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Indian Agriculture || Bhartiya krishi ||Class 10 Social Science || Ncert || Geography, part 14

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6 months ago

गुड मॉर्निंग एवरीवन हो आर यू मेरा नाम है विकास  कुमार मेल और आप देख रहे हैं हमारा ऑफिशल युटुब चैनल एनसीईआरटी सॉल्यूशन बाय विकास यू नो हम क्लास  10 का स्ट पद रहे हैं और एनसीईआरटी स्ट के अंतर्गत हम जिससे बुक को डिस्कस कर रहे हैं क्लास 10th  में वो है ज्योग्राफी की बुक ज्योग्राफी में हम चैप्टर नंबर फोर को स्टडी कर रहे हैं काफी सेशंस  हमारे चैप्टर नंबर 4 के ऊपर हो चुके हैं आज यह आखिरी सेशन है जिसमें हम एग्रीकल्चर के इस टॉपिक को  कंप्लीट करेंगे तो आई शुरुआत करते हैं शुरुआत करते हैं हमारे इस सेशन की भ
ारत में कृषि की जो शुरुआत है  वह लगभग आज से 8000 साल पहले हुई उससे समय कृषि करने की पद्धति अलग थी कृषि करने का उद्देश्य अलग था उसे  समय कृषि करने के तरीके विधि और विधान अलग थे आज से 8000 साल पहले के भारत में जिसे भारतीय उपमहाद्वीप  के नाम से जाना जाता है किस प्रकार से वहां कृषि प्रारंभ हुई और किस प्रकार से धीरे-धीरे कृषि का  विकास हुआ कृषि में कुछ तकनीकी सुधार हुए जिन्हें हम प्रौद्योगिकी सुधार के नाम से जानते हैं और कृषि  में सरकारी स्टार पर कुछ प्रयास हुए जींस कृषि में कुछ सुधार हुआ जिन्हें हम
संस्थागत सुधार के नाम  से जानते हैं तो आई शुरुआत करते हैं हमारे सेशन देखिए सबसे पहले मैं आपको बताऊं की  आज से 8000 साल पहले का हिंदुस्तान आज के हिंदुस्तान से काफी अलग दिखाई देता था आज हम जिसे भारत कहते हैं उसे जमाने में यह  नेपाल यह भूटान इधर पाकिस्तान ऊपर अफगानिस्तान भूमि देश को शामिल किया जाता है तो आपका जवाब होगा और भारत से अलग हुआ हमारा पड़ोसी  देश पाकिस्तान [संगीत] अफगानिस्तान नेपाल भूटान और भारत से पृथक हुआ बांग्लादेश इन सब को मिलकर प्राचीन जमाने में कहा  जाता था भारतीय उपमहाद्वीप या वृहत्
तर भारत के नाम से जाना जाता था भारत में कृषि  की शुरुआत हुई हम बात करें कृषि के आरंभ की तो भारत में कृषि का आरंभ हुआ  आज से लगभग 8000 वर्ष पूर्व सबसे पहले भारत में यहां मध्य प्रदेश में एक जगह उसके बाद मनुष्य ने यहां से प्रस्थान किया और  सबसे पहले यहां पर और सुलेमान के पहाड़ियों और यही से बाटी है भारत की एक नदी जिसको हम कहते  हैं सिंधु नदी भारत की सबसे पश्चिम नदी जिसको हम सिंधु नदी के नाम से जानते हैं सबसे पहले मनुष्य  इसी सिंधु नदी घाटी में बस और यहां पर उसने सबसे पहले वो थी गेहूं और जो आज से लग
भग 8000 साल  पहले सबसे पहले कृषि की शुरुआत हुई थी गिरधर और सुलेमान की पहाड़ियों में और जो फासले उगाई  गई वह थी गेम और जो उसके बाद भारत में चावल की कृषि का उदय हुआ यहां मेघालय में कुछ पहाड़ियों  हैं गारो और खांसी की पहाड़ियों वहां सबसे पहले धीरे-धीरे कृषि का विस्तार हुआ जी प्रकार से गंगा  नदी घाटी है जी प्रकार से सिंधु नदी गति है इस प्रकार से नदी घाटी के अंदर मनुष्य ने बचाना शुरू  किया स्थाई रूप से बस पशुपालन शिखा और इस प्रकार से व्यवस्थित रूप से कृषि किया कृषि का फैलाव हुआ  लेकिन सबसे पहले भारत
में कृषि कागज हुआ 8000 वर्ष पूर्व सबसे पहले उगाया गया गेहूं और जो किरदार वसूल  मां के पहाड़ियों जो भारत के उत्तर पश्चिम में उसके बाद उगाया गया चावल गौरव और खांसी की पहाड़ियों  में जो की मेघालय राज्य में है और भारत के उत्तर पूर्व में स्थित यह क्लियर है की भारत में कृषि  हजारों वर्ष पूर्व से की जा रही है और हजारों में भी लगभग 8000 साल पहले सबसे पहले मनुष्य नर्मदा  नदी की घाटी में जो की मध्य प्रदेश से है फिर उसने धीरे-धीरे प्रस्थान किया पलायन किया उसका फैलाव भारत  में हुआ सबसे पहले गेम और जो गया की
र्तन और सुलेमान की पहाड़ियों जो भारत के उत्तर पश्चिम में उसके बाद  चावल के साथ से मिले मेघालय में स्थित गर्व और खांसी की पहाड़ियों में इस प्रकार से हजारों साल पहले  भारत में कृषि की शुरुआत की गई इंपॉर्टेंट प्रश्न आपसे पूछने लगभग कितने वर्ष पूर्व भारत में कृषि का  आज राज वाला बैग 8 वर्ष पूर्व उसे समय जो कृषि की जाति थी उसका तरीका अलग था एक आदम कृषि पद्धति  थी जिसका मुख्य उद्देश्य था की अपने परिवार का वर्णन पोषण हो और जो पशु पालनपुर जब उसने शिखा तो  पशुओं को खाने को चार मिले धीरे-धीरे आर्थिक युग य
ा अब मनुष्य के कृषि करने का मुख्य उद्देश्य  र गया मुनाफा कामना लाख कामना वनिज फासले पैदा करना इस प्रकार से आदम कृषि फिर जीविका निर्वाह  कृषि फिर व्यापारिक कृषि रोपण कर से यह सब हमने पहले डिस्कस कर लिया अब हम यह पढ़ेंगे की आजादी  के बाद यानी 1947 1950 के बाद भारत में कृषि के सुधार हेतु सरकारी स्टार पर क्या प्रयास हुए आज  का हमारा में टॉपिक ये है 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ और स्वतंत्रता के बाद बढ़ते हुई जनसंख्या को  खाद्यान्न की आपूर्ति करने के लिए और इस उत्पादन में इस अनुपात में खाद्यान्न का उत्प
