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QURAN IS WRITTEN BY PEOPLE FOR FULFIL THEIR INTERSTS ONLY, FOR ACQUIRE THE MONEY, WOMEN, WEALTH .

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KAFFIRS INTERNATIONAL ORGANIZATION

15 hours ago

दोस्तों नमस्कार आप इस चैनल को सब्सक्राइब करें बेल आइकन दबाएं जिससे कि आने वाले नोटिफिकेशन आपको मिल सके आपके पास घंटी बजेगी जैसे ही जैसे ही मेरा वीडियो आपके वीडियो एंडोमेंट एक्ट खाली हिंदू मंदिर ही चंदा क्यों दे रहे हैं हजारों करोड़ रुपए का चंदा हिंदू मंदिरों से क्यों लिया जा रहा है और स्टालिन जैसा व्यक्ति जो हिंदू धर्म को उल्टी सीधी बातें कहता है वह हिंदू मंदिरों के चंदों को क्यों खाता है तो यह लोग इतने धूर्त और मक्कार हैं सबसे ज्यादा मक्कार यह बड़े दुख और शर्म का विषय आज राजनीति में है अगर उसको
हिंदू धर्म से इतनी न त है तो मंदिरों का चंदा लेकर उसको लोगों को राशन और उन विधर्मी हों को दे रहा है कि जो हमारे यानी गैर मुस्लिमों को कत्ल करने की बात करते हैं तो वह चंदा क्या हिंदुओं के कातिलों को क्यों दिया जा रहा है क्योंकि इस्लाम में लिखा है कि काफिरों को जहां पाओ कत्ल करो और इस्लाम के हिसाब से हिंदू भी काफिर है कुफ्र करते हैं यानी के गलत काम करते हैं इस्लाम के हिसाब से चूंकि वो मूर्ति पूजक है आज शुरू करते हैं उसी श्रंखला को आठवीं सीरीज है आज मैं सीरीज लिख नहीं रहा हूं लेकिन वर्बल मुझे याद
रहता है ये आठवा वीडियो है आज जो यह दिखाएगा कि कुरान किसी अल्लाह का पैगाम नहीं है बल्कि एक ऐसे व्यक्ति द्वारा लिखी गई है जो सिर्फ अपने फायदे के लिए क्रिया कार्य करते थे पैगंबर मोहम्मद और उसके उसके खदीजा के चचेरे भाई वरका बिन नोबिल जो एक ईसाई थे व मोहम्मद को इतना चढ़ा दिया करते थे कि मोहम्मद चूंकि मिर्गी के रोगी थे उनको ऐसी ऐसी आयतें मिर्गी के नश में आती थी जो सिर्फ उनके फायदे के लिए होती थी जैसे जब उन्होंने अपने दत्तक पुत्र जैद बिन हरत की पत्नी जैनब को अर्ध नगन अवस्था में देख लिया तो मोहम्मद ने ब
िना सोचे समझे कि यह मेरी दत्तक पुत्र की पत्नी है मेरी बहू है उसके साथ शायद शादी कर ली नंगी देखने के बाद तो यह कितना काम वासना वाला यह पैगंबर था और एक नई आयत उतार दी कि जो दत्तक पुत्र है उसकी पत्नी से भी शादी कर सकते हैं क्योंकि खून का रिश्ता नहीं है जब खून का रिश्ता ही नहीं है उसी के बाद से इस्लाम में एडॉप्शन खत्म हो गया यह किस तरह की आइडल जीी है इन लोगों की शर्म नहीं आ रही और बड़े बड़े प्लेयर अजरुदीन यूसुफ पठान फलाने ठिकाने सब इन्हीं चीजों में विश्वास रखते हैं तो ऐसे लोगों को समझ सकते हैं कि इन
के कितने ब्रेन वास हुए हैं तो आइए शुरू करते हैं नई आयत चैप्टर चार आयत नंबर 911 92 93 में क्या कहती है और अपने हाथों को न रोके तो उनको पकड़ लो और जहां पाओ कतल कर डालो मुसलमानों को मुसलमान का मा मारना योग्य नहीं यह कल बताया था मैंने कि सिर्फ मुसलमानों को छोड़ने की बात लिखी है बाकी सबको कत्ल कर सकते हैं अगली पढ 64 तो मैंने पढ़ाई दी थी 65 और शिक्षा प्रकट होने के पीछे जिसने रसूल से विरोध किया यानी कि य शिक्षा है और मुसलमानों के विरुद्ध पक्ष किया अवश्य हम उनको दोजख में डालेंगे तो इन्होंने ख है कि ये ज
