Main

The History of Slavery | Urdu & Hindi

गुलामी का इतिहास | The History of Slavery | Urdu & Hindi This video delves into the historical facets of slavery, presented in Urdu and Hindi. We embark on a journey that confronts this dark chapter of human history. From ancient civilizations to modern-day abolitionist movements, we explore the diverse narratives surrounding slavery. Join us as we shed light on this important aspect of our collective past. #history #slavery #world #humanrights #abolition #urdu #hindi समय के नायक आंदोलनों तक, हम दुनिया भर में गुलामी की विविध नर्रेटिव्स का अन्वेषण करते हैं। हमारे साथ जुड़ें जब हम इस महत्वपूर्ण पहलू को प्रकाश में लाते हैं। Ghulami ki tareekh history of slavery in the world history of slavery in africa history of slavery in usa history of slavery documentary history of slavery in the us history of slavery around the world history of slavery in brazil history of slavery in india slavery history of slavery history slavery history history of africa history of the world the real history of slavery history of slavery in the muslim world black history zeinab badawi history of africa history of slavery for elementary students history of africa with zeinab badawi history documentary american history us history slavery in the south,slavery history in africa,history shows history channel abolishment of slavery legacy of slavery Babar Arif Open History

Open History

2 days ago

[संगीत] आपने आज तक अकलमंद इंसानों के बहुत से कामों को सराहा होगा बड़ी-बड़ी इमारतें और वक्त का पता लगाने से लेकर सोशल मीडिया के तेज तरीन दौर तक सब इंसानों का ही किया धरा है मगर क्या आप तारीख के उन काले पन्नों के बारे में जानते हैं जब एक इंसान दूसरे इंसान को खरीदा करता था इंसानों को खरीदने के लिए मंडियां लगती थी का मालिक बगैर किसी पैसे के ववज 1818 घंटे उनसे काम करवाया करता था और सिर्फ मर्द ही नहीं औरतों को भी स्लेव्स बनाया जाता था औरतों के साथ बगैर किसी शादी के सेक्स किया जाता था यह गुलामी का दौर
इंसानी तारीख का बदतर दौर है जो कि यूरोप एशिया और मिडिल ईस्ट तक अपने पंजे गाड़े हुए थे और यह दौर कोई बहुत पुराना नहीं बल्कि आज से 200 साल पहले तक भी यह अपने उरूज पर था मगर फिर ऐसा क्या हुआ कि यह चीज बिल्कुल खत्म हो गई और सवाल तो यह भी है कि लोग गुलाम आखिर बनाते ही क्यों थे इसकी तारीख कितनी पुरानी है और यह सिस्टम कब खत्म हुआ तो यह सब कुछ जानने के लिए इस वीडियो को लाइक कीजिए लाइक नहीं करेंगे तो एल्गोरिदम आगे कैसे इसको बढ़ाएगा इस चैनल को सब्सक्राइब कीजिए और अपनी राय कमेंट सेक्शन में जरूर दीजिए तो सब
से पहले गुलामी की डेफिनेशन देखते हैं कि स्लेवरी आखिर कहते किसे हैं गुलामी कहते हैं एक ऐसी हालत को जिसमें कोई इंसान दूसरे इंसान के ताबे हो यानी कि इस तरह से जिंदगी गुजारे कि वह अपने फैसले तक खुद ना कर सकता हो उसके तमाम फैसलों का हक जो है उसके मालिक को जिसको आका भी कहा जाता है उसे हासिल हो आप किसी गलत ख्याल में ना रहिए कि सिर्फ मर्द ही गुलाम होते थे बल्कि औरतें भी गुलाम होती थी लेकिन औरतों के लिए एक लफ्ज इस्तेमाल किया जाता था लौंडी कनीज या बांधी अब गुलामी की शुरुआत के बारे में कोई भी यकीनी राय देन
