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संपूर्ण अलंकार.#youtube video.G.R.Study.point.Educational video.

संपूर्ण अलंकार.#youtube video.G.R.Study.point.Educational video. हिंदी व्याकरण. अलंकार. उपमा अलंकार रूपक अलंकार श्लेष अलंकार. अनुप्रास और यमक अलंकार. भ्रांतिमान अलंकार. संदेह. G.R.Study.point. @GeetaraniRathour .com. #youtube video.

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5 months ago

[संगीत] हेलो दोस्तों आपका स्वागत है मेरे युटुब चैनल स्टडी पॉइंट में और आज मैं हिंदी व्याकरण का अलंकार टॉपिक बता रही हूं जो की एग्जाम की दृष्टि से बड़ा ही इंपॉर्टेंट है हर एग्जाम में अलंकार टॉपिक से कोई ना कोई अलंकार आता है एक ना यह क्वेश्चन आता ही है तो आप सब काफी में लेकर तैयार हैं तो आई देखते हैं अलंकार अलंकार शब्द आलम धातु से बना है जिसका अर्थ है आभूषण जी प्रकार सोनी चांदी के आभूषणों से शरीर की शोभा बढ़नी है समझ गए काव्या की अलंकार कितने प्रकार के होते हैं दो प्रकार के कौन-कौन से शब्द अलंकार
अर्थात अलंकार शब्दालंकार कितने प्रकार के होते हैं तीन प्रकार के अनुप्रास यमक और शैलेश पहले अलंकार है हमारा अनुप्रास जहां एक वर्ण या अक्षर की आवृत्ति या आगमन एक से अधिक बार हो वहां अनुप्रास अलंकार होता है वहां पर अलंकार हो गया अनूप कल कानन कुंडल मोर पढ़ा का कलमे का कानन में का कुंडल में काका तीन बार आया है एक से अधिक बार आई एक शब्द या अक्षर बड़े अक्षर एक ही बात है एक से अधिक बार आई उसकी आवृत्ति एक से अधिक बार हो तो वहां अनुप्रास अलंकार होता है खड़क सिंह के खड़कने से कड़कती हैं खिड़कियां खड़क सिंह
खड़क सिंह में खड़क में खड़कने में कड़कती में खड़ातियों में मां माही सभी में एक से अधिक बार एक अक्षर ए रहा है तो वहां पर अलंकार हो रहा है अनुप्रास हो गया अभी हमने पीछे बताया अनुप्रास अलंकार में की एक अक्षर एक से अधिक बार आई अक्षर की बात हो रही थी अनुप्रास अलंकार में यहां पर बात हो रही है एक शब्द शब्द यानी की कई अक्षरों से मिलकर बंता है एक शब्द तो एक शब्द एक से अधिक बार आए और हर बार उसका अर्थ भी अलग हो तो वहां पर यमक अलंकार होता है कनक कनक दो शब्द है कनक एक शब्द दो बार आया है कनक कनक अर्थ दोनों क
े अलग-अलग हैं एक कनक मैन सोना एक कनक मैन धतूरा कनक कनक ते सो गनी काली घाट का घमंड घाट काली घाट घमंड घाट है एक बार घाट यानी घटना दूसरी बार घाट है तू मोहन के अर्थ अलग है यानी हृदय में बस गई उसके लिए प्रयोग किया गया तारे एक तारे हैं तारा पहले तारा है तारे हैं तारे मैन उधर उधर के लिए किया गया की देते तू तारे भगवान जैसे तुमने तार दिए जितने का तुमने उधर कर दिया देते नभ में ना तारे में आकाश में तारे नहीं हैं हां हो गया जय तीन बर खाती थी तीन बर खाती हैं बर बर एक बार है बर फल एक बार है बर्बर पहले बार में
है तीन बर खाती थी यानी तीन बार जो खाती थी बर का मतलब तीन बार जो खाती थी तीन बर खाती है बी अब तीन बर केवल तीन बर के फल खाती हैं हो गया इस तरह से यह हमारा यह मकान एक शब्द दो से दो बार आए या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ भी अलग-अलग हो तो वहां पर यमक अलंकार है अच्छा सिलास यानी की ली यानी की ली जैसे दीवार पर कच्ची दीवार पर ली लगाते हैं गांव में उसको चिपक जाता है उसे इस तरह से ली का अर्थ है चिपकना जहां एक शब्द एक ही बार प्रयोग हो और उसके अर्थ अलग-अलग हो या एक से अधिक हो वहां पर कौन सा अलंकार होगा पढ
