क्या आप जानते हैं हमारे उंगलियों में यह
रेखाएं तब बननी शुरू होने लग जाती हैं जब हम मां के पेट में लगभग फोर महीने के होते
हैं इन रेखाओं को भी सूचना डीएनए देता है आश्चर्य है कि यह रेखाएं किसी भी
परिस्थिति में हमारे माता-पिता या संसार के किसी भी मानव से मेल नहीं खाती रेखाएं
बनाने वाला इतना विशिष्ट है कि वह अरबों खरबों की संख्या में प्राणी जो इस संसार
में हैं और जो गुजर चुके हैं उन सभी की उंगलियों में उपस्थित इन रेखाओं के एक-एक
भाम डिजाइन से परिचित है और हर बार एक-एक नए प्रकार का डिजन स्थापित करके ख
ुद को
सिद्ध करता है जानकर आश्चर्यजनक होगा कि जलने कटने या मिटने पर यह रेखाएं वापस उसी
रूप में विकसित होती है जिनमें एक डॉट का भी अंतर नहीं होता कोई तो है जो यह सब कर
रहा है और चला रहा है शायद वही ईश्वर है जो हर चीज में सूक्ष्म से सूक्ष्म रूप में
विद्यमान है फैक्ट से जुड़े वीडियो में दिलचस्पी है तो हमसे जुड़े रहिए
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