ा काफी मुश्किल है गुलामी के सबूत तहरीर रिकॉर्ड से पहले के हैं ह्यूमन हिस्ट्री के जो कवानी हमें आज तक मिले हैं उन में से सबसे पुराने कवानी मेसोपोटामिया सिविलाइजेशन के बादशाह हमरा बी के कवानी है हमरा बी 1750 से लेकर 1796 कबले मसीह तक इस सल्तनत का बादशाह रहा मतलब यह कवानी आज से कमोबेश 3800 साल पहले बनाए गए थे इन कवानी की स्टडी से हमें आज भी यह मालूम होता है कि उस दौर में भी यानी कि 3800 साल पहले भी गुलाम बनाए जाते थे स्लेवरी की प्रैक्टिस तो बहुत से कल्चरस में मौजूद थी लेकिन हमें यह जानना है कि आखिर
वजह क्या बनी कि लोगों ने गुलाम बनाना शुरू किया तो इसके लिए हमें आज से 11000 साल पहले आए न्यूले रेवोल्यूशन के बारे में जानना होगा जिसे फर्स्ट एग्रीकल्चर रेवोल्यूशन भी कहते हैं जब इंसान ने जानवरों और पौधों को पालना शुरू किया और जमीन को भी वह संभालने लगा तो इकोनॉमिक सर पसल और हाई पॉपुलेशन डेंसिटीज वो हालात थे जिन्होंने बड़े पैमाने पर लोगों को गुलाम बनाने पर उभारा कोई भी खिता इस धब्बे से खाली नहीं है जहां गुलाम ना बनाया जाता हो कदीम मिस्र चीन अशोरिया बाबुल फार कदीम इसराइल यूनान रोमन एंपायर हिंदुस्त
ान और हत्ता के अरब में इस्लामी खिलाफ तों में भी गुलाम और लौं के भेदभाव चलते रहते थे आप यह तख्ती देखिए जिसमें 1480 कबले मसीह में एक गुलाम का अपने आका के साथ मुआय दर्ज है आप यह तस्वीर भी देखिए जिसमें सन 200 एडी में रोमन एंपायर में गुलामों को जंजीरों से जकड़े हुए भी देखा जा सकता है ये गुलामी मुख्तलिफ मुशरफ लिफ शक्लों में आई दरबारी गुलामी बादशाही फौजों में शामिल गुलाम घरेलू गुलाम जमीन पर काम करने वाले गुलाम सनत में कोरियर और बेचवा के तौर पर यहां तक कि ताजिर के तौर पर भी गुलाम बनाए जाते थे यह तो थी ग
ुलाम बनाने की शुरुआत मगर फिर तारीख में ऐसा दौर आया कि जब बड़े पैमाने पर इनकी ट्रेड शुरू हो गई 1441 वो दौर था जब पुर्तगीज 12 गुलाम गुलामों को अफ्रीका से निकाल कर ले गए बहरे ओकनकाल ओशियन में गुलामों की तिजारत का बाकायदा आगाज 1444 में हुआ जब पुर्तगाली ताजिर ने पहली बड़ी तादाद में गुलामों को अफ्रीका से यूरोप पहुंचाया और हैरानी की बात यह है कि यह बड़ी तादाद में गुलाम और लौंडिया समुंदरी जहाजों में भर भर कर दूसरे मुल्कों में ले जाए जाते थे और उनके साथ रास्ते में बहुत बुरा सलूक किया जाता था कोई मरता है
मरे उनकी बला से उन्हें एक मुकम्मल इंसान नहीं समझा जाता था 1560 ब्राजील में गुलामों की तिजारत का बाकायदा आगाज हुआ हर साल तकरीबन 2500 से लेकर 6000 गुलामों को इवा करके ले जाया जाता था इसी 16वीं सदी के दौरान यूरोप ने अफ्रीका से अमेरिका तक गुलामों की स्मगलिंग के साथ बरामद ट्रैफिक में अरब दुनिया को पीछे छोड़ना शुरू किया 1619 अफ्रीका से गुलामों को ले लेक आने वाला पहला जहाज उस वक्त की बतान कॉलोनी वर्जिनिया में लंगर अंदाज हुआ यह अमेरिका में गुलामों की तिजारत के उस दौर का आगाज था जो कि लगभग 200 साल तक जार
ी रहा 1637 जब डिच ताजिर ने गुलामी को बाकायदा कीी से मुंत किल करना शुरू किया यानी कि एक मेरा गुलाम है तो मेरे बेटे को वो मुंत किल हो जाएगा यानी कि विरासत का वो हिस्सा बनने लगा 1685 फ्रांस ने ब्लैक कोर्ट जारी किया यह एक कानून है जो यह तय करता है कि फ्रांसीसी कॉलोनियों में गुलामों के साथ कैसा सलूक किया जाए और अफ्रीकी नस्ल के आजाद लोगों की आज़ादियां और मुराद को महदूद किया जाए 1662 में वर्जीनिया के कानून की तश्य के जरिए गुलाम बनाए गए मजदूरों के इस्तेमाल की तौसी की गई और इसकी मुसलसल तरक्की को फरोग दिय