़ रहे हैं की एक शब्द एक बार आए एक ही बार प्रयोग हो एक ही बार आए और उसके अर्थ अलग-अलग हो या उनके अर्थ कई हो तो वह कौन सा अलंकार हो गया हमारा सिलेश जैसे सुमिरन को धुंधकारी चोर सुम्मरण यानी की सोना सोनी को कभी ढूंढता है व्याधिहारी भी ढूंढता चोर भी ढूंढता है सुमिरन एक बार यहां पर कई अर्थ लगे हैं एक है सुमिरन का अर्थ सोना और दूसरा सूरन का अर्थ है अच्छे शब्द ढूंढता है बाढ़ दूसरी बार प्रयोग है अब यहां पर दो अर्थ एक है नीचे का अर्थ विनम्रता जितनी विनम्रता दिखा सकेगा जो जो उतना ही ऊंचा उठेगा और एक नीचे क
ा अर्थ है निशा यानी की नीचे हो गया इस तरह से हमारे सिलेश और यमक में अंतर भी आपको पता चल गया होगा की वहां पर अर्थ अलग-अलग होंगे तो वहां पर शब्द भी अलग-अलग आएंगे इसलिए इसमें अर्थ एक ही आएगा किंतु उसके अर्थ अलग-अलग होंगे हो गया हमारा सिलास और ये अब हम बताते हैं सदा अलंकार ये मेरे शब्दालंकार है मैंने अर्थात अलंकार तीन प्रकार के बताए थे उन प्रयास यमक और सिलेश यह है मेरे शब्द अलंकार शब्द अलंकार हैं छह प्रकार छह प्रकार के होते हैं उपमा रूपक उत्प्रेक्षा संध्या और भ्रांतिमान अलंकार से इसकी शुरुआत करते है
ं दूसरी वास्तु या व्यक्ति के साथ किसी गुणधर्म अथवा स्वरूप में सामान्य दिखाई जाए और सामान्य वाले शब्द भी सामान्य वाले शब्द भी जैसे समान जैसे आदि वाचन शब्द आएं वहां उपमा अलंकार होता है जैसे उपमा देना तो सभी लोग जानते हैं ज्यादातर जैसे पीपल के पेट के समान मेरा मां डोलता है कभी बता रहा है की यहां पर पेपर पेट समान मेरा मां डोलता है तो पी पर यानी की पी पर पाठ मैन पत्ता मनमाने मां डोलता है सरस क्या है हमारा वाचन शब्द है किसका उपमा का उपमा का वाचन शब्द है की पीपर के पेट के समान यह सामान्य दशा रहा यह साम
ान्य दर्शाने वाला शब्द है जिसमें यह शब्द ए जैन तो हमारा हो जाएगा उपमा अलंकार उपमा अलंकार यह पहचान है सामान्य दर्शाने वाला तो वहां पर उपमा अलंकार होता है चंद्रमा के समान सुंदर मुख बताया है कैसे कमल से आगे से नील गगन सा शांत हृदय ने इस तपस्वी से लंबे थे इस तपस्वी लंबे थे लंबे थे तपस्वी से रोहतक अलंकार यहां पर जो काम उपमा का होता है वही काम रूपक का यानी की जहां उपमा में क्या था जहां एक वास्तु या व्यक्ति की दूसरे व्यक्ति या वास्तु से गुणधर्म या स्वरूप में सामान्य दिखाई जाए से काम इसमें होता है इसमें
भी यही होता है की एक व्यक्ति की या वास्तु की दूसरे व्यक्ति या वास्तु से उपमा दी जाए या सामान्य दिखाई जाए वहां पर उपमा अलंकार होता था यहां पर बात उसमें भी वही है बात इसमें भी वही है उपमा उसमें भी दी जा रही है उपमा इसमें भी दी जाएगी रूपक में मुख्य चंद्र तुम्हारा देख सके उसमें क्या था उसमें अगर उपमा होता तो होता यहां पर मुख्य चंद्र सा तुम्हारा देख सके इसमें मगर यहां पर रूप का तो क्या किया उसने मुख चंद्र तुम्हारा देख सके बात वही है मुख्य यानी मुख्य चंद्रमा के समान तुम्हारा देख के सखी है साकी तुम्हा
रा चंद्रमा के समान मुख देखकर हो गया ये मानसागर मेरा लहराता मां सागर की तरह लहराता उपमा वही है उपमा दी जा रही है रूपक में भी मां की जा रही सागर से मगर वाचन शब्द सी नहीं ए रहा है इसमें और इसमें आएगा वो क्या होगा जाति है की बीच में योजक चिन्ह से बोलते हैं किंतु उपमा वाले वाचन शब्द नहीं होते हैं यह तो इसे आप पता लगा सकते हैं की यहां पर हमारा रूपक अलंकार है ना की उपमालनकर बात से दोनों में से कहीं जाएगी दोनों में जाएगी किंतु उसमें वाला वाचन शब्द सच्ची से सम सरस भी आएगा और इसमें ये शब्द नहीं आएगा देख ल