ादन बढ़ाने के  लिए कुछ सुधार करने लॉज में थे समय की मांग थी की कुछ सुधार हो कुछ परिवर्तन कृषि के क्षेत्र में हो  और भारत की अगर भारत के खिलाड़ियों को देखें यहां के परिंडर्स को देखें तो भारत में कृषि एक मुख्य  व्यवसाय के रूप में मुख्य आजीविका के साधन के रूप में लोगों में कृषि को अपनाया है और भारत की लगभग  60% आबादी यह एक बहुत बड़ा नंबर है भारत में कृषि लगभग 60% अजी आबादी को आजीविका प्रधान करती है भारत में कृषि लगभग 60%  आबादी को आजीविका प्रधान करती है यहां आजीविका का मतलब है रोजगार 60% लोगों को क
रसी आजीविका या  रोजगार प्रधान करती है लेकिन इसका अर्थात कहानी प्राप्त होता है भारत की पुरी जनसंख्या की  उधर आपूर्ति इसी कृषि में होने वाले उत्पाद जिसको हम खदान कहते हैं इस के द्वारा की जाति है  लेकिन 60% लोग ऐसे हैं जो कृषि को अपने कर्म के रूप में अपने आजीविका के रूप में अपने हुए हैं  60% आबादी के द्वारा पैदा किया गए उत्पाद से ही 100% जनसंख्या के उधर के आपूर्ति उनको खाद्यान्न  किया पूर्ति होती है जब किसी देश की 100% जनसंख्या खाद्यान्न के ऊपर कृषि के ऊपर निर्भर है और वहां  के 60% जनसंख्या डायरेक्
ट अपने घर परिवार को अपने जीवन को कृषि के द्वारा चलती है तो उसे क्षेत्र में  सुधार करना लाजमी है स्वतंत्रता के बाद भारतीय कृषि में बहुत सारे सुधरो के प्रयास हुए और इन सुधरो  को हम मुख्य रूप से दो स्टार पर पढ़ने हैं एक है तकनीकी सुधार जो कृषि में किया गए वो और दूसरा है  संस्थागत स्टार पे सरकारी प्रयास जो किया गए वह आई हम इनके अंतर को समझते हैं आजादी के बाद भारत में  किस प्रकार से और कौन-कौन से कृषि सुधार किया गए तो स्वतंत्रता के पश्चात जो सुधरो के प्रयास हुए  उन्हें मुख्य रूप से दो वर्गों में बतात
े हैं कृषि क्षेत्र के हम बातचीत कर रहे हैं मुख्यतः फर्स्ट है प्रौद्योगिकी सुधार और सेकेंडरी संस्थागत सुधार दोनों का अंतर बेसिक रूप से क्या इसमें डिफरेंस  है वह आपको समझना है प्रौद्योगिकी सुधार का मतलब होता है की तकनीकी स्टार पर टेक्नोलॉजी में  क्या-क्या सुधार किया गए और संस्थागत सुधार का मतलब है की किसने की सहायता के लिए और  कृषि के विकास के लिए कौन-कौन सी संस्थाओं की स्थापना की गई सरकारी स्टार पे क्या रियायत  क्या फरियाद सरकार के द्वारा किया गए वो आते हैं संस्थागत सुधार में और जो तकनीकी स्टार प
र  सुधार हुए जैसे पहले हम प्यारी पद्धति वर्षा के ऊपर निर्भर थे सिंचाई के लिए फिर प्यारी पद्धति  आई उसके बाद नहर पद्धति आई फिर हमारा सीन चाहिए तो इस प्रकार से धीरे-धीरे जो कृषि में परिवर्तन  आए तकनीकी रूप से उनको कहते हैं प्रौद्योगिकी सुधार और सरकारी स्टार पर जो संस्थाएं गठित  की गई इन सुधरो के लिए उनको कहते हैं मुख्य रूप से स्वतंत्रता के बाद भारत की सरकार ने कृषि  में प्रकार के लिए क्या-क्या मुख्य प्रयास किया 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ और 1950 में हमारे देश  का संविधान लागू हुआ नियम कायदे बने और
भारत गणतंत्र बना 1947 में भारत हुआ स्वतंत्र और 1950 में भारत  हुआ गणतंत्र गनी यानी लोकतंत्र यानी व्यवस्था यानी अब भारत की व्यवस्था भारत के गण यानी लोगों के हाथ  में थी तो भारत के लोगों ने भारतीय कृषि में सुधार के लिए जो सबसे पहले प्रयास किया वह शुरुआत हुई 1950  में किस प्रकार से हुई देखिए हम इसको स्टडी करते हैं सुधार हेतु किया गए मुख्य प्रयास तात्कालिक सरकार कृषि के सुधार हेतु और खाद्यान्न  के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्राप्त करने हेतु किस स्टार पर कटिबंध थी इसका अंदाज़ हम इसी बात से  लगा सक
ते हैं की भारतीय संविधान 1950 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ और इस संविधान में जो पहले संशोधन हुआ  वह 1951 में हुआ यह संशोधन भूमि सुधरो से संबंधित था सबसे पहले जो प्रयास हुआ 1951 में भारतीय संविधान  में पहले संशोधन हुआ और इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य था भूमि सुधरो से संबंधित कानून को बनाना और उनको  देश में लागू करना यह भूमि सुधार कानून जब बने तो भारत में कुछ अंग्रेजन के जमाने की कुछ प्रथाएं जैसे  की जमींदारी पर था उसका उन्मूलन इन भूमि सुधार कानून के द्वारा किया गया जिम्मेदारी प्रथम का मतलब है  की गांव