ो परीक्ष जो किताब है जो ये शिक्षा है जो कि उल्टी शिक्षा है धरती चपटी है धरती स्थिर है सूरज उसके चारों तरफ ता है गैर मुस्लिमों को लूट लो यह शिक्षा है या क्रिमिनोलॉजी है या यह आतंकवाद है या यह मोहम्मद रसूलल्लाह ने पैगंबर ने लगता था कि क्राइम करने का क्राइम सिखाने का ऑफिस खोल रखा था जिसमें लोगों को कत्ल करने की शिक्षा दी जा आती थी क्योंकि अल्लाह तो कोई था ही नहीं अल्लाह के नाम से मोहम्मद ने जितने कुकृत्य और दुराचार की और वय विचार किए सफिया के साथ उसके बलात्कार किए उसी दिन जैसे कि मैंने वीडियो में ब
ताया था तो इससे सिद्ध होता है कि किस तरह यह शिक्षा मानवता के खिलाफ थी यह शिक्ष शिक्षा नहीं है यह नीति की बात नहीं है यह अनीति है बहुत बड़ी अनीति है जो इनकी कुरान सही सिद्ध होती है अब देखिए अल्लाह और रसूल को पक्षपात की बात है मोहम्मद साहब आदी समझते थे जो अल्लाह के नाम से ऐसी हमने लिखेंगे तो अपना मजहब नहीं बढ़ेगा और पदार्थ नहीं मिलेंगे मोहम्मद भी समझता था इसलिए अल्लाह को उन्होंने फिक्सस कैरेक्टर बनाए एक झूठा कैरेक्टर बनाया आनंद भोग नहीं होगा इससे विधित होता है व अपने मतलब में पूरे थे बिल्कुल जो भी
आए तो उतारी अपने फायदे के लिए उतारी जैसे जैनब जब दत्तक पत्री जब दत्तक बहू से शादी करने की बाद ही तो एक आयत उतर गई तो मोहम्मद ने जितनी भी आयतें उतारी अपने फायदे के लिए उतारी उसमें काम वासना उसमें धन लिप्सा प्रत्यक्ष रूप से दिखती और मोहम्मद ने अरबि हों को बेवकूफ बनाया कि यह जिंदगी कुछ नहीं है अगली जिंदगी में तुम्हें कुछ मिलेगा तो फिर उस जिंदगी में लूटपाट क्यों की उस जिंदगी में काफिरों की औरतों को बाजारों में बेच दिया सिर्फ पैसे के लिए बनु कुरेजा की औरतों को बाजारों में बेच दिया सिर्फ पैसे के लिए
और उनको कहां बेचा नजद के बाजारों में बेच दिया और उनको घोड़े हथियार खरीदे इने 693 से 700 तक पढ़ लो आपको सारा डिटेल्स मिल जाएगा इब्ने हिक इब्ने हिशाम की एक किताब है जो इनकी हदीस है उसमें सारा कुछ मिल जाएगा अगला पढ़ते हैं जो अल्लाह रसूलो फरिश्तों और किताबों के साथ कुफ्र करे निश्चय घुमरा है निश्चय जो लोग काफिर थे ईमान लाए फिर गए कुफर में अधिक बड़े अल्लाह उनको कभी क्षमा नहीं करेगा चैप्टर चार आयत नंबर 136 37 अब यह बताइए कि जो लोग श्तो अल्लाह और किताबों के साथ कुफ्र करे या उनको नहीं माने तो गुमराह है भ
ाई गुमराह मुसलमान है या गुमराह वो लोग है जो कुरान को नहीं मानते यानी कि उल्टे बांस बरेली जा रहे हैं यहां भाई आप लोग लोगों को कत्ल करो तुम्हारी किताब में लिखा है लोगों को लूटो काफिले लूटो जो कि मोहम्मद साहब भी करते थे उसको तुम माले गनी मत कहते हो तो मुसलमान गुमराह है या दूसरे लोग गुमरा है जो इस तरह के कार्य नहीं करते किसी को लूटने का इतना नीच से नीच लूटना औरतों को लूटना इससे ज्यादा कोई नीच कार्य और घिनौना कार्य हो नहीं सकता तो ये गुमराह कौन है यानी कि जो बात मोहम्मद और उसके साथियों पर और मुसलमानो