ा गया जिसने हुकम दिया कि बच्चे की हैसियत मां की हैसियत की पैरवी करती है यानी कि मां अगर गुलाम होगी तो उसकी कोख से पैदा होने वाला बच्चा भी गुलाम होगा अब अफ्रीकी नस्ल को इंसानों से हटकर आशिया के तौर पर देखा जाता था इस कानून ने यूरोपी नौ आबादिया और उसकी नस्लों की नस्लों के लिए भी दौलत को महफूज बनाया यहां तक कि आजाद सया फाम लोगों को कानूनी तौर पर उनकी दौलत अपने बच्चों को देने से मना कर दिया गया यह दौर खत्म हुए कोई बहुत ज्यादा टाइम नहीं हुआ आप आज से दो 250 साल पहले ले जाए तो आपको नजर आएगा कि गमे बिया
नाइजेरिया और अफ्रीका में जगह-जगह ऐसे जाल नजर आते थे जो सया फमों को पकड़ने के लिए बिछाए जाते थे जंजीरों में जकड़ करर अमेरिका यूरोप ले जाए जाते जहां खरीदो फरोख्त होती उनको सिर्फ इतना ही खाना मिलता कि जिससे वह जिंदा रह सके और काम करने के काबिल रह सके फिर यह हुआ कि 18वीं सदी में फ्रांस के अंदर ऐसे कानून तक बनाए गए कि जिसमें यह कहा गया कि गुलाम अगर किसी आजाद शख्स से लड़ाई भी करता है तो गुलाम को सजाए मौत तक दे दी जाएगी भाग जाने वाले गुलामों को पकड़कर उनके कान काट दिए जाएंगे और जिस्म दागा जाएगा तीन बा
र मुसलसल एक गुलाम अगर भाग जाएगा तो उसको भी सजाए मौत दे दी जाएगी फिर तारीख ने देखा कि जैसे-जैसे कपास की मांग बढ़ती गई और पापुलेशन बढ़ती गई गुलामी और ज्यादा मुनज्जा होने लगी बहुत से मुल्कों की तो आधी आधी आबादिया गुलाम थी जैसा के शुमाली नाइजीरिया और कैमरन के सोकोटो खिलाफत की आधी आबादी गुलाम थी एक अंदाजे के मुताबिक अरब सवाली जंजीबार की 90 पर आबादी को गुलाम बनाया गया था मगरिब सडन की इबत दई इस्लामी रियासतों में बशम पूल घाना माली सैगो और शंघाई तकरीबन एक तिहाई आबादी इनकी भी गुलाम बनाई गई थी यह गुलामी ज्
यादातर अफ्रीका के अंदर थी और यह गुलामी इथोपिया में तो 1942 तक गुलामी चलती रही अब एक जहन में सवाल पैदा होता है कि आखिर कितने लोगों को गुलाम बनाया होगा तो एंटी सलबी सोसाइटी ने अंदाजा लगाया कि 1930 की दहाई के शुरू में आठ से लेकर 16 मिलियन के दरमियान तकरीबन 20 लाख लोगों की आबादी जो थी वह गुलाम थी इन गुलामों की तिजारत ने चर्च यूरोपी कौमी रियासतों न्यू वर्ल्ड कॉलोनियों और अफराद को सियासी ताकत समाजी हैसियत और दौलत फराम की आप जॉन ग्रीनवुड का यह पोर्ट्रेट देखिए जिसमें गुलामों के ताजिर गुलामी की तिजारत के
मरकज सिरी नाम की डिच कॉलोनी में एक होटल में शराब पी रहे हैं इन लोगों ने आलमी सतह पर गुलामी से पैदा होने वाली एशिया की तिजारत करके पैसा कमाया आप इस पोर्ट्रेट में जिन लोगों को देख रहे हैं किसी ने सोचा तक नहीं था कि नजर आने वाले शख्स मुस्तकबिल में क्या से क्या बन जाएंगे इनमें से एक मुस्तकबिल के गवर्नर निकोलस कोक और जोसेफ वाटन बने इनमें से एक एसक हॉप किंस कॉन्टिनेंटल नेवी के मुस्तकबिल के कमांडर इन चीफ बने और स्टीफन हॉप किंस जो आखिरकार आजादी के ऐलान पर दस्तखत करने वालों में से एक बने आप ये जानकर हैर