में एक जमीदार होता था या एक से अधिक जो बड़े जमींदार थे उनके पास काफी जमीन होती थे और  गांव के बाकी किसान उनके जमीन पर बंटाई दरी का कम करते थे जमीन पर खेती किसान करता था लेकिन किसान को  एक छोटा सा हिस्सा उपज में से प्राप्त होता था बाकी पूरा का पूरा मालिकाना है और पूरा का पूरा उत्पादन  पर है उसे जमीदार का होता था किसने का बड़े स्टार पर शोषण किया जाता था 1991 के भूमि सुधार कानून  के अंतर्गत जमींदारी प्रथम का उन्मूलन किया गया कृषक दास की जो प्रथम थी उसको समाप्त किया गया और  संविधान में एक बहुत बड़ा
चेंज किया गया जिसे कहते हैं प्रथम संविधान संशोधन 1951 पहले संविधान में  मूल रूप से 8 अनुसूची थी 1991 के संशोधन के द्वारा संविधान में एक नई अनुसूची जोड़ी गई जिसे कहते हैं  नवी अनुसूची सरकार ने जमींदारी प्रथम को समाप्त किया भूमि सुधार कानून बनाए इसके लिए संविधान में  संशोधन किया एक नया अनुसूची इसके लिए संविधान में जोड़ा गया अनेक प्रावधान किया गए इसके अलावा सरकार  ने देश के विकास हेतु फाइव इयर्स प्लेन तैयार किया जिन्हें हम पंचवर्षीय योजना कहते हैं भारत में  पहले पंचवर्षीय योजना 1991 से 56 के दौरान
बने और इस योजना का मुख्य उद्देश्य था करसी सुधरो के लिए  बृहद स्टार पर प्रयास करना जी प्रकार से सेकंड फाइव एयर प्लेन उद्योगी को समर्पित था इस प्रकार 1951 तू  1956 पुरी तरह भारतीय कृषि में सुधार के लिए तो यह शुरू शुरू में जो मुख्य रूप से सुधार किया गए वह यह  हैं की पहले संविधान संशोधन 1951 में किया गया इस संविधान संशोधन के द्वारा भूमि सुधार कानून को पारित  किया गया संविधान में एक नई अनुसूची गई जो की भूमि सुधरो से संबंधित है जमीदारी प्रथम और कृष्णा दास  की जो टेंडेंसी थी उसको खत्म किया गया इसके अल
ावा इसके अलावा जो 5 इयर्स प्लेन पहले बना  उसमें कृषि को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई पहले पंचवर्षीय योजना का मुख्य  उद्देश्य था कृषि और खाद्यान्न के मामले में तय निर्भरता को प्राप्त  करना और एक और जो मेजर सुधार हुआ इन्हीं भूमि सुधरो के अंतर्गत जूते  की चकबंदी की गई तो आई 1950 से 60 के दशक में जो मुख्यमंत्री सुधार  सरकारी स्टार पर जो संस्थागत सुधार पर भारत की सरकार के द्वारा किया गए  उनको हम डिटेल से नोट आउट करते हैं यह आपको याद रखना है 1950 से 60 के दशक के मध्य जानते हो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ अग
ले साल प्रथम संविधान संशोधन प्रथम संविधान संशोधन कौन से साल हुआ 1951 1951 द्वारा संविधान में नवीन अनुसूची जोड़ी भूमि सुधरो से संबंधित जो की भूमि सुधरो से संबंधित इससे आप अंदाज़ लगा सकते हैं की सरकार  कृषि में सुधार के लिए कितनी सीरियस थे सेकंड है है की अनेक भूमि सुधार अधिनियम पर कानून  पारित किया गए इसे संशोधन के द्वारा अनेक भूमि सुधार अधिनियम पारित किया गए तथा कानून को लागू किया गया की जमींदारी प्रथम को पुरी तरह से समाप्त किया उन्मूलन किया उन्मूलन यानी उसे समाप्त किया गया उन्मूलन किया गया 50 से
54 के मध्य कई प्रकार के कानून और विधायक  पारित किया गए जमीदारी प्रथम के उन्मूलन के लिए सरकार ने संविधान लागू होने के तुरंत बाद 1950 से  54 के मध्य कई प्रकार के कानून और कई प्रकार के विभिन्न कई प्रकार के अधिनियम सांसद में पारित  किया और आखिरकार में जमींदारी प्रथम को समाप्त किया गया इसके अलावा जोतन की चकबंदी की गई यह भी  एक व्यापक स्टार पर सुधार हुआ जोतन की चकबंदी की गई देखो यहां जोतन का मतलब है कृषि भूमि और चकबंदी  का मतलब है की अलग-अलग बिक्री हुई कृषि भूमियों को मिलकर एक जगह सामूहिक रूप से इकट्
ठा करना देखिए  यह चकबंदी को आपको समझना है की चकबंदी क्या होती है चकबंदी का मतलब है की अलग-अलग बिक्री हुई कृषि  भूमि को एक जगह इकट्ठा करना और ताकि किसान का जो शर्म है वह सामूहिक रूप से झलके और उसका उत्पादन  बड़े जैसे मां लीजिए श्यामलाल नाम का कोई किसान है उसके पास तेल खेत है एक जगह दो बीघा एक जगह  छवि का एक जगह कर बीघा अब वह खेत उसके घर से भूमि अलग-अलग दिखती है तो श्यामलाल को हर भूमि के लिए  सिंचाई के साधन अलग से करने पढ़ेंगे उसको हर जगह दिन में इस भूमि पर उसे भूमि पर उसका शर्म जगह-जगह  बन जाएगा
आने जान में टाइम वेस्ट होगा उसको बी खाद और औरत तीन जगह पहुंचाना पड़ेगा उसको शर्म के लिए  जगह जगह जो श्रमिक है उनकी देखरेख करनी पड़ेगी इस प्यार से प्रॉपर मैनेजमेंट नहीं हो पाएगा तो मां  लीजिए श्यामलाल के पास एक खेती यह है एक यह है एक यह है तो सरकार क्या करती है इस श्यामलाल को एक  ही जगह 12 बीघा खेत मुहैया करवाएगी ताकि श्याम लाल का उत्पादन बड़े उसका जो पोटेंशियल है उसका  जो श्रम है वो अलग जगह डिस्ट्रीब्यूशन नहीं हो उत्पादन बड़े श्याम लाल की सुविधा बढ़ खेतों को  मिलकर एक जगह इकट्ठा कर देना या अलग-अ