ं पर लागी होनी चाहिए वह दूसरों पर लागू करने की कोशिश कहते हैं इसी को कहते हैं कि उल्टी गंगा बहाना यानी कि जो सही है उसको गलत बताना और गलत को सही बताना कुरान में ऐसा कौन सा जुर्म नहीं है जो गैर मुस्लिमों के खिलाफ मुसलमान कर सकते हैं जिसमें इनको सजा ना हो आज के जमाने अगर मोहम्मद साहब और उसके साथी होते निश्चित तौर पर व जेल में पड़े होते और सऊदी अरब की भी जेल में होते तो क्या आप भी अब यह समझिए इस तरह की बात है निश्चय अल्लाह बुरे लोगों को और काफिरों को जमा करेगा नरक में निश्चय बुरे लोग ध धोखा देते है
ं अल्लाह को और उनको धोखा अल्लाह और उनको वह धोखा देता है ईमान वालों मुसलमानों को छोड़ काफिरों को मित्र ना बनाओ अब इसमें साफसाफ लिखा हुआ है कि मुसलमानों को छोड़ काफिरों को मित्र ना बनाओ यानी कि नॉन मुस्लिमों को मित्र ना बनाओ तो अब यह बताइए कि भारत में गंगा जमनी तहजीब कैसे रह सकती है जब कुरान खुद कहती है कि गैर मुस्लिमों को दोस्त ना बनाओ तो यह मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव और शिवपाल यादव यह मूर्ख लीडर है इनको कुरान और इस्लाम की समझ नहीं है यह मूर्खता पूर्ण बातें करते हैं और इतने मूर्ख हैं चंद्रशे
खर रावण भी बहुत बड़ा मूर्ख है वो भी कहता है कि कुरान में ऐसी कौन सी बात है कि जो जिसमें गैर मुस्लिमों के लिए कुछ गलत बात लिखी है सक आयत तो ऐसे मूर्खों को हम अपने लोग नेता समझते हैं यह हमारी बहुत ना समझिए कि हम ऐसे मूर्खों को जिनको कुरान का ज्ञान नहीं और उसकी बढ़ाई करने में लगे ऐसे मूर्ख लोग जब संसद में चुनकर जाएंगे तो आप उनसे क्या अपेक्षा कर सकते हो क्या आपने भारत के लोगों ने यही एक आईडियोलॉजी यही मन में ठन लिया कि ऐसे मूर्खों को भेजा जाएगा जो कैसी आईडियोलॉजी के लोगों को सपोर्ट करेंगे जो कि दूसर
ों को कत्ल करने की बात कहते हैं क्योंकि इस्लाम हमेशा दूसरों को कत्ल करने की बात कहता है तो क्या ऐसे लीडरों को जो इस्लाम की पैरवी करते हैं उनके फॉलोअर्स की पैरवी करते हैं वोटों की खातिर ऐसे मूर्ख लोगों को अगर गैर मुस्लिम हिंदू ईसाई सिख चैन वोट देता है तो इससे बड़ी कोई मूर्खता की बात नहीं है हमारे मतदाताओं को जागरूक होना पड़े हमको वोट किसको देना है यादू स शीतला देवी रजस खरवा जैसे को तैसा मिले तभी निर्वाह होता है तो जिसका अल्लाह खुद धोखेबाज है उसके उपासक मुसलमान लोग धोखेबाज क्यों ना हो कल मैंने बता
या अल्ल्ला मकर भी करता है मकर माने दूर मकारी तभी तो मुसलमान धोखा देने में तत्पर रहते हैं कल मैं एक वीडियो देख रहा था कि मोहम्मद ने एक कमेंट था मौलाना यसी अल नाज मोहम्मद ने कभी झूठ नहीं बोला यह सबसे बड़ा झूठ है कि मोहम्मद ने कभी झूठ नहीं बोला मोहम्मद ने काब बिन असराफ को एक जो कवि था जो मोहम्मद के खिलाफ लिखता था उसको मरवा दिया कतल करा दिया इसलिए कि मोहम्मद को लगता था कि उसका इस्लाम खतरे में आ जाएगा क्योंकि इस्लाम की नीव ऐसे झूठ और पाखंड पर टिकी हुई है वह हमेशा खतरे में ही रहेगा यही वजह है आज 40 कर
