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What is Importance of Educational Psychology? |complete course||IN URDU| |EDUCATIONAL PSYCHOLOGY|

This is my youtube channel The purpose of this channel is just for learning What is Importance of Educational Psychology? |complete course||IN URDU| |EDUCATIONAL PSYCHOLOGY| Psychology is the science of behavior and the mind. In the BS Program, the study of Psychology provides an understanding of the basic processes of sensation, perception, learning, cognition, development, and personality along with the principles of Social Psychology, Clinical Psychology, and Behavioral Neuroscience. Psychology majors develop a broad understanding of human behavior as well as the skills to understand and interpret research findings concerning human behavior. The psychology curriculum includes courses in cognitive, developmental, behavioral and neural studies, learning, personality, social and clinical psychology Beyond the natural satisfaction that comes from helping people, psychology careers often offer stability, competitive salaries, and the potential for growth and specialization. #mentalhealthawareness #pakistan #followers #mental #mentalhealthquotes #anxiety #lmft #motivation #mentalhealthisimportant #psychologyclass Links https://youtu.be/BatBaMi21Xo https://youtu.be/6hrd85jyrcg https://youtu.be/mBfnuJGgW6k https://youtu.be/DHBO9aYv8vQ https://youtu.be/JKOlt7jPRgQ Links https://youtu.be/7Ipxnkxo7jI https://youtu.be/5mNZpkFFptk https://youtu.be/UO1uZKdmkOQ https://youtu.be/HeZu1vHnwJU https://youtu.be/b0n_FUVnZHQ https://youtu.be/HUqdv5kK6q4 https://youtu.be/Qnaqnlf1BGk https://youtu.be/D5lnrDuUHAE

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2 months ago

अस्सलाम वालेकुम स्टूडेंट वेलकम टू माय काउंसलर मिल जाए इस वजह से जो गाइडेंस का प्रोसेस है वह आसान हो जाता है तालीम भी आसान हो जाती है क्योंकि हमें पता होता है कि हम फिर हमारी स्किल्स के मुताबिक ही हमें गाइड किया जा रहा होता है या फिर हमें काउंसलिंग हमारी हो रही होती है अब इसकी इंपॉर्टेंस क्या है हमने बात करनी है कि तालीमी रहनुमाई की इंपॉर्टेंस क्या है किस वजह से इसकी अहमियत क्या है यह क्यों जरूरी है तो तुलबा की मुकम्मल नश मां के लिए भी तालीमी रहनुमाई बहुत ज्यादा अहमियत रखती है अब तुलबा की जो डेवल
पमेंट का अमल है वह महज सिर्फ जो सब्जेक्ट है उसकी तदरी के जरिए मुकम्मल नहीं हो जाता कि सिर्फ स्टूडेंट आया स्कूल में उसे पढ़ाया उसने अपना बैग बैक किया और घर चला गया घर से बैग उठा के लाया खोला पढा और फिर चला गया यह प्रोसेस सही नहीं होगा अब जो स्टूडेंट्स है उनकी कंपलीटली डेवलपमेंट के लिए हमेशा एजुकेशनल गाइडेंस की जरूरत पेश आती है अब जो एजुकेशनल गाइडेंस का पर्पस है वो तुलबा में क्या करता है कि खुद शनास पैदा करता है इसके अलावा टीचर्स की इस अंदाज में हेल्प करता है कि उनको स्टूडेंट्स को समझने की स्किल्स
पैदा हो अब टीचर अगर स्टूडेंट को समझेगा ही नहीं तो फिर वह सही तरीके से उसको पढ़ा भी नहीं पाएगा यही वजह है कि स्टूडेंट्स के साथ-साथ टीचर्स को भी एजुकेशनल गाइडेंस की जरूरत पेश आती है खुदा आगाही का हसूल हो गया अब तालीमी रहनुमाई का मकसद जो है वो खुदा आगाही पैदा करना है क्योंकि महज नसाबी जो तालीम होती है उस तलबा के लिए काफी नहीं होती अब यह क्लियर आपको बता दूं कि जो फर्द है वो साइकोलॉजी केमिस्ट्री फिजिक्स सोशियोलॉजी हिस्ट्री इस तरह के दूसरे जितने भी सब्जेक्ट्स है उनको पढ़ने के बा बावजूद इस वक्त तक बहु