लग बिक्री हुई कृषि भूमि को एक जगह सामूहिक रूप से एकत्रित  करना कहलाता है चकबंदी और यह भी बड़े फायदेमंद चीज है कृषि में किया जान वाले सुधरो में एक और  सुधार 1950 और 60 के दशक में हुआ जिसके अंतर्गत हम पढ़ेंगे की प्रथम पंचवर्षीय योजना प्रथम पंचवर्षीय योजना जिसका कलकाराम है 1951 से 56 यह आपको याद  रखना है प्रथम पंचवर्षीय योजना 1951 में योजना का मुख्य लक्ष्य था खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता  को प्राप्त करना खाद्यान्न में आत्म निर्भरता को प्राप्त करना जी प्रकार से सेकंड फाइव एयर प्लेन में उद्योग ढनढन  पर
इंडस्ट्रियलिज्म के मुख्य बाल दिया गया इस प्रकार प्रथम पंचवर्षीय योजना में मुख्य बाल दिया गया कृषि  में सुधार हेतु देखिए यह खाद्यान्न को ही हमने सबसे पहले प्रायोरिटी क्यों दी तो इसका मुख्य करण है की  अंग्रेजन के कल में भारतीय कृषि भूमि का बड़े स्टार पर भी दोहन हुआ और सुधरो के लिए कोई कोई खास प्रयास  नहीं हुई तो हमारी जो कृषि भूमि कभी उर्वर हुआ करती थी फर्टिलाइजर थी वह एक प्रकार से बंजारा हो चुकी  थी और हमारा कृषि उत्पादन इतना ज्यादा गिर गया की हम में गेहूं के लिए चावल के लिए जो जीवन का मूलभूत  आ
वश्यकता है जो उदार पूर्ति है उसके लिए हम दूसरे देश पर डिफरेंट हो गए अमेरिका में एक लाल गेहूं जो  की सबसे खराब किशन का गेम था जिसे अमेरिका में पशु भी नहीं खाता थे भारत की सरकार उसे लाल गेहूं को  मजबूरन आयत करती और भारत की जनता उसके हाथी जो की हमारे लिए बड़ी शर्मिंदगी की बात थी तो सबसे पहले  सरकार ने सोचा की कम से कम हमारे पास इतना जमीन है इतनी कृषि भूमि है तो हम सबसे पहले खाने का अनाज तो  पैदा करें ताकि हम किसी दूसरे देश पर डिपेंड ना रहे एक शर्मिंदगी का एहसास नहीं हो तो पहले 5 एयर प्लेन  बना उसमे
ं सबसे प्रमुख दी गई कृषि को सबसे ज्यादा जो एक्सपेंसिव है जो एक्सपेंशन सरकार के द्वारा जो खर्च  किया गए वो कृषि में सुधरो के लिए किया गए और प्रथम पंचवर्षीय योजना का कल आपसे पूछे 51 से 56 मुख्य  लक्ष्य खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता को प्राप्त करना अब देखो यह बड़ा क्वेश्चन भी है और इसमें छोटे-छोटे  क्वेश्चंस भी हैं किस प्रकार से आपके लिए इसमें बड़े क्वेश्चन है किस प्रकार से आपको ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन  समझना हैं वह आप इस प्रकार से समझे हम पढ़ रहे हैं 1950 से 60 के बीच कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए  सरकार
ने मुख्य रूप से क्या प्रयास किया तो देखिए 1950 में हमारा संविधान बना और 1951 में इसमें पहले  संशोधन हुआ और यह पहले संशोधन जब हुआ 1951 में तो संविधान में एक नई अनुसूची जोड़ी गई वो है नवीन  अनुसूची इस नवीन अनुसूची में जो प्रावधान किया गए वो थे भूमि के सुधरो से संबंधित भूमि के सुधरो से  संबंधित यानी खदान का उत्पादन बढ़ाने से संबंधित क्या सुधार किया गए अनेक प्रकार के सुधार हैं  जैसे की भूमि सुधार कानून बनाई गई जमीदारी प्रथम को समाप्त किया गया कृषि जोतन की चकबंदी की गई  इस प्रकार की सुधार इसमें थे द
ेखिए ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन है प्रथम संविधान संशोधन कौन से साल हुआ  1951 सेकंड क्वेश्चन प्रथम संविधान संशोधन 1951 के द्वारा भारतीय संविधान में कौन सी अनुसूची को जोड़ा  गया नवीन अनुसूची को थर्ड क्वेश्चन नवीन अनुसूची या प्रथम संविधान संशोधन 1951 का मुख्य लक्ष्य था  भूमि सुधार से संबंधित नेक्स्ट क्वेश्चन भू में सुधार अधिनियम या भूमि सुधार कानून किस संविधान  संशोधन की दें है प्रथम संविधान संशोधन 1951 की दें जमींदारी प्रथम के उन्मूलन के लिए सरकारी  स्टार पर सबसे पहले कपरिया से 1950 से 54 के प्रथम पंचवर्
षीय योजना कब लागू हुई 1951 में और इसी  में सेकंड क्वेश्चन है प्रथम पंचवर्षीय योजना का कल बताइए तो पांच एयर का प्लेन है तो 1951 से 56 उसके  बाद नेक्स्ट क्वेश्चन है वन नंबर का क्वेश्चन है जो वन लाइनर के क्वेश्चन आते हैं पेपर में प्रथम  पंचवर्षीय योजना 1951 से 56 का मुख्य उद्देश्य क्या है खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भरता  को प्राप्त करना या आपसे यह भी पूछ सकते हैं की प्रथम पंचवर्षीय योजना में अर्थव्यवस्था के किस  क्षेत्र पर सर्वाधिक बाल दिया गया कर आपको ऑप्शन मिलेंगे कृषि उद्योग व्यापार या शिक्ष
ा आपका  जवाब होगा घर से अगर आपसे बड़ा प्रश्न पूछे फाइल इन डी ब्लैंक में मिलेंगे या फिर वन लाइनर  के जो क्वेश्चंस आते हैं उनमें पूछने की संभावना है लेकिन आपसे बड़ा प्रश्न पूछे तो इस प्रकार से  होगा की 1950 से 60 के दशक में भारत की सरकार ने कब से क्षेत्र में सुधार के लिए कौन-कौन से संस्थागत  प्रयास किया तो यह पूरा का पूरा जो हमने डिस्कस किया है ये आपका जवाब होगा तो आप इसका स्क्रीनशॉट ले  लीजिए या साथ-साथ में लिखने रहिए 1950 60 के बाद हम बात करते हैं की नेक्स्ट जो दशक आया 1960 से 70  तक उसके बीच मे