ोड़ मुसलमान इस्लाम को छोड़ चुके हैं और यह बड़ा अच्छा संकेत है दुनिया के के लिए देश के लिए भी हे लोगों निश्चय तुम्हारे पास सत्य के साथ अल्लाह की ओर से पैगंबर आया बस तुम इस पर ईमान लाओ अल्लाह माबूद अकेला है अच्छा ये बताओ क्या पैगंबरों का ईमान लाना तो ईमान में पैगंबर खुदा का शरीक और साजी हुआ नहीं हुआ मतलब तुम्हारा अल्लाह ही ये कह रहा है कि तुम जो है पैगंबर को पहले याद रखो यानी कि फिर एकेश्वरवाद कहां है इस्लाम में तो अल्लाह से पहले मोहम्मद को पूजना है तो यह कहना हम एक अल्लाह की पूजा करते हैं बहुत बड
़ा झूठ बोलते हैं और अल्लाह अल्लाह बहुत दयावान है यह भी बहुत बड़ा झूठ है अल्लाह तो क्रूर और अत्याचारी है काफिरों के खिलाफ तुम पर हराम किया मुर्दार सूअर का मांस और अल्लाह के सिवा और पड़ा जावे गला घोटे लाठी मारे उससे गिर पड़े सींग मारे और गोश्त खाने वाले अब बताओ क्या इतने ही पदार्थ हराम है बस सूअर का मास तो हराम किया सूअर का नहीं खाना तो से पशु बेचारे मुसलमानों को हलाल होंगे यानी कि अल्लाह ने बिल्कुल ऑर्डर दे दिया कि ग दूसरे जानवरों को मार कर खाओ तो यह अल्लाह अत्याचारी नहीं है जब यह अल्लाह ने जानवर
भी बनाए तो उनको कत्ल करने का आदेश क्यों देता है यह बात हमारे मुसलमान भाइयों को समझनी चाहिए सिर्फ जीव का स्वाद लेने के लिए मोहम्मद ने सिर्फ भोग स्वाद लेने के लिए ऐसी ऐसी आयत कुरान में निकाली जिससे कुरान कभी-कभी तो क्रिमिनोलॉजी की किताब लगती है यानी कि जो क्राइम सिखाती है अपराधी सिखाती है और कभी-कभी ये ऐसी किताब लगती है कि जिससे ही लगता है कि यह यह सिर्फ सेक्सोलॉजी की किताब है और लड़ाई तीन ही चीज है इसमें अल्लाह को उधार दो अवश्य तुम्हारी बुराई दूर करूंगा और तुम्हें स्वग में भेजूंगा अबी अल्लाह भी
उधार मांग रहा है अल्लाह पता नहीं कौन सी कसर नहीं छोड़ रहा अब मुसलमान अल्लाह को उधार देगा अल्लाह की राह में उधार देने का मतलब अल्लाह की राह में युद्ध करेगा क्योंकि इस्लाम में तो खुद खाकर लिखा ही नहीं है कमाना और कहते हैं हलाल का खाओ क्या लूट का माल दूसरों को काफिरों को लूट का माल हलाल है वैद है इस्लाम में सारी गुंडागर्दी जो काफिरों के खिलाफ है वह वैध है उसको गलत नहीं माना जाता गलत सिर्फ उन बातों को माना जाता है जो सचमुच में सही है तो इस्लाम की जो गंगा है उल्टी बहती है इस्लाम लोगों को अपराधी बनाता
है लोगों को गुमरा का करता है लेकिन यह मौलाना बताते हैं कि जो इस्लाम को नहीं मानते गुमराह हो गए यानी कि अगर काफिले आप दूसरों के लूटो दूसरों की औरतों को लूट के बाजार में बेज दो मोहम्मद की तरह सेख स्लेव और दासी बनाओ तो आप अच्छे हो लेकिन अगर इसके खिलाफ काम करो बुरे हो तो इसी को कहते हैं यह सारा मत ही उल्टा है अपराधियों का ग्रह बनाता है यह हमको सोचना समझना चाहिए हमारे मुस्लिम भाइयों को भी समझना चाहिए तो अल्लाह को उधार दो अब बताइए वाह जी मुसलमानों के अल्लाह के घर में कुछ भी धन वि विशेष नहीं रहा होगा