त जाहिल और गैर महजब रहते हैं जब तक के वह खुदा आगाही हासिल ना कर पाए अब खुदा आगाही का जो हुसूल है वह रहनुमाई का बेसिक पर्पस है फिर हमारे पास आ जाता है कि सब्जेक्ट की सिलेक्शन में हेल्प करना अब सब्जेक्ट की सिलेक्शन में हेल्प इस तरह से किया जाता है कि कॉलेज यूनिवर्सिटी की जो लेवल पर तुलबा जो है स्टूडेंट्स जो हैं वो ऐसे सब्जेक्ट्स को चूज करते हैं जिन्हें पढ़ने के बाद इनको जॉब हासिल करने में मुश्किल पेश आती है क्योंकि मुलाजमत के हसूल में उनके लिए वह हेल्पफुल ही नहीं साबित हो रहे होते क्योंकि व सब्जेक
्ट ही ऐसा पढ़ते हैं उन्होंने जिस फील्ड में जाना नहीं होता उस फील्ड का वो सब्जेक्ट पढ़ रहे होते हैं और बेसिकली होता भी यही है कि वह अपने पहले से सही तौर पर वो गाइडलाइन नहीं ले रहे होते वो सही से काउंसलिंग नहीं उनकी हुई होती जिसकी वजह से वह यह करते हैं कि ऐसे सब्जेक्ट की सिलेक्शन करते हैं जो उनके लिए जरा भी हेल्पफुल नहीं होती अब इस वजह से इसकी वजह यह है कि रहनुमाई का फुक दन है एजुकेशनल गाइडेंस उनकी नहीं होती पेरेंट्स क्या करते हैं कि बिना सोचे समझे अपनी जो औलाद है उनकी स्किल्स को जांचे बगैर ऐसे जो
सब्जेक्ट्स है उनको ऊपर पढ़ने पर मजबूर कर देते हैं जिनकी तरफ उनका कोई रुझान ही नहीं होता यही वजह है कि एजुकेशनल गाइडेंस जो है उसकी एयत इस तरह से है कि वह स्टूडेंट्स की हेल्प को हेल्प आउट करते हैं कि वह अपनी स्किल्स की मदद से अपने करियर का सही से इंतखाब कर सके अपने जो सब्जेक्ट्स हैं उनको सही तरीके से चूज कर सके पेश वराना मालूमात आ जाती है अब जो एजुकेशनल गाइडेंस है उनमें जो यंगस्टर हैं यंगस्टर जितने भी स्टूडेंट्स होते हैं उनको दौरान तालीमी मुख्तलिफ कामों और पशों के बारे में भी इंफॉर्मेशन दी जाती ह
ै अब इंफॉर्मेशन इस वजह से दी जाती है कि जिससे उनमें मुख्तलिफ कामों और पशों की जिम्मेदारियों का जो शूर है वह पैदा हो अब जब शूर पैदा हो जाएगा तो फिर उसको जानने के बाद नौजवानों के लिए ऐसे पेशे का इंतखाब करना आसान हो जाता है जो उनकी एबिलिटीज और उनके स्किल से एडजस्टमेंट रखने के साथ-साथ उनके लिए फायदा मंद हो नफा बश हो खानदान के पहले बच्चे के लिए अब ऐसे स्टूडेंट्स को गाइडेंस की बहुत ज्यादा जरूरत होती है जो अपने खानदान में सबसे पहले आला तालीमी दारो तक पहुंचे अब इनके खानदान में पहले तो कोई ऐसी मिसाल ही म
ौजूद नहीं होती कि वह जिसकी मदद से अपने करियर का इंतखाब कर सके या उन्होंने कोई मुशाहिद किया हो उनके पास पहले से कोई एक्सपीरियंस हो कि उस बंदे ने यह वाला सब्जेक्ट रखा था य इस तरह से करके यह सब्जेक्ट हेल्पफुल हो सकता है तो इस वजह से जो खानदान का पहला बच्चा है उसको तालीमी रहनुमाई की बहुत ज्यादा जरूरत पेश होती है और जो माहरीन है वह बेहतर शोभे के इंतखाब में उनकी हेल्प करते हैं अब पसमांदा इलाकों के तलबा की मावत अब ऐसे स्टूडेंट्स जो इन इलाकों में रहते हो जहां पर जदीद जिंदगी की तमाम सहूलियत मयस्सर नहीं ह
ोती अब जब उनके पास सही से सहूलियत मयस्सर नहीं होंगी उनके पास इंटरनेट नहीं होगा उनके पास टीवी नहीं होगा तो उनके जो प्रॉब्लम्स है और उनकी जो जरूरियत है उनकी जो है वो भी मुख्तलिफ होगी अब मुख्तलिफ होगी तो ऐसे जो स्टूडेंट्स हो वो दूसरे इलाकों से आए होंगे तो वह अपने जो एज पहलो होंगे उन स्टूडेंट्स से मुताबिक हासिल नहीं कर पा रहे होते उनको मुताबिक हासिल करने में दिक्कत होती है अब ऐसे स्टूडेंट्स को दूसरे अफराद से गुफ्तगू करने उनको दोस्त बनाने और अपने जो टाइम है उसको नफा बख्श तरीके से इस्तेमाल करने लाइब्र