ान होंगे कि एक रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपी अकवाले 2 करोड़ 10 लाख स्या फमों की तिजारत की जिसमें बतानिया का हिस्सा 30 लाख है मगर इस तरह कहते हैं कि हर उरूज का जवाल होता है तो गुलामी को भी जवाल आना ही था 1807 में ब्रितानिया ने गुलामी के खात्मे का बाकायदा ऐलान किया था और 2007 में इसकी दोवी सालगिरा भी मनाई गई दरअसल ये आवाज 1791 में सियाह फार्म रियाजी दान साइंस दन मायरे फलक और सर्वे करने वाले बेंजामिन बनेक ने बुलंद की और इस जह नियत के खिलाफ बहस की जब उसने उस उस वक्त के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट जेफरसन को खत लि
खा इस पर जोर दिया कि वह अपने तंग तासु बात को दुरुस्त करें मजह का खेज और गलत ख्यालात और आरा जो आम तौर पर हमारे हवाले से लिबेन को सही करें आप गलत सोचते हैं कि एक काला शख्स है तो उसको गुलाम ही बनाना है फिर ब्रितानिया फ्रांस पुर्तगाल और दूसरी यूरोपी अकवाले 19वी सदी में गुलामी को खत्म कर लिया अमेरका ने 18622 हॉलैंड ने गुलामी को खत्म किया और फिर फ्रांस ने मई 2001 में कानून भी बनाया जिसमें गुलामी को इंसानियत के लिए जुर्म करार दिया गया इसके बाद 1948 के अकवाबा के चार्टर के मुताबिक इंसानों की खरीदो फरोख्त
या गुलामी की कोई भी किस्म आलमी सतह पर ममनू और कानूनन जुर्म करार दी गई और 23 अगस्त को गुलामों की तिजारत के खात्मे का आलमी दिन भी मनाया जाता है पाकिस्तान में भी 1973 के के शिक 11 के तहत गुलामी के तसव्वुर को बिल्कुल खत्म करार दिया गया और इसे गैर इंसानी और गैर कानूनी करार दिया गया मगर एक सवाल अब भी मौजूद है कि दुनिया में इतने सारे रिलीजन आए जो अमन का दर्स देते थे क्या वो इस घटिया चीज को जिसे गुलामी कहा जाता है जिसे ह्यूमन स्प्रिट पसंद ही नहीं करती वो इन चीजों को क्यों खत्म नहीं कर सकी तो इस सवाल का
जवाब आप कमेंट सेक्शन में जरूर दीजिए और यह भी बताइए कि क्या मैं अगली वीडियो इसी पर बनाऊं तो यह थी अब तक की गुलामी की एक लंबी सी तारीख जिसे हमने मुख्तसर अंदाज में समझने की कोशिश और अगर आप स्लेवरी पर बुक्स पढ़ना चाहते हैं तो एक किताब मैं आपको रिकमेंड करूंगा कि फ्रीडम डेप्थ उस किताब का नाम है द रॉयल अफ्रीकन कंपनी एंड द पॉलिटिक्स ऑफ द अटलांटिक स्लेव ट्रेड ये किताब आप पढ़ सकते हैं विलियम्स ए पैट्रियो की ये लिखी हुई किताब है इसके अलावा 12 इयर्स अ स्लेव मूवी भी आप देख सकते हैं जिससे आपको बहुत कुछ समझने
और सीखने को मिलेगा यह मूवी जो है एक किताब को लेकर ही बनाई गई है तो यह वीडियो आपको पसंद आई है तो इस वीडियो को लाइक कीजिए इस चैनल को सब्सक्राइब कीजिए और कमेंट में अपनी राय जरूर दीजिए थैंक यू वेरी मच

Comments

@khalidjan8723

زبردست سوہنے

@babararif92

thanks alot.........

@user-ku1lf6kt8f

Video Kamal hai ....

@aatifalishah8372

Interested video

@maazJ4405

Bro , u deserve more ❤❤❤❤ Love U

@Elevation_19

Saudi Arabia ne 1962 me ghulami ko officially khatam ki Aur ghulami ko officially khatam karane wala aakhri mulk Mauritania hai jisne ghulami ko 1981 me khatam Kiya Ghulami UN ke pressure ke wajah se khatam huaa hai Dukh ki baat ye hai ki kishi relision ne ise khatm nhi Kiya aur na bura mana. Majeed video banaye is topic pe Mai ghulami ko bura isliye Manta hu ki Mai khud gulam nhi bnana chahta. Aaj bhi 60s ke Ghulam aur laundiyon ki mandiyan wali video you tube par maujood hai.