जो विशेष होता तो उधार क्यों मांगता और उनको क्यों बहता तुम्हारी बुराई छोड़ा के तुमको स्वर्ग में भेजूंगा यानी कि अल्लाह को पैसे की जरूरत है और अल्लाह लालच भी दे रहा है कि तुमको तो ऐसा ऐसा तो कभी कोई दुनिया को बनाने वाला ऐसा लालच देता है जो सर्व समान हो उसके पास तो सब धन भी होना चाहिए उसको उधार लेने की क्या जरूरत है जो अल्लाह इतना कमजोर इतना निर्धन है व दूसरों को क्या देगा इसलिए तो मुसलमानों को कह दिया कि मैं तो निर्धन हूं मुझे धन दो तो तुम लूटपाट करो मोहम्मद काफिले लूटा करते थे उसको यह माले गनीमत
कहते हैं यानी कि अगर काफिरों का माल जिसमें स्त्रियां घोड़े बकरे शामिल हैं उनको यह माले गनीमत कहते हैं यानी अल्लाह के ऊप से दिया हुआ माल है इसका प्रतीत होता है कि अल्लाह वास्तव में निर्धनता जो मुसलमानों को उसने लुटेरा और अत्याचारी बनाया जिसकी वजह से भारत पर भी अटैक हुए मोहम्मद गोरी और गजनवी जो है इस्लाम पर ही चले यह कहना कि वह लुटेरे थे इससे आपका पीछा नहीं छूट जाता इस्लाम का वो लुटेरे क्यों थे बात इस पर आती है वो लुटेरे इसलिए थे कि इस्लाम के पैगंबर भी काफिले लूटते थे और इस्लाम में इस लूट को जो गै
र मुस्लिम की लूट है गैर मुस्लिमों की स्त्रियों को लूटना काफिर की स्त्रियों को लूटना यह अवैध नहीं है वैध है यानी हलाल है यानी कि ऐसा अत्याचार भी लाल है तो समझ सकते हो कि अल्लाह कोई दुनिया को बनाने वाला नहीं था ये मोहम्मद के दिमाग के उपस था सारा कुछ किया कराया मोहम्मद और उसके बाद जो अब सद खलीफा आए उसका क्रिया कराया है इसीलिए लोग आज इस्लाम को छोड़ रहे हैं और इसी बातों से सिद्ध होता है कि कुरान कोई अल्लाह या किसी ऑलमाइटी की किताब नहीं है यह लोगों द्वारा बनाई गई है जिसको चाहता है पुण्य आत्मा बनाता जि
से चाहे पापा आत्मा बना देता जो किसी को भी नहीं दिया वह तुम्हें दिया यह है चैप्टर सिफरा छ और चैप्टर पांच की आयत नंबर 18 और 20 दो आयत हैं अब जैसे शैतान जिसको पापी बनाता है वैसे मुसलमानों का अल्ला भी शैतान काम करता है भाई शैतान सब मुसलमानों को पापी बनाता है या गैर मुस्लिमों को पापी बनाता है तो अल्लाह भी तो जिसको चाहता है पापी बनाता है और जिसको चाहता है अच्छा आदमी बना देता है अल्लाह की नजर में अच्छा आदमी कौन है जो काफिले लूटे जो काफिरों का कत्ल करे यह तो कुरान की आयतें कहती है मैं तो नहीं कह रहा तो
अल्लाह का जो अच्छे आदमी बनाने का पैमाना देखो कितना निष्क और गिनोना कार्य है कि पापी आत्या चारियों को अल्लाह अल्लाह सीधे साधे हमारे मुस्लिम भाइयों को पापी और अत्याचारी बनाता है दूसरों से नफरत सिखाता है तो य किस तरह की क्रिमिनोलॉजी है अगर कोई हेट स्पीच है अगर कोई किताब ऐसी है जो हेट स्पीच फैलाती है लोगों में विरोध फैलाती है तो कुरान से बड़ी तो कोई हेट स्पीच हो नहीं सकती फिर कुरान पर बैन क्यों नहीं लगाते र शर्मा ने जो बोला व तो हदीस में लिखा हुआ है अगर नुपुर शर्मा ने गलत बोला है तो आप बताइए कहां गल
