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भूतिया हवेली की कहानी | Horror Stories in Hindi Scary stories hindi | ghost palace | #horrorstories

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BRIGHT (हिंदी) SIDE

9 hours ago

ये कहानी राजस्थान के कोटा शहर की एक भूतिया हवेली के बारे में है यह हवेली राजा महाराजा के समय में बनाई हुई थी लेकिन पिछले 18 सालों से इस हवेली में आज तक कोई भी रहने के लिए नहीं आया है इच्छा होने पर भी इस हवेली में कोई भी नहीं रह पा रहा था क्योंकि लोगों का कहना था कि इस हवेली में भूत प्रेत का साया है जब अजीत सिंह को इस हवेली के बारे में पता चला तो उसने त किया कि वो इस रहस्य को जानकर ही रहेगा क्यों लोग इस हवेली में नहीं रह पा रहे हैं उसने मजबूत इच्छा शक्ति से हवेली में रहने की पूरी तैयारी कर ली जब
उसने हवेली के अंदर जाने के लिए पैर आगे बढ़ाए तो दरवाजे पर किसी अनजान व्यक्ति ने उसे रोक लिया और नजदीक जाकर बोला कौन हो आप और किधर जा रहे हो अजीत सिंह ने जवाब देने के बजाय उसने सामने सवाल किया जी आप कौन मेरा नाम अर्जुन सिंह है और मैं यही पास में ही रहता हूं अजित ने कहा ओ अच्छा मैंने सुना है कि यह एक बतिया हवेली है और यहा कोई नहीं आ पाता है इसलिए मैं इस हवेली में एक दिन रुकने का फैसला किया ह अर्जुन सिंह ने कहा जी हां आपने सही सुना है और आप भी अंदर मत जाइए मेरी माने तो आप भी वापस लौट जाइए यहा बहुत
खतरा है यह सुनकर अजीत सिंह खुश हो गया जैसे उन्हें कोई लॉटरी लग गई हो अर्जुन ने उसकी खुशी को देखकर बोला आप क्यों खुश हो रहे हो आपको तो भ भूत का नाम सुनकर डर लगना चाहिए शायद आपको पता नहीं होगा कि मैं भूत प्रेत में काफी दिलचस्पी रखता हूं अगर इस हवेली में भूत है तो मैं अंदर जरूर जाऊंगा और सारी सच्चाई का पता भी लगाऊंगा इतना कहकर अजीत सिंह उस हवेली में चले गए अंदर जाके अजत ने अपनी बैग को साइड में रखा और हवेली के चारों ओर देखने लगा सरे रूम भी चेक कर लिए बाद में ड्राइंग रूम में आ के सोफे पर बैठ गया उसने
वहां बैठकर दारू के दो चार पैक भी दिए वहीं अचानक उस रूम में लाइट का एक बल्ब चालू बंद होने लगी लेकिन अजीत ने उस पर ध्यान नहीं दिया ड़ी देर बाद दूसरा बल्ब चालू बंद होने लगा फिर तो हवेली की सारी लाइट चालू बंद होने लगी यह सब देखकर अजीत अपनी जगह पर खड़ा हो गया और संपूर्ण साव चत हो गया अचानक उसके सामने एक छोटा टेबल हवा में उड़ने लगा करीबन 6 फुट हवा में ऊपर जाके गोल गोल घूमने लगा और बाद में अजीत की ओर तेजी से आने लगा अजीत ने तुरंत ही अपनी जगह बदल दी और दूसरी ओर चला गया और वो टेबल वही जाके गिरा जिन्हा अ
जीत खड़ा था अजीत कुछ समझ पाता उतने में सोफे की शीट उसकी ओर आने लगी वो जल्द खड़ा हो गया और छलांग लगा के दूसरी ओर कूद गया जिसके कारण सोफा दीवाल को टकराया और अजीब बच गया अचानक सब कुछ शांत हो गया अजित ने चारों ओ सतर्कता से देखा और बड़ी आवाज में बोला तुम जो भी हो सामने आकर के बात करो वहीं एक बड़ी परछाई उसके सामने आई अजित ने उस परछाई को देखकर बोला कौन हो तुम और क्यों तुम मुझे मारना चाहते हो परछाई तुम्हारी भूल के कारण जित मेरी भूल मैंने कौन सी भूल की पर छाय इस हवेली में आने की भूल मैं किसी को भी इस हवे
ली में खुश नहीं देख सकता अजित लेकिन क्यों वो परछाई ने जवाब दिया आज से 18 साल पहले इस हवेली के मालिक ने मुझे यहां प ही मार डाला था मेरी कोई गलती भी नहीं थी इस कारण की वजह से मेरी आत्मा इस हवेली में भटकती रहती है मैं किसी को भी इस हवेली में नहीं रहने दूंगा क्योंकि इस हवेली में मेरा खून हुआ था इस हवेली में जो भी रहने के लिए आएगा उसकी मौत होगी अजित ने कहा मैं तुम्हें अपने असली रूप में देखना चाहता हूं तुम्हें मारने से पहले मैं तेरी यह इच्छा अवश्य पूरी करूंगा और उस पछे ने एक भयानक रमना रूप ले लिया उसक
ा चेहरा इतना भयानक था कि अजीत भी एक क्षण के लिए डर गया था लेकिन देसरी ही क्षण में उसने अपने आप पर काबू पा लिया बाद में इसने अपनी जेब में से सफेद पावन निकाला और उस भूत के पर फेंक दिया भू के पर पावन पढते ही जलने लग गया बड़ी-बड़ी ज्वाला ही उठने लगी वो बहुत जोर-जोर से चिल्लाने लगा और बाद में पूरी तरह से जल गया उसके बाद अजीत ने चैन से सांस लिया और वन ही पर सो गया दूसरे दिन सुबह जब अजीत को सही सलामत हवेली से बाहर आते देख अर्जुन को आश्चर्य हुआ अर्जुन ने अजीत से पूछा तुम कैसे जिंदा हो जब अजीत ने अर्जुन
को कल रात को घटी घटना को बरी तरह से बताया और बोला अ हवेली भूतिया हवेली नहीं रही दोस्तों आपको यह कहानी राजस्थान के कोटा की भूतिया हवेली कैसी लगी प्लीज हमें कमेंट करके जरूर बताएं

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