ं सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कौन-कौन से प्रयास किया सबसे पहले 1960  का दशक बड़ा इंपॉर्टेंट 10 है जिसके बड़े में हम बातचीत करेंगे की कौन सी क्रांति इस समय कृषि के  क्षेत्र में हुई उसके बाद हम बात करेंगे 1970 के दशक सबसे पहले बात करते हैं 1960 का  दशक किस प्रकार से इंपॉर्टेंट है इसी करण से इंपॉर्टेंट है की 1967 और 68 में कृषि क्षेत्र में एक अद्भुत पूर्वक  क्रांति हुई और इस क्रांति का जनक जी व्यक्ति को कहा जाता है वह एक  अमेरिकी कृषि वैज्ञानिक जिनका नाम है नॉर्मल अब हम डिस्कस करेंगे 196
0 से  70 के दशक के बीच भारतीय कृषि में क्या व्यापक परिवर्तन देखने को मिले 1960 का  जो दशक है वह एक माइलस्टोन के रूप में कृषि रहते 1960 का उसने कृषि के क्षेत्र  में कई मिले स्टोन स्थापित किया एक प्रकार से अमूल परिवर्तन किया जिनको  क्रांति के नाम से जाना जाता है तो आई समझते हैं कौन-कौन सी कृषि क्रांति  हम पढ़ेंगे इसके अंतर्गत तो सबसे पहले एक नाम देखने को मिलता है जिसका नाम है हरित क्रांति का मतलब यह क्रांति हुई यह कृषि क्षेत्र में हरित  क्रांति की शुरुआत लगभग हुई 1967 68 के आसपास 1967 68 में और इस
हरित क्रांति से जो  खाद्यान्न असली थी उनकी पैदावार अचानक से काफी बाढ़ गई खाद्यान्न आत्मनिर्भरता  तो बड़े ही इसके साथ हम एक बड़े खाद्यान्न के एक बड़े आयतन के रूप में उभर के  सामने आए और ये परिवर्तन हुआ कैसे हरित क्रांति हुई कैसे तो हरित क्रांति  का विश्व स्टार पर जिसे जनक माना जाता है विश्व स्टार पर हरित क्रांति का जनक अमेरिकी वनस्पति वैज्ञानिक हैं जिनका नाम है नॉर्मल [संगीत] लोग विश्व स्टार पर हरित क्रांति का  जनक नॉर्मन बोरलॉग को माना जाता है और इनको जनक क्यों माना जाता है क्योंकि  नॉर्मल वह ल
ोग जो थे वह अमेरिका के थे और यह एक वनस्पति और कृषि वैज्ञानिक थे इन्होंने  हाय वैरायटी शील्ड को विकसित किया जब यह हाय यील्डिंग वैरायटी पैदा हुए जब ये विकसित  हुए तो इन बीजों से जो उत्पादन हुआ वो कई गुना बड़ा और फसल से जो पैदावार आई वो भी  कई गुना बाढ़ के आई तो विश्व स्टार पर हरित क्रांति का जनक कहा जाता है नॉर्मल लोग जो की  अमेरिका के कृषि वैज्ञानिक थे और इन्होंने जिन बीजों का आविष्कार किया वह थे हाय यील्डिंग  वैरायटी सीड्स यानी एक प्रकार के हाइब्रिड बी इन बीजों को विकसित करने के करण इन्हें इन्हे
ं का मतलब है 1970 में शान नोबेल शांति पुरस्कार प्रधान किया  गया सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है बड़ा इंपॉर्टेंट फैक्ट है और एक और इंपॉर्टेंट इसमें जो फैक्ट  है की भारत में हरित क्रांति का जनक जी ने माना जाता है उनका नाम है  एम एस स्वामीनाथन तो यह प्रश्न फॉर्म में आपको याद रखना है भारत में  हरित क्रांति का जनक किस माना जाता है भारत में हरित क्रांति का जनक किस माना जाता है इसमें हमारा उत्तर होगा यह आपको देखना है की हाय इसमें जो हमारे लिए  इंपॉर्टेंट क्वेश्चंस हैं वो क्या है पहले क्वेश्चन है की हरि
त क्रांति की शुरुआत कब हुई 1967  68 में दूसरा विश्व स्टार पर हरित क्रांति का जनक किस माना जाता है तो आपका उत्तर होगा नॉर्मन बोरलॉग  जो की एक अमेरिका के कृषि और वनस्पति वैज्ञानिक थे नॉर्मन बोरलॉग ने ऐसा क्या किया तो इन्होंने  एक हाइब्रिड बीजों को विकसित किया जिनको कहा जाता है हाय एंडिंग वैरायटी सीड्स और इन बीजों के  विकसित होने से जब इनको बॉय गया तो फसल की पैदावार और उत्पादन कई गुना बड़े और इसी अविष्कार के करण  नॉर्मल 1907 में नोबेल शांति पुरस्कार प्रधान किया गया जब यह पूछे की विश्व स्टार पर हरित
क्रांति  का जनक किस कहा जाता है तो उत्तर होगा नॉर्मल लोग और जब पूछे की भारत में हरित क्रांति का जनक किस  कहा जाता है तो उत्तर आपका होगा एम एस स्वामीनाथन [प्रशंसा] 1960 के दशक में जी प्रकार से हमने पढ़ा की 1966  और 67 में कृषि के क्षेत्र में अमूल चल परिवर्तन हुए जिन्हें हरित क्रांति के नाम से जाना गया  जिन्हें हरित क्रांति की संज्ञा दी गई हम जानते हैं की भारतीय कृषि की एक प्रमुख विशेषता है कृषि के  साथ पशुपालन करना और कृषि का यह प्रकार मिश्रित कृषि के नाम से जाना जाता है तो पशुपालन के क्षेत्र मे
ं  या दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में डेरी उत्पाद में एक बहुत बड़ी क्रांति भारत में हुई 1970 के वर्ष  में यह फिर से इंपॉर्टेंट आपके लिए फैक्ट है और यह दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में हुई तो इसको श्वेत  क्रांति भी कहा जाता है क्योंकि आप जानते हो दूध का रंग सफेद होता है तो इसको श्वेत क्रांति भी कहा जाता  है और इसको एक संज्ञा और दी गई है वो है ऑपरेशन फ्लड ऑपरेशन फ्लड यानी दुग्ध क्रांति या  श्वेत क्रांति यह ऑपरेशन फ्लड 1970 के वर्ष की घटना है और इस ऑपरेशन फ्लड  में जो अमूल परिवर्तन आया वह उत्पादन में वर्द