त बोला है और अगर तुमको लगा के व चीज गलत है तो हदीस को फाड़ के फेंक दो ना रद्दी की टोकरी के पीछे ट्रक के नीचे डाल दो गड्ढे में फेंक दो इन हदीस को नहीं फेंक सकते क्योंकि बिना हदीस कुरान भी लंगड़ी लूली है कुरान में नमाज कैसे पढ़नी है इसका जिक्र नहीं है कितनी रकात यानी रुकू लेना है रुकना है बीच में उसका जिक्र नहीं है कि तीन रकात पढ़नी है या सात रकात पढ़नी है या 14 रकात पढ़नी है या 18 रकात या सात रकात इस तरह रकात पढ़ते हैं ये लोग उसमें कुरान में कहीं जिक्र नहीं है इस चीज का तो कुरान लंगड़ी लूली किताब
ें कुरान सर्फ लोगों को अपराधी बनाती है इस बात से सिद्ध होता है इनकी आयतों से सिद्ध होता है कि ऐसी ऐसी बातों का कुरान बढ़ावा देती है जो किसी भी दृष्टि में मानवता का लिए उचित नहीं है इसलिए कुरान किसी ऊपर से आई किताब नहीं है ये साधारण से साधारण मनुष्य है जिसकी रुचि सिर्फ लूटने खाने दूसरों को कत्ल करने में थी ऐसे व्यक्तियों द्वारा लिखी गई है यानी कि पूरी की पूरी काफिरों के खिलाफ एक बहुत बड़ी साजिश और षड्यंत्र है जिसको हम खुली गुंडागर्दी भी कह सकते हैं काफिरों पर गम मत खा काफिर मतलब जो नॉन मुस्लिम है
जो अल्लाह रसूल और पैगंबर पर विश्वास नहीं रखते अच्छा इस अल्लाह पर विश्वास रखने का कोई कारण है जिस अल्लाह को यह नहीं पता कि धरती गोल है वो अल्लाह बोलता है कि धरती चपटी है कालीन की तरह बिछाई है और उस पर पहाड़ गाड़ दिए भाई यह पहाड़ तो धरती के नीचे से निकलते हैं जब प्लेट टकराती हैं तो ऐसे अल्लाह पर जो कि अज्ञानी अल्लाह है उस पर कौन विश्वास करेगा ऐसे अज्ञानी की बातो बातों पर अज्ञानी और मूर्ख लोग ही विश्वास कर सकते हैं इतने बड़े समुदाय को इस किताब ने मूर्ख बना दिया बड़े हमारे लिए दुख का विषय है यह बड़
ी विडंबना है कि मुस्लिम भाई अभी भी इस बात को नहीं समझ रहे हैं तो यह है क्या अधर्म और पक्षपात की बात है जो मुसलमान ना हो उस पर गम मत खाना यानी कत्ल करवा दो और मुसलमानों पर गम खाना केवल यह अधर्म की बात है क्योंकि अल्लाह अधर्मी है सेवा करो अल्लाह की रसूल की और रसूल का कहां मानो अब देखि यहां भी रसूल घुस गया अब ये रसूल मतलब मोहम्मद साहब इनके मैसेंजर ऑफ अल्लाह अब यह कह रहे हैं कि यह इस्लाम सिर्फ अल्लाह की पूजा करता तो यहां तो रसूल की पूजा हो रही है तो फिर इस्लाम एक ईश्वर वाद कहां सिर्फ अल्लाह की पूजा
कहां बिना रसूल के तो आप अल्लाह के पास जा ही नहीं सकते आप अल्लाह को कुछ भी कह दो मुसलमान बुरा नहीं मानता लेकिन रसूल को बोल दो तो यह जानते हुए भी कि रसूल काफिले लूटता था ये उसके फेवर में आ जाते हैं तो इस किताब ने हमारे मुस्लिम भाइयों को बहुत बड़ा धोखा दिया है बहुत बड़ा प्राक मोहम्मद साहब ने इस्लाम के नाम से किया और हमारे मुस्लिम भाई अभी भी उसी को ढो रहे हैं मैं तो कहता हूं जो सनातन वैदिक धर्म में अगर कोई गलत बात है वेदों में तो उसको भी मत मानो भाई सुधारवादी होना चाहिए क्योंकि यह अब अल्लाह की आइडिय