े आप मैया मैं तो चंद्र खिलौना लियो खिलौना कैसा लेंगे चंद्र के समान मगर कोई भी यहां पर वाचन शब्द नहीं है केवल ड्रेस है जो कमल के समान मैं उनकी वंदना करता हूं है भगवान आपके चरण के समान कमल के समान चरणों की में वंदना करता हूं चरण कैसे बताएं हो गया ड्रेस लेकर मतलब उपमा दी जा रही है यहां पर मगर उपमा का वाचन शब्द नहीं ए रहा तो इस प्रकार से आप उपमा और रूपक में भिन्नता भी समझ गए होंगे और दोनों की अलग-अलग परिभाषा दोनों के अलग-अलग उदाहरण भी समझ गए होंगे यह बहुत ही इंपॉर्टेंट है और हर एग्जाम में उपमा का तो
जरूरी आता है और रूपक का बहुत ही इंपॉर्टेंट है किंतु उपमा और रूपक में ज्यादातर लोग कंफ्यूज हो जाते हैं की हम क्या करें इसमें रूप कल इसमें उपमा दी जा रही है और उसमें भी उपमा दी जा रही है अगला अलंकार हमारा उत्प्रेक्षा अलंकार है जहां उपमेय में अपमान की संभावना हो और वाचन शब्द होता है या ना हो उसको तो हम बिल्कुल छोड़ देते हैं हम केवल वाचन शब्द देते हैं मानव मानव परीक्षा अलंकार होगा मानो श्री सरिता बिचल जल उच्चरत युग मीन यहां पर भी यह मानो नीलामढ़ सेल पर आता प्रयोग प्रभात मानो हवा के जोर से सता हुआ स
ागर जग दूसरा अगला है तो यह हमारे उत्प्रेक्षा अलंकार के उदाहरण किसी वास्तु या व्यक्ति को देखकर होता है जैसे यह है सरस उसकी बंदे यह है मंजुल मोती यह ड्रेस उसे टाइम का है जब सुबह सुबह उसकी बंदे घास पर मोती की जैसी दिखाई देती हैं तो कभी हमारा देख रहा है और बोल रहा है संशय कर रहा है उसे संध्या हो रहा है उसके अंदर संध्या है या संशय है की उन बूंद को देखकर सबसे पैदा हो रहा था उसे देखकर और का रहे थे हमारा साड़ी बीच नई है या नई बीच साड़ी है साड़ी की ही नई है की नई की ही साड़ी है एड्रेस वहां का उसे समय का
है जब दुशासन द्रोपती का क्या हरण कर रहा था द्रोपती की साड़ी खींच रहा था तो उसकी समझ में यह नहीं ए रहा था दुशासन की ये साड़ी की नई बनी हुई है या नई साड़ी की है उसे कुछ समझ नहीं ए रहा तो उसके दिमाग में उसके मां में इस संदेह था यह संशय था की साड़ी बीच नई है या नई बीच साड़ी है की नई के बीच में साड़ी है यह साड़ी के बीच में नई है यह साड़ी की ही नई है साड़ी की ही नई बनी है या नई की ही साड़ी है नई से साड़ी साड़ी बन गई है वह यह समय नहीं उसके अंदर यह संदेश था तो यहां पर संध्या अलंकार होगा इस प्रकार हमारे
यह संदेश अलंकार हो गए बड़े ही इंपॉर्टेंट आता है अलंकार का यह अगला अलंकार है भ्रांतिमान अलंकार में अप में और अपमान दोनों को ब्रह्म पैदा राहत है और यहां पर सुख कुसुम जानकर झट भंवरा सुख की लाल चूक पर तोता ने भी चोट चलाई जामुन का फल जानकर यहां पर सुख सुख की लाल कोच को देखकर भंवरा झट कुसुम समझ कर सुख पर झट मैंने फूल जानकारी उसके ऊपर झटका को भी ब्रह्म था तोता ने भी चोट चलाई जाम उनका फल जानकर यानी की यहां पर दोनों को ब्रह्म है फिर फिर जाए महाबली एडी मेडम जाए यहां पर एक नायिका के पर में महावर लगाने को ए