ी की बात आई है इस ऑपरेशन फ्लड के जनक कौन थे  इस क्रांति के प्रणेता कौन थे तो श्वेत क्रांति का जनक किस कहा  जाता है श्वेत क्रांति का जनक डॉक्टर है और इस श्वेत क्रांति की शुरुआत भारत में  जिन्होंने की वह यही थे डॉक्टर वर्गीज कुरियन एक बड़ी फेमस और बड़ी प्राचीन डेरी है जिसको अमूल  डेरी के नाम से जानते हैं डॉक्टर वर्गीज कोरिया ही अमूल डेरी के संस्थापक थे इसके अलावा इन्होंने कई  और डेरी संस्थाओं की धूप संस्थाओं की स्थापना की सारे के सारे क्वेश्चंस जो इस क्षेत्र से बन रहे हैं वह ऑब्जेक्टिव परसों है  श
्वेत क्रांति को अन्य किस नाम से जानते हैं ऑपरेशन फ्लड ऑपरेशन फ्लड की शुरुआत कौन से वर्ष हुई 1970  कौन से क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन में जनक डॉक्टर 1980 90 के दशक में संचालित भूमि सुधार कार्यक्रम हरित क्रांति हुई उसके बाद सफेद  क्रांति हुई उसके बाद और क्या क्या कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए  कार्य कम हुए उनके बातचीत हम करेंगे संचालित भूमि सुधार कार्यक्रम यह हम डिस्कस करेंगे अब हम डिस्कस करते हैं की 1980 90 के दशक में कृषि  के सुधार के लिए सरकार ने कौन-कौन से संस्थागत प्रयास किया और कौन-कौन से सुधा
र किया तो एक कृषक  के सामने जो सबसे बड़ी समस्या आई है हम जानते हैं की भारतीय कृषि को मानसून का जुआ कहा जाता है और इस  दुनिया में अनुमान किसान हरि जाता है और मौसम जीत ही जाता है हर बार मौसम किसी ना किसी रूप में किसी  ना किसी प्रकार से किसान के ऊपर अपना प्रहार करता है और वह चपेट को सा नहीं पता है तो मुख्य रूप से  किसान के सामने जो चैलेंज है या तो वर्षा नहीं होगी तो सुख पड़ेगा यहां वर्षा ज्यादा हुई तो बाढ़ आएगा  या कोई चक्कर वत ए गया या अल में आज ग गई या किसी और प्राकृतिक आपदा के करण पसंद का नुकसान
हो गया तो  सरकार ने प्रावधान किया की अगर किसी भी प्राकृतिक आपदा से फसल का नुकसान होता है तो किसान को उसका  मुआवजा मिले और इसके लिए बीमा का प्रावधान किया जाए सेकंड सरकार ने सुधार किया की कृषक को सस्ते डर  पे री मिले क्योंकि उसको बी है उर्वरक है मशीनरी है इसके अलावा श्रमिक हायर करना है बहुत सारे उसके  खर्च हैं और किसान के जो आई है वह एक अद्वार्षिक और वार्षिक आई है साल के अंत में उसके पास से फसल  का पैसा आता है तो यह जो बीच में उसकी जितने भी खर्च हैं उसके लिए उसे रियलिटी डर पर सस्ती डर के  ऊपर री
उपलब्ध करवाया जाए इसके लिए सरकार ने संस्था प्रयास किया और दो संस्थाओं की स्थापना की भूमि  विकास बैंक और सहकारी समितियां की स्थापना की इसके अलावा सीसीसी नाम से एक स्कीम शुरू की जिसके अंतर्गत  भूमि के ऊपर की शान को लोन प्रधान किया जाता है जिसे किसान क्रेडिट कार्ड के नाम से जानते हैं बिचौलिए  दलाल जो मंडी में बैठने हैं उनसे शोषण से किसान को बचाने के लिए एक नया प्रावधान किया गया जिसे एसपी के  नाम से जानते हैं मिनिमम सपोर्टिंग प्राइस न्यूनतम समर्थन मूल्य इसके अंतर्गत क्या होता है की जब किसान  को लगता
है की उसे अपने उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिलता व्यापारी या बिचौलिया अपनी मनमर्जी करता  है तो सरकार हर एक फसल का एक रेट निश्चित करती है जैसे मां लीजिए पर एग्जांपल मैं आपको बताऊं की  इस बार सरकार ने एसपी चैन का एसपी रखा है 5000 रुपए जबकि मार्केट में हमें सिर्फ 4000 या 45 रुपए मिल  रहे हैं तो सरकार कहती है की 5000 एसपी है और एसपी के ऊपर हम आपकी फसल को खरीदेंगे आपकी इच्छा है  चाहे आप हमें एसपी पे भेजें या किसी बिचौलिए को किसी व्यापारी को भेजें यह आपकी इच्छा है लेकिन  अगर आपको लगता है की आपको उचित म
ूल्य नहीं मिलता तो एसपी के ऊपर हम फसल को खरीद देंगे इस प्रकार के  कई प्रावधान सरकार ने किया आपको याद रखना है मुख्य रूप से एमएससी होता है मिनिमम सपोर्टिंग प्राइस  न्यूनतम समर्थन मूल्य और फसल बीमा सीसीसी स्कीम मैं आपको बता देता हूं थोड़ा नोट करवा देता हूं इनके  बड़े में देखो एक तो सरकार ने सबसे पहले सुधार किया [प्रशंसा] प्राकृतिक आपदा से फसल का नुकसान होने पर प्राकृतिक आपदा के करण [संगीत] प्राकृतिक  आपदा यानी वार्ड सुख का चक्रवात आज आपदा के करण फसल का नुकसान होने पर होने पर फसल बीमा का प्रावधान या