ो जीी बहुत ज्यादा चलने वाली नहीं है इस्लाम अपने लड़खड़ा रहा है 14 साल ही टारा गाड़ी चल गई और मोहम्मद बिन सलमान तो अब बिल्कुल उन्होंने कहा इफ्तारी भी नहीं होगी कोई चंदा बाहर से नहीं देगा मैं मोहम्मद बिन सलमान से यह रिक्वेस्ट करना चाहता हूं कि आप लोग भारत में चंदा मत भेजो इन संस्थाओं को क्योंकि यह उसी आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करते हैं जो इस्लाम में लिखी हुई है काफिरों को कत्ल करना उनके मंदिरों को तोड़ना उनकी मूर्तियों को तोड़ना यह काम मुसलमान आज नहीं शुरू से करते हैं क्योंकि इनकी तरबियत इनकी
शिक्षा इस गलत तरीके से हुई है तो देखिए यह बात खुदा के शरी कोने कि है फिर खुदा को लासर अच्छा बताओ खुदा की सेवा कैसे करेंगे जब शरीर ही नहीं है उसका तो पैर दबाए तो यहां पैगंबर के बिना खुदा नहीं है तो मोहम्मद हमेशा अल्लाह मोहम्मद नहीं बनाया तो अल्लाह जोर है इसलिए पहले यह मोहम्मद को मानते हैं उसके बाद अल्लाह को मानते हैं वैसे निश्चित तौर पर अल्लाह नाम की कोई चीज नहीं है अल्लाह ने माफ किया जो हो चुका और जो कोई फिर करेगा अल्लाह उससे बदला लेगा अब कह रहा जो हो चुका उसको छोड़ दो किए हुए पापों का क्षमा कर
ना पापों को करने की आज्ञा देने के बढ़ावा मुसलमानों को तो हमेशा अल्लाह क्षमा ही करता है वह तो कहता है आपको बस मेरे को मानो दूसरों की औरतों को लूटो उसको तो बुरा ही नहीं माना जाता इस्लाम में तो यह इस तरह का इस्लाम है तो पाप क्षमा करने के लिए बात जिस पुस्तक में हो वने ईश्वर और किसी विद्वान का बनाया नहीं है किंतु यह तो पाप को बढ़ाती है तो यह पाप वर्धक चीज है तो यह जो कुरान है किसी अल्लाह का बनाया हुआ नहीं है यह सब झूठ बात है हां आगामी पाप छुड़ाने के लिए किसी से प्रार्थना करना स्वयं छोड़ने के लिए पुरु
षार्थ पश्चात करना उचित है परंतु केवल पश्चात करते रहो छोड़ो नहीं तो कुछ भी नहीं हो सकता तो ये इस्लाम का जो अल्लाह है यह मोहम्मद का बनाया हुआ था आज भी समझ सकते हो कि किस तरह अल्लाह पक्षपाती है दुनिया को बनाने वाला पक्षपाती हो सकता है क्या यानी कि जो आदमी काफिले लूटता रहा जो जो काफिरों को कत्ल करता रहा जो उनकी औरतों को लूटकर बाजारों बेचता रहा उसको अल्लाह ने पैगंबर बना दिया तो समझ सकते हो कि अल्लाह अल्ला कुछ नहीं था य मोहम्मद ने अपने फायदे के लिए आयत उतारी मोहम्मद हमेशा अपने स्वार्थ की जिंदगी जिए सा
रे अरबी लोगों को मुसलमानों को बेवकूफ बनाते रहे कि अगले जन्म में सब कुछ मिलेगा और खुद काफिले लूट रहे धन लूटते रहे औरत लूटते रहे घोड़े हथियार लूटते रहे और कई बार तो इन्होंने कई यहूदी काफिर से खेती में से आधा हिस्सा ले लिया नहीं तो उनको लूटने के लिए बोले इसलिए बहुत सारी लड़ाइयां हुई मोहम्मद जहां भी गए लूटने के लिए गए 1000 किलोमीटर तुबुक की लड़ाई में वहा ब्लड नीली आंखों वाली लड़कियों को लूटने के लिए पैगंबर गया तो क्या सचमुच यह कुरान अल्लाह का पैगाम हो सकता है ऐसी दुनिया को बनाने वाले का हो सकता है क
भी नहीं हो सकता ये सबसे बड़ा झूठ ब गड़ा गया है कि कुरान एक अल्लाह या खुदा द्वारा लिखी गई

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