ेरी से फायदा उठाने और इस तरह की जितनी भी दीगर सहूलियत होती है फैसिलिटी होती हैं उन सबको यूज करने के लिए भी एजुकेशनल गाइडेंस की बहुत ज्यादा अहमियत है इसी तरह आ जाता है कि उलझन और मुश्किलात का हल अब जो एजुकेशनल गाइडेंस है उसमें ऐसे स्टूडेंट्स की हेल्प की जाती है जो मुख्तलिफ उलझनों और मसाइल का शिकार होते हैं परेशानियों में फसे होते हैं उनके पास हा हायर एजुकेशन उन्होने हासिल की होती है लेकिन उसके बावजूद उनको जॉब वगैरह ना मिल रही हो उनका बिजनेस ना चल रहा हो तो उस वजह से व मायूस हो जाते हैं तो ऐसे जो
स्टूडेंट्स स्टूडेंट्स हैं उनको अपने प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने के लिए और उनसे निपट ने के लिए एजुकेशनल गाइडेंस की जरूरत रहती है एडजस्टमेंट आ जाती है य मुताबिक अब जब स्टूडेंट्स को एडजस्टमेंट कायम करने में मुश्किल पेश आ रही होती है तो रहनुमाई और मुशा वत के जो माहरीन है उनकी मदद से उनके किरदार और उनकी सोच में बुनियादी तब्दीलियां लाई जाती है बेसिक चेंजिंग उनके अंदर आ जाती हैं अब इस प्रोसेस से गुजरने के बाद क्या होता है कि उनमें माहौल से बेहतर एडजस्टमेंट कायम करने की एबिलिटी पैदा होती है अब जब बेहतर एबि
लिटी पदा होगी तो व किसी भी माहौल में बेहतरीन तरीके से एडजस्ट खुद को कर पाएगा इसी तरह खुसूसी तुलबा की रहनुमाई आ गया खुसूसी तुलबा जो है जो स्टूडेंट्स जो है वो कम एबिलिटीज के मालिक हो उन्हें ज्यादा तवज्जो और ज्यादा रहनुमाई की जरूरत होती है अब ऐसे जो स्टूडेंट्स होती हैं उनकी स्किल्स का को एनालाइज किया जाता है उनकी एबिलिटीज को एनालाइज किया जाता है कि किस तरह की एबिलिटीज इनके अंदर है कि इन्हें ऐसी तालीम दी जाए जो उनके वसाय वक्त और पैसे की बत कर सके आ जाता है स्कूल के बाद वक्त का मुनासिब इस्तेमाल अब मा
हिरी जो है वह स्टूडेंट्स को जायद वक्त का बेहतर इस्तेमाल करने में भी गाइडलाइन प्रोवाइड करते हैं ताकि स्टूडेंट्स जो है वह अन्य सेस एक्टिविटीज में अपनी एबिलिटीज और अपनी स्किल्स को और अपने टाइम को जाया ना करें अपने ग्रेड बेहतर बनाने के सिलसिले में इन्हे पॉजिटिव तामीरी और नसाब से मुताल सरगर्मियां के बारे में भी आगाह किया जाता है कि आप अपने टाइम को किस तरह से यूज करके किस तरह अपना टाइम गुजार सकते हैं और पॉजिटिव एक्टिविटीज में सर्फ कर सकते हैं दीगर प्रॉब्लम्स आ गया अब दीगर मसाइल जो है स्टूडेंट की मसाइल
हा इनके पेरेंट से मुतालिक हो या रिश्तेदारों से इनका तालुक हमेशा दोस्त बाब से हो या दीगर स्टूडेंट फैलो से अब इनकी जो हेल्प के लिए हमेशा मुस्त माहिन की खिदमा हासिल की जाती है अब ऐसे स्टूडेंट्स जो खुद खुद तकरीब सरगर्मियां में मुलस हो जाए या ऐसी एक्टिविटीज का निशाना बन जाए जो इन सबको भी रहनुमाई के जो एक्सपर्ट्स होते हैं मुश्किलात से निकालते हैं अब जब एक्सपर्ट्स उनको मुश्किलात से निकालते हैं तभी उनके प्रॉब्लम्स हल होते हैं उनको सलूशन देते हैं कि आप इस तरह के प्रॉब्लम का इस तरह सलूशन करके आप इस प्रॉब
्लम से निकल सकते हैं तालीमी रहनुमाई जो है बेसिकली अगर हम इसके बात करें एट द एंड ऑफ लेक्चर कि तालीमी रहनुमाई और मुशा भत में न जवानों को बताया जाता है कि वह अप कैसे अपनी एबिलिटीज और अपनी स्किल्स को भरपूर तरीके से इस्तेमाल करके अपनी जाती तालीमी और समाजी तरीके से हासिल कर सकते हैं कि किस तरह वह अपने जाती तालीमी समाजी तरीके तरक्की हासिल कर सकते हैं और आखिर में एक शेर हो जाए तुम्हें किसने कहा था यह किसी सुनसान रास्ते पर किसी अनजान चेहरे से जरा सी आशनाई को बहुत ही खास डालो तो यह था हमारा आज का लेक्चर ह
ोप फुली आपको लेक्चर पसंद आया होगा अगर मेरी वीडियो अच्छी लगे तो चैनल को सब्सक्राइब करें लाइक करें फ्रेंड्स के साथ शेयर करें थैंक यू फॉर वाचिंग अल्लाह हा

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