन गांव में एक समाज सेवी संगठन आया और
उन्होंने एक सभा आयोजित की पति को भी यह सभा में जाने की सलाह दी गई वह वहां गया
और समाज सेवकों की बातों को सुनकर उनके संदेश में गहराई से विश्वास किया उसने
अपने जीवन में परिवर्तन करने का निर्णय लिया उसने शराब छड़ दी और अपने परिवार के
साथ समय बिताने लगा वह अपनी पत्नी के साथ साझा किया कि उसका जीवन अब बदल गया है और
वह अब उन्हें प्यार करता है धीरे-धीरे उसका श्रेष्ठता की दिशा में पलटना शुरू हो
गया उसने अपने समय को शिक्षा और सामाजिक सेवा में निकालने का निर्णय लिया वह अपने
गांव की सामाजिक समस्याओं का समाधान करने में सक्रिय रहने लगा उसका यह परिवर्तन
उसके परिवार और समाज के लिए एक आदर्श बन गया उसकी पत्नी और बच्चे भी उसे प्रेम और
सम्मान से देखने लगे उसके साथ रहकर उन्हें खुशियों का एहसास होने लगा इस कहानी से
हमें यह सीखने को मिलता है कि
ना तो किसी को अपने अदभुत स्वभाव से जजबा और विचारों
को बदला जा सकता है
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