स्टोरी बाय जीत में आपका स्वागत है आज की
कहानी का नाम है कार में भूत यह कहानी है फैजाबाद के जिले की जहां तेश नामक एक ऑटो
ड्राइवर रहा करता था ह रोज स्टेशन से यात्रियों को लाने और उनके घर तक छोड़ने
का काम किया प्रत दिन की बात है जब तनेश सुबह-सुबह अपनी टैक्सी लेकर स्टेशन जा रहा
था तभी रास्ते में उसकी टैक्सी खराब हो गई रत्नेश टैक्सी बनवाने के लिए मैकेनिक के
पास ले गया जहां पर उसकी टैक्सी के ठीक करने में सारा दिन निकल
गया रात में 8 बजे के करीब उसकी टैक्सी बन सकी तब रत्नेश सोचता
है कि आज तो कोई कमाई भी
नहीं हो पाई और जेब से अलग से ही टैक्सी में लग गया तभी
उसके मन में विचार आता है कि क्यों क्यों ना आज रात की सवारी को छोड़ देता हूं और
वहां से सीधे स्टेशन के लिए निकल गया कहते हैं ना कि मुसीबत जब
आती है तो एक साथ कई आती है आज यही रत्नेश के साथ हो रहा क्योंकि रत्नेश के स्टेशन
पहुंचते ही पहुंचते वहां का मौसम अचानक से बहुत खराब हो गया तेज आधी तूफान के साथ
बहुत तेज बारिश होने लग गई थी मौसम खराब होने से रात में अंधेरा इतना ज्यादा हो
गया था कि मानो अमावस से भी ज्यादा काली रात क्योंकि कुछ भी दिखाई पड़ना
मुश्किल
हो रहा ज्यादातर टैक्सी चालक अपने घर चले गए थे बस कुछ ही टैक्सी चालक वहां रुके थे
रात 11 बजे एक पैसेंजर ट्रेन आने वाली थी जो मौसम खराब होने के कारण 30 मिनट देरी
से स्टेशन पर पहुंचती रत्नेश अपनी टैक्सी के पास खड़ा होकर यात्रियों का बाहर आने
का इंतजार कर ही रहा होता है कि अभी उसे बहुत ही खूबसूरत लड़की दिखाई
पड़ती है जिसके कंधे पर एक बैग और हाथ में एक सूटकेस होता
है लड़की रत्नेश के पास पहुंचती है और कहती मुझे जनकपुर जाना है रत्नेश कहता है
मैडम अभी मौसम बहुत खराब अगर आप अभी जाएंगे तो पैसे ज्
यादा लगेंगे और सुबह
जाएंगी तो मैं आपको कम पैसे में छोड़ दूंगा लड़की कहती है मैं आपको पूरे पैसे
दे दूंगी मुझ पर मुझे अभी जाना है रत्नेश कहता है ठीक है मैडम मुझे 000 रप चाहिए
लड़की कहती है ठीक रत्नेश कहता है आप पहले पैसे दे दीजिए लड़की कहती है अभी मेरे पास
मात्र 00 है आप यह ले लीजिए बाकी 00 र में आपको घर पहुंच कर दे दूंगी रत्नेश 600 ले
लेता है और कहता है ठीक है आप टैक्सी में बैठ जाइए मैं आपको ले चलता हूं रत्नेश
टैक्सी स्टार्ट करता है और कुछ ही देर में लड़की के बताए पच पर पहुंचा देता है लड़की
टैक्स
ी से उतर करर सामने वाले घर के अंदर चली जाती रत्नेश अपने 400 के इंतजार में
खड़ा रहता है काफी देर हो जाने के बाद जब लड़की वापस नहीं लौटती तो रत्नेश सोचता है
क्यों ना मैं ही अंदर जाकर देखूं कि वह अब तक पैसे लेकर क्यों नहीं आई रत्नेश टैक्सी
से उतरकर घर का दरवाजा खटखटा है तभी घर के अंदर से बूढ़ी औरत की आवाज आती है कि कौन
है रत्नेश बोलता है मैं टैक्सी वाला बूढ़ी औरत दरवाजा खोलकर बाहर आती है तो रश कहता
है कि माता जी मैंने अभी 30 मिनट पहले एक मैडम को य छोड़ा था उनसे मुझे 00 लेने
क्या आप उन्हें बुला देंग
ी बूढ़ी औरत कहती कौन सी मैडम यहां तो मैं और मेरे पति
के अलावा और कोई नहीं रह तभी रत्नेश की नजर दीवार पर लगी तस्वीर फड़ जाती है
जो उस लड़की की होती है जिसे रत्नेश ने अपनी आटों से छोड़ा रत्नेश कहता है माता
जी यह दीवार पर तस्वीर किसकी इन्हीं को तो मैं यहां पर
छोड़ा य सुय सुनते ही बुढ़िया थोड़ा घबरा जाती और कहती ऐसा कैसे हो सकता या तो मेरी
बेटी है जो कुछ साल पहले ट्रेन के नीचे आकर मर चुकी है इतना सुनते ही रत्नेश
कांपने लगता है और वहां से अपनी टैक्स की तरफ भागता है और टैक्सी का दरवाजा खोलता
है और टैक
्सी के अंदर का नजारा देखकर वह चौक जाता क्योंकि उसकी सीट के ऊपर 00 रप
रखे होते वह डर से कापते हुए पैसे को उठाकर टैक्सी के अंदर रखे भगवान के सामने
रखता है तथा किसी तरह वहां से वह अपने घर पहुंचता है और इस घटना के बारे में अपने
घर वालों को बताता है सभी य सुनकर हैरा हो जाते
हैं आपको यह कहानी कैसी लगी कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं और भी ऐसी रोमांचक और
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