क नाइन आकर बैठ गई पैरों में उसकी एडी में माहवारी लगा रही है तो वह इतनी लाल है उसकी एडी की उसे ग रहा है की यह महावर लगी हुई है तो वह उसके ऊपर उंगली फेरती जा रही है जितनी वह उंगली फ़िर रही है उतनी वो लाल होती जा रही है तो जो नाइन है उसको ब्रह्म पैदा हो रहा है नायिका की लाल एडी देख कर तो यहां पर ब्रह्म भ्रांतिमान अलंकार है चकित भारत फूल और देख पलाश बन पलाश के बन में चला गया जहां पर पलाश के वृक्ष हैं जहां पर पलस के फूल है वह पहले हुए हैं फूलों देख पलाश बन पलाश का वन फुल हुआ देखकर वह समझे की यहां पर
आज ग गई है यानी की जंगल की ग गई है यानी की जंगल में आज ग गई है इसे देखकर फूल के पलाश के फूल को देखकर पलाश का फूल तो बिल्कुल लाल हो जाता है उसे देखकर उसे ब्रह्म पैदा हो गया तो उसे वहां पर भ्रांतिमान है संध्या अलंकार और भ्रांतिमान अलंकार दोनों को आप समझ रहे होंगे जहां बात को बहुत बड़ा चढ़कर यानी लोक सीमा से बाहर की बात कहीं जाए लाल तलैया सब भर डेल इतनी बड़ा चढ़कर बात कर रहा है कभी इतना राय था मैं उसे रात लाल तलैया सब भर डेल ऐसे अगला उदाहरण हनुमान की पूछ में लगा पी लंका जल गई गए निशाचर भाग यानी यहा
ं पर अतिशयोक्ति है की हनुमान की पूछ में आज भी ना ग पी और लंका साड़ी जल गई और निशाचर सभी भाग गई बड़ा चड्ढा कर ज्यादा बड़ा चढ़कर बोल रहे हैं ऐसे यह पानी परत का हाथ छुए नहीं नहीं और सुदामा जब मिलते हैं वहां का कभी वर्णन कर रहा है की उन्होंने अलंकार आगे नदियां और अगला उदाहरण कैसे उतारे पर राडा ने सोचा इस पर तब तक चेतन था उसे पर आगे नदी बहुत बड़ी थी और घोड़ा कैसे उतारे यह राणा प्रताप सोच रहे थे इतने में चेतन उसे पर पहुंच गया अलंकार हो गया इस प्रकार दोस्तों मैंने अर्थालंकार और शब्दालंकार दोनों तरह के
अलंकार बताएं मुझे नहीं लगता की आपको कोई भी ऐसी चीज अलंकार में र गई होगी या अलंकार कोई भी ऐसा अलंकार जो आपको समझ में नहीं आया होगा तो मैं एक बार और सारे अलंकारों को एक लाइन में उनकी परिभाषा दर्शन चाहती हूं जिससे की आप समझ जैन उनको याद कर लेने लेती ना याद करके एक-एक लाइन से एक-एक अलंकार आपका कंप्लीट होता चलेगा जैसे बार-बार एक वर्ण जो आए अनुप्रास की भाषा अनुप्रास में क्या होता है एक अक्षर एक से अधिक बार आए अनुप्रास की भाषा और यम्मक में जोड़ा आकर अलग अर्थ दर्शाता और यह मत में दो या दो से अधिक बार एक
ही शब्द आए और उसके शब्द अर्थ निकॉन भाई यह मक्का उल्टा होता है वहां पर दो शब्द जितने अतिथि में बड़ा चढ़कर छोटी बात बताई छोटी बात बड़ा चलाकर बताइए चरण कमल एक रूप मानकर रूपक की परिभाषा साथी से समसरस मां लो उपमा जी की आशा उपमा है उपमा में एक दूसरे उपमा दी जाति है उसमें और वाचन शब्द कौन-कौन से हैं शशि से समसरस ये वाचन शब्द आते हैं और रूपक में भी उपमा ही दी जाति है किंतु शशि से संत सरस ये वाचन शब्द नहीं आते हैं उसमें दास से हम पहचान कर सकते हैं पिछले आपको बता चुकी हूं पीछे आपको बता चुकी हूं उत्प्रेक्
षा संकेत मां लो जानू मनु उत्प्रेक्षा में दो चीजों में ब्रह्म पैदा हो भ्रांतिमान पहचानो दो चीजों में ब्रह्म पैदा रही है वहां पर भ्रांतिमान अलंकार होता है यह हमारे आठ लाइनें में आठ अलंकार कंप्लीट हो गई हर क्लास की तरह इसमें भी मैंने होमवर्क दिया है यह मैंने सभी अलंकारों के उदाहरण आपको दिए हैं और अगर आपको मेरे पढ़ाई हुए अलंकार समझ में आए हैं तो मुझे नहीं लगता की यह इनके जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने में दिक्कत होगी आप देखते ही इनको कल मेरे हिसाब से मेरे कमेंट बॉक्स में इनके जवाब भेज देंगे कमेंट बॉ
क्स में कमेंट करेंगे [संगीत]

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