नी  किसान को उचित मुआवजा दिया फसल बीमा का प्रावधान सेकंड इसमें किया री उपलब्ध करने हेतु संस्थाओं के स्थापना की गई जिसमें भूमि विकास बैंक [संगीत] तथा सहकारी समितियां की स्थापना की गई यह भूमि  विकास बैंक और सहकारी समिति दोनों ही संस्थाएं कृषि के विकास के लिए कम करती है और किसने को  सस्ते डर के ऊपर रेनिक की सुविधा उपलब्ध करती है एक किसने को उनकी जमीन पर लोन के  लिए एक नई स्कीम है जिसका नाम है किसान क्रेडिट कार्ड सीसीसी का प्रावधान किया गया हम बात करें एसपी मिनिमम सपोर्टिंग  प्राइस न्यूनतम समर्थन मू
ल्य जिसका घोषणा सरकार के द्वारा किया  जाता है न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा का प्रावधान इसके अलावा  दूरदर्शन के ऊपर मौसम की जानकारी किसने को प्रधान की जाति है यह मुख्य-मुख्य प्रावधान है जो 1980 90 के  दशक में किया गए और किसने को काफी बेनिफिट इससे मिला जो भूमि विकास बैंक और सरकारी  समितियां हैं इसे किसने को काफी बेनिफिट सस्ते डर पे रिहाई थी डर पे री मिलता है  सीसीसी किसने के लिए एक प्रकार से वरदान है और एमएसपीएपी अगर सरकार हर किसान से पसंद  की खरीद करें तो एक प्रकार से बिचौलिया जो व्यापारी है जो
बारगेनिंग सिस्टम है वो खत्म  होगा और किसान को उसके फसल का उसके उत्पाद का उचित मूल्य मिलेगा तो यह प्रमुख प्रावधान आप देख  लीजिए नोट कर लीजिए जो सरकार के द्वारा किया गए हमने इस हरित क्रांति के बड़े में पढ़ा उसके बाद  में हमने श्वेत क्रांति ऑपरेशन फ्लड को पढ़ा जो की मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र से संबंधित  थी एक और ऐसी क्रांतिकर्षी क्षेत्र में हुई जिसको रक्त हैं क्रांति की संज्ञा दी जाति है  क्या यह रक्तहीन क्रांति थी क्या इसमें घटनाएं घटित हुई उसके बड़े में हम डिस्कस करेंगे देखिए  क्रांति शब्द का मतल
ब होता है अमूल और परिवर्तन जड़ से लेकर छोटी तक ऊपर से लेकर नीचे तक सब कुछ  बादल जाए तो उसे कहते हैं क्रांति अगर कोई साधारण सा परिवर्तन हो तो उसे कहते हैं बदलाव जब युद्ध के  क्षेत्र में रन के क्षेत्र में क्रांतियां होती है तो उसमें रक्त बहता है उसमें तलवारे चलती है  लेकिन जब कृषि के क्षेत्र में क्रांति होती है तो उसमें सुधार होते हैं प्रौद्योगिकी  सुधार होते हैं संस्थागत सुधार होते हैं व्यक्तिगत स्टार पे सुधार होते हैं सामूहिक स्टार  पे सुधार होते हैं तो कृषि में रक्त नहीं बहता सिर्फ सुधार होते ह
ैं परिवर्तन होते हैं और जब इन  परिवर्तनों की गति बहुत ज्यादा हो बहुत जलते-चलते परिवर्तन हो तो इस को कहते हैं क्रांति हम  पढ़ रहे हैं रक्तहीन क्रांति के बड़े में रक्त हैं क्रांति इसी का एक नाम और  भी मिलता है इसी को जानते हैं भूदान या ग्राम दान आंदोलन के नाम से रक्त हैं क्रांति है कहां से इसकी शुरुआत हुई और किस प्रकार से  किस घटना से यह सब परिवर्तन हुआ यह क्रांति हुई परिवर्तन हुआ इस पर हम डिस्कस करेंगे तो पहले  थोड़ा सा मैप के थ्रू इसको समझना का कोशिश करते हैं यह सबसे पहले हम बात करते हैं महात्मा
गांधी जो की  सत्याग्रह में बड़ा विश्वास करते थे महात्मा गांधी के दो दर्शन बड़े प्रसिद्ध एक तो उनके विचारधारा  है सत्याग्रह और दूसरे उनके विचारधारा थी ग्राम स्वराज यानी गांव में भी सरकार हो और गांव के लोग  अपने उसे सरकार को चलाएं गांव के लोगों का ही गांव में राज हो यह कहलाता है ग्राम स्वराज आज जिसको हम  पंचायती राज कहते हैं ग्राम पंचायत कहते हैं पांच और सरपंच कहते हैं एक प्रकार से वही ग्राम शिवराज  है तो महात्मा गांधी और सत्याग्रह की विचारधारा में रखते थे उनका नाम था विनोबा भावे जो की महात्मा गा
ंधी के पक्के सत्याग्रह की अवधारणा में इनका बड़ा गहरा विश्वास था महात्मा गांधी ने विनोबा भावे को अपना  आध्यात्मिक उत्तराधिकारी घोषित किया यानी मेरी विचारधारा को मेरे विचारों को अगर कोई  फैला सकता है तो वह विनोबा भावे तो पहले क्वेश्चन तो हमारा यही से है किसने विनोबा भावे को अपना  आध्यात्मिक उत्तराधिकारी घोषित किया आपका जवाब होगा महात्मा गांधी ने महात्मा उत्तराधिकारी का  कम आप जानते हो की मृत्यु के बाद भी उत्तराधिकारी का कम शुरू होता है तो महात्मा गांधी की मृत्यु के  बाद विनोबा भावे इनके ग्राम स्वर
ाज की अवधारणा को खिलौने के लिए पूरे देश में पैदल यात्रा कर रहे  थे अब जानते हैं महात्मा गांधी की मृत्यु हुई थी 30 जनवरी 1948 को और 30 जनवरी 1948 को महात्मा  गांधी की मृत्यु शहादत की याद में जो दिवस मनाया जाता है वह शाहिद दिवस भारत में प्रतिवर्ष 30  जनवरी को शाहिद दिवस मनाया जाता है और महात्मा गांधी के जन्मदिन को उनकी जयंती को 2 अक्टूबर को  गांधी दिवस भारत में मानते हैं और विश्व में इसी 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से  जानते हैं तो महात्मा गांधी की मृत्यु के बाद उनके आध्यात्मिक उ
त्तराधिकारी विनोबा भावे ने देशभर में  पैदल यात्रा शुरू की और वह जगह घूम रहे थे घूमते घूमते वह महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की अवधारणा  को फैला रहे थे ऐसे ही वह घूमते घूमते एक बार पहुंचे जब विनोबा भावे जी आंध्र प्रदेश के पोचमपल्ली  गांव के अंदर अपना व्याख्यान कर रहे थे और यहां के किसने को ग्राम स्वराज की ताकत के बड़े में समझा  रहे थे आंध्र प्रदेश के पोचमपल्ली गांव के जो किसान थे उनमें बहुत सारे किसान भूमिहीन थे जिनके पास  अपनी भूमि नहीं थी वह जमीदार की जमीन पर कम करते थे और एक प्रकार से इनका बड़
ा शोषण होता था बड़ी  मुश्किल से इनका गुजर होता था बीच सभा में कुछ किसान उठ खड़े हुए और उन्होंने कहा विनोद विनोबा  जी आपकी बातें बड़ी आदर्श लगती है बड़ी सच्ची लगती है लेकिन भूखे पेट भजन नहीं होते हमारे पास खाने  को दाना नहीं है और दाना उगने को जमीन नहीं है अगर आप सरकार से करके हमारी कोई जमीन की व्यवस्था  करवा दें ताकि हम अपने परिवार का गुजर कर सके अगर आप ऐसी व्यवस्था कारण हमारे परिवार का भरण पोषण हो  तो उसके बाद तो हम कोई ग्राम सभा की सत्याग्रह की सोच नहीं तो हमें तो फुर्सत ही नहीं है हम तो 24  ह
ॉर्स इस जुगाड़ में लगे रहते हैं की परिवार का पेट कैसे भरें दोनों बाजी किसी सरकार के नुमाइंदे  नहीं थे प्रतिनिधि नहीं थे तो यह कोई वादा तो नहीं कर पी लेकिन इन्होंने कहा की अगर आप सहकारी खेती  करो सारे किसान मिलजुल के खेती करो तो मैं सरकार से बात करने का प्रयास करूंगा अचानक से क्या  हुआ देखिए इसी पोचमपल्ली गांव का एक जमीदार जिसका नाम था रामचंद्र रेड्डी यह रामचंद्र रेड्डी अचानक से उठ खड़ा हुआ यह भी सभा  में मौजूद था यह रेडी सेट यह साउथ की वह सरनेम है रामचंद्र रेड्डी जो की एक जमीदार था इसी सभा में 
मौजूद था उसने कहा मैं अपनी 80 एकड़ जमीन दान करता हूं क्योंकि जमींदार के पास तो जमीन की कोई कमी नहीं  है हो सकता है कई जिम्मेदार ऐसे थे जिनके पास पूरे के पूरे गांव थे तो इन्होंने कहा 80 किसान इस समय  यहां थे इस सभा में भूमि तो इन्होंने कहा मैं हर एक किसान को एक-एक एकड़ जमीन दान करता हूं और 80 एकड़  जमीन में अपने इन भूमिहीन किसने को दान कर रहा हूं जब यह जमीन का दान किया गया सबसे पहले आंध्र प्रदेश  के पोचमपल्ली गांव में जमीदार रामचंद्र रेड्डी के द्वारा तो इसको कहा गया भूदान जब इसी बात को विनोबा  भा
वे ने पूरे देश में पहुंचा जहां भी वह अपनी सभा करते इस उदाहरण का मिसल देते एक नजीर पेस करते की  जमीदार तो वह थे श्री रामचंद्र रेड्डी जिन्होंने छुटकियों में अपनी अकड़ जमीन गरीबों में बंटी तो  कई बड़े जमीदार जिनके पास पूरे के पूरे गांव थे उन्होंने कई गांव भूमिहीन किसने को दान में दे दिए  की यह हम पूरे के पूरे गांव ही किसने को दान करते हैं उनको भूमि बांधती जाए तो इसका नाम हो गया ग्राम  दान अब आप समझिए भूमिहीन किसान जिसके पास वर्षों से जमीन नहीं है जो दूसरे की जमीन पे खेती करके अपने  परिवार को पलटा ह
ै उसके जीवन का एक ही सपना है की खुद का खेतों खुद की जमीन हो खुद की खेती हो ताकि  सम्मान के साथ जीत सके रातों रात अचानक से एक सभा ने उनके जीवन को परिवर्तित कर दिया तो ये क्रांति  तो हैं क्योंकि अमूल चल परिवर्तन एक क्रांति है किसी प्रकार का खून नहीं भा तो ये रक्तहीन है  तो भूदान या ग्राम दान आंदोलन कोई कहा जाता है रक्तहीन क्रांति इसमें ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन आपके  लिए क्या बनते हैं रक्तहीन क्रांति की या भूटान की शुरुआत भारत में कहां से हुई आंध्र प्रदेश से  आंध्र प्रदेश के किस गांव से पोचमपल्ली गांव स
े किस संविधान ने की रामचंद्र रेड्डी ने महात्मा गांधी का  आध्यात्मिक उत्तराधिकारी किस कहा जाता है जिन्होंने टेलीग्राम स्वराज की अवधारणा को पूरे देश में  प्रचलित किया उनका नाम है विनोबा भावे यह कुछ ऑब्जेक्टिव क्वेश्चंस आप लोगों के लिए हैं और बड़ा  इंपॉर्टेंट टॉपिक है हमने लगभग पूरे टॉपिक को कर किया है अगर आप पुरानी बुक्स को देखें देखोगे तो  आपको लगेगा की कुछ एक पेज है जो आखरी में छोड़ दिए गए लेकिन जो सिलेबस रिवाइज हुआ है कुछ एक पेज कुछ  एक चैप्टर हते हैं उनको हम नहीं पढ़ रहे और मेरा जो नेक्स्ट वीड
ियो है वो इसी पे होगा की 10th क्लास  का जो नया रिवाइज सिलेबस है उसमें कौन-कौन से चैप्टर हैं कौन से हते हैं कौन से पेज आपको नहीं पढ़ने इस  पर मैं डिटेल डिस्कस करूंगा अपने नेक्स्ट चैप्टर में और यह हमारा एग्रीकल्चर का चैप्टर हुआ कंप्लीट  मुझे आशा और उम्मीद है की आपको चैप्टर पसंद आया होगा समझ में आया होगा और आप काफी वीडियो को लाइक कर रहे  हैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद थैंक यू वेरी मैच अपने इस चैनल को सब्सक्राइब कीजिए अपने स्कूल दोस्तों  के साथ ज्यादा से ज्यादा शेर कीजिए थैंक यू